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Krish Vj

अंतिम चरण :- शीर्षक :- एहसास की दुनिया "कोरा काग़ज़" निबंध का शीर्षक जो उसकी आत्मा है, अर्थात आत्मा बिना जीवन की कल्पना असम्भव है वेसे ही कोरा काग़ज का नाम स्मरण होते ही मन के भाव जाग जाते है,एहसास की सरिता बूँद-बूँद बहकर जीवन को सुविकसित करती है। "एहसास की पावन कहानी, कविता कहती कोरा काग़ज़ पर ज़ज्बात की निशानी"

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 शीर्षक :- एहसास की दुनिया "कोरा काग़ज़"

काग़ज की नाव बनाकर, चलना मैंने जल पर सीख लिया
कोरा काग़ज़ संग एहसास लेखन के, यूँ ढलना सीख लिया

पूर्ण निबंध पढ़िए.. अनुशीर्षक मेें 📖 🖋️ अंतिम चरण :- 

शीर्षक :- एहसास की दुनिया "कोरा काग़ज़"

          निबंध का शीर्षक जो उसकी आत्मा है, अर्थात आत्मा बिना जीवन की कल्पना असम्भव है वेसे ही कोरा काग़ज का नाम स्मरण होते ही मन के भाव जाग जाते है,एहसास की सरिता बूँद-बूँद बहकर जीवन को सुविकसित करती है।

"एहसास की पावन कहानी, कविता कहती कोरा काग़ज़ पर ज़ज्बात की निशानी"

Nitesh Prajapati

रचना क्रमांक :-5 कोरा काग़ज़ मंच का नाम तो है "कोरा काग़ज़" लेकिन यह कभी काग़ज़ को कोरा रहने नहीं देता, हमेंशा प्रयास करता है कि उसके द्वारा दिए गए विषय पर ज्यादा से ज्यादा लेखक इस विषय को अपने शब्दों सजाएं। मंच का काम यहांँ पर पूरा नहीं होता, लेखक तो लिखकर छूट जाता है, तभी मंच अपना काम शुरू करता है।लेखक द्वारा लिखी गई रचनाओं को पढ़ता है, उसमें से हमारी कमी ढूँढता है और हमारी कमी हमें बताता है। साथ में उत्तम रचनाओं को अच्छी तरह से सराहता भी है और लेखकों को प्रशंसा पत्र दे कर ओर लिखने के

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"कोरा काग़ज़ की विशेषताएँ"

"लेखक का प्रेरणास्रोत"

लेखकों की लेखनी चाहे वाचक पढ़े ना पढ़े,
लेकिन "कोरा काग़ज़" मंच हमेंशा पढ़ता है,
यही है इस मंच की विशेष शब्दों की साधना।

कृपया पूरी रचना अनु शीर्षक में पढ़े।  रचना क्रमांक :-5

कोरा काग़ज़ मंच का नाम तो है "कोरा काग़ज़" लेकिन यह कभी काग़ज़ को कोरा रहने नहीं देता, हमेंशा प्रयास करता है कि उसके द्वारा दिए गए विषय पर ज्यादा से ज्यादा लेखक इस विषय को अपने शब्दों सजाएं।

       मंच का काम यहांँ पर पूरा नहीं होता, लेखक तो लिखकर छूट जाता है, तभी मंच अपना काम शुरू करता है।लेखक द्वारा लिखी गई रचनाओं को पढ़ता है, उसमें से हमारी कमी ढूँढता है और हमारी कमी हमें बताता है। साथ में उत्तम रचनाओं को अच्छी तरह से सराहता भी है और लेखकों को प्रशंसा पत्र दे कर ओर लिखने के

nvn ki dairy

शीर्षक:–कोरा कागज़ की विशेषता। 🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀 कोरा कागज़ के अवतरण दिवस पर, हमे कोरा कागज़ समूह की विशेषता बताने का मौका मिला है।कोरा कागज़ समूह क्या उद्देश्य नए नए लेखक,लेखिकाओं के रचनात्मक कौसल का विकास करना तथा उनके रचनात्मक कौसल को सुधार कर परिपक्वता की ओर ले जाना। कोरा कागज़ समूह प्रत्येक दिन नए नए शीर्षक देता है ताकि कोरा कागज़ समूह से जुड़े सभी सदस्य अपना अपना कौसल दिखा सके। उसके बाद जिसकी रचना का शब्द चयन अच्छा हो उसे प्रशस्ति प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया जाता है ताकि इसी तरह लेखक और लेखि

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जब बात हो कोरा कागज़ मंच की शब्द कम पड़ जाते है
दे कर अच्छे अच्छे शीर्षक,लिखने को मजबूर कर जाते है। शीर्षक:–कोरा कागज़ की विशेषता।
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कोरा कागज़ के अवतरण दिवस पