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kumaarkikalamse
शून्य [0] है सबसे बड़ा सौ के जब पीछे पड़ा तो सौ से हज़ार बड़ा॥ जितना बड़ा घोटाला उतना शून्य पीछे खड़ा ॥ शून्य के वज़ह से ही बच्चों को डंडा पड़ा॥ शून्य सबसे ज्यादा खास है.. देखिए, पढ़िए, जुड़िए
शून्य के वज़ह से ही बच्चों को डंडा पड़ा॥ शून्य सबसे ज्यादा खास है.. देखिए, पढ़िए, जुड़िए
read moreVibha Katare
भावनात्मक तौर पर किसी पर निर्भर न होना भी परिपक्वता के मापदंड में शीर्ष के निकटतम इकाई है.. या यूं कहें कि, कुछ कुछ सांसारिक विरक्ति का अनुभव कराती अवस्था.. जैसे किसी तूफान के बाद छाई हुई शून्यता... #परिपक्वता #रिक्तता #विरक्ति #शून्यता #हिंदी #yqdidi #विचारधारा
#परिपक्वता #रिक्तता #विरक्ति #शून्यता #हिंदी #yqdidi #विचारधारा
read morePrashant Shakun "कातिब"
अनिवार्य बनने की कोशिश में मैं रह गया बस एक विकल्प सा जिसके हिस्से आई रिक्तता सिर्फ रिक्तता... ©Prashant Shakun "कातिब" आज मैं भरा हुआ हूँ रिक्तता से, शून्यता से हाँ...! शून्य हो चला हूँ मैं #शून्य #शून्यता #रिक्तता #विकल्प #अनिवार्य #ज़िंदगी_के_किस्से #pshakunquotes by #प्रशांत_शकुन_कातिब 0342hrs Sunday 12th June, 2022
आज मैं भरा हुआ हूँ रिक्तता से, शून्यता से हाँ...! शून्य हो चला हूँ मैं #शून्य #शून्यता #रिक्तता #विकल्प #अनिवार्य #ज़िंदगी_के_किस्से #pshakunquotes by #प्रशांत_शकुन_कातिब 0342hrs Sunday 12th June, 2022
read moreआयुष पंचोली
✍बृम्ह क्या हैं....! ब्रम्ह क्या हैं, क्या ब्रम्ह का मतलब ब्रह्मा से हैं या ब्रम्ह ब्राह्मण को सम्बोधित करता हैं। और अगर ऐसा नही हैं, तो फिर ब्रम्ह का अर्थ क्या हैं....? ब्रम्ह जैसा की उस नाम से ही स्पष्ट हो जाता हैं, ब्रम्ह अर्थात् रचियता। और इसी से एक चीज और निकल कर आती हैं, ब्रह्माण्ड अर्थात् "ब्रम्ह का अंड" यानी वो पिंड जिससे जीवन की, विकास की, अस्तित्व की और सृष्टि की शुरुवात हुई। तो फ़िर असल मे ब्रम्ह हैं कौन, यही प्रश्न सबके मन मे उठता हैं। सृष्टि के रचियता ब्रम्हा हैं, तो बहुत से लोग उन्हे ही ब्रम्ह जानते है
ब्रम्ह क्या हैं, क्या ब्रम्ह का मतलब ब्रह्मा से हैं या ब्रम्ह ब्राह्मण को सम्बोधित करता हैं। और अगर ऐसा नही हैं, तो फिर ब्रम्ह का अर्थ क्या हैं....? ब्रम्ह जैसा की उस नाम से ही स्पष्ट हो जाता हैं, ब्रम्ह अर्थात् रचियता। और इसी से एक चीज और निकल कर आती हैं, ब्रह्माण्ड अर्थात् "ब्रम्ह का अंड" यानी वो पिंड जिससे जीवन की, विकास की, अस्तित्व की और सृष्टि की शुरुवात हुई। तो फ़िर असल मे ब्रम्ह हैं कौन, यही प्रश्न सबके मन मे उठता हैं। सृष्टि के रचियता ब्रम्हा हैं, तो बहुत से लोग उन्हे ही ब्रम्ह जानते है
read moreVarun Upadhyay
ब्रह्मांड का सार शून्य है इस धारा की आवाज़ शून्य हैं शून्य से ही तो बनी है सृष्टि और शून्य में होना इसे समाप्त है कामनाएँ सब व्यर्थ है, अर्थ सारे निरर्थ है आशा और निराशा की भाती देह आत्मा सब कुछ शून्य है शून्य ही प्रारंभ है मेरा, और पहुंचना है मुझे यहां उत्तरों की खोज में निकला है नचिकेता तू कहा ना यमन कोई यत्न सारे, और ना कोई छल यहां आके अधरों पर कसौटी पल मै बनती बिगड़ती यहां अश्क सारे है सूखते, कैसी है ये विडंबना बंधनों की मोह माया ले कर आई मुझे कहा शून्य ही तो प्रारब्ध था मेरा था पहुंचना तो मुझे यहां क्यो फिर ले आई साकी तू इस उपवन में यहां #NojotoQuote #nojoto #nojotohindi #nojotoquote #शून्य #शून्यता #NojotoFreeHand
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read moreअज्ञात कवि
मैं शून्य हूं शून्यता मेरी पहचान बन चुकी है और शून्यता को भली-भांति जानते होंगे आप लोग शून्यता वो शून्यता जो कुछ भी नहीं है कुछ भी नहीं, परंतु आपको ज्ञात होना चाहिए एक शून्यता ने कई अंकों को जन्म दिया है!! #NojotoQuote #Zero
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