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Krish Vj
शीर्षक :- एहसास की दुनिया "कोरा काग़ज़" काग़ज की नाव बनाकर, चलना मैंने जल पर सीख लिया कोरा काग़ज़ संग एहसास लेखन के, यूँ ढलना सीख लिया पूर्ण निबंध पढ़िए.. अनुशीर्षक मेें 📖 🖋️ अंतिम चरण :- शीर्षक :- एहसास की दुनिया "कोरा काग़ज़" निबंध का शीर्षक जो उसकी आत्मा है, अर्थात आत्मा बिना जीवन की कल्पना असम्भव है वेसे ही कोरा काग़ज का नाम स्मरण होते ही मन के भाव जाग जाते है,एहसास की सरिता बूँद-बूँद बहकर जीवन को सुविकसित करती है। "एहसास की पावन कहानी, कविता कहती कोरा काग़ज़ पर ज़ज्बात की निशानी"
अंतिम चरण :- शीर्षक :- एहसास की दुनिया "कोरा काग़ज़" निबंध का शीर्षक जो उसकी आत्मा है, अर्थात आत्मा बिना जीवन की कल्पना असम्भव है वेसे ही कोरा काग़ज का नाम स्मरण होते ही मन के भाव जाग जाते है,एहसास की सरिता बूँद-बूँद बहकर जीवन को सुविकसित करती है। "एहसास की पावन कहानी, कविता कहती कोरा काग़ज़ पर ज़ज्बात की निशानी"
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चतुर्थ रचना :- स्त्री (त्रिभुजाकार कविता) मैं.. हूँ स्त्री, जीवन विस्तृत पर, कैद हूँ रीति-नीति की कैद में, जीवन मेरा पर हुकुम चलता है किसी और का इस जीवन पर, मैं मात्र साधन, पुरुष के जीवन कर्म मेें उसका साथ देना ही जीवन तय किया है इस समाज ने मेरा, कठपुतली बनकर रह गई हूँ मैं, समाज की यही रस्में और क़समें लील गई, हँसता खेलता बचपन, जवानी और सर्वस्व मेरा जो दिया विधाता नेे मुझे मेरा सृजन करते हुए, तिरस्कृत उपहास की पात्र हवस भरी सबकी नज़रे, जो इंतज़ार में है बस "जिस्म" को नोचने को मेरे..!! #जन्मदिनकोराकाग़ज़ #kkजन्मदिनमहाप्रतियोगिता #kkजन्मदिन #kkजन्मदिन_4 #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #kkhbd2022 #अल्फाज_ए_कृष्णा
Krish Vj
❤️ तृतीय रचना :- पिता (कविता अनुप्रास अलंकार) ❤️ पावन, प्रखर प्रेम निखर आता, पिता प्रीत से अंक जब भरता सिखाता सीख सत्य की, वो जीवन जीने की रीत मन में भरता अंगुली उनकी अगन लगा बैठी, मंज़िल को राहों से मिला बैठी कानन कठिन जीवन पथ का, पिता प्रदर्शक बन संग है चलता ह्रदय हर्षित, प्रेम अपार, मुख मंडल फिर भी सामान्य रहता कठिन कांटों से भरी राहों में, पथ प्रदर्शक जीवन धन्य करता भावो को ह्रदय भाग बनाकर, मुख मोहक मुस्कान सजाकर कौन, किसे क्या देता? मेहनत, मोह, तयाग वो खुशी भर देता कांटे चुनना या फूल, तुम अपने कोमल कलेवर को बचाकर रक्त रंजीत धरा ना हो भान रहें , कर्म कर "सत्य" तू जानकर भीरु भय से भाग कर तुम, लज्जित मातृ-भूमि को ना करना भाग जाए जो जीवन पथ से, कायर बन कभी मौत ना मरना #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़ #जन्मदिनकोराकाग़ज़ #kkजन्मदिनमहाप्रतियोगिता #kkजन्मदिन #kkजन्मदिन_3 #kkhbd2022
Krish Vj
