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Nitesh Prajapati
"गुज़ारिश" कैसे की जाए मेरी मोहब्बत की सिफ़ारिश? कोई मुझे भी सिखा दे ये वफ़ा की गुज़ारिश। अक्सर ही मैं खो जाता था तुझे देख कर जानिब! कभी प्यार, कभी तकरार, क्या इसी की गुज़ारिश? कैसा था तेरा हुस्न और कैसी थी ये तेरी कशिश, हम शौक से दीदार को तेरे चाहे, करे तुमसे यही गुज़ारिश! कुछ था हमारे दरमियां, थी कोई रब की साज़िश, न मैं मैं रहा न तुम तुम रही, रही बस गुज़ारिश! मुझे खूब सताने लगी है तेरी मेरी ये रंजिश, उल्फत, नफ़रत हाय! सुन ले मेरी आखरी गुज़ारिश ! आ गई है मेरी जिंदगी मैं कोई दुःखों से भरी गर्दिश, हमनवां मेरे खफ़ा होने से क्या मिट जाती है गुज़ारिश? बेवफ़ाई की ऐसी तो कोई नहीं थी मेरी कोशिश! मैंने तो तुझे पाना चाहा, खोने की नहीं थी गुज़ारिश!! -Nitesh Prajapati रचना क्रमांक :-3 #happybirthdayyq #hbdyq #hbdyq3 #गुज़ारिश #विशेषप्रतियोगिता #collabwithकोराकाग़ज़
रचना क्रमांक :-3 #happybirthdayYQ #HBDYQ #HBDYQ3 #गुज़ारिश #विशेषप्रतियोगिता #collabwithकोराकाग़ज़
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"पुनर्विवाह" कृपया पूरी कहानी अनुशीर्षक मे पढ़े । रचना क्रमांक :-2 @@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@ "पुनर्विवाह" बहुत बड़े शहर में एक रहीस परिवार रहता था। रईस के घर में तीस से भी ज्यादा नौकर थे, और शहर का बच्चा बच्चा उनकी रहीसी है काफी वाकिफ था। वह परिवार जितना पैसों से बड़ा था उतना ही बड़ा उसका दिल भी था। हमेशा गरीब परिवार को मदद करने के लिए वह आगे रहता था। पूरे घर में सिर्फ पांच लोग ही थे, सेठ सेठानी उसके दो बेटे और एक बेटी।
रचना क्रमांक :-2 @@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@ "पुनर्विवाह" बहुत बड़े शहर में एक रहीस परिवार रहता था। रईस के घर में तीस से भी ज्यादा नौकर थे, और शहर का बच्चा बच्चा उनकी रहीसी है काफी वाकिफ था। वह परिवार जितना पैसों से बड़ा था उतना ही बड़ा उसका दिल भी था। हमेशा गरीब परिवार को मदद करने के लिए वह आगे रहता था। पूरे घर में सिर्फ पांच लोग ही थे, सेठ सेठानी उसके दो बेटे और एक बेटी।
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"लेखन का महत्व" पानी की धारा जैसे लेखक के, मन से निकलते हैं अनमोल अल्फ़ाज़, रंगबिरंगी शाही और विचारों के समन्वय से, एक लेखक लेखन मुकम्मल करता है कोरे काग़ज़ पर। महक उठता है हर एक कोरा काग़ज़, जिस पर लेखक के अल्फाजों की मुहर लगती है, और अगर पढ़ ले कोई वाचक उसे, तो उसे पल दो पल का सुकून मिलता है। लेखन से मन की वेदना का अंत होता है, और मन के विचारों को काग़ज़ का सहारा मिलता है, लेखन से माँ सरस्वती देवी की साधना होती है, और साधना से जिंदगी के लक्ष्य प्राप्त होते हैं। लिख लिख कर आँखे भी दर्द करें हमारी, उंगलियाँ भी हमारी सूज के फ़रियाद करें, लेकिन मैं भी क्या करूंँ एक लेखक जो हूंँ, तो कोरा काग़ज़ भी मेरे शब्दों के लिए तरसे। -Nitesh Prajapati रचना क्रमांक :-1 #happybirthdayyq #hbdyq #hbdyq1 #लेखनकामहत्व #विशेषप्रतियोगिता #collabwithकोराकाग़ज़
रचना क्रमांक :-1 #happybirthdayYQ #HBDYQ #HBDYQ1 #लेखनकामहत्व #विशेषप्रतियोगिता #collabwithकोराकाग़ज़
read moreCalmKazi
Feeding on manifestations of languid, forgotten dreams a mere code-rich script became a thought probe on this day. Thank you YourQuote, wish you a very Happy Birthday! #HappyBirthdayYourQuote Wishing Harsh Snehanshu a very Happy Birthday as well Congratulations to you and Ashish Singh for being the visionaries you are. Cheers to many more celebrations! #CalmKaziWrites #HBDYQ #YQBday #YQBaba
