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Rahul Sharma
ताबील ए हुस्न भी वो न कर पाया मुख़्तसर सी निगाह जो कर बैठी #mukhtasar #eklafzeksher #yqbaba #yqbhaijan #yqdidi #collab #challenge #writer
Deeksha Joshi
बेमतलब ही सही पर बात तो हो... मुख़्तसर ही सही, मुलाक़ात तो हो..! #mukhtasar #eklafzeksher #challenge #yqbhaijan #mulakat #yqbaba #yqshayari
YourQuote Bhaijan
जैसे होती आयी है वैसे बसर हो जाएगी ज़िन्दगी अब मुख़्तसर से मुख़्तसर हो जाएगी. 'मीराजी' आज का लफ़्ज़ है मुख़्तसर। इस लफ़्ज़ के इस्तेमाल से कोई नज़्म या शेर लिखें। مختصر لفظ کے استعمال سے کوئی نظم یا شعر لکھیں۔
जैसे होती आयी है वैसे बसर हो जाएगी ज़िन्दगी अब मुख़्तसर से मुख़्तसर हो जाएगी. 'मीराजी' आज का लफ़्ज़ है मुख़्तसर। इस लफ़्ज़ के इस्तेमाल से कोई नज़्म या शेर लिखें। مختصر لفظ کے استعمال سے کوئی نظم یا شعر لکھیں۔
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ऐ ज़ौक़ तकल्लुफ़ में है तकलीफ़ सरासर आराम में है वो जो तकल्लुफ़ नहीं करता" उस्ताद ज़ौक़" एक लफ़्ज़-एक शे'र के तहत आज का लफ़्ज़ है तकल्लुफ़' जिस का मतलब होता है औपचारिकता। इस लफ़्ज़ को अपनी तख़लीक़ का हिस्सा बनाएँ।
ऐ ज़ौक़ तकल्लुफ़ में है तकलीफ़ सरासर आराम में है वो जो तकल्लुफ़ नहीं करता" उस्ताद ज़ौक़" एक लफ़्ज़-एक शे'र के तहत आज का लफ़्ज़ है तकल्लुफ़' जिस का मतलब होता है औपचारिकता। इस लफ़्ज़ को अपनी तख़लीक़ का हिस्सा बनाएँ।
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एक लफ़्ज़-एक शे'र आज न जाने राज़ ये क्या है हिज्र की रात और इतनी रौशन! 'जिगर मुरादाबादी' आज का लफ़्ज़ है 'हिज्र'
एक लफ़्ज़-एक शे'र आज न जाने राज़ ये क्या है हिज्र की रात और इतनी रौशन! 'जिगर मुरादाबादी' आज का लफ़्ज़ है 'हिज्र'
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EK LAFZ - EK SH'ER تو پھر یہ کون سی منزل ہے، گر وصال نہیں جدا ہیں پھر بھی جدائی کا کچھ خیال نہیں.. راز رضوانی" दोस्तो आदाब। अच्छी शाइरी और तख़लीक़ के लिए लफ़्ज़ के सही तलफ़्फ़ुज़-ओ-मा'नी का इल्म निहायत ज़रूरी है।
تو پھر یہ کون سی منزل ہے، گر وصال نہیں جدا ہیں پھر بھی جدائی کا کچھ خیال نہیں.. راز رضوانی" दोस्तो आदाब। अच्छी शाइरी और तख़लीक़ के लिए लफ़्ज़ के सही तलफ़्फ़ुज़-ओ-मा'नी का इल्म निहायत ज़रूरी है।
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