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Best जश्न_ए_इश्क़ Shayari, Status, Quotes, Stories

Find the Best जश्न_ए_इश्क़ Shayari, Status, Quotes from top creators only on Gokahani App. Also find trending photos & videos about'*उदास फिरता है अब मोहल्ले में बारिश का पानी* *कश्तियां बनाने वाले बच्चे मोबाइल से इश्क़ कर बैठे*', इश्क़ है इश्क़ है वीडियो में गाना, ये है आशिकी सियप्पा इश्क़ का, यारों का जश्न है, कलंक नहीं इश्क़ है लिरिक्स,

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Krish Vj

मुझे सीने से लगा कर,   यूँ तुम मुझे रुख़सत ना करो 
बहुत सिसकी हैं ये आंखे मेरी  फिर से  गीली ना करो

चाँद जैसे हो तुम, छिप जाते जो बदलो के संग हरदम 
तुम्हें ढूंढते रहते "कृष्णा"  धड़कनों को बढ़ाया ना करो

कोई गिला या शिकवा है हम से तो तुम शिकायत करो
दूर जाने की बात कर तुम, दिल से जान जुदा ना  करो

मजबूरियों को समझो,  दिल को यूं तुम जलाया ना करो
क़त्ल कर दो, यूं बेवफा का इल्जाम तुम लगाया ना करो #collabwithकोराकाग़ज़ 
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Krish Vj

छोटा परिवार जिसमें एक माँ पिता और पुत्र हैं। एक मध्यमवर्गीय परिवार है जो उतना ही कम आता है जिससे उसके परिवार का भरण पोषण हो जाता है। माता और पिता अपने पुत्र विक्रम की हर ख्वाहिश है पूरी करना चाहते हैं। पिता इसके लिए दिन-रात कठोर परिश्रम करता है और जो कुछ कम आता है उसमें से अधिकांश अपने पुत्र पर खर्च करता है वह से पढ़ा लिखा कर काबिल बना देता है। माता-पिता वृद्धा अवस्था में चले जाते है पुत्र की शादी हो जाती है पत्नी के आने के बाद पुत्र अपने माँ पिता से भली प्रकार से बात नहीं करता है उ

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    *कर्तव्य से भटकाव*

 छोटा परिवार जिसमें एक माँ पिता और पुत्र हैं। एक मध्यमवर्गीय परिवार है जो उतना ही कम आता है जिससे उसके परिवार का भरण पोषण हो जाता है। माता और पिता अपने पुत्र विक्रम की हर ख्वाहिश है पूरी करना चाहते हैं। पिता इसके लिए दिन-रात कठोर परिश्रम करता है और जो कुछ कम आता है उसमें से अधिकांश अपने पुत्र पर खर्च करता है वह से पढ़ा लिखा कर काबिल बना देता है।

पूरी कहानी कैप्शन में पढ़े......       छोटा परिवार जिसमें एक माँ पिता और पुत्र हैं। एक मध्यमवर्गीय परिवार है जो उतना ही कम आता है जिससे उसके परिवार का भरण पोषण हो जाता है। माता और पिता अपने पुत्र विक्रम की हर ख्वाहिश है पूरी करना चाहते हैं। पिता इसके लिए दिन-रात कठोर परिश्रम करता है और जो कुछ कम आता है उसमें से अधिकांश अपने पुत्र पर खर्च करता है वह से पढ़ा लिखा कर काबिल बना देता है।

      माता-पिता वृद्धा अवस्था में चले जाते है पुत्र की शादी हो जाती है पत्नी के आने के बाद पुत्र अपने माँ पिता से भली प्रकार से बात नहीं करता है उ

Krish Vj

इश्क़ मेरा  ठहरा रूहानी है 
यही मेरी दर्द की कहानी है 

ग़म की धूप,  हैं तेज़  बड़ी
प्यार की "छाव" कर दे तू 

सुकून को तरसती है रूह 
गले लगा कर सुकून दे दे 

तेरी सूरत का दीवाना दिल 
तेरे प्यार में आवारा ये दिल 

मुद्दतों से नहीं देखी हैं सूरत 
मिलकर एक बार मोका देदे  

#collabwithकोराकाग़ज़ 
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#अल्फाज_ए_कृष्णा

Krish Vj

           भगवान ने हमें सबसे अनमोल चीज मानव जीवन दिया जो बहुत दुर्लभ है पर हम इस मानव जीवन को व्यर्थ ही गवा रहे हैं। हम समाज में रहते हैं, समाज एक विशाल रुप है पर उसका दायरा बहुत छोटा हो गया है । हमारी सोच जो हमे महान भी बना देती है और अपमान और घृणा का पात्र भी।
           संकीर्ण सोच का ही परिणाम है कि आज भारत देश अनेक जातियों संप्रदाय धर्मों में बट गया, और इन्हीं को आधार बनाकर हम एक दूसरे से लड़ते रहते हैं । यह सिर्फ सोच का ही तो परिणाम है, अगर हम सब सोच ले कि हम सब भारतवासी हैं। विचारों में मतभेद नहीं रहे, तो हम आसानी से अपना जीवन व्यतीत कर सकते हैं।
           मैं यह नहीं कह रहा कि हम सभी की सोच संकीर्ण हैं या गलत है पर कुछ हमारे भाई बंधुओं कि सोच बहुत संकीर्ण है और उन्हीं की वजह से  हमारे देश के भीतर हमारे समाज में उन्मुक्त वातावरण नहीं रहा हम एक दूसरे से लड़ते रहते हैं। 

