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Vishal Dixit
मुसलमान था इक दोस्त मेरा , पहचान उर्दू से हो गई हिन्दू था इक मित्र मेरा, मुलाकात अब हिंदी से हो गई जिन्हें कहता है अम्मी वो , उनके लिबास की पहचान बुर्के से हो गयी मैं कहता हूं मां जिसे, पहचान उनकी माथे पर अंकित बिंदी से हो गई जिस दिन हिंदू मुस्लिम दो जिस्म इक जान हो जायेगा यकीन मानो मेरा स्वर्ग से भी ज़्यादा सुन्दर मेरा हिंदुस्तान हो जायेगा 🕉☪ #हिन्दी #उर्द #बुर्का #हिन्दुस्तान #yqbaba #yqdidi #yqbhaijan #yq
#हिन्दी #उर्द #बुर्का #हिन्दुस्तान #yqbaba #yqdidi #yqbhaijan #yq
read more#_अल्फ़ाज़_#
मेरी कब्र पर, यूँ तो ना उदास होकर आइए, ये जिद छोड़कर, एक बार तो मेरी कब्र को गले लगाइए, तुझे देखने के खातिर, हमने दफ़न हो जाना मुनासिब समझा, बस एक बार ये बुर्का,अपने चेहरे से तो हटाइए, #_अल्फ़ाज़_# #बुर्का
Ganesh Singh Jadaun
पहले कहते #लालिलाहा, फिर #ऊलाला करते हो #स्टूडेंट की #खाल ओढ़कर, #दिल्ली में #बवाला करते हो पहनके #बुर्का,बन गये #रजिया,अब तो #हलाला होगा ही #तशरीफ़ में भर दी #आजादी,अब क्यूं #अब्बू_खाला करते हो 😂🤣😜🤪 ___©® गणेश सिंह जादौन ट्यूबलेस टायर नहीं, ये भारी आफत आई है पंक्चर होती ये बमुश्किल, मंदी पडी कमाई है आखिर क्या करे अब्दुल, नई रोजगार कांग्रेस ने दिलाई है अम्मीजान के खास कपड़े और दो एप्पल से जुगाड़ बनाई है रजिया बन, पत्थर मारने में पूरे परिवार की पेट पलाई है। ~मिश्राजी वाहन के कांच फोड़ती ,
ट्यूबलेस टायर नहीं, ये भारी आफत आई है पंक्चर होती ये बमुश्किल, मंदी पडी कमाई है आखिर क्या करे अब्दुल, नई रोजगार कांग्रेस ने दिलाई है अम्मीजान के खास कपड़े और दो एप्पल से जुगाड़ बनाई है रजिया बन, पत्थर मारने में पूरे परिवार की पेट पलाई है। ~मिश्राजी वाहन के कांच फोड़ती ,
read moreGanesh Singh Jadaun
ट्यूबलेस टायर नहीं, ये भारी आफत आई है पंक्चर होती ये बमुश्किल, मंदी पडी कमाई है आखिर क्या करे अब्दुल, नई रोजगार कांग्रेस ने दिलाई है अम्मीजान के खास कपड़े और दो एप्पल से जुगाड़ बनाई है रजिया बन, पत्थर मारने में पूरे परिवार की पेट पलाई है। ~मिश्राजी वाहन के कांच फोड़ती , जिहादी न्यूज़ पे करते टेग मोड़न के दिल तोड़ती बुर्का पहन , बनके बहन सीने पर लगा कर सेब करके ' ताड़ी' लौंडों से फरेब चिल्ला दोहतरमा #I HATE CAB पोलीस पेलेगी , ठंडे में डंडे रेलेगी तब cab नहीँ मुँह से निकलेगा plz save शक्ल तो है ही पर दिल खराब ना करौ हुनरमंद हॊ ', tiktok पर धंधा चल जाएगा तुम्हारा वेब ~अभि पहले कहते #लालिलाहा, फिर #ऊलाला