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Chanchal Jaiswal
आंखों में चंचल श्यामधनी हिय की थाती हरिनाम धनी सिर मोरपंख, किंकिणी मणि मुरली परसे मुस्कान धनी कटि बंधी सुहानी कमरधनी पग नूपुर रुनझुन ढनी मनी गल बैजन्ती बनमालधनी माथे तिलक मरालधनी गोधन रसधन छविमालधनी बोले शबद रसाल धनी अंगना खेले नंदलालधनी सुनीति प्रीति रंगराग धनी नयननु सनेह अनुराग धनी दर्शन पाए बड़भाग धनी #toyou #जैकन्हैयालालकी #राधे_राधे #yqlove #yqchildhood #yqplaymates #yqkrishna❤️❤️
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মনে হয়েছে দিন ছোটো বেলার উঠলো ছবি নানা বরণ মনে সেই চাঁদের লগন ডাকতে ডাকতে লাপাছিলাম সারা সারা দিন বাইরে ঘুরে ফিরেছিলাম নদী তীরে কতো ফুলের সঙ্গে কথা বা করেছিলাম সাবন এসে খুঁজে আমায় ঠাম্মীর ধরে লুকেছিলাম এখন সব মনে করে হাসতে হাসতে পড়েগেলাম সুপ্রভাত বন্ধুরা, আজ আমার সাথে #collab করে সম্পূর্ণ করো এই লেখাটি। #হাসতেহাসতেপেরিয়েএলাম #yqdada #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Dada #toyou #thammi #yqchildhood #yqlove
সুপ্রভাত বন্ধুরা, আজ আমার সাথে #Collab করে সম্পূর্ণ করো এই লেখাটি। #হাসতেহাসতেপেরিয়েএলাম #yqdada #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Dada #ToYou #thammi #yqchildhood #yqlove
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मोना! तुम्हें भी याद है ना वो बचपन का पहला खिलौना हां! वही झुनझुना... सहज सुंदर मधुर सबका अपना जिसे हृदय जानता था गुनना और हर बात से अलग होकर सुनना धुन चंचल सी अपने मन की तुम्हारे पास भी था ना... थे ना वो प्यारे प्यारे अपने जो चाहते थे तुम्हें हंसाना खिलाना! और तुम्हारी हंसी पर झूमना तुम्हारे लिए गाना...बन जाना हाथी घोड़ा और तुम्हारे पीछे पीछे आंगन बारजा दौड़ना कितनी चहल पहल थी याद है ना... पर अब ये मौन...ये चुप्पी गढ़ गया कौन बोलो ना! देखो मन के किसी कोने में धूमिल सही पड़ा होगा तुम्हारा प्रिय झुनझुना सच मानो! उठाओ और बजा दो जगा दो वो सारा पुचकार मनुहार उन प्रीति पुलक क्षणों की करो सम्हार समय संघर्ष का है कठिन है सरल हो जाएगा...बात मानो तो शुरू कर दो अपने मन की धुन पर हंसना बजने दो वही बचपन वाला झुनझुना आसान हो जाएगा चलना, अकेले चलना साथ समय के... समय के पार! तैयार हो! तो चलो ना #toyou #yqchildhood #yqtoys #yqyouandme #yqloveforlife #yqtunes #yqheart
Simant Sharma
अपने शहर में चलो फिर से, इक नयी शुरुआत करते हैं, पुरानी गलियों में, बचपन की फिर कोई बात करते हैं !! फिर से इक बार! 😎 #अनकहेअल्फ़ाज़ #yqdidi #yqhindi #yqhindiquotes #yqjaipur #yqdiary #yqchildhood
फिर से इक बार! 😎 #अनकहेअल्फ़ाज़ #yqdidi #yqhindi #yqhindiquotes #yqjaipur #yqdiary #yqchildhood
read moreAditi mannulalji Agrawal
बच्चे कोई गुल्लक नहीँ होते जिसमे आप आज पैसे जमा करोगे तो कल वो आपके काम आएँगे। ये तो हक़दार है आपके निस्वार्थ प्रेम के बिना किसी अपेक्षा के। इन पर अपेक्षाओं का बोझ मत डालिये। (पैसा - सांकेतिक रूप में इस्तेमाल किया है।) - अदिति अग्रवाल #yqbaba #yqdidi #yqquotes #yqaestheticthoughts #yqtales #yqhindi #yqchildhood
Vivek Sharma
