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Shivendra Gupta 'शिव'
#प्रेम_होना किसी विवाहित स्त्री से प्रेम होना सही है या गलत, मुझे ये पता नहीं।। परंतु इतना तो पता है अगर कोई स्त्री आई है प्रेम में आपसे जुड़ने, तो उसे वो प्रेम नहीं चाहिए देंह के सुख के लिए।। बल्कि बस वो अपनी उस भागती दुनिया से कुछ पल चाहती है अपने लिए, जहां वो बस खुद को महसूस कर पाए, और एकत्र कर पाए खुद केकुच अनछुए पल को अपने लिए, कुछ जीवन की मीठी तरंगे बजा ले अपने मन में, जो वो न कह पा रही है किसी से, वो कुछ कहीं उसके अंदर दबे अनछुए एहसासों को वो बांट पाए थोड़ा खुद से थोड़ा तुम से।। क्योंकि जब उसे थी जरूरत ये सब करने की बाटने की, तब नहीं दिखा उसे कोई, उसका दर्द सुनने को उसके दर्द को प्रेम को बांटने को... पर अगर सच में कोई स्त्री आ जाए हो जाए उससे तुम्हे प्रेम या उसे हो जाए तुमसे, तो एक बाद हमेशा याद रखना मेरे दोस्त, की न टूटे कभी उसके वो विश्वास की डोर, ना बिखरे उसके घर के एक भी मोती, बस उसकी भावनाओं को समझने की कोशिश करना,और ध्यान रखना की उसके चहरे पे ना आए कोई भी उदासी।। वो विवाहित स्त्री बस खुद को ढूंढने आई है तुम्हारे पास कोशिश करना की न टूटे वो कभी आके तुम्हारे पास, अपने परिवार,बच्चों की जिम्मेदारी से निकाल के समय थोड़ा।। स्त्री हर पुरुष पर विश्वास नहीं करती पर जिस पर करती है उस पर अपना सब वार देती है फिर वो एक पल भी कुछ नहीं सोचती है, औरत भगवान का बनाया एक खूबसूरत ग्रंथ है जिसे पढ़ने के लिए चाहिए एक प्रेम विश्वास उसे समझने सुनने का एक सब्र।। हां होते है इस दुनिया में बहुत से लोग जो इसे कुछ अलग हो मतलब के साथ सोचते हैं और कुछ और ही विचार बना लेते हैं, और वहीं होते हैं कुछ ऐसे जो स्त्री के उस प्रेम को अपना लेते हैं, पर उनमें भी कुछ होते हैं जो डरते है अपनाना तो चाहते हैं पर उन्हें लगता है की शायद ऐसा करने से वो उस स्त्री के पारिवारिक जीवन में बाधा न बन जाएं, कहीं उसके कारण वो स्त्री किसी मुसीबत में ना पड़ जाए, या उसे कोई दुख न पहुंच जाए... पर स्त्री जब किसी से अपने प्रेम को बोलती है तब वो सब कुछ सोच कर ही बोलती है वरना वो कभी दिल में होने के बाद भी इजहार नहीं किया करती... हो सकता है मेरी कुछ बातें कुछ लोगों को ठीक लगें कुछ को नहीं, सबकी अपनी सोच अपनी राय होती हैं।। मैं कोई उपदेशक नहीं न कुछ हूं बस दिल में आया या यूं कहें जो मुझे लगता है बस वो लिखा है🙏🙏 #मन_में_एकाएक 🥰 #सादर_आभार 🙏🙏 ©Shivendra Gupta 'शिव' #selflove
Shivendra Gupta 'शिव'
#ना_जाने_क्यों अब न जाने क्यों किसी से कुछ कहते कहते एक दम खामोश हो जाना चाहता हूं, लगने लगता है इस दुनिया की भीड़ में जिसका खुद में एक हिस्सा हो चुका हूं ये लोग थोड़ा खामोश क्यों नहीं हो सकते, क्यों हर बात को खसीटते हैं क्यों जाहिर करने लगते है लोग अपने भाव हर एक बात पर... अब हम खुश हो या दुखी हो ये दुनिया को बताने की क्या जरूरत है क्यों अपने तक सीमित नहीं रखना चाहते।। ये जीवन की राहें ये जीवन के किस्से हिस्से क्या होना है क्या नहीं कुछ भी हमारे बस में नहीं है, मतलब