द्वितीय रचना :- देश भक्ति हर साँस मेें "ज़िक्र" तेरा होता रहें जहां तक देखूँ, तू नज़र आता रहें शान से 'तिरंगा' प्यारा लहराता रहें देख कर इसे मन मेरा 'हर्षाता' रहें 'जुल्म' का यूँ नामोनिशान ना रहें हर इंसान माँ की लाज बचाता रहें लहू बहाके भी सींचते रहें चमन ये गुलिस्ताँ यह हर पल महकता रहें दाग लगे ना दामन मेें माँ के कभी कर्म ऐसा हर 'भारतीय' करता रहें #cinemagraph #collabwithकोराकाग़ज़ #जन्मदिनकोराकाग़ज़ #kkजन्मदिनमहाप्रतियोगिता #kkजन्मदिन #kkजन्मदिन_2 #kkhbd2022 #कोराकाग़ज़
Krish Vj
प्रथम रचना :- करवा चौथ प्रतीक्षारत प्रेम कहूँ, या कहूँ समर्पण इसे प्रेम का प्रकृति के संस्कार यहाँ, ह्रदय मेें एहसास प्रेम का प्रेम से सज धज कर मैं, बांट निहारूं "चाँद" की देखूँ चलनी से उस चन्दा मेें चेहरा अपने चाँद का समर्पण का, तर्पण का प्रेम, विश्वास का बंधन ये माँगे नित खेर पिया की, सात जन्म का बंधन ये सब कुछ कर जाऊँ प्रेम मेें मैं, करूँ यह उपवास मनाऊँ रब को मैं की मिले हर जन्म ये तेरा साथ #जन्मदिनकोराकाग़ज़ #kkजन्मदिनमहाप्रतियोगिता #kkजन्मदिन #kkजन्मदिन_1 #kkhbd2022 #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़ प्रथम रचना :- करवाचौथ
#जन्मदिनकोराकाग़ज़ #KKजन्मदिनमहाप्रतियोगिता #KKजन्मदिन #KKजन्मदिन_1 #KKHBD2022 #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़ प्रथम रचना :- करवाचौथ
read moreNitesh Prajapati
"कोरा काग़ज़ की विशेषताएँ" "लेखक का प्रेरणास्रोत" लेखकों की लेखनी चाहे वाचक पढ़े ना पढ़े, लेकिन "कोरा काग़ज़" मंच हमेंशा पढ़ता है, यही है इस मंच की विशेष शब्दों की साधना। कृपया पूरी रचना अनु शीर्षक में पढ़े। रचना क्रमांक :-5 कोरा काग़ज़ मंच का नाम तो है "कोरा काग़ज़" लेकिन यह कभी काग़ज़ को कोरा रहने नहीं देता, हमेंशा प्रयास करता है कि उसके द्वारा दिए गए विषय पर ज्यादा से ज्यादा लेखक इस विषय को अपने शब्दों सजाएं। मंच का काम यहांँ पर पूरा नहीं होता, लेखक तो लिखकर छूट जाता है, तभी मंच अपना काम शुरू करता है।लेखक द्वारा लिखी गई रचनाओं को पढ़ता है, उसमें से हमारी कमी ढूँढता है और हमारी कमी हमें बताता है। साथ में उत्तम रचनाओं को अच्छी तरह से सराहता भी है और लेखकों को प्रशंसा पत्र दे कर ओर लिखने के
रचना क्रमांक :-5 कोरा काग़ज़ मंच का नाम तो है "कोरा काग़ज़" लेकिन यह कभी काग़ज़ को कोरा रहने नहीं देता, हमेंशा प्रयास करता है कि उसके द्वारा दिए गए विषय पर ज्यादा से ज्यादा लेखक इस विषय को अपने शब्दों सजाएं। मंच का काम यहांँ पर पूरा नहीं होता, लेखक तो लिखकर छूट जाता है, तभी मंच अपना काम शुरू करता है।लेखक द्वारा लिखी गई रचनाओं को पढ़ता है, उसमें से हमारी कमी ढूँढता है और हमारी कमी हमें बताता है। साथ में उत्तम रचनाओं को अच्छी तरह से सराहता भी है और लेखकों को प्रशंसा पत्र दे कर ओर लिखने के
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स्त्री स्त्री कहो तो, संसार का गहना, आदि शक्ति का रूप, या फिर लक्ष्मी का स्वरूप, लेकिन है ये तो घर की रौनक ही, घर की लक्ष्मी खुश तो सारा घर खुश, सहनशीलता की सूरत,समर्पण की मुरत, उड़ती खुले आसमा में आज़ाद परिंदे की तरह, दिल मे जज़्बा लेकर चलती अपनी मंज़िल की तरफ, और देती पैग़ाम दुनिया को के हम भी किसी से कम नहीं। -Nitesh Prajapati रचना क्रमांक :-4 #जन्मदिनकोराकाग़ज़ #kkजन्मदिनमहाप्रतियोगिता #kkजन्मदिन #kkजन्मदिन_4 #kkhbd2022 #collabwithकोराकाग़ज़
