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मिलन राधाकृष्ण

थका, हारा, टूटा हुआ खड़ा था मैं मुँड़ेर पर,
नजरें पड़ी मेरी मिट्टी के एक ढ़ेर पर,
चौंका मैं आया ये कहाँ से मेरी दहलीज पर,
देखा उसे मैंने नजरें तरेर कर।
देख कर उस ढ़ेर को मैं हसने लगा, निमित्त थी जिसकी पिपीलिका। 

कौंधी अचानक एक बिजली जहन में,
पड़ गया मैं एक चिंतन गहन में, 

ये दृश्य था साहस, मेहनत और लगन का,
विश्रंभ, एकता और उस अनल का,
हो रही जो प्रवाह रग में बनके रुधिर,
हथियार डाले सामने जिसके तिमिर। 

ये दृश्य था विश्वास के उस समर का,
जहाँ एक ओर वनवासी प्रतिद्वंद्व में लंकेश था। 

था मार्गदर्शन उनमे वाशुदेव सा,
ऐसा लगा मानो ये रण हो कुरुक्षेत्र का। 

था उनमे बल कई गुना अपने शरीर का,
मानो लगा प्रतिरूप हो वो भीम का। 

थी उनमे ऐसी लगन अपने कर्म की,
ना फिक्र रहती उनको अपने मर्म की। 

ये दृश्य था विजय के उस उदघोष का,
हर दलित के उत्थान की शुभ्र सोच का। 

करते निरन्तर जतन कोई भी वार हो,
चाहे जीत हो , या फिर चाहे हार हो।
[ समझा द्विवेदी जी की बातों का मर्म आज मैं, थी जिसमे सफलता की नीति, 
बात थी कि "कोशिश करने वालों की कभी हार नही होती"|] 

हुआ नए सूरज का उदय मेरे जहन में,
मैं निकला बाहर कायरता के वहम से,
उठी हूक एक मेरे मानस-पटल से,
मत डिग तू रह अटल अपने सत्य पे,
क्यों मानता है हार अपने कर्म से,
तू दे उसे ललकार स्व विश्रंभ से, 

पड़ता नही कोई फर्क चाहे कैसा भी आकार हो,
तुम करो अपना कर्म सारे सपने साकार हो।

©MAAN THE CREATOR #maanthecreator 

#Sunrise

मिलन राधाकृष्ण

क्या लिखूँ....? #poem #Poetry #Hindi #Video #maanthecreator

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मिलन राधाकृष्ण

my first poem but not the last.. Love #Poetry #poem #Hindi #Shayar #maanthecreator

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मिलन राधाकृष्ण

रिश्ता.... #Hindi #Quote #poem #maanthecreator #Hum_Tum

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रिश्ता आसमान में उड़ती हुई उस पतंग की तरह है जिसका उड़ना हवा और डोर की कसावट दोनों के सामंजस्य पर निर्भर है, वो पतंग तभी उड़ पाएगी जब हवा का रुख और डोर की खींचतान दोनों की बराबर की हिस्सेदारी हो। दोनों में से अगर एक ने भी पीछे कदम हटाये तो पतंग गिर पड़ेगी।

©MAAN THE CREATOR रिश्ता....
#Hindi #Quote #poem #maanthecreator 

#Hum_Tum

मिलन राधाकृष्ण

भारत का भटकता युवा वर्ग.... #VivekanandThoughts #poem #Hindi #motivate #maanthecreator #Hindu #India #Jeevan_ka_gyaan

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"भटकता युवा वर्ग" 

भारत के इस युवा वर्ग ने, घोर अंधेरा अपनाया
नैतिकता को छोड़ दिया, व्यसनों का साया मंडराया 

भारत की छोड़ी संस्कृति, पश्चिम का कल्चर अपनाते
छोड़ हरि की भक्ति ये, गाने फ़िल्मों के है गाते 

ये माता-पिता के पैसों को, पानी की तरह बहाते है
सुनकर उनके आदेशो को, मन ही मन घुर्राते है 

जब बात पढ़ाई की होती, तो जूरी ताप चढ़ा लेते
अश्लील पत्रिका हाथ लगे, तो सारी रात बिता देते 

घर का खाना नही भाता, होटल पर खाना खाते है
और देख पार्टी महफ़िल ये, बिना बुलाये जाते है 

होली-दीवाली पर्वों को, ये रूढ़ी बात बताते है
हिन्दुस्तानी रीत छोड़ ये, वैलेंटाइन मनाते है 

नाम नही ईश्वर का लेते, भजन राम का नही गाते
शाहरुख, अक्षय, कैटरीना की फ़ोटो घर मे है लाते 

अब छोड़ो भैया इन व्यसनों को,
गाँधी के कदमो पर चलना होगा
अगर यही हाल रहा तो आने वाला कल कैसा होगा ? 