साफ है चाहें हम जीते या हम हार जाएं कुछ भी ऐसा नहीं है जिसके लिए हम तैयार हैं पहले से.. कभी कभी होता है जीवन में सबके वो पल जब वो व्यक्ति उस पल ऐसा हो जाता है उन दृश्यों के सामने की वो व्यक्ति कभी कभी अचेत अवस्था में पहुंच जाता है, एक दम बेबस लाचार सा, भयभीत सा ऐसे हो जाता है जैसे शरीर सुन्न सा पड़ गया है।। पर फिर भी हम इस भीड़ का हिस्सा बने रहना ही चाहते आखिर क्यों, जब हमे पता है इनमे से हमारे साथ कोई खड़ा होने वाला नहीं है... ना जाने क्यों बस अब ये दिल किसी से भी कुछ ना कहना चाहता है, बस शान्ति के साथ कहीं ठहर जाना चाहता है... 🥰 #मन_में_एकाएक ❤️ #सादर_आभार 🙏🙏 ©Shivendra Gupta 'शिव' #walkingalone
Shivendra Gupta 'शिव'
#लौटकर_आएगा_जरूर तुम दुनिया के किसी भी कोने में चले जाओ, तुम खूब पैसा कमाओ खूब उड़ाओ, जो मर्जी वो करो.. चाहे जितना किसी से चालाकी करो, उससे छल करो, जितना जो मन आए वो सब करते रहो, चाहे किसी को जितना नीचा दिखाना दिखाए जाओ।। पर एक दिन ऐसा जरूर आ जाना है जहां तुम्हारी चालाकियां काम नहीं आनी हैं, तुम्हे पछतावा होगा अपने किए सभी कर्मो का, रोना चाहोगे रोना ना आएगा, चिल्लाओगे अकेले, पर कोई सुनने वाला नहीं होगा।। तुम अपनी चालाकियों से अपना सब कुछ बर्बाद कर चुके होगे, कोई तुम्हारे पास न होगा, और जिन्होंने तुम्हारा साथ दिया तुम्हारी चालाकियों में उनका हश्र भी बुरा ही हो रहा होगा, वो भी पछता रहे होंगे की किसका साथ दिया जो ये हाल हुआ।। तुम्हे फिर वहीं लौटकर आना पड़ेगा जहां से ये चालाकियां शुरू की थी तुमने, और अपने किए हर कर्मों का स्मरण ये स्थान तुम्हे कराएगा, और तुम्हारे साथ साथ तुम्हारा किया तुम्हारे बच्चे तुम्हारा साथी सब भुगतेंगे और तुम्हे पल पल कोसेंगे।। और तुम खुद को न तो माफ कर पाने की स्थिति में होगे ना किसी से माफी मांगने की स्थिति में होगे, तुम्हारे कर्म ही तुम्हे लौटकर उसी जगह ला देंगे, एक दिन जब थकोगे अपनी चालाकियों से तुम, उस दिन वापस जरूर लौटोगे पीछे मुड कर अपनी हर चालाकी याद करोगे और रोगे, पर कोई ना होगा तुम्हे चुपाने वाला, जितनी देर लगेगी तुम्हे वापस लौटने में चीजों को समझने में, उतना ज्यादा तकलीफें मिलेंगी तुम्हे, और ऐसा होगा जरूर।। इसलिए कभी किसी से चालाकी मत कीजिए किसी का विश्वास मत तोड़िए, नही पता आपकी की वो चालाकी आपको और आपके अपनो को किन किन कष्टों में डालेगी, क्या पता आपका वो हाल हो जाए की आपकी हैसियत औकात पहचान सब खत्म हो जाए पलक झपकते ही।। इसलिए हमेशा कोशिश करिए की आपके द्वारा किसी का बुरा न हो किसी को तकलीफ न हो क्योंकि जो आप दूसरों के साथ करेंगे वो आपके साथ भी होगा जरूर एक दिन... 🙏 #मन_में_एकाएक 🥰 #सादर_आभार 🙏🙏 #शिव ©Shivendra Gupta 'शिव' #Ocean
Shivendra Gupta 'शिव'
