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Atul Sharma
*🖋️“सुविचार"🖋️* *📚“1/04/2022”📝* *📙“शुक्रवार”💫* “जीवन” में हमें यह देखना चाहिए कि “लोग” जो है वह केवल “आम के वृक्ष” पर ही “पत्थर” कहते हैं “बबूल के वृक्ष” पर क्यों नहीं फेंकते, क्योंकि “आम के वृक्ष” पर मिलते हैं “मीठे स्वादिष्ट फल”, वहीं “बबूल का वृक्ष” हमें देता है केवल “छाल” , यदि कोई आपको “ताने” मार रहा है, आप पर “दबाव” बनाने का प्रयास कर रहा है, आपके विषय में “अनुचित बातें” कर रहा है तो निश्चित रूप से आप में कुछ तो “विशेष कला” है जो उनके “पास” नहीं, “स्वयं को आत्मविश्वास” से भर दीजिए,“सकारात्मकता” लाइए और सदैव “सत्कर्म” करते जाइए,इस “कटुता” को “मन में प्रवेश” करने ही मत दिजिए, ये “मन” सदैव “प्रसन्न” रहेगा, *“अतुल शर्मा*✍🏻 ©Atul Sharma *🖋️“सुविचार"🖋️* *📚“1/04/2022”📝* *📙“शुक्रवार”💫* #“जीवन” #“आम के वृक्ष”
*🖋️“सुविचार"🖋️* *📚“1/04/2022”📝* *📙“शुक्रवार”💫* #“जीवन” #“आम के वृक्ष”
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*✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“22/1/2022”*📚 🖋️ *“शनिवार”* 🌟 एक बार एक “गुरू” अपने “शिष्यों” की “परीक्षा” ले रहे थे, उन्होंने हर एक “शिष्य” को एक-एक “पक्षी” दिया और उनसे कहा कि इनकी “बलि” चढ़ानी है, किंतु ऐसे “स्थान” पर जहां उन्हें कोई “देख” न पाए, सभी “शिष्य” अपने अपने मार्ग पर “निकल” गये, कोई “घने वन” के अंदर चला गया, कोई “गहरे अंधकार” के भीतर चला गया और कोई दूर कही “पर्वतों” में चला गया, जैसे ही उन्हें कोई देखने नहीं आता उन्होंने “बलि चढ़ाना” प्रारंभ किया तभी वो “पक्षी” “प्रकाश में परिवर्तित” हुए और लुप्त हो गये, एक शिष्य था जो पुनः “गुरु” के पास लौट गया और कहा कि “क्षमा करना गुरूदेव”,“ऐसा कोई श्रेष्ठ स्थान” मिला ही नहीं जहां कोई न “देख” रहा हो किंतु मैं तो “स्वयं” देख रहा था,मेरा “मन” देख पा रहा था, उस “शिष्य” ने समझा कि “परमात्मा की दृष्टि” सदैव उस पर बनी हुई है, और इसलिए वो कभी अनुचित “कर्म” नहीं कर सकता,और इसलिए वो ही “शिष्य” परीक्षा में सफल हुआ, इसलिए कोई भी “अनुचित कर्म” करने से पहले सोचिए अवश्य, “परमात्मा की नजर” सब पर है *अतुल शर्मा”*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“22/1/2022”*📚 🖋️ *“शनिवार”* 🌟 *#“गुरू”* *#“शिष्यों की परीक्षा”*
*✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“22/1/2022”*📚 🖋️ *“शनिवार”* 🌟 *#“गुरू”* *#“शिष्यों की परीक्षा”*
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*✍🏻“सुविचार”*📚 🎊*“1/1/2022”*🎉 🎁*“शनिवार”* 🌟 देखिए “जीवन” में हमें यह देखना चाहिए कि “लोग” जो है वह केवल “आम” के “वृक्ष” पर ही “पत्थर” फेंकते है, “बबूल के वृक्ष” पर क्यों नहीं फेंकते, क्योंकि “आम के वृक्ष” पर मिलते हैं “मीठे स्वादिष्ट फल”,वहीं “बबूल का वृक्ष” हमें देता है केवल “छाल”, यदि कोई आपको “ताने” मार रहा है, आप पर “दबाव बनाने” का “प्रयास” कर रहा है,आपके “विषय” में “अनुचित बातें” कर रहा है तो आप में “कुछ” तो “विशेष” है जो उनके पास नहीं, “स्वयं को आत्मविश्वास” से “भर” दीजिए,“सकारात्मकता” लाइए और “सदैव सत्कर्म” करते जाइए,इस “कटुता(कड़वाहट)” को “मन” में “प्रवेश” करने ही मत दिजिए, ये मन सदैव “प्रसन्न” एवं “सुखी” अवश्य रहेगा, *“अतुल शर्मा✍🏻”* ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार”*📚 🎊*“1/1/2022”*🎉 🎁 *“शनिवार”* 🌟 *#“जीवन”* *#“आम के वृक्ष”*
*✍🏻“सुविचार”*📚 🎊*“1/1/2022”*🎉 🎁 *“शनिवार”* 🌟 *#“जीवन”* *#“आम के वृक्ष”*