          हम सभी भारतीयों को आत्ममंथन करने की बहुत जरूरत है ताकि हमारा देश खुशहाल रहे। छोटी छोटी चीजों पर हम लड़ाई झगड़ा नहीं करें ।सभी धर्मों संप्रदायों का आदर करें। एक दूसरे की भावनाओं को समझें ।परस्पर मिलकर सौहार्द पूर्ण अपना जीवन बसर करें।

*  मेरी द्वारा कहे गए किसी भी शब्दों से किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची हो तो मैं क्षमा प्रार्थी हूं। #जश्न_ए_इश्क़ 
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Poonam Suyal

मेरे प्यार को कुबूल करो ज़िंदगी की राहों में बहुत चल लिए तन्हा मेरा हाथ अब तुम थाम लो तुम्हारे साथ की है दरकार मुझे मेरे हमसफ़र बन साथ मेरे तुम चलो ये वादा है मेरा तुमसे आज

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मेरे प्यार को कुबूल करो 

(अनुशीर्षक में पढ़ें)— % & मेरे प्यार को कुबूल करो 

ज़िंदगी की राहों में बहुत चल लिए तन्हा 
मेरा हाथ अब तुम थाम लो
तुम्हारे साथ की है दरकार मुझे 
मेरे हमसफ़र बन साथ मेरे तुम चलो 

ये वादा है मेरा तुमसे आज

Poonam Suyal

इश्क़ मेरा गुलाब सा इश्क़ मेरा है गुलाब सा महकाता है ये गुलशन शबाब का हर ओर बिखरी है खुशबू इसकी आया है मौसम प्यार का तेरा दिया गुलाब

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इश्क़ मेरा गुलाब सा 

(अनुशीर्षक में पढ़ें)

— % & इश्क़ मेरा गुलाब सा 

इश्क़ मेरा है गुलाब सा 
महकाता है ये गुलशन शबाब का 
हर ओर बिखरी है खुशबू इसकी 
आया है मौसम प्यार का 

तेरा दिया गुलाब

Nitesh Prajapati

"निःस्वार्थ प्रेम" 
प्रेम की परिभाषा है,
प्रेमियों का बिना स्वार्थ के,
दो आत्माओं का मिलन,
बिना दाग का एक पवित्र रिश्ता,
ना जिस्म की चाह, ना हवस की तलब, 
बस चाहत होती है तो सिर्फ,
एक दूसरे के किरदार की।

प्रेम क़ायनात की वो चिड़िया है,
वह कब आ कर दिल पर बैठ जाए पता ही नहीं चलता,
साथ गुजारे लम्हों के बाद, जब अकेले होते हैं हम,
तो खलती है उसकी कमी हमें।

एक नया एहसास जगाता है ज़हन मे,
जब प्रेम का रंग चढ़ता है हल्के हल्के से,
दुनिया की सबसे तुच्छ चीज भी,
हमे नयाब लगने लगती है, 
किसी के सामने सर ना झुकाने वाला, 
उसके सामने पलके झुकाए खड़ा होता है। 
वह आदत भी हमारी, इबादत भी हमारी, 
वह दिली ख़्वाहिश भी हमारी, और जिंदगी भी हमारी। 

प्रेम का सच्चा मतलब है, 
बिना छुए इतना चाहना उसको की, 
दुःख में तेरे सिवा उसको कोई याद ना आए, 
प्रेम यानी की इज्ज़त, 
हमेशा इज्ज़त करना अपने हमराही की, 
इससे आपसी रिश्तो में समझदारी बढ़ेगी, 
और दोनों की ज़िंदगी हमेशा ही निखर जाएगी।— % & रचना क्रमांक :-8
#collabwithकोराकाग़ज़
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Nitesh Prajapati

"पहली चुंबन"
शाम का समा था, हल्की-हल्की सी हवाएं चल रही थी,
बारिश का मौसम था,सूरज भी बादलों में छुपा था,
हल्का हल्का अंधेरा भी छाया था,कायनात भी मेहरबान थी हम पे।

अंधेरा भी बढ़ता ही जा रहा था,पास में बैठे हम दूरियां भी मिटती ही जा रही थी,
बादल का यु गड़गड़ाना,और बारिश का लम्हा भी खिल पड़ा,
और शुरू हो गई अचानक से रिमझिम बारिश की बूंदे।