करते हो #स्टूडेंट की #खाल ओढ़कर, #दिल्ली में #बवाला करते हो पहनके #बुर्का,बन गये #रजिया,अब तो #हलाला होगा ही #तशरीफ़ में भर दी #आजादी,अब क्यूं #अब्बू_खाला करते हो 😂🤣😜🤪 ___©® गणेश सिंह जादौन ऐसे आंदोलन कौन करता है भला😜🤣😂 ट्यूबलेस टायर नहीं, ये भारी आफत आई है पंक्चर होती ये बमुश्किल, मंदी पडी कमाई है आखिर क्या करे अब्दुल, नई रोजगार कांग्रेस ने दिलाई है अम्मीजान के खास कपड़े और दो एप्पल से जुगाड़ बनाई है रजिया बन, पत्थर मारने में पूरे परिवार की पेट पलाई है। ~मिश्राजी
ऐसे आंदोलन कौन करता है भला😜🤣😂 ट्यूबलेस टायर नहीं, ये भारी आफत आई है पंक्चर होती ये बमुश्किल, मंदी पडी कमाई है आखिर क्या करे अब्दुल, नई रोजगार कांग्रेस ने दिलाई है अम्मीजान के खास कपड़े और दो एप्पल से जुगाड़ बनाई है रजिया बन, पत्थर मारने में पूरे परिवार की पेट पलाई है। ~मिश्राजी
read moreakshay sharma
#OpenPoetry जब दफ़्तर में बैठा होता हूँ,तो एक बार नज़र सारी तरफ घूमती है,ऐसा लगता है जैसे यह उम्र एक समन्दर है और मैं एक जहाज़ ,जो इस समन्दर के साथ साथ चला जा रहा हूँ, एक किनारा है जहाँ से आँखे पहली बार खुली है,एक किनारा वो है जहाँ आँख आखिरी बार बन्द होगी,आस पास के जहाज़ भी उस किनारे तक पहुंचने के सफर में है,सब जहाज़ अपनी दिशा में चल रहे है,दिशा कोई भी हो हर जहाज़ किनारे पर ज़रूर पहुंचेगा।सफर में कितनी लहरें अन्दर उतरेंगी जहाज़ के बस वही मायने रखता है,बहुत से जहाज़ खुद के निर्देशन से चलने की सोचते है बस लहरों की गति से हार मानने लगते हैं।बस उन लहरों से हार ना मानते हुए ,समन्दर की लहरों से जूझते हुए किनारा हासिल करने की कवायद ही ज़िन्दगी है।जब सुबह उठकर ब्रश करता हूँ लगता है जैसे मैंने एक बुर्का पहन रखा है सिर से लेकर पाँव तक जिसमे आँखे, कान ,नाक सब पहले से ही जड़ा हुआ है, ऐसा लगता है मैं बस एक किरदार निभा रहा हूँ,किसी का दोस्त ,किसी का बेटा,जब यह किरदार पूरा हो जाएगा एक नए किरदार का बुर्का मिलेगा।उस बुर्के के साथ कुछ किरदार और जीने हैं।इस बुर्के वाले के ख्याल से ही शायद, मुझे ज़िन्दगी जीनी आसान लगती है। कुछ मन से
कुछ मन से
read moreBydreampost
बेशक चेहरे पर नकाब था उनके। पर आंखों से वो सब बोल गई।। वो अाई तो थी काले बुर्के पर। मेरी जिंदगी में प्यार के रंग घोल गई।। #नकाब #चेहरा #आंखोंकीभाषा #बुर्का
बेशक चेहरे पर नकाब था उनके। पर आंखों से वो सब बोल गई।। वो अाई तो थी काले बुर्के पर। मेरी जिंदगी में प्यार के रंग घोल गई।। #नकाब #चेहरा #आंखोंकीभाषा #बुर्का
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