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Mahima Jain
म :- महिमा मेरा नाम ह :- हर हालत में हिम्मत से लेती हूं काम म :- मुझे जानना है बस खुद को ज :- जानना है खुद के अस्तित्व को न :- निकल पड़ी हूं इसी की खोज में।। काव्य के विभिन्न रूपों में एक रूप है नेम पोएम का। अपने नाम के प्रत्येक अक्षर से आरंभ होने वाले शब्दों से सुसज्जित इस कविता स्वरूप कुछ इस प्रकार होगा। *योरकोट दीदी (इसे कविता न मानें बस नाम काव्य के स्वरूप को जानने के लिए है यह:) य - यह मेरी पहचान है र - रिश्ता निभाना आता है क - कौन भला इस जग में ऐसा ट - टूट जाए पर मुँह से न बोले
काव्य के विभिन्न रूपों में एक रूप है नेम पोएम का। अपने नाम के प्रत्येक अक्षर से आरंभ होने वाले शब्दों से सुसज्जित इस कविता स्वरूप कुछ इस प्रकार होगा। *योरकोट दीदी (इसे कविता न मानें बस नाम काव्य के स्वरूप को जानने के लिए है यह:) य - यह मेरी पहचान है र - रिश्ता निभाना आता है क - कौन भला इस जग में ऐसा ट - टूट जाए पर मुँह से न बोले
read moreMadhur Choubey
कहा उसने एक दिन के लिख दो एक कविता मेरे नाम की जो बयां करें उसे मुकम्मल वो अल्फ़ाज़ कहाँ से लाऊँ काव्य के विभिन्न रूपों में एक रूप है नेम पोएम का। अपने नाम के प्रत्येक अक्षर से आरंभ होने वाले शब्दों से सुसज्जित इस कविता स्वरूप कुछ इस प्रकार होगा। *योरकोट दीदी (इसे कविता न मानें बस नाम काव्य के स्वरूप को जानने के लिए है यह:) य - यह मेरी पहचान है र - रिश्ता निभाना आता है क - कौन भला इस जग में ऐसा ट - टूट जाए पर मुँह से न बोले
काव्य के विभिन्न रूपों में एक रूप है नेम पोएम का। अपने नाम के प्रत्येक अक्षर से आरंभ होने वाले शब्दों से सुसज्जित इस कविता स्वरूप कुछ इस प्रकार होगा। *योरकोट दीदी (इसे कविता न मानें बस नाम काव्य के स्वरूप को जानने के लिए है यह:) य - यह मेरी पहचान है र - रिश्ता निभाना आता है क - कौन भला इस जग में ऐसा ट - टूट जाए पर मुँह से न बोले
read moreताजदार
ह - हर पल जीना चाहता हूँ मैं म - मुस्कुराना चाहता हूँ मैं न - नभ छूना चाहता हूँ मैं श - शब-ए-ग़म से दुर रहना चाहता हूँ मैं काव्य के विभिन्न रूपों में एक रूप है नेम पोएम का। अपने नाम के प्रत्येक अक्षर से आरंभ होने वाले शब्दों से सुसज्जित इस कविता स्वरूप कुछ इस प्रकार होगा। *योरकोट दीदी (इसे कविता न मानें बस नाम काव्य के स्वरूप को जानने के लिए है यह:) य - यह मेरी पहचान है र - रिश्ता निभाना आता है क - कौन भला इस जग में ऐसा ट - टूट जाए पर मुँह से न बोले
काव्य के विभिन्न रूपों में एक रूप है नेम पोएम का। अपने नाम के प्रत्येक अक्षर से आरंभ होने वाले शब्दों से सुसज्जित इस कविता स्वरूप कुछ इस प्रकार होगा। *योरकोट दीदी (इसे कविता न मानें बस नाम काव्य के स्वरूप को जानने के लिए है यह:) य - यह मेरी पहचान है र - रिश्ता निभाना आता है क - कौन भला इस जग में ऐसा ट - टूट जाए पर मुँह से न बोले
read morePrateek Kulshrestha
Kavitha mere mann ki, Kisiko kaise sunau, Duvidha mere jeevan ki, Kisiko kaise batau, Akele hi sehna hai dukh dard zindagi ke, Bus muskura kar jiye jau.... काव्य के विभिन्न रूपों में एक रूप है नेम पोएम का। अपने नाम के प्रत्येक अक्षर से आरंभ होने वाले शब्दों से सुसज्जित इस कविता स्वरूप कुछ इस प्रकार होगा। *योरकोट दीदी (इसे कविता न मानें बस नाम काव्य के स्वरूप को जानने के लिए है यह:) य - यह मेरी पहचान है र - रिश्ता निभाना आता है क - कौन भला इस जग में ऐसा ट - टूट जाए पर मुँह से न बोले
