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Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“28/2/2022”*📚 🖋️*“सोमवार”* 🌟 वैसे एक बात तो है कि “रोटी” केवल “भूख” ही नहीं मिटाती है बल्कि “जीवन” की बड़ी से बड़ी “सीख” भी दे जाती है यह रोटी “स्वादिष्ट” तभी लगेगी जब यह दोनों तरफ से अच्छी तरह से “सेकी” हुई होगी हमारे जीवन में “संबंधो” को भी दोनों और से “अच्छे से निभाया” जाए तभी “आनंद” देते,तभी “प्रसन्नता” प्राप्त होती है, इन “संबंधों” में “प्रेम”,“अपनापन”,“एहसास” और “समर्पण” होना आवश्यक है, और जब ये “संबंध” कोई “गलतफहमियों के शिकार” हो जाते है तो इन्हें “संभालना” मुश्किल हो जाता है, हम बेहद “प्रयास” करते है कि सबकुछ पहले जैसा हो जाए लेकिन ऐसा नहीं हो पाता है, इसलिए “संबंधो” को दोनों और से निभाए लेकिन “प्रेम के साथ”... “गलतफहमियों” से नहीं.. *अतुल शर्मा*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“28/2/2022”*📚 🖋️ *“सोमवार”* 🌟 #“रोटी” #“भूख”
*✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“28/2/2022”*📚 🖋️ *“सोमवार”* 🌟 #“रोटी” #“भूख”
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*✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“30/1/2022”*📚 🖋️*“रविवार”* 🌟 “जीवन” में किसी के लिए कुछ “करना” या कुछ “देना” बिना किसी “कामना” के, और ये बात समझ जाइए यदि आप बिना किसी “कामना” के,बिना किसी “अपेक्षा” के किसी के लिए कुछ करते है या किसी को कुछ देते है, यदि आप यह सब “सीख” जाते है तो आप “प्रेम” भी “सीख” जाते है, “प्रेम” से “संबंध” को निभाना भी “सीख” जाते है, देखिए “माता” केवल वो नहीं जो “कोख से जन्म” देती है “माता” तो वो भी है जो “जीवन जीना” “सिखाती” है, जो “जीवन जीने का उदाहरण” बन जाती है तो हमारी “धरती माता” से ये “निःस्वार्थ भाव” सिखिए,“निःस्वार्थ प्रेम” सिखिए... *“अतुल शर्मा”*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“30/1/2022”*📚 🖋️ *“रविवार”* 🌟 *#“जीवन”* *#“कामना”*
*✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“30/1/2022”*📚 🖋️ *“रविवार”* 🌟 *#“जीवन”* *#“कामना”*
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*✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“10/1/2022”*📚 🖋️*“सोमवार”* 🌟 देखिए हर “स्त्री” को “स्वर्ण आभूषण” नहीं चाहिए,“महंगे वस्त्र” नहीं चाहिए,उसे चाहिए आपसे “सम्मान” सबके सामने भी और “एकांत” में भी,उसे चाहिए आपका “समय”, आपका “समर्पण” और थोड़ा सा “प्रयास” कि आप उन्हें जता पाए कि आपके “जीवन” में उनका “स्थान” है और “बराबरी का भाव” है, और एक बात ये कि “संबंध” में दोनों ओर से “प्रेम” होना भी आवश्यक है, तभी आप कह पाएंगे “यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता”... *अतुल शर्मा*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“10/1/2022”*📚 🖋️ *“सोमवार”* 🌟 *#“स्त्री”* *#“स्वर्ण आभूषण”*
*✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“10/1/2022”*📚 🖋️ *“सोमवार”* 🌟 *#“स्त्री”* *#“स्वर्ण आभूषण”*
