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New लेखक की कलम से Quotes, Status, Photo, Video

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अज्ञात

#कलम

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छुप छुप के वो मेरे हालात देखता है 
कभी कभी नहीं दिन रात देखता है 

डरता बहुत है मिरे बिखरने से भी और 
मिरे बिखरे बिखरे जज्बात देखता है

क्या क्या दलीलें पेश होंगी मनाने में 
रूठकर मुझसे मिरे ख़यालात देखता है 

किसके हाथ है मिलना बिछड़ना ये सब 
मुकद्दर पे मोहब्बत की विसात देखता है 

ये कलम तो उसकी दिवानी है और वो 
कलम की कशिश के करामात देखता है

©अज्ञात #कलम

Anuj Ray

# तुम्हारे नाम की खुशबू से"

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White तुम्हारे नाम की खुशबू से,
 महका है मन का मेरे प्रेम नगर,
 मारे खुशी की नींद नहीं आंखों में,
 काश !तुम भी कहीं से चले आते अगर।
 
फिर जो बंधता समां प्यार का,
 दिलों में गूंज उठती शहनाइयों की धुन,
मतवाला जिया बावरा हो नाचने लगता,
लहर खुशी की दौड़ जाती मेरे बाबुल के घर।

©Anuj Ray # तुम्हारे नाम की खुशबू से"

puja udeshi

#pujaudeshi Neel PURAN SING‌H CHILWAL Miss Shalini अपनी कलम से Ruhi

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ठाकुर आकाश सिंह सोमवंशी

मेरी कलम से....🖋️ #दिवाली

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मेरे मन कर्म वचन या जाने अनजाने में 
मुझसे कोई गलती हुई हो तो 
उसके लिए मुझे क्षमा करें।

इस दिवाली सिर्फ दिए नहीं 
साथ में अपने अंदर छिपे अहंकार को भी जलाना है।🚩

क्यूंकि मैं इंसान से तो लड़ सकता हूं किंतु....
उसकी बद्दुआ से नहीं।☝🏻
ये दिवाली नए प्रण वाली😌

इसी के साथ आप सभी को 
दिपावली की हार्दिक मंगलकामनाएं💐

©ठाकुर आकाश सिंह सोमवंशी मेरी कलम से....🖋️
#दिवाली

Shiv Narayan Saxena

जज़्बातों का कलम से रिश्ता.....

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जज़्बातों का कलम से रिश्ता बड़ा पुराना है
अरमानों के फ़साने दिल को बस सुनाना है

©Shiv Narayan Saxena जज़्बातों का कलम से रिश्ता.....

Pradyumn awsthi

#जीवन की कलम

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White मैं कोई लेखक नहीं ...मगर फिर भी
 मुझे अच्छा लगता है लिखना 
जीवन के किस्से,
आप बीती बातें और अपनों और गैरों से
मिले अनुभव को शब्दों के रूप में
आपके समक्ष प्रस्तुत करते रहना 
ये मुझे अच्छा लगता है ।

©Pradyumn awsthi #जीवन की कलम

skb

मेरी कलम से... #NatureQuotes

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Nature Quotes  आज बहुत दिनो बाद कलम उठाई मैंने,
कंबख्त बोल पड़ी मुझसे।
क्यो आज याद आई ? तुम्हे मेरी।
अब क्या बताऊं मैं इसे,की मै किन गलियों से गुजरा हूं l
भूल कर भी नही भूल पाया तेरी स्याही को,
जो रंग भर रही थी मेरी कलमो को।
........….

©skb मेरी कलम से...
#NatureQuotes

Uttam Bajpai

'कॉमेडी'मुझे इश्क की चाबी से

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tripti agnihotri

तृप्ति की कलम और तृप्ति के स्वर में मुक्तक

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मारवाड़ी छोरी

गांव से घर की और

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