रचना क्रमांक :-4 #जन्मदिनकोराकाग़ज़ #KKजन्मदिनमहाप्रतियोगिता #KKजन्मदिन #KKजन्मदिन_4 #KKHBD2022 #collabwithकोराकाग़ज़
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"पिता" सारे संसार में पिता का रिश्ता ही सर्वोपरि, क्युकी बच्चों के नाम के पीछे लगता है पिता का ही उपनाम। सहनशक्ति की मुरत एक पिता, घर की खुशियो का सबब एक पिता, बच्चों की तरक्की का खज़ाना एक पिता, सबसे सुहाना किरदार एक पिता। रातों के ख़्वाब की हकीक़त है पिता, दिन का उजाला है पिता, सुहानी शाम का अहसास है पिता, सुबह की पहली किरण है पिता। संस्कार का पाठ सिखाते पिता, दुनियादारी सीखाते पिता, हमारी गलतियों पर डाटते और कमज़ोरी परख के परिपक्व बनाते पिता। घर का मुखिया है पिता, हमारे चहरे की मुस्कान है पिता, संसार का सारा सुख है पिता, जिंदगी के समुद्र में एक पतवार है पिता। हर एक सवाल का ज़वाब है पिता, मानो तो भगवान है पिता, दुनिया का सार है पिता, गीता का ज्ञान है पिता। -Nitesh Prajapati रचना क्रमांक :-3 #जन्मदिनकोराकाग़ज़ #kkजन्मदिनमहाप्रतियोगिता #kkजन्मदिन #kkजन्मदिन_3 #kkhbd2022 #collabwithकोराकाग़ज़
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देश भक्ति (ग़ज़ल) हर एक घर और इंसान में बसता है देशभक्त, सबके तौर तरीके अलग लेकिन जज़्बा तो है देश भक्ति का। जिस देश की मिट्टी में ही मिला है लहू शहीदों का, पैदा होता है वहांँ हर एक पीढ़ी में जज़्बा देशभक्ति का। कोई सरहद पर लड़ता है तो कोई जल सीमा की रक्षा, कोई आसमान में देता है पहरा, लेकिन चारों दिशाओं मे होता है जज्बा देशभक्ति का। जब आता है ख़तरा देश पर तो क्या जात पात, हो जाते हैं सब एक और देते हैं मिसाल देश भक्ति की। देश का परचम हमेंशा शान से लहराता रहे इसीलिए, देते हैं वीर खुशी-खुशी शहादत दिल में रखके जज़्बा देशभक्ति का। -Nitesh Prajapati #जन्मदिनकोराकाग़ज़ #kkजन्मदिनमहाप्रतियोगिता #kkजन्मदिन #kkजन्मदिन_2 #kkhbd2022 #collabwithकोराकाग़ज़
Nitesh Prajapati
"करवाचौथ " करवाचौथ के दिन एक चाँद, ऊपर आसमान में चमकता है, तो दूसरा इस धरती पर, सजता सवरता है। हाथो में मेंहदी आँखों में काजल, माथे पर लाल बिंदी और करती है श्रृंगार, साथो साथ अपने सुहाग के लिए, बिना कुछ खाए पिए करती है निर्जला व्रत। जहाँ पर सच्चे जज़्बात होते हैं, वहांँ पर ही करवा चौथ का व्रत होता है, मन में सच्ची भावना और सयम होता है, वहांँ पर ही भगवान प्रसन्न होता हैं। दिन बिता, रात हुई, चाँद निकला, सुहागन का चेहरा खुशी से नीखरा, हाथों में लिए करवा चौथ के पूजा की थाली, करती है पूजा और अपने पति के हाथ से, पीकर जल निभाती है रस्म करवा चौथ की। -Nitesh Prajapati रचना क्रमांक :-1 #जन्मदिनकोराकाग़ज़ #kkजन्मदिनमहाप्रतियोगिता #kkजन्मदिन #kkजन्मदिन_1 #kkhbd2022 #collabwithकोराकाग़ज़
रचना क्रमांक :-1 #जन्मदिनकोराकाग़ज़ #KKजन्मदिनमहाप्रतियोगिता #KKजन्मदिन #KKजन्मदिन_1 #KKHBD2022 #collabwithकोराकाग़ज़
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