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*✍🏻“सुविचार"*📝 🌫️*“23/7/2021”*🌫️ ☁️*“शुक्रवार”*☁️ किसी “वस्त्र” में यदि “छोटा सा छिद्र” आ जाए और यदि हम उस पर “ध्यान” न दें, तो धीरे-धीरे पूरा “वस्त्र” फट जाता है और किसी “कार्य” का नहीं रहता, यदि किसी “नाव” में छोटा सा “छिद्र” आ जाए तो धीरे-धीरे पूरी “नाव” डूब जाती है, यदि “लक्ष्य” की ओर आप “अग्रसर” है और एक छोटा-सा “मोड़(बदलाव)” आप ले ले, तो वो आपको “लक्ष्य” से बहुत दूर पहुंचा सकता है, ऐसा ही “संबंध” के साथ भी होता है कोई “छोटी सी बात” या “छोटा सा मनमुटाव” “संबंध” में आ जाए और उसे समझा न जाए,तो पूरा का पूरा “संबंध” या बड़े से बड़ा संबंध “टूट” जाता है,यदि आपके “संबंध” में कोई “छोटा-सा छिद्र” क्यों न आ जाए तो “प्रेम की सुई” और “स्नेह के धागे” से आप इसे “सिल” दिजिए, ताकि आपका ये “संबंध” अटूट रहे और “प्रेम से परिपूर्ण” रहे,... *“अतुल शर्मा 🖋️📝* *✍🏻“सुविचार"*📝 🌫️*“23/7/2021”*🌫️ ☁️ *“शुक्रवार”*☁️ #“वस्त्र” #“छिद्र”
*✍🏻“सुविचार"*📝 🌫️*“23/7/2021”*🌫️ ☁️ *“शुक्रवार”*☁️ #“वस्त्र” #“छिद्र”
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*✍🏻“सुविचार"*📝 🖊️*“27/6/2021”* ✨*“रविवार”* “जीवन” में किसी के लिए कुछ “करना” या कुछ “देना” बिना किसी “कामना” के, और ये बात समझ जाइए यदि आप बिना किसी “कामना” के,बिना किसी “अपेक्षा” के किसी के लिए कुछ करते है या किसी को कुछ देते है, यदि आप यह सब “सीख” जाते है तो आप “प्रेम” भी “सीख” जाते है, “प्रेम” से “संबंध” को निभाना भी “सीख” जाते है, देखिए “माता” केवल वो नहीं जो “कोख से जन्म” देती है “माता” तो वो भी है जो “जीवन जीना” “सिखाती” है, जो “जीवन जीने का उदाहरण” बन जाती है तो हमारी “धरती माता” से ये “निःस्वार्थ भाव” सिखिए,“निःस्वार्थ प्रेम” सिखिए... *“अतुल शर्मा”🖋️📝* ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 🖊️ *“27/6/2021”*🖋️ ✨ *“रविवार”*🌟 #“जीवन” #“कामना”
*✍🏻“सुविचार"*📝 🖊️ *“27/6/2021”*🖋️ ✨ *“रविवार”*🌟 #“जीवन” #“कामना”
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*✍🏻“सुविचार"*📝 ✨*“10/6/2021”*⭐ 🌳 *“गुरुवार”*🌴 आपके “कर्म” और “कर्मफल” का एक “संबंध” होता है, आप जो भी “कर्म” करेंगे तो आपके “कर्म” आपके “कर्मफल” को पुकार लगाएंगे, और आपका “कर्मफल” आपको कही न कही आपको ढूंढते ढूंढते आपके पास आ ही जाएंगे, तो उचित तो यहीं होगा कि आप “सत्कर्म” करें, भले ही “ईश्वर” एक बार आपको आपकी “भूल” के लिए “क्षमा” कर दे लेकिन आपके “कर्म” नहीं करेंगे, तो यदि आप “दुष्कर्म” करने वाले है तो आप “संभल” जाइए, अब यदि आप “शुभकर्म” करने वाले है तो आप “समझ” जाइए, जो आपका “कर्म” होगा आपका “फल”(परिणाम) आपके पास अवश्य आएगा, आज नहीं तो “कल”,“कल” नहीं तो कुछ और “समय” में किंतु आएगा अवश्य... *“अतुल शर्मा”🖋️🌳* ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 ✨*“10/6/2021”*⭐ 🌳 *“गुरुवार”*🌴 #“कर्म” #“कर्मफल”
*✍🏻“सुविचार"*📝 ✨*“10/6/2021”*⭐ 🌳 *“गुरुवार”*🌴 #“कर्म” #“कर्मफल”
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*✍🏻“सुविचार"*📝 ↔️*“2/5/2021”*↔️ 😷 *“रविवार”*✨😷 “जीवन” में “वृक्ष” तो सभी को अच्छे लगते हैं, क्योंकि सभी वृक्षों से हमें “लकड़ी”,“पत्तियां”,“फूल” “फल” एवं “छाया” इत्यादि मिलती है, यदि आप केवल “पौधे” लगाकर भूल जाओगे,तो उस “पौधे” का क्या होगा, उसका तो “अस्तित्व” ही मिट जाएगा, इसी प्रकार हमारे “संबंध” भी होते हैं, ये “संबंध” बनाकर “भूल” जाओगे, तो इसका भी “अस्तित्व” मिट ही जाएगा, तो केवल “संबंध” बनाइये ही नहीं उन्हें “निभाइए” भी, और यदि “निश्चित रूप” से इस “संबंध” में “प्रेम” और “सम्मान” हुआ तो आपको “आनंद” और “प्रसन्नता” अवश्य मिलेगी... *“अतुल शर्मा😷🙏🏻🌳* *✍🏻“सुविचार"*📝 ↔️*“2/5/2021”*↔️ 😷 *“रविवार”*✨😷 #“जीवन” #“वृक्ष”
