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Vijay Tyagi
तुम ही इसका फ़ोटो भेजता तो शादी तुम ही तो करेगा दुनिया से मुनिया से नमक-मिर्च-धनिया से(गृहस्थी) बाबा कब तक डरेगा शेष अनुशीर्षक में.. अरे इतनी भी नहीं बुरी है सूरत सब बाद-ए-मेकअप ऐसी ही मूरत गुरु काहे को घबराए तू क्यूँ जाता है घबराए आँखे बड़ी है तुमसे लड़ी है भले उम्र में तु
अरे इतनी भी नहीं बुरी है सूरत सब बाद-ए-मेकअप ऐसी ही मूरत गुरु काहे को घबराए तू क्यूँ जाता है घबराए आँखे बड़ी है तुमसे लड़ी है भले उम्र में तु
read morePrashant Shakun "कातिब"
Mysterious Girl . ©Prashant Shakun "कातिब" 26th November, 2022 प्रिय सखी Mysterious Girl, आपको आपके अवतरण दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं 🎁🎂🍫 मेरी प्रार्थना है कि आप जीवन म
26th November, 2022 प्रिय सखी Mysterious Girl, आपको आपके अवतरण दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं 🎁🎂🍫 मेरी प्रार्थना है कि आप जीवन म
read moreAB
" मातृत्व " _________ स्त्री का " ऐश्वर्य " ( अनुशीर्षक ) आज तुम्हें पहली बार देखूंगी l तुम्हारे आने की खुशी मेरे जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि हो जैसे l अब तो तुम काफी हिलने - डुलने भी लग गए हो, मैं म
आज तुम्हें पहली बार देखूंगी l तुम्हारे आने की खुशी मेरे जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि हो जैसे l अब तो तुम काफी हिलने - डुलने भी लग गए हो, मैं म
read moreKulbhushan Arora
*ईश्वर* समय पर अपने प्रतिनिधि को भेजते हैं😇😇😇 ये कहानी नहीं मगर लगेगी कहानी जैसी ही, इससे पहले कि मैं इस बात का ज़िक्र करूं बता दूं हमारी दो दुकान है दवा कि एक मैंने 1980 में शुरू की और
ये कहानी नहीं मगर लगेगी कहानी जैसी ही, इससे पहले कि मैं इस बात का ज़िक्र करूं बता दूं हमारी दो दुकान है दवा कि एक मैंने 1980 में शुरू की और
read moreKulbhushan Arora
हम चाहते कुछ हैं, होता कुछ और है, हम सोचते कुछ हैं, होता कुछ और है... इस चाहने और होने में जिसका हाथ है उसपे विश्वास रखना वो ख्याली है खयालात समझने वाला हमसे बेहतर हमारे हालात समझने वाला।। ये कहानी नहीं मगर लगेगी कहानी जैसी ही, इससे पहले कि मैं इस बात का ज़िक्र करूं बता दूं हमारी दो दुकान है दवा कि एक मैंने 1980 में शुरू की और
ये कहानी नहीं मगर लगेगी कहानी जैसी ही, इससे पहले कि मैं इस बात का ज़िक्र करूं बता दूं हमारी दो दुकान है दवा कि एक मैंने 1980 में शुरू की और
read moreAjay Amitabh Suman
लौट के गाँधी आये दिल्ली आज के राजनैतिक परिप्रेक्ष्य में गांधीजी अगर हिंदुस्तान आते तो उनका अनुभव कैसा होता, इस काल्पनिक लघु कथा में यही दि
लौट के गाँधी आये दिल्ली आज के राजनैतिक परिप्रेक्ष्य में गांधीजी अगर हिंदुस्तान आते तो उनका अनुभव कैसा होता, इस काल्पनिक लघु कथा में यही दि
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