#गलती... मनुष्य के जीवन में गलतियां होना स्वाभाविक है, और गलतियां होना जरुरी भी है , ये जीवन को सुदृढ़ सही रास्ते पे चलने का तरीका सिखाती है, गलतियां जो हुई होती है जीवन में वो हमेशा ही एक नया अध्याय एक अनुभव जीवन का सिखाती है, इनसे सीख के आगे इस गलती को ना दोहराना सीखना जरूरी है, यही ये दर्शाती है की आप जीवन में कुछ सीखना चाहते है आगे बढ़ना चाहते है, आपके अंदर वो एक ज्वाला है, जो आपको प्रेरित कर रही है कुछ अलग करने के लिए, पर आज कल हर इंसान खुद को ऐसा दिखाना बनाना चाहता है, की वो हर चीज में परिपक्व है, वो गलतियां कर रहा है और जानता भी है, फिर भी वो गलती बार बार दोहराता है, और दूसरों पे अपनी गलतियों का ठिठोरा फोड़ता घूमता है, एक गलती से सीखने की बजाए उसे छुपाने में लगा रहता है, और यही उसके दुखों का सबसे बड़ा कारण बन जाता है... इंसान की गलतियां ही बताती है, की वो इंसान है, वरना जो गलतियां नहीं करते या मानते नहीं है वो तो शायद या तो इंसान नहीं या उससे ऊपर कोई होते होंगे, या फिर खुद को भगवान समझते होंगे.. जीवन की सबसे बड़ी गलती इंसान की वही होती है, और उसकी बरबादी की शुरवात भी, जहां से इंसान उसकी की हुई गलती से कुछ सीख नहीं पाता...☺️🙏 #मन_में_एकाएक 🥰 #सादर_आभार 🙏🙏 #शिव ©Shivendra Gupta 'शिव' #chains
Shivendra Gupta 'शिव'
#सपनो_की_दुनिया कभी तुमने किसी को अपने इतना करीब महसूस किया है की जैसे वो तुम में ही कहीं बसा हो, की जैसे उसके चले जाने के डर से नींद ही उड़ जाए? कोई ऐसा जिन्दगी में जिसके खोने भर के ख्याल से ही एक सनसनाहट पूरे बदन में दौड़ जाए? कोई ऐसा जिसके ना होने से तुम्हारी ये जिन्दगी को आगे बढ़ाना मुश्किल है, जिन्दगी तो शायद जैसे तैसे कट जाएगी पर जीवन के उस अंतिम पढ़ाव में कहीं न कहीं ये लगेगा अफसोस रहेगा, की वो एक जो चला गया अगर वो साथ होता तो जिन्दगी आज शायद कुछ और ही होती।। ऐसा लगना सोचना तक बहुत दर्दनाक एहसास दिला जाता है, पर जिन्दगी है ये कब कहां क्या दिखाएगी किसी को नहीं पता, इसके गर्भ में क्या छुपा है कोई नहीं जानता है।। मैं तो रोज सपने में जीता हूं, महसूस करता हूं और खुश होता हूं सुकून से बैठता हूं, की कम से कम हकीकत में ना सही स्वप्नों की दुनियां में तो हम साथ हैं.. तुम्हें पता है ना की हम रोज मिलते है उन स्वप्नों की दुनियां में जहां इस बनावटी दुनिया का कुछ भी नहीं होता हमारे पास, बस होता है निश्चल सा हमारा प्रेम।। मैं तो बस एक टक तुम्हे देखते रहना चाहता हूं, बस तुम्हारे इन हाथों को अपने हाथ में लेके बैठे रहना चाहता हूं, की अब तो बस मैं चाहता हूं की मैं नींद में ही रहूं युग युगांतर तक तुम्हारे साथ.. ताकि जो पल छूट गए जो वक्त गुजर गया पर हम न मिल पाए न बैठ पाए साथ, वो पल वो हर क्षण मैं जी पाऊं रोज सिर्फ तुम्हारे साथ।। कभी कभी लगता है की तुम्हारे बिना ये जिन्दगी किसी काम की रही ही नहीं...☺️😞😒 #मन_में_एकाएक ❤️ #सादर_आभार 🙏🙏 #शिव ©Shivendra Gupta 'शिव' #udas
पथ भुला परदेशी
हर शख्स को पसंद आऊंगा उस दिन तुम सबके कंधों पर लेटकर जाऊंगा जिस दिन ©PREM JANGIR #पथ_भूला_परदेशी #प्रेम । #सादर_आभार #candle
#पथ_भूला_परदेशी #प्रेम । #सादर_आभार #candle