*✍🏻“सुविचार"*📝 ↔️*“2/5/2021”*↔️ 😷 *“रविवार”*✨😷 #“जीवन” #“वृक्ष”
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सम्मान हमेशा *✍🏻“सुविचार"*📝 🌟*“25/4/2021”*🌟 🖋️ *“रविवार”*✨🖊️ एक अच्छा “पति” एवं एक अच्छी “पत्नी” बनने का पहला चरण है “मित्रता” अथवा “सखा” (प्रेम)... जब तक एक “पति पत्नी” अपने इस “संबंध” में “मित्रता” का “महत्व” नहीं समझते तबतक ये “संबंध” कहीं “अधुरा” रह जाता है और फिर इस “संबंध” में जन्म लेती है वो “भावनाएं”,“अधिकार”, जैसे “अभिमान”, ये “द्वेष भावनाएं” जो इस “संबंध” को “तोड़ने” की पहली “नींव” होती है तो अपने “पत्नी” पर “अधिकार” जताने से पूर्व आप स्वयं से पूछिए, कि आप अपने “जीवनसाथी” के सबसे “अच्छे मित्र” या “सखा” है, ये “संबंध” “सुधर” जाएगा और इस संबंध में सदैव “प्रेम” रहेगा, *🖊️“अतुल शर्मा🖋️📝✨* ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 🌟*“25/4/2021”*🌟 🖋️ *“रविवार”*✨🖊️ #“पति” #“पत्नी”
*✍🏻“सुविचार"*📝 🌟*“25/4/2021”*🌟 🖋️ *“रविवार”*✨🖊️ #“पति” #“पत्नी”
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*✍🏻“सुविचार"*📝 🌟*“11/4/2021”*🌟 🖋️ *“रविवार”*✨🖊️ वैसे एक बात तो है कि “रोटी” केवल “भूख” ही नहीं मिटाती है बल्कि “जीवन” की बड़ी से बड़ी “सीख” भी दे जाती है यह रोटी “स्वादिष्ट” तभी लगेगी जब यह दोनों तरफ से अच्छी तरह से “सेकी” हुई हो, हमारे जीवन में “संबंधो” को भी दोनों और से “अच्छे से निभाया” जाए तभी “आनंद” देते,तभी “प्रसन्नता” प्राप्त होती है,इन “संबंधों” में “प्रेम”,“अपनापन”,“एहसास” और “समर्पण” होना आवश्यक है,अगर ऐसा नहीं है तो वो संबंध “दुःख” देते है ✨ *अतुल शर्मा🖋️📝📙* *✍🏻“सुविचार"*📝 🌟*“11/4/2021”*🌟 🖋️ *“रविवार”*✨🖊️ #“रोटी” #“भूख”
*✍🏻“सुविचार"*📝 🌟*“11/4/2021”*🌟 🖋️ *“रविवार”*✨🖊️ #“रोटी” #“भूख”
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*📝“सुविचार"*📝 🖊️*“26/2/2021”*🖋️ 📘✨ *“शुक्रवार”*✨📙 “संवाद” ... अत्यंत महत्वपूर्ण है हर “संबंध” के लिए अपितु “जीवन” के लिए “अत्यंत महत्वपूर्ण” है जब “बातचीत” ही नहीं होगी तो आप “सामने वाले” को “समझोगे” कैसे ? या वो आपको “समझेगा” कैसे ? अधिकतर बार ये होता है कि ये “संवाद” “विवाद” में बदल जाता है, क्यों बदल जाता है क्योंकि न तो हम अपनी “बात” सामने वाले को समझा पाते है न सामने वाला हमें “समझ” पाता है... “जीवन” में “सामने वाले” की बात सुनिये समझने के लिए, सब “संवर” जाएगा क्योंकि “हर प्रश्न” पर “उत्तर” और “हर एक उत्तर” पर एक और “प्रश्न” ये केवल “विवाद” को “जन्म” देता है सामने वाले की “बात” को “सुनना” और बस उसे “समझने” के लिए,उसकी बात “समझने” के लिए ये “संवाद” “प्रेम” को जन्म देता है तो आप भी यहीं किजिए... ✨ *अतुल शर्मा🖋️📝📙* ©Atul Sharma *📝“सुविचार"*📝 🖊️*“26/2/2021”*🖋️ 📘✨ *“शुक्रवार”*✨📙 #“जीवन” #“संवाद”
*📝“सुविचार"*📝 🖊️*“26/2/2021”*🖋️ 📘✨ *“शुक्रवार”*✨📙 #“जीवन” #“संवाद”
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