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Best भटकन Shayari, Status, Quotes, Stories

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Vidhi

जिस जमीं के टुकड़े पर अपना हक़ था
जिन चारदीवारियों पर लिखा था मेरा नाम
उनमें खामोशियाँ ही शोर मचाती रहीं
मेरे हवासों में तो वो घर ही समाया रहा
जिसकी हर इक ईट पर परायापन लिखा
जंगलों की पौध थी मैं,
जो गमलों दर गमलों में भटकती रही
एक अदद घर तलाशती रही......... #भटकन #refuge #YQbaba #YQdidi

CalmKrishna

Sachin Pratap Singh

तुम्हारे बाल गोयल से काले है
हमे आकर्षित करने वाले है

आँखे तुम्हारी सागर से भी गहरी है
पलके केवट सी पेहेरी है

तुम्हारी मुस्कान इतनी चंचल है
जैसे रखी चेहरे पे मेरी भटकन है

©Sachin Pratap Singh #भटकन 

#Ocean

Rakhee ki kalam se

#FourLinePoetry शहर की भटकन से मन भर गया  हों  अगर
 तो लौट  आओ
कि गाँव अब भी तुम्हारा है 
गगनचुम्बी इमारतों  में  वजूद  हो  गया  हो गुम,
 तो लौट  आओ 
कि अब भी घर की तखती पर नाम तुम्हारा है

©Rakhee ki kalam se #भटकन
#गांव 
#इमारत 
#फीलिंग्स
#इंतजार 
#लव 
#Nojoto 
#nojotocontest

Sandeep Shrivasrava

Alka Goyanka

रूह रूह की बेचैनियाँ, कब सुकून पाती है 

जिस्म तो खाक में मिल कर, 

जमींदोज हो जाता है 

रूह की बेचैनियाँ उसे,

 जन्म दर जन्म भटकाती है । #रूह #बेचैनियाँ #भटकन #सुकून #Myquote #MyPoems #mythoughts

Durgesh Bahadur Prajapati

मुसाफिर हैं हम...

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मुसाफिर हैं हम...
मुसाफिर हैं हम चले जा  रहे हैं, ना मंजिल पता है ना रास्ते पता हैं |
ना कोई जिकर है ना कोई फिकर है, कहाँ है ठिकाना न कोई खता है |
राही हैं हम चले जा रहे है ……………
एक ओ भी समय था न कोई फिकर थी, थे मस्ती में रहते न कोई जिकर थी |
बस पढना खेलना और जी भर के जीना, बचपन से है सीखा गमों को ही सीना |
देखते थे सपने ये दुनियां रगीं है, पर अब जाके समझ आया ये कितनी संगी है |
भटकन ही भटकन ना कोई समझ है,  कहाँ है मंजिल न कोई खबर है |
मुसाफिर हैं हम चले ……………
हुए जब किशोर हुआ बड़ी शोर, देखी जब दुनियां थे बड़ए चोर |
नयी थी दुनियां नये थे लोग, अंजानी दुनियां अन्बूझे लोग |
बस शब्दो का मेल और शब्दो की वानी,  यहाँ आके सुनी इक अजब सी कहानी |
आज वह इन्सानियत खो बैठा इंसान न रहा, ऐसे ओ भटका कि कोई पहचान न रहा |
बस गमों के हैं बादल न कोई सबर है, कहाँ है ठिकाना न कोई खबर है |
मुसाफिर हैं हम …………

-दुर्गेश बहादुर प्रजापति मुसाफिर हैं हम...

Amit Shukla

#भटकन

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सभ्यता के घने आवरण हो गए।
प्रश्न जीवन के सब आमरण हो गए।
उर्मिला बन के महलों में तुम ही रहीं।
हम भटकते हुए लछमण हो गए।
           अमित शुक्ला #NojotoQuote #भटकन


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