#HappyBirthdayYourQuote Wishing Harsh Snehanshu a very Happy Birthday as well Congratulations to you and Ashish Singh for being the visionaries you are. Cheers to many more celebrations! #calmkaziwrites #HBDYQ #yqbday #yqbaba
read moreDR. SANJU TRIPATHI
गुज़ारिश (ग़ज़ल) आँखों में जल रहा है बुझता नहीं ये कैसा धुआँ है, जाने कौन है वो जो दे रहा मुझको यूँ बद्दुआ है। दिल टूटा है मेरा और मेरी आंँखें भी सदा नम हैं, ना जाने मेरी जिंदगी में अभी और कितने गम है। छुपाकर गम को हम हमेशा ही मुस्कुराते रहते हैं, जाने किससे क्यों हम खुद को ही छुपाते रहते हैं। बहुत दर्द हैं जिंदगी में कभी किसी से नहीं कहा, जाने कौन है वो जो मेरे दर्द को सरेआम कर रहा। टूटा जो दिल मेरा प्यार से मेरा भरोसा उठ गया, जाने क्यों वो दिल मेरा तोड़के खुद ही रुठ गया। एक गुज़ारिश है कि तुम कभी मुझको न भुलाना, पास रहो चाहे दूर रहो बस दिल के करीब रहना। "एक सोच" के दिल की तमन्ना है तू सदा खुश रहे, मेरे साथ ना सही जिसके साथ रहे सदा आबाद रहे। #HappyBirthdayYQ #HBDYQ #HBDYQ3 #गुज़ारिश #विशेषप्रतियोगिता #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़
DR. SANJU TRIPATHI
पुनर्विवाह (कहानी) शालिनी और राजेश की शादी को ग्यारह साल पूरे होने वाले थे वे बहुत खुश थे और अपनी ग्यारहवीं सालगिरह धूमधाम से मनाने की तैयारी कर रहे थे लेकिन कुछ दिन पहले ही राजेश का एक्सीडेंट हो गया और एक ही पल में शालिनी की पूरी जिंदगी बदल गई जिस घर में खुशियों का डेरा था अब वहां राजेश की मौत का जिम्मेदार शालिनी को मानते हुए उससे बुरा व्यवहार किया जाने लगा था उसको और उसकी बेटी को हमेशा ही बुरा भला कहा जाने लगा था शालिनी ने भी चुपचाप रहकर इसको अपनी नियति मान लिया था। शेष कहानी कृपया अनुशीर्षक में पढ़ें 👇👇👇👇👇 शालिनी शालिनी कहां रह गई है अभी तक मेरा टिफिन तैयार नहीं किया मुझे ऑफिस जाने के लिए लेट हो रहा है शालिनी शालिनी क्या कर रही हो अभी तक मुझे चाय नाश्ता भी नहीं मिला है शालिनी किचन के कामों में व्यस्त थी तभी उसकी बेटी की आवाज आई मम्मी मम्मी आज मेरी स्कूल यूनिफॉर्म प्रेस नहीं की अब मैं स्कूल क्या पहन कर जाऊंगी मम्मी मम्मी की आवाज से शालिनी का ध्यान भंग हुआ और वह दौड़ कर कमरे की तरफ गई जहां उसकी बेटी प्रेस का प्लक बोर्ड में लगाने ही जा रही थी तभी मम्मी ने पीछे से आवाज लगाई रुको मैं आ रही हूं मैं करती
शालिनी शालिनी कहां रह गई है अभी तक मेरा टिफिन तैयार नहीं किया मुझे ऑफिस जाने के लिए लेट हो रहा है शालिनी शालिनी क्या कर रही हो अभी तक मुझे चाय नाश्ता भी नहीं मिला है शालिनी किचन के कामों में व्यस्त थी तभी उसकी बेटी की आवाज आई मम्मी मम्मी आज मेरी स्कूल यूनिफॉर्म प्रेस नहीं की अब मैं स्कूल क्या पहन कर जाऊंगी मम्मी मम्मी की आवाज से शालिनी का ध्यान भंग हुआ और वह दौड़ कर कमरे की तरफ गई जहां उसकी बेटी प्रेस का प्लक बोर्ड में लगाने ही जा रही थी तभी मम्मी ने पीछे से आवाज लगाई रुको मैं आ रही हूं मैं करती
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लेखन का महत्व लेखन के माध्यम से लेखक पाठकों तक अपने विचारों और भावों को सम्प्रेषित कर सकता है, इसके माध्यम से ही वह अपने भावों और विचारों को साहित्यिक रचना के रूप में प्रस्तुत कर सकता है। कृपया शेष रचना अनुशीर्षक में पढ़ें 👇👇👇👇👇 लेखन का महत्व लेखन के माध्यम से लेखक पाठकों तक अपने विचारों और भावों को सम्प्रेषित कर सकता है, इसके माध्यम से ही वह अपने भावों और विचारों को साहित्यिक रचना के रूप में प्रस्तुत कर सकता है।