" बड़े होने का जुनून नहीं,खौफ होना चाहिए, शायद बच्चे इस शै की तब,कीमत समझ पाएं "... #बालदिवस #baaldiwas #childrensday #childhood #happychildrensday #yqchildhood #yqbaba #yqchildrensday
Vivek Sharma
" कोई कह तो दे के बचपना, बाकी है हममें, यूं भी क्या बड़ा होना कि,दिल खुश ना रह सके "... #बालदिवस #baaldiwas #happychildrensday #childrensday #yqbaba #yqchildhood #yqhindi #yqdiary
Vivek Sharma
" हीरों को लुटाते आए, पत्थरों की तलाश में, बचपन से जवानी का सफ़र,यूं मुकम्मिल हुआ "... #बालदिवस #childrensday #happychildrensday #yqchildrensday #yqchildhood #yqbaba #yqdidi #yqdiary
Vivek Sharma
" एक मन ये था कि फ़िक्र को, धुएं में उड़ा आऊं , पर मैं बच्चों के साथ , बुलबुले उड़ा आया , मुश्किलें अपनी जगह रही, नई ताकत ज़रूर मिल गई "... #yqbaba #yqdidi #yqquotes #yqtales #yqhindi #yqthoughts #yqchildhood #yqpoetry
Ashish Kanchan
निमास की वो एक शाम हाल-फिलहाल में ना बात हुई, हुए थे अरसे उसका ज़िक्र होके गुज़रे थे कभी एक अंजान कस्बे से, जब हम कुछ बेफ़िक्र होके घुप्प अँधेरे में चमचमाते दिख रहे थे झूले, लिए हज़ारों बल्ब की लटें निमास लगी थी वहाँ, जो खींच लायी उस कच्चे इश्क़ की सलवटें वक़्त से हटी धूल तो वो मिला, जो दिल था कहीं पीछे भूल आया ज़ुल्फ़ें गिराके एक तरफ़ वो चेहरा, फिर इन रातों को करने वसूल आया शुरु हुई थी कहानी ऐसी ही एक शाम, जब हाथ से फिसली कुल्फ़ी ज़मीन में जा धंसी थी पास खड़े अपने नाना के साथ, वो इस हादसे पे बड़ी बेदर्द होके हंसी थी कमज़ोर दिल न थे, पर चौंका गया बगल की दुकान पे छर्रे वाली बंदूक का धमाका और उसपे बड़ी बेइज़्ज़ती से चुभा, भरे बाज़ार गूँजता वो उसका ठहाका चेहरे पे नज़र पड़ी तो, कुल्फ़ी से भी ठंडी जिस्म में एक सिहरन दौड़ी थी मोहल्ले की अपनी मेघा थी वो, जिसकी एक झलक को कभी कई शामें निचोड़ी थीं नाना से कहके एक और कुल्फ़ी ख़रीदे, उसके कदम पास आके जब कुछ रुके 2 रुपये की कुल्फ़ी वाली, ये बेशक़ीमती हरक़त देख हम तो थे कबके बिक चुके फिर क्या, बाकी शाम रही साथ गुब्बारों का पीछा करते, गुड़िया के बाल खाते कभी वो डरे जो किसी झूले की ऊँचाई से, तो आगे बढ़ बहादुरी की शेख़ी बघारते जज़्बातों को टटोला भी ना था, ना की तैयारी कैसे शुरू करेंगे पढ़ना इश्क़ की क़िताब ख़्वाबों में भी ना सोचा जो, अकेले निमास घूमने का वो फ़ैसला हुआ इतना क़ामयाब। बचपन में गर्मियों की छुट्टियों में अपने नाना के यहाँ जाते थे। वहाँ साल में दो बार नुमाइश लगती थी, जिसे हमारे नाना निमास बोलते थे। निमास में जाना अपने आप में एक त्यौहार था और वहीं से जुड़ी हैं कच्चे इश्क़ की यादें। ऐसी ही एक शाम की दिली कहानी है - "निमास की वो एक शाम" #yqdidi #yqlove #yqchildhood #yqlife #yqstory #yqshayari
बचपन में गर्मियों की छुट्टियों में अपने नाना के यहाँ जाते थे। वहाँ साल में दो बार नुमाइश लगती थी, जिसे हमारे नाना निमास बोलते थे। निमास में जाना अपने आप में एक त्यौहार था और वहीं से जुड़ी हैं कच्चे इश्क़ की यादें। ऐसी ही एक शाम की दिली कहानी है - "निमास की वो एक शाम" #yqdidi #yqlove #yqchildhood #yqlife #yqstory #yqshayari
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