कुदरत ने चार चाँद लगा दिये हमारी मुलाकात में, 
तेज ठंडी का समा बढ़ता गया, 
और भाग के कोने में खड़े हो गए हम, 
और ठंडी से वो बाजू मे कांप रही थी, 
मैंने उसे सहारा देकर अपने आगोश में खींच लिया, 
वह एकदम से सहमी सी मेरी आँखों में देखने लगी, 
दोनों एक दूसरे की गरमाहट महसूस कर रहे थे, 
दोनों की नज़दीकियांँ इतनी बढ़ी की, 
मैंने उसके होंठ पर अपने होंठ रख दिए। 

वह पहली चुंबन का एहसास जैसे लगा की मिली हो जन्नत हमे, 
एक दूसरे में खोये हम होठों से होठों का रस पिये जा रहे थे हम, 
जवानी का जोश भी चढ़ते जा रहा था, 
और दिल की आग बढ़ती ही जा रहा थी। 
दिल तो चाहता था यह लम्हा कभी भी ख़त्म ही ना हो और, 
यूँ ही सिमट के रहे हम एक दूसरे मे ही। 

आज भी जब बारिश होती है तब वह पहले, 
चुंबन की याद ज़हन में ताज़ा हो जाती है, 
और सुना सुना सा मन यह मेरा, 
तेरी यादों से हरा भरा हो जाता है।

-Nitesh Prajapati 




— % & रचना क्रमांक :-7 
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Nitesh Prajapati

"तेरी आगोश में" 
बाहों की दिली ख्वाइश होती है,
कोई सच्चा हमदर्द आए,
और समा ले अपनी आगोश में हमें ऐसे की,
कभी भी जुदा ना करें अपने आप से।

मिलता है एक अजीब सा सुकून,
तेरी आगोश में,
भूल के यह सारी दुनिया,
बस खो जाऊँ तो सिर्फ तेरी बाहों में।

किसी को आलिंगन देने का मतलब,
दिल में कोई हवस होना ऐसा नहीं होता,
आलिंगन देने का मतलब यह है कि,
इंसान एक दूसरे से कितना नजदीक है,
कि एक लड़की कभी मना नहीं करती,
अपने साथी मित्र को आलिंगन देने में,
विश्वास होता है उसको कितना,
साथी मित्र के किरदार पर की,
वह बिना ऐतराज़ के बाहों में भर लेती है उसको।

किसी अपनों का आलिंगन की छुअन भी,
दिल मे एक अजीब सी तसल्ली दे जाती है,
पाकर उसके दिल की गरमाहट,
भुला देती है दुनिया के सारे दुख दर्द पल में ही। — % & रचना क्रमांक :-6
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Nitesh Prajapati

"सत्य वचन" 
मुँह से बोले अल्फाज़ कभी वापिस नहीं लिए जा सकते,
एक बार बोला तूने जो वह निभाना पड़ता है जिंदगी भर,
इसीलिए जब हो होशो हवास में और अपनी जुबान को निभाने में सक्षम,
तभी किसी से वादा करना,
जब भी बहुत खुश हो तब अपने आप पर काबू रखना,
किसी को चंद लम्हों के लिए खुश करने के लिए कभी वचन मत देना।

तेरे वादे से सामने वाले के मन में एक नई उम्मीद जगती है,
वह तेरे पर एक आधार रखने लगता है,
और जब हम उस वादे को निभा नहीं सकते,
तो सामने वाला इंसान बहुत ही टूट जाता है।

वचन तो है तीन शब्दों का समन्वय,
लेकिन इसे निभाना बहुत ही कठिन है,
कभी-कभी ऐसा होता है कि हमारे पास कुछ नहीं होता,
फिर भी हम कुछ भी करके सामने वाले व्यक्ति की ख़्वाहिश हम पूरी करते हैं,
क्योंकि हमारे लिए हम से भी ज्यादा सामने वाले की खुशी बहुत मायने रखती है।

वचन देना है जिंदगी में तो दे अपने माँ बाप को, 
कि जिंदगी भर उसको अपने पास रखेगा और उसका अच्छे से ख्याल रखेगा,
अपने बहन को दो की भाई होने का हमेशा फर्ज निभाएगा, 
अपने दोस्तों को दो कि हमेशा कायम रहेगी हमारी दोस्ती, 
अपने दिल से बेहद करीब अपनी पत्नी को भी एक वचन दो, 
की लोगों के बीच उसकी हमेशा इज्ज़त करेगा, 
उसको एक आजादी देगा अपने विचारों की। 
और आखिर में एक वचन खुद को भी दे तू, 
किसी का कभी बुरा मत सोचेगा, 
और अपनी मौज शौक के लिए कभी भी गलत राहों पर कभी कदम नहीं रखेगा। — % & रचना क्रमांक :-5
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