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Best पात Shayari, Status, Quotes, Stories

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kumaarkikalamse

ये जात-पात का बैर, और रिश्तों का रोज होता क़त्ल;
ना जाने मोहब्बत कब इन दिखावों से दूर जा पाएगी।  #YQBaba #Kumaarsthought #YQDidi #जात #पात  #दिखावा

diaryreena

ये दुनिया इतनी जलिम है कि आपको 
अकेले जीने नहीं देगी,
और ना ही किसी के साथ मरने देगी ।
लोग बात करते है जात , बिरादरी , समाज 
की ये समाज और जात बिरादरी क्यों नहीं 
किसी की ढाल बन जाते है जब किसी के 
पास कोई नहीं बचता ना उसके पास कुछ
 बचता है।।🤷
ये समाज के बनाए कायदे - कानून है 
धर्म के नाम पर अंदर   - अंदर इतना 
धूर्त बाज़ी  होता है ।
बाहर के लोग करते ही है इतना नाटक
घर के लोग भी इसी में बुने हुए है,,
ना जाने कितने प्यार करने वाले दो जान
इसी समाज और जात - पात के भेदभाव में 
अपने प्यार को त्याग देते है सिर्फ समाज के
अनुसार और परिवार के अनुसार चलने 
के नाते ।।
मैंने किया है इसलिए इतना लिख रही हूं ।।
📗✍️😭

©Diaryreena #Social #जात#पात#भेदभाव
#Nojoto 
#हिंदी 
#सामाजिक 
#सामाजिक_मुद्दें 
#Sa 
#AWritersStory 
 SHAYAR (RK) Vishal Singh' Atul Singh Atul Singh Umar wasaima Ranjit Das

V.k.Viraz

#Twowords Devesh Dixit indira Neetu Sharma Priya Gour Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय" Prajakta Pawar nojoto #nojotostory #जात#पात

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किसने बनाई ये जात-पात
अफ़वाह किसने ये उड़ाया है।
मुस्लिम हिन्दू का कट्टर दुश्मन है
हिन्दुवों तुमको किसने ये समझाया है।

अरे समझदार हो समझो तुम
मुस्लिम भाई भी अपने हैं।
कुछ गद्दार तो हम हिन्दू भी हैं
केवल गद्दार न इनमे हैं।

क्यों न जात पात को छोड़कर
उसके व्यहार से सबको नापा जाए।
किसमे कितनी मानवता है
बस ये उसमे भाँपा जाए।

मिलबाँट रहें सब आपस मे
जाता क्या है एक रहने में।
हिन्दू-मुस्लिम सबको भाई कहो अपना
आख़िर जाता क्या है कहने में।

©V.k.Viraz #Twowords  Devesh Dixit  indira Neetu Sharma  Priya Gour Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय"  Prajakta Pawar 

#nojoto
#nojotostory 
#जात#पात

A.K

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ना ऊँच नीच में रहू ना जात पात में रहूँ
ना ऊँच नीच में रहू ना जात पात में रहूँ !!!!
तु मेरे दिल में रहे प्रभु और में औक़ात में रहूँ !!

Sudha Dewangan

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पात-पात भीग गात बरसाती गीत है,
सन सननन संग बयार लिए उड़े प्रीत है,
प्रकृति के कण-कण से उछला संगीत है
नदिया सागर से मिली ज्यों बिछड़े मनमीत हैं
हर तरफ से शोर उठा ये
ये जिंदगी की जीत है।
सुधा देवांगन बालको नगर कोरबा (छ.ग.)

A

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पत्ता बोला वृक्ष से, सुनो वृक्ष वनराज। 
अबकी बिछुडे कब मिलेंगे,दूर पडे हैं आय। 
₹
तरुवर बोला पात से, सुनो पात मम बात। 
या जग की यह रीत है, इक आवत इक जात। 
       आचार्य रविकान्त जी शास्त्री            श्री अयोध्या जी

sapna chavan

#Freedom जात पात का भेद भाव कयु है? #15agustspecail#loveforindia#proudofmycountrynojoto

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चलो आज एक खेल खेला जाये
जो खेलते है खुन कि होली 
उनसें एक एक कतरा लिया जायें 
उन खुन को एक किया जाये
जो करते है दावें हिंन्दू मुस्लिम अलग हैं
उन्हें ये खुन पैहचाने दिया जाय 
कौनसा खुन हिन्दु का है कौनसा खुन मुस्लिम का है?
 ये जात पात धर्म कया है?
हमने बनाया रुल है
उसे follow करना हमारा काम है
कया तेरा खुन निंला या पिला है
या sirfh मेरा हि खुन लाल है
जब हमारे खुन का रंग एक है
हम एक है 
तो
जात पात का भेदभाव कयु #Freedom जात पात का भेद भाव कयु है?
#15agustspecail#loveforindia#proudofmycountry#nojoto

SHAYARI BOOKS

वेख फरीदा मिट्टी खुल्ली, मिट्टी उत्ते मिट्टी डुली; मिट्टी हस्से मिट्टी रोवे, अंत मिट्टी दा मिट्टी होवे; ना कर बन्दया मेरी मेरी, ना ऐह तेरी ना ऐह मेरी;

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वेख फरीदा मिट्टी खुल्ली,
मिट्टी उत्ते मिट्टी डुली;