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*✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“18/12/2021”*📚 🖋️*“शनिवार”* 🌟 देखिए कभी कभी कुछ लोग ये सोचते है कि कोई “देख” नहीं रहा मैं “अनुचित कर्म” कर सकता हूं... नहीं जी... आप “कुछ” भी किजिए कोई न कोई “देखता” ही है, कोई “व्यक्ति” नहीं तो कोई “प्राणी”, नहीं तो कोई “यक्ष”,“देव” इत्यादि ये “सब” भी नहीं तो ये “धरती माता” देखती है, जिसपर आप कोई भी “कर्म” करते है, इसलिए एक बात स्मरण रखिए कि कौन “देख” रहा है और “कौन” नहीं ? इसके “विषय” में “सोचना” छोड़ दिजिए, सरल सी बात...आप “उचित कर्म” करेंगे आपको “उचित फल” मिलेगा, आप “अनुचित कर्म” करेंगे आपको “अनुचित फल” ही मिलेगा, इसलिए “उचित मार्ग” पर चलते रहिए और “उचित कर्म” करते रहिए, और इस “जीवन” “सुखी” और “आनंदित” भी अवश्य रहिए... *अतुल शर्मा*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“18/12/2021”*📚 🖋️ *“शनिवार”* 🌟 *#“कोई व्यक्ति”* *#“देवता”*
*✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“18/12/2021”*📚 🖋️ *“शनिवार”* 🌟 *#“कोई व्यक्ति”* *#“देवता”*
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*📚 *“सुविचार"*🖋️ 📘*“9/11/2021”*📝 ✨*“मंगलवार”*🌟 हम कब “उचित कार्य” करते है, कब “अनुचित कार्य” करते है, कब “पुण्य” करते है और कब “पाप” करते है, कब “उचित मार्ग” पर चलते है और कब “अनुचित मार्ग” पर चलते है ? ये दो ही “व्यक्ति” समझ सकते है “परमात्मा” और “अंतरात्मा”, अब “हर क्षण” क्या हो रहा है ये सब “परमात्मा” जानते है,उनसे भला क्या “छिपा” है ? किंतु हर क्षण आपको क्या करना है ये आपको आकर सदैव नहीं बताने वाले,इसलिए हमारे भीतर “अंतरात्मा” है हमारी “चेतना( मन) का एक भाग”, कभी “आंख” बंद किजिए और अपनी “अंतरात्मा” में झांकने का प्रयास किजिए,कभी समझने का प्रयास किजिए कि “अंतरात्मा” आपको सदैव “अच्छा कार्य” करने के लिए प्रेरित करती है और “बुरा कार्य” करने से रोकती है, तो इस “अंतरात्मा की बात” मानते जाइए, “परमात्मा” भी सदैव आपके “निकट” आएंगे, *“अतुल शर्मा”🖋️📝* ©Atul Sharma *📚 *“सुविचार"*🖋️ 📘 *“9/11/2021”*📝 ✨ *“मंगलवार”*🌟 *#“उचित कार्य”* *#“अनुचित कार्य”*
*📚 *“सुविचार"*🖋️ 📘 *“9/11/2021”*📝 ✨ *“मंगलवार”*🌟 *#“उचित कार्य”* *#“अनुचित कार्य”*
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#RIPRohitSardana *✍🏻“सुविचार"*📝 ↔️*“1/5/2021”*↔️ 😷*“शनिवार”*✨😷 “जीवन” में हमें यह देखना चाहिए कि “लोग” जो है वह केवल “आम के वृक्ष” पर ही “पत्थर” कहते हैं “बबूल के वृक्ष” पर क्यों नहीं फेंकते, क्योंकि “आम के वृक्ष” पर मिलते हैं “मीठे स्वादिष्ट फल”,वहीं “बबूल का वृक्ष” हमें देता है केवल “छाल” , यदि कोई आपको “ताने” मार रहा है,आप पर “दबाव” बनाने का प्रयास कर रहा है,आपके विषय में “अनुचित बातें” कर रहा है तो निश्चित रूप से आप में कुछ तो “विशेष कला” है जो उनके “पास” नहीं, “स्वयं को आत्मविश्वास” से भर दीजिए,“सकारात्मकता” लाइए और सदैव “सत्कर्म” करते जाइए,इस “कटुता” को “मन में प्रवेश” करने ही मत दिजिए, ये “मन” सदैव “प्रसन्न” रहेगा, *“अतुल शर्मा😷🙏🏻🌳* *निर्भीक, राष्ट्रवादी वरिष्ठ पत्रकार श्री रोहित सरदाना जी को हम सब की तरफ से भावपूर्ण श्रद्धांजलि एवं शत-शत नमन*🙏🏻💐😔😓 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 ↔️*“1/5/2021”*↔️ 😷*“शनिवार”*✨😷 #“जीवन” #“आम के वृक्ष”
*✍🏻“सुविचार"*📝 ↔️*“1/5/2021”*↔️ 😷*“शनिवार”*✨😷 #“जीवन” #“आम के वृक्ष”
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