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#स्त्री_का_होना.. किसी भी पुरुष के जीवन में एक स्त्री का होना उसका स्थान बहुत महत्वपूर्ण होता है।। वह जो हमेशा खुद को मजबूत दिखाता है, कभी रोता नहीं कभी किसी काम को करने से, अपने परिवार के लिए जो दिनभर भागने से घबराता नहीं पीछे नहीं हटता है।। जिस दिन वो टूटने लगता है, भागते भागते थकने लगता है, हारने लगता है, उसे कुछ समझ नहीं आ रहा होता है।। तब एक स्त्री फिर चाहें वो उसकी मां हो, बहन हो, बीवी हो, प्रेमिका हो, बेटी हो, या कोई उसकी मित्र हो, किसी भी रूप में वो स्त्री हो, वही स्त्री उसे अपनी कोमलता, स्नेह, अपनेपन, शीतलता से फिर से उठ खड़े होने की एक अद्भुत ऊर्जा दे देती है, जिससे वो फिर से उठ खड़े होके लड़ने को हर मुसीबत से तैयार हो जाता है।। इसलिए हर किसी के जीवन में स्त्री का होना किसी भी रूप में बहुत जरूरी होता है, दोनो पूरक हैं एक दूसरे के, दोनो के बिना संसार चलता ही नहीं है, इसलिए जीवन में कभी किसी स्त्री का अपमान नहीं करना चाहिए और न ही उसे किसी भी कार्य में कम आंकना चाहिए.... 🥰 #मन_में_एकाएक ❤️ #सादर_आभार 🙏🙏 #शिव ©Shivendra Gupta 'शिव' #merimaa
Shivendra Gupta 'शिव'
#एक_नवीन_विचार... शायद आज कल के बच्चे न समझ पाएं पर अपनी उम्र के लोग तो ये सब जानते ही है समझते भी है और शायद अधिकतर लोग आज भी याद करते होंगे, बचपन में हमें सुलाने के लिए या यूं कहें सोने से पहले मां या दादी अम्मा के द्वारा सुनाई जाने वाली लोरी या कहानियां, जो हमे बहुत लुभाती थी, जिनसे कभी भी हम उबते नहीं थे और आज भी उन्हे याद करके खुद को आनंदित ही महसूस करते हैं।। ऊबते हम कब हैं जब हमें कुछ नया नहीं मिलता, आज के समय में हर कोई बस अपने हिसाब से सामने वाले को चाहता है इस लिए उसे किसी की बातें रोचक, किसी का साथ मजेदार तब तक लगता है जब तक सामने वाला उसके हिसाब से चलता है, वरना हमें वो पकाऊ लगने लगता है, और धीरे धीरे हम उससे पीछा छुड़ाने के बहाने ढूंढने लगते हैं... पर हम ये नहीं सोच पाते की वो जैसा है और हम खुद जैसे हैं वैसे ही रह कर एक दूसरे का साथ दे बातें करे जिस मोड़ पे आके सामने वाला बोलना बंद करे आपको नया न लगे वहां आप खुद आगे बढ़ कर उस इंसान को बदलने से अच्छा खुद अपने को जो अच्छी लगे उस बात की शुरवात करें हो सकता है सामने वाले को आपकी नवीन बातों से कुछ ऐसा मिले जो संकोच वश वो कह नहीं पा रहा हो आपसे और वो फिर से एक नई ऊर्जा के साथ आपके साथ जुड़ने लगे।। पर आज के जमाने में ये होना बहुत ही कठिन है क्योंकि हर किसी को बस सामने वाले से वैसा चाहिए जैसा उसका मन है वो खुद से कभी पहल नहीं करना चाहते उन्हे लगता है जैसे उनका आत्मसम्मान कम हो जायेगा, और इस वजह से न जाने कितने रिश्ते खत्म हो जाते है बिन किसी वजह के....। ये आज के जमाने में ठीक वैसे ही है जैसे कुछ लोग जब ज्यादा आधुनिक हो जाते है तो अपने पुराने विचारों वाले माता पिता की कद्र नहीं करते, उनसे बात करना कम कर देते हैं, अरे भाई आप उनसे विचार व्यक्त करें नए नए उन्हे भी सीखने में मजा आयेगा और आपको भी एक अलग अनुभव होगा अच्छा लगेगा, पर नहीं हम तो खुद को आधुनिक मानते है कि जो हमारे स्तर का नहीं हम उससे बात ही नहीं करेंगे...। कि हम जिस स्तर पे हैं उससे नीचे के स्तर पर जाना जैसे हमारा अपमान हैं, हमे बाते अपने स्तर या उससे ऊपर के