मिट्टी हस्से मिट्टी रोवे,
अंत मिट्टी दा मिट्टी होवे;

ना कर बन्दया मेरी मेरी,
ना ऐह तेरी ना ऐह मेरी;

चार दिना दा मेला दुनिया,
फ़िर मिट्टी दी बन गयी ढेरी;

मिट्टी नाल ना धोखा कर तू,
तू वी मिट्टी मैं वी मिट्टी;

जात पात दी गल ना कर तू,
जात वी मिट्टी पात वी मिट्टी;

जात सिर्फ खुदा दी उच्ची
बाकी सब कुछ मिट्टी मिट्टी! वेख फरीदा मिट्टी खुल्ली,
मिट्टी उत्ते मिट्टी डुली;

मिट्टी हस्से मिट्टी रोवे,
अंत मिट्टी दा मिट्टी होवे;

ना कर बन्दया मेरी मेरी,
ना ऐह तेरी ना ऐह मेरी;

Akanksha dwivedi

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कोई नही सुनेगा बेजान हो गए मंदिर और मज़ार ।
जंग खा गयी है शायद इन शूरवीरों की तलवार ।
जात पात बस बच जाए अब करते है यही गुहार।
जाने किस बेड़ी में बंध के हुए कायर और लाचार।
जात पात और मज़हब ने बाँट दिया इंसान को।
राम रहीम बटे, बांटा अल्लाह और भगवान को।
मुद्दा गर राम मंदिर का है तो संसद तक जाएगा।
तीन तलाक पर हर कोई तलवार निकाल लाएगा।
बेटी बहन की आबरू अब बाज़ारों में बिकती है।
माँ के आंचल में हैवानो को हवस ही दिखती है।
कहते है....
आबरू का क्या है वो तो लुट ही जाती है।
जान का क्या है वो तो छूट ही जाती है।
झड़ी लग गयी दलीलों की नेता और वकीलों की।
सागर हुआ लहू सा लाल क्या बिसाद है झीलों की।
जिस धरा की माटी में कल तक पूजी जाती थी सीता।
जिस धरती की परिपाटी में कभी पढ़ी गयी थी गीता।
सोने की चिड़िया का जीवन तिल तिल करके रीता।
भारत माँ क्या  दुख बाकी है कोई जो तुम पर न बीता।

NIKHIL OJHA

आज दिल मे ज्वार उमड़ रहा है कुछ रिश्तों को समझाने का,
आज दिल मे ज्वार उमड़ रहा हैं कुछ रिश्ते निभाना सीखने और सिखाने का,
जिंदगी की शुरुआत से लेकर अंत तक न जाने कितने रिश्ते बनते है,
आज दिल मे ज्वार उमड़ रहा है बस उन्ही रिश्तों को खुलकर बताने का,
मेरी पहली किलकारी से मैंने दुनियां को संकेत दिया मेरे दुनिया मे आने का,
मेरे दिल मे ज्वार उमड़ रहा है इस धरती पर मेरा पहला रिश्ता बताने का,
जिसके अहसानो के तले मै मेरे जन्म के पहले ही दब चुका था,
दिल मे ज्वार उमड़ रहा है मुझपे मेरी माँ की कृपा बताने का,
मेरे जन्म से पहले और मेरे जन्म के बाद मेरी हर सास उस0 रिश्ते की मोहताज थी,
आज दिल मे ज्वार उमड़ रहा है उस पवित्र, निर्मल, निस्वार्थ रिश्ते को दर्शाने का,
कोई शब्द नहीं ना ही कोई शब्दावली है इस रिश्ते के अहसास और अहसानों को जताने की,
मेरे दिल मे ज्वार उमड़ रहा है माँ को सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड का सर्वश्रेष्ठ रिश्ता बताने का,
एक और भी हैं रिश्ता कोई जो हमे अच्छा बुरा समझता है,
हमारी सफलता से उसका दिल गदगद और सीना चौड़ा हो जाता है,
हमारी शरारतों, शिकायतों,पर भले ही वो चिल्लाता है,
लेकिन एक पिता ही हैं जो बच्चो का कभी बुरा नही चाहता है,
आज दिल मे ज्वार उमड़ रहा है पिता के रिश्ते की अहमियत महसूस करवाने का,
एक रिश्ता जो भरपूर भरा है स्नेह,प्यार और हिफाज़त से,
बिना दर्शाये ही उठा रखा है बीड़ा अपने कंधों पर जिम्मेदारी का,
आज दिल मे ज्वार उमड़ रहा हैं पिता के रिश्ते की अहमियत महसूस करवाने का,
रिश्ते की जब बात हुई एक ऐसे रिश्ते की कमी खली,
जो सब रिश्तों का समावेश हो,
जिसमे प्यार,स्नेह,लाड़, दुलार,शरारत और आवेश हो,
जो न केवल एक रिश्ता हो हर घर की खुशहाली हो,
आज दिल में ज्वार उमड़ रहा है एक बहन महत्व बताने का,
जो लड़ती हर बात बात पर जो छिड़ती है बिन बात बात पर,
कभी करती है हातापाई और कभी रोती है मुँह फाड़ फाड़ कर,
कुछ भी हो भाई पर बहन छिड़कती है जान जान पर
एक रिश्ता जो हैं हर पल साथ साथ ,भाई डाल डाल तो बहन पात पात, #रिश्ते
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