~ डॉ. महेश गौसिंहा

©MAAN THE CREATOR भारत का भटकता युवा वर्ग....
#VivekanandThoughts #poem #Hindi #motivate #maanthecreator #Hindu #India 

#Jeevan_ka_gyaan

मिलन राधाकृष्ण

लेखन प्रक्रिया... #Hindi #Poetry #poem #Shayar Love #writing #maanthecreator #PoetInYou

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क्या लिखूँ लगा रहा हूँ गोते कल्पना के सागर में
चुनने को कुछ मोती
पिरो सकू जिन्हें मैं कलम की नोंक पर
ताकि बना सकू एक सुंदर वर्णो की माला
पर आसान नही है यूँ शब्दों को चुनना
बड़ा दुष्कर है उस सागर की गहराई में उतरना
फसने लगता हूँ मैं उन शब्दों के जाल में
और थमने लगती हैं साँसे कल्पनाओं के उफान में
कभी डूबु और कभी बहा जाता हूँ इन शब्दो की लहरों में
और घात लगाए बैठे है कुछ जीव व्याकरण के चेहरों में
बड़ी मशक्क़त से बचके इनसे 
तब जाके मिलते है कुछ शब्दो के मोती
पर फिर भी रहता असमंजस में 
क्या इससे भी बेहतर ये रचना होती..?

©MAAN THE CREATOR लेखन प्रक्रिया...
#Hindi #Poetry #poem #Shayar #Love #writing #maanthecreator 

#PoetInYou

मिलन राधाकृष्ण

"इंतेज़ार" 

हाँ खफ़ा हो तुम मुझसे,
पता है गलती जो मेरी है.....
तुम्हारा गुस्सा , बात न करना और मेरे नम्बर भी डिलीट कर देना सब जायज है...
नाराज नही हु मैं तुमसे इन सब के लिये,
आखिर इतना गुरूर तुम पर फबता जो है....
पर आज के दिन उस आधी रात से मैंने तुम्हारे msg का इंतज़ार किया है,
हर msg को तुम्हारा समझ के उसका दीदार किया है...
पर ये आंखे प्यासी ही रह गयी,
और दिल के अरमान इन सर्द हवाओं में कही जम से गये..
सोचा ना था कि इस कदर भी रुठ जाओगी तुम
की इस खास दिन पर भी मुझे भूल जाओगी तुम...

©MAAN THE CREATOR #Love #Hindi #Poetry #poem #Shayar #maanthecreator 

#Lights

मिलन राधाकृष्ण

उनका नाराज़ होना हमे इतना नही खला, जितना कि उनका हमे नजरअंदाज करना खल गया......

©MAAN THE CREATOR #Hindi #poem #Shayar #alone #maanthecreator 

#AloneInCity

मिलन राधाकृष्ण

दुष्यंत कुमार जी को पुण्यतिथि पर सादर नमन....🙏🙏 #Hindi #hindipoetry #Poet #maanthecreator

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पुण्यतिथि पर सादर नमन

©MAAN THE CREATOR दुष्यंत कुमार जी को पुण्यतिथि पर सादर नमन....🙏🙏

#Hindi #hindipoetry #Poet #maanthecreator

मिलन राधाकृष्ण

जय श्री राम..... . . . Ramleela #Hindi #poem #kavita #hindipoetry #maanthecreator

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हे राजीव-नयन, दशरथ नंदन, कौशल्या पुत्र तुम्हारी जय ।
रघुवंशमणि,जानकीपति, लक्ष्मण के भाई तुम्हारी जय ।। 

ममता के सागर में डूबे, माँ के मौक्तिक तुम्हारी जय ।
कौशल्या, कैकई और सुमित्रा, के प्राणाधार तुम्हारी जय ।। 

अनुजों के तात, सखा,भाई, उनके भगवान तुम्हारी जय ।
लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न, तीनो के ज्येष्ठ तुम्हारी जय ।। 

हे सूर्यवंश के वंशज, रघुकुल के तेज तुम्हारी जय ।
वचनों पे प्राण करे न्यौछावर, हे धर्मात्म तुम्हारी जय ।। 

बल,भक्ति,रूप,ज्ञान,विनय, हर गुण की खान तुम्हारी जय ।
जीता सीता के स्वयंवर को, शिवधनु भंजक तुम्हारी जय ।। 

पिता के वचनों के खातिर, गए वन को राम तुम्हारी जय ।
छोड़े सब सुख और जगतराज, हे परम-त्याग तुम्हारी जय ।। 

नही किया पक्षपात कोई, हे समत्व भाव तुम्हारी जय ।
करते आदर ह्रदय से सबका, केवट के मित्र तुम्हारी जय ।। 

होके भगवन वन में रोये, करुणा के बाँध तुम्हारी जय ।
पत्नी वियोग में हुए व्याकुल, हे सीता-पति तुम्हारी जय ।। 

खाए सबरी के जूठे बेर, हे निश्छल प्रेम तुम्हारी जय ।
किया भवसागर से पार उन्हें, हे तारणहार तुम्हारी जय ।। 

है सहाय तुमने सुग्रीव की कि, बाली के अंत तुम्हारी जय ।
दी पत्नी,खोया राज उसे, हे मित्र-श्रेष्ठ तुम्हारी जय ।। 

लांघा सौ योजन समुद्र गए, लंका हनुमान तुम्हारी जय ।
कि सीताजी की खोज किया, लंका के दहन तुम्हारी जय ।। 

बांधा सेतु सागर पर तुमने, हे राम नाम तुम्हारी जय ।
नही रुके किसी चुनौती से, हे अविराम तुम्हारी जय ।। 

ले सेना फतेह करी लंका, हे रघुकुल वीर तुम्हारी जय ।
मारा सारे राक्षस कुल को, हे उनके मोक्ष तुम्हारी जय ।। 

हे जगतपिता,हे जगदीश्वर, मेरे आराध्य तुम्हारी जय ।
कहे मरते दम तक 'मिलन' यही, हे मेरे राम तुम्हारी जय ।।

©MAAN THE CREATOR जय श्री राम.....
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