स्तर की ही करनी है, भले फिर आप के साथ जो अच्छे लोग हो वो छूट क्यों न जाए।। अरे जो आपसे जुड़ा है या जुड़ रहा है नया नया हो सकता है उसका स्तर वो न हो जो आपका है या नया होने के कारण वो एक सीमा से बंधा समझ रहा हो खुद को, तो उससे बात करके उसे वहां तक लाने का प्रयास क्यों नहीं किया जाना चाहिए अपितु किसी नए को ढूंढने से अच्छा है जो जुड़ा है उसे ही पूरा खुलने का मौका दीजिए।। बहुत से लोग होते हैं जो अपनी सब बातें कह बोल चुके होते हैं या उनके पास ऐसा कुछ नहीं होता जो नया हो, वो खुद से परेशान हो चुके होते है, और ऐसे लोग खुद से जिन्दगी से हताश होने लगते हैं, और खुद को हीन भावना से देखने लगते हैं और ऐसे लोगों के ही मन में खुद को खत्म कर देने के विचार आने लगते हैं।। किसी को अकेलापन तब लगने लगता है जब उसके पास नवीन विचार ही नहीं रहते तो वो खुद को कमजोर समझने लगते हैं और खुद के लिए बस एक ही विकल्प उन्हे नजर आने लगता है आत्महत्या... ये सोचना ही बहुत पीड़ादायक होता है इसके लिए बहुत हिम्मत चाहिए होती है.. पर आखिर किसी को इस हद तक पहुंचने ही क्यों दिया जाए.।। मेरे विचार से तो जब आप किसी से जुड़े और आपको लगे की अब रोज रोज सामने वाला वही बातें कर रहा है, या चाह कर भी कुछ नया नहीं कह पा रहा, तो उसे अपनी और से एक नवीन बात की, किसी कार्य की, रिश्ते की या कुछ भी नवीन शुरवात देने पे विचार करना चाहिए न की उसे छोड़ के उसके हाल पे आगे बढ़ने के.. क्योंकि आपके द्वारा दिया गया नवीन विचार या बात उसके मन से हीन भावना, खुद को निम्न समझने की भावना, या यूं कहे खुद को खत्म करने के विचार को पूर्ण विराम दे सकता हैं, और इस तरह उसे एक नई दिशा में जीवन जीने का आकर्षण मिल जायेगा..।। इसलिए अगर आपके आस पास मिलने में या आपके अपनों में कोई ऐसा लगे फिर चाहें वो आपका मित्र हो घर का कोई हो जिसकी बातें तनावग्रस्त हैं या फिर वो खुद को दूसरों से निम्न समझ रहा है, उसकी बातें कुछ उलझी सी लग रहीं है तो उससे बातें करिए वो जो भी उल्टा सीधा कहे उसे इत्मीनान से थोड़ा समय देके सुनिए.. और उसे एक नवीन विचार दीजिए जिससे वो सकारात्मक रह पाए, और अपने अन्दर आने वाले निम्न विचारों को दूर कर पाए... 🥰 #मन_में_एकाएक ❤️ #सादर_आभार 🙏🙏 #शिव ©Shivendra Gupta 'शिव' #selfhate
Shivendra Gupta 'शिव'
#भावनात्मक जीवन में हर समय बदलता रहता है एक सा नहीं रहता, और इसके साथ खुद को बदलना बहुत महत्वपूर्ण हैं, आज के समय में भावनाओं की कीमत नहीं है, कीमत है बस आपके पद की आप किसी के लिए कितना जरूरी हैं कितना काम के हैं इसकी।। आज के जमाने में लोग केवल आपके आस पास है अपने किसी न किसी मतलब के लिए, ना की आपके साथ खड़े रहने के लिए, आपका साथ देने के लिए, लोगों के पास समय नहीं है किसी से बात का बिना किसी मतलब के, हर कोई बस आके आपका कहीं न कहीं नुकसान करने को ही बैठा है, फिर वो आर्थिक या भावनात्मक किसी भी रूप में हो सकता है।। ऐसा नहीं कहता की सब ही ऐसे हैं पर अधिकतर लोग ऐसे ही हैं, गलत नहीं है वो क्योंकि वो भावनाओं से नहीं जुड़ते वो अपने दिमाग का प्रयोग करते हैं, वो दिल से