काव्य के विभिन्न रूपों में एक रूप है नेम पोएम का। अपने नाम के प्रत्येक अक्षर से आरंभ होने वाले शब्दों से सुसज्जित इस कविता स्वरूप कुछ इस प्रकार होगा। *योरकोट दीदी (इसे कविता न मानें बस नाम काव्य के स्वरूप को जानने के लिए है यह:) य - यह मेरी पहचान है र - रिश्ता निभाना आता है क - कौन भला इस जग में ऐसा ट - टूट जाए पर मुँह से न बोले
read morepurvi Shah
पूर्वी मेरी और से पहली किरण सूरज की, एक शरुआत जिवन में नई उम्मीद की..! काव्य के विभिन्न रूपों में एक रूप है नेम पोएम का। अपने नाम के प्रत्येक अक्षर से आरंभ होने वाले शब्दों से सुसज्जित इस कविता स्वरूप कुछ इस प्रकार होगा। *योरकोट दीदी (इसे कविता न मानें बस नाम काव्य के स्वरूप को जानने के लिए है यह:) य - यह मेरी पहचान है र - रिश्ता निभाना आता है क - कौन भला इस जग में ऐसा ट - टूट जाए पर मुँह से न बोले
काव्य के विभिन्न रूपों में एक रूप है नेम पोएम का। अपने नाम के प्रत्येक अक्षर से आरंभ होने वाले शब्दों से सुसज्जित इस कविता स्वरूप कुछ इस प्रकार होगा। *योरकोट दीदी (इसे कविता न मानें बस नाम काव्य के स्वरूप को जानने के लिए है यह:) य - यह मेरी पहचान है र - रिश्ता निभाना आता है क - कौन भला इस जग में ऐसा ट - टूट जाए पर मुँह से न बोले
read morehirpara amit
अविचल मिलती वो मुझसे तो कभी तिलमिला जाती, वो मेरी कविता मुझे शब्दों सी एक रूह बन छू जाती। आसमाँ से मिलाती तो कभी तालाब किनारे ले जाती, वो मेरी कविता मुझे ख्वाब में हकीकत दिखा जाती। आँखों में मिलती आशा सी तैरे तो एक नाव बन जाती, वो मेरी कविता मुझमें उलझन सी खुद ही सुलझ जाती। आयने सी मोहब्बत वो मेरी शब्दों में कहीं ओझल जाती, वो मेरी कविता मुझमें कलम से अह्सास लिख जाती। काव्य के विभिन्न रूपों में एक रूप है नेम पोएम का। अपने नाम के प्रत्येक अक्षर से आरंभ होने वाले शब्दों से सुसज्जित इस कविता स्वरूप कुछ इस प्रकार होगा। *योरकोट दीदी (इसे कविता न मानें बस नाम काव्य के स्वरूप को जानने के लिए है यह:) य - यह मेरी पहचान है र - रिश्ता निभाना आता है क - कौन भला इस जग में ऐसा ट - टूट जाए पर मुँह से न बोले
काव्य के विभिन्न रूपों में एक रूप है नेम पोएम का। अपने नाम के प्रत्येक अक्षर से आरंभ होने वाले शब्दों से सुसज्जित इस कविता स्वरूप कुछ इस प्रकार होगा। *योरकोट दीदी (इसे कविता न मानें बस नाम काव्य के स्वरूप को जानने के लिए है यह:) य - यह मेरी पहचान है र - रिश्ता निभाना आता है क - कौन भला इस जग में ऐसा ट - टूट जाए पर मुँह से न बोले
read moreAshish Mishra
अपनी लोगों से दूर, शोरगुल से कुछ दूर, षड़यंत्रो से दूर खुद में ही, मग्न रहना अच्छा लगता है श्रोताओं की भीड़ में भी शान्त, रहना अच्छा लगता है। काव्य के विभिन्न रूपों में एक रूप है नेम पोएम का। अपने नाम के प्रत्येक अक्षर से आरंभ होने वाले शब्दों से सुसज्जित इस कविता स्वरूप कुछ इस प्रकार होगा। *योरकोट दीदी (इसे कविता न मानें बस नाम काव्य के स्वरूप को जानने के लिए है यह:) य - यह मेरी पहचान है र - रिश्ता निभाना आता है क - कौन भला इस जग में ऐसा ट - टूट जाए पर मुँह से न बोले
