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Aditi mannulalji Agrawal

♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1003 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।

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रुसवा होकर कलम की 
बेवफाई से
मुँह मोड़ लिया है 
लफ़्ज़ों ने आशनाई से ।
तोहमत है कलम पर 
पज़राई का 
समझ न सकी जो मर्म 
लफ़्ज़ों की बीनाई का
- अदिती कपीश अग्रवाल

पज़राई - जो कुबूल न किया जा सके
बीनाई - निपुणता ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1003 #collabwithकोराकाग़ज़

♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊

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Krish Vj

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रूठे रूठे है  लफ्ज़ मेरे,  तुम्हें मनाऊँ कैसे
प्यार भरा दिल है मेरा  तुम्हें दिखाऊँ कैसे 

माला है धड़कनों की तू, जीवन यह तुमसे 
प्रेम से भरे लफ्ज़,  चाहत में सजाऊँ कैसे

बेबुनियाद बातें है,  बेवफ़ा कहने की तुम्हें
साँस है मेरी तू इस साँस को भुलाऊँ कैसे

लफ्जों का क्या कहूँ मैं, असहज लगते है
अकड़ इनमें भी है,  इनको  झुकाऊँ कैसे

तू लफ्ज़ पर ना जा,  एहसास को सुन तू
यह निगाहों से बया, इनको छिपाऊँ कैसे ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1003 #collabwithकोराकाग़ज़

♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊

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Sweta

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मैंने चाहा तुम्हें भूलाना पर  भूलाया  नहीं  गया 
मोहब्बत मोहब्बत से ख़फा रहा निभाया नहीं गया

मुझसे रूठे रूठे थे लफ़्ज़ उनको मनाया नहीं गया 
कोई उनकों बताएँ दिल कहीं और लगाया नहीं गया 

फूल ही फूल खिले थे अज़ी" हमारे भी बगियाँ में 
गुलाब की चाहत दामन काँटों से बचाया नहीं गया 

उसने कुछ यूँ देखा था हमें मानों पतझड़ में बहार
उसकी ओर कदम उठाये हमसे भी रहा नहीं गया

क्या पता वो हक़ीक़त था या कोई फसाना "Queen
दुनिया से राज क्या रखते हमसे छुपाया नहीं गया ।। ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1003 #collabwithकोराकाग़ज़

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Niraj Kumar

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चली सावन की रीत जो देखो
याद पुरानी वो रूत लाई है।
दिल में छुपे अरमान अब देखो
कोरे कागज पर जैसे छाई है।।

रूठे रूठे लफ्ज़ अब मेरे
मुझको ही अब भरमाती है।
देख राह तेरे आने की
नयन्न अब अस्रू छलकाती हैं।। ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1003 #collabwithकोराकाग़ज़

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Nitesh Prajapati

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रूठे रूठे लफ़्ज़ तेरे,
मेरे दिल को चुभते हैं,
हर घड़ी हर पल ये तीर बनकर,
मेरे दिल को छलि करते हैं। 

पहले को दिखता था प्रेम, 
तेरे लफ्ज़ों में मेरे लिए, 
ना जाने क्या हो गई अब मुझसे खता, 
के अब बरसतें है अंगारे तेरे लफ्ज़ों से। 

क्या कुछ तेरे दिल ने, 
कहा मेरे बारे में, 
या फिर सुना कुछ गैरों से, 
मेरे बारे में। 

ग़र सुना है किसी गैरों से, 
तो पूछ लेना अपने दिल से, 
मेरे किरदार के बारे में, 
तुझे तेरा जवाब बेशक मिल जाएगा। 

-Nitesh Prajapati 

 ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1003 #collabwithकोराकाग़ज़

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nvn ki dairy

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कुछ बयां कर रहे है.…........

ढलती हो शाम …...........
जैसे अंधकार कर रहे है।

यूं ही गायब नही हुई चहरे ही रौनके 
ये सवाल पर सवाल कर रहे है। ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1003 #collabwithकोराकाग़ज़

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नरेश होशियारपुरी

♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1003 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।

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आजकल ज़ुबाँ पे आते नहीं।।
कहने को तो है बहुत कुछ मग़र।।
हम चाह कर भी कह पाते नहीं।। ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1003 #collabwithकोराकाग़ज़

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Dr Upama Singh

♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1003 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।

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रूठे रूठे लफ़्ज़ मेरे
तकरार करते मेरे से
खफ़ा हैं वो मुझसे
बेवफ़ा समझ बैठे मुझे

लफ़्ज़ और अल्फाज़ 
दोनों ही खफ़ा हो गए मुझसे
लगा मेरा खुदा ही 
रूठ गया आज़ मुझसे

खफ़ा और रूठे थे लफ़्ज़ मुझसे
इज़हार–ए–इश्क़ करना ना आया उनसे
रूठ कर वो चले गए मुझसे
“पंछी” मन आज़ भी प्यार के लिए तरसे 

ढूंँढ़ रही हूंँ लफ़्ज़ उनको मनाने वास्ते
हर दर्द ग़म ज़िन्दगी का सहा हमने हँसते
ना मिले लफ़्ज़ और अल्फाज़ मुझसे
पर आज़ कर दूँगी इज़हार अपनी ख़ामोश आँखों से ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1003 #collabwithकोराकाग़ज़

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♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।

Divyanshu Pathak

♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1003 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।

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मुझे नहीं पता मेरे जीवन का क्या होगा?
मैं इसे कोई अर्थ दे पाउँगा या नहीं!

अपने वचनों के प्रति संकल्पित हो कर।
यक़ीन पे ख़रा उतर पाउँग  या नहीं।

इश्क़ की दहलीज़ पे आकर खड़ा हूँ।
मैं और आगे भी बढ़ पाउँगा या नहीं।

तुमने तो मिटा दिए दाग़ दामन से मेरे।
मैं तेरे आँचल का चाँद हो पाउँगा या नहीं।

तड़प कर बरसे हैं बादल कल से ही।
मैं इस बारिश में भीग पाउँगा या नहीं।

रूठे रूठे लफ़्ज़ और एहसास ख़ामोश हैं।
पंछी' आगे कुछ और लिख पाउँगा या नहीं। ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1003 #collabwithकोराकाग़ज़

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Tarot Card Reader Neha Mathur

♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1003 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।

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रूठे रूठे लफ़्ज़ हुए जो,सनम को अब ख़त लिखूं कैसे
लरजते बिखरते संभलते जज़्बातों को बयां करूं कैसे

नवा-ए-दर्द के शोर में काग़ज़ का दामन भी भीग गया है
ज़मीं-ए-एहसास में सोए हुए अल्फ़ाजों को जगाऊं कैसे

बेबस सदाओं में भी मेरा इश्क इबादत में सूफियाना है
माज़ी की सरमस्ती में डूबी परछाई को पीछे छोड़ूं कैसे

हर्फ-ए-नवा लिबास-ए-ख्याल में दर्द बन उतर जाता है
लिखने बैठूं ग़ज़ल तो एहसासों को बे-असर सा ढालूं कैसे

लहज़े में तेरे ना जाने किस बात से तल्ख़ी-ए-इमरोज़ है 
सफ़्हा-ए-क़िर्तास पर तहरीर में ठंडी सी तासीर भरूं कैसे

अहद-ए-वफ़ा से 'नेह' की इमारत को मुस्तहकम किया है
इसकी क़िमत मैं खुशी के चंद सिक्कों में तुम से मागूं कैसे। ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1003 #collabwithकोराकाग़ज़

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♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा।

♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।
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