लेखन का महत्व लेखन के माध्यम से लेखक पाठकों तक अपने विचारों और भावों को सम्प्रेषित कर सकता है, इसके माध्यम से ही वह अपने भावों और विचारों को साहित्यिक रचना के रूप में प्रस्तुत कर सकता है।
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एक गुज़ारिश वक़्त से एक गुज़ारिश है उस वक़्त से फिर एक दफ़ा अपनी पनाह में मुझे ले ले, गुज़र गया जो वक़्त नादानी भरा फिर दास्तां ए दौर वही पुरानी मिरी दुहरा दे, तज़ुर्बा ए ज़िन्दगी में एक सैलाब सा उठा ऐसा रास-ए-सुकून मिरा हुआ फ़ना, तलाश-ए-दौर जारी है अब भी मिरी ख़ुशियों के आशियाने तक पैग़ाम कोई मिरा पहुँचा दे, रज-रज के करूँ मैं ऐ वक़्त तुझसे दरख़्वास्त फिर वो दौर-ए-किनारा मिरा लौटा दे,ऐ वक़्त तिरी सुईयों को रोक पाना मुनासिब नहीं, हो करम ए वक़्त तिरा मुझ पर इतना एक दफ़ा मिरी सूनी ज़िन्दगी को गुलज़ार बना दे, तीसरा-चरण_गुज़ारिश शीर्षक_ एक गुज़ारिश वक़्त से ******************* #HappyBirthdayYQ #HBDYQ #HBDYQ3 #गुज़ारिश #विशेषप्रतियोगिता #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़ #tarunasharma0004
तीसरा-चरण_गुज़ारिश शीर्षक_ एक गुज़ारिश वक़्त से ******************* #happybirthdayYQ #HBDYQ #HBDYQ3 #गुज़ारिश #विशेषप्रतियोगिता #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़ #tarunasharma0004
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रानी मंदोदरी का राजा विभीषण से पुनर्विवाह (कहानी) कृपया अनुशीर्षक में पढ़े.. दूसरा चरण_पुनर्विवाह शीर्षक-रानी_मंदोदरी_का_राजा_विभीषण_से_पुनर्विवाह ********************************** विद्या-कहानी ********* आज के शीर्षक के अनुसार जितना हमें ज्ञान है उतना हम शब्दों में ढाल चुकी है कोई त्रुटि हो तो माफ करना, आशा करती है हम आपको ये कहानी पसंद आयेगी,
दूसरा चरण_पुनर्विवाह शीर्षक-रानी_मंदोदरी_का_राजा_विभीषण_से_पुनर्विवाह ********************************** विद्या-कहानी ********* आज के शीर्षक के अनुसार जितना हमें ज्ञान है उतना हम शब्दों में ढाल चुकी है कोई त्रुटि हो तो माफ करना, आशा करती है हम आपको ये कहानी पसंद आयेगी,
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लेखन जीवन का आधार जो कराता है मुझे मेरी हकीक़त से रूबरू वो मेरे जीवन का है आधार, शून्य मात्र सा जीवन बिन इसके कराये सम्पूर्णता का है ये एहसास, मेरे हर अनुभव का महत्व लेखन की लिखावट में ढ़ल है जाता, बनकर प्रेरणास्रोत कोरा काग़ज़ रूपी पन्नें पर है उतर जाता, मेरी मानसिकता के सही गलत का निर्णयों का उचित मार्गदर्शी बन मार्गदर्शन लेखन है दिखलाता, मेरे तनावग्रस्त मन में उत्पन्न हर कशमकश भरे प्रश्नों का जवाब ये लेखन है बन जाता, पहला-चरण _लेखन_का_महत्व शीर्षक-लेखन जीवन का आधार विद्या-कविता #HappyBirthdayYQ #HBDYQ #HBDYQ1 #लेखनकामहत्व #विशेषप्रतियोगिता #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़ #tarunasharma0004
पहला-चरण _लेखन_का_महत्व शीर्षक-लेखन जीवन का आधार विद्या-कविता #happybirthdayYQ #HBDYQ #HBDYQ1 #लेखनकामहत्व #विशेषप्रतियोगिता #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़ #tarunasharma0004
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