काव्य के विभिन्न रूपों में एक रूप है नेम पोएम का। अपने नाम के प्रत्येक अक्षर से आरंभ होने वाले शब्दों से सुसज्जित इस कविता स्वरूप कुछ इस प्रकार होगा। *योरकोट दीदी (इसे कविता न मानें बस नाम काव्य के स्वरूप को जानने के लिए है यह:) य - यह मेरी पहचान है र - रिश्ता निभाना आता है क - कौन भला इस जग में ऐसा ट - टूट जाए पर मुँह से न बोले
read moreArunima Thakur
अ नोखी हूँ सबसे र गंबाज भी ण (न) हीं डरती किसी से मा नती सबको दोस्त (इससे अच्छी कोई मेरे नाम की कविता बना सकें तो स्वागत है) काव्य के विभिन्न रूपों में एक रूप है नेम पोएम का। अपने नाम के प्रत्येक अक्षर से आरंभ होने वाले शब्दों से सुसज्जित इस कविता स्वरूप कुछ इस प्रकार होगा। *योरकोट दीदी (इसे कविता न मानें बस नाम काव्य के स्वरूप को जानने के लिए है यह:) य - यह मेरी पहचान है र - रिश्ता निभाना आता है क - कौन भला इस जग में ऐसा ट - टूट जाए पर मुँह से न बोले
काव्य के विभिन्न रूपों में एक रूप है नेम पोएम का। अपने नाम के प्रत्येक अक्षर से आरंभ होने वाले शब्दों से सुसज्जित इस कविता स्वरूप कुछ इस प्रकार होगा। *योरकोट दीदी (इसे कविता न मानें बस नाम काव्य के स्वरूप को जानने के लिए है यह:) य - यह मेरी पहचान है र - रिश्ता निभाना आता है क - कौन भला इस जग में ऐसा ट - टूट जाए पर मुँह से न बोले
read morerupali yadav
कभी लिखना तुम भी, पता तो चले क्या शब्दों से हमें बयां कर पाना आसान है!! काव्य के विभिन्न रूपों में एक रूप है नेम पोएम का। अपने नाम के प्रत्येक अक्षर से आरंभ होने वाले शब्दों से सुसज्जित इस कविता स्वरूप कुछ इस प्रकार होगा। *योरकोट दीदी (इसे कविता न मानें बस नाम काव्य के स्वरूप को जानने के लिए है यह:) य - यह मेरी पहचान है र - रिश्ता निभाना आता है क - कौन भला इस जग में ऐसा ट - टूट जाए पर मुँह से न बोले
काव्य के विभिन्न रूपों में एक रूप है नेम पोएम का। अपने नाम के प्रत्येक अक्षर से आरंभ होने वाले शब्दों से सुसज्जित इस कविता स्वरूप कुछ इस प्रकार होगा। *योरकोट दीदी (इसे कविता न मानें बस नाम काव्य के स्वरूप को जानने के लिए है यह:) य - यह मेरी पहचान है र - रिश्ता निभाना आता है क - कौन भला इस जग में ऐसा ट - टूट जाए पर मुँह से न बोले
read morekavi manish mann
कविता मेरे मन की प्रकट करे सारे संतापी जीवन की। काव्य के विभिन्न रूपों में एक रूप है नेम पोएम का। अपने नाम के प्रत्येक अक्षर से आरंभ होने वाले शब्दों से सुसज्जित इस कविता स्वरूप कुछ इस प्रकार होगा। *योरकोट दीदी (इसे कविता न मानें बस नाम काव्य के स्वरूप को जानने के लिए है यह:) य - यह मेरी पहचान है र - रिश्ता निभाना आता है क - कौन भला इस जग में ऐसा ट - टूट जाए पर मुँह से न बोले
काव्य के विभिन्न रूपों में एक रूप है नेम पोएम का। अपने नाम के प्रत्येक अक्षर से आरंभ होने वाले शब्दों से सुसज्जित इस कविता स्वरूप कुछ इस प्रकार होगा। *योरकोट दीदी (इसे कविता न मानें बस नाम काव्य के स्वरूप को जानने के लिए है यह:) य - यह मेरी पहचान है र - रिश्ता निभाना आता है क - कौन भला इस जग में ऐसा ट - टूट जाए पर मुँह से न बोले
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