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Best KabirJayanti Shayari, Status, Quotes, Stories

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Jigar Acharya

Asheesh indian

complete version soon 🔜 #KabirJayanti

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Asheesh indian

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Arti Sharma

#KabirJayanti

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Vishnu Naheliya

बाबा बुल्ले शाह कहते है ....

पढ़ पढ़ किताबा इल्म लिया ,
तू नाम रख लिया है काजी ।

हथ विच फड़ के तलवारा नू,
तू नाम रख किया गाज़ी।।

मक्के मदीना विच घूम के ,
तू नाम रख लिया है हाजी ।।।

बुल्लेशाह तू हासिल की किता,
जे तू यार ना रख्या राजी ।।।।

कवि :-विष्णु शंकर रजाराम नाहेलिया "अज्ञात"

©Vishnu Naheliya #KabirJayanti #Love #Trading #motivate

Gyansagar Chaudhari

हाड़ जले जस बन की लकड़ियाँ, केश जले जस घासां,
सोने जैसी काया जल गई, कोइ न आयो रे पासां,
मन फूला फूला फिरे, जगत में कैसा नाता रे,

©Gyansagar Chaudhari #KabirJayanti #Quote

Narendra Sonkar

#KabirJayanti

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धर्म-भक्ति के नाम पर,मात्र आज है ढोंग।
 साधु बनकर लूट रहें, यारों चोर-चिपोंग।।

©Narendra Sonkar #KabirJayanti

Asheesh indian

complete version soon 🔜 #KabirJayanti

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कबीरा दरिया सागर सौ
घाट घाट चला बहता जाए
कोऊ तौ मिलै भारतवासी
जो भारत की बात सुनाए
जाति पांत सब छोड़ कै
मानव -मानव गले लगाए
जो मानव को मानव समझे नहीं
वो मानव नहीं कहलाए 
गैरन की बात मान कैं
अपनन सें इठलाए 
घर की चाकी जाको बुरौ लगै
औरन की रोटी खाए 
जाते तौ दुश्मन भलौ
तकौ यथापूर्व पता चल जाए
कहत कबीर सुनो भई साधो
घर कौ भेदी लंका ढाए

©Asheesh indian complete version soon 🔜
#KabirJayanti

Asheesh indian

#KabirJayanti

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कबीरा मंत्रमुग्ध हुआ, करि करि करि बिरानी आस।
अंत समय जब आया, तब कोऊ नहीं था साथ ।।

©Asheesh indian #KabirJayanti

Asheesh indian

#KabirJayanti शब्दार्थ:- तबहुं:- तब भी , अपहुँ:- अपनों का /अपनों से , गैरन:- पराए, अपनन कौ:- अपनों को

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कबीरा गए मक्का, मदीना, गए मंदिर , पीर मजार 
तबहुं न धो सके मैल मन का, रहे बिजार के बिजार
मन मैल के चक्कर में , तू अपहुँ को सर फोडेगौ
मैल न धो पायो मन को, तू अपहुं से रिश्ता तोड़ेगौ
अपहु से रिश्ता तोड़ेगो, तू गैरन से रिश्ता जोड़ेगौ
जो तू गैरान से रिश्ता जोड़ेगौ, अपनन कौ बीच राह में छोड़ेगौ
 जो तू अपनन कौ बीच राह में छोड़ेगौ, फिर कौन से रिश्ता जोड़ेगौ..?

©Asheesh indian #KabirJayanti शब्दार्थ:- तबहुं:- तब भी , अपहुँ:- अपनों का /अपनों से , गैरन:- पराए, अपनन कौ:- अपनों को
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