बात नहीं करते, बस अपने वो ये देखते है आपसे वो कितना फायदा उठा सकते हैं।। पर हमें उनके द्वारा किए गए कामों से व्यवहार से तकलीफ होती है क्योंकि हम वो लोग हैं जो किसी के साथ रिश्तों में दिमाग से नहीं दिल से काम लेते हैं और इस लिए हमारी भावनाओं को ठेस लगती है और हम टूट जाते हैं, तो ये गलती हमारी है, क्योंकि हम आज के समय के हिसाब से खुदको बदल नहीं पाए।। जीवन में समय के साथ खुद को परिवर्तित करना बहुत जरूरी है, ये नहीं जरूरी की हम सबकी तरह बने, पर हां हम ऐसे तो बन सकते हैं की कोई हमारा प्रयोग न कर सके।। दिल के साथ दिमाग भी लगाना सोचना समझना जरूरी है आज के समय में सब कुछ, उसके बाद ही फैसले लेना जरूरी है, जिससे कोई हमें भावनात्मक रूप से आपको तोड़ ना पाए, क्योंकि ये एक ऐसी त्रासदी है, जिसके बाद इंसान बहुत टूट जाता है।। हमे कभी भी किसी को अपनी भावनाओं को तोड़ने का मौका नहीं देना चाहिए, समय के साथ हमें भी वैसे ही खुद को थोड़ा बदल लेना चाहिए, तभी हम खुद को महसूस कर पाएंगे खुश रख पाएंगे... 🥰 #मन_में_एकाएक #सादर_आभार 🙏🙏 #शिव ©Shivendra Gupta #Goodevening
Shivendra Gupta 'शिव'
#जिन्दगी_की_ट्रेन कमाल है बस ये जिन्दगी का भी, ये कम नहीं है किसी भी कड़वी दवा से, जैसे किसी बीमारी को ठीक करने के लिए हमे औषधियों का, दवाइयों का सहारा लेना पड़ता है, ठीक वैसे ही कुछ चंद खास लोगों के लिए हमे जीना भी होता है, चाहें हमे हसने का दिखावा ही क्यों न करना पड़े।। कभी कभी सोचता हूं काश ये जिन्दगी थोड़ा सरल सी होती, ऐसी सी होती जैसे रुई के फाहे जैसी जो मिठाई होती है, जैसे कोई बुझी हुई पहेली जिसे बार बार फिर से किसी से पूछते रहने में मजा आता है, जैसे किसी हमारे पसंदीदा विषय पर लगातार हमें बात करना पसंद होता है।। पर ये सब केवल बातें है जिन्दगी ऐसी नहीं हुआ करती है, जिन्दगी कल्पना से पूरी तरह परे है जहां पे अचानक कब क्या होगा किसी को नहीं पता, आप चाहें या ना चाहें आपको वो सब करना पड़ेगा जो आपके अपनों को अच्छा लगता है, आपकी बहुत सी जिम्मेदारी हैं, बहुत लोग आप पर निर्भर हैं और सबको आपको देखना पड़ेगा, साथ लेकर चलना पड़ेगा, आपको अपने सपने अपनी चीजों को छोड़ना पड़ेगा, ना जाने कब कहां आपको मन मार कर भी रहना पड़ेगा, ये जिन्दगी एक ऐसी ट्रेन है जिसे हम पकड़ना नहीं चाहते पर हम खड़े उस प्लेटफार्म पर हैं जहां से इसे छोड़ भी नहीं सकते, कभी कभी होता है मन छोड़ देते हैं ऐसी ट्रेन को और बैठ जाते हैं जाके सुकून से, पर हम चाह कर भी ऐसा कर नहीं सकते, क्योंकि इस ट्रेन में है कुछ ऐसे जरूरी लोग जिनके बिना शायद जीवन की भी आप कल्पना करना नहीं चाहेंगे, उन्हे आप अकेले नहीं छोड़ सकते, हर हाल पे आपको ये ट्रेन प्लेटफार्म से पकड़नी ही है।। जिन्दगी की ट्रेन है जिसे आपको पकड़े ही रहना है और सफर करते रहना है और जब सफर करना ही है तो हंसते हुए हंसाते हुए करिए, मुश्किलें तो कभी कम न होनी, या यूं कहिए ऐसी ट्रेन में है जहां आपकी सीट कभी कन्फर्म नहीं होगी पर सफर इसी ट्रेन में जीवन भर जारी रहना है... 🥰 #मन_में_एकाएक #सादर_आभार 🙏🙏 #शिव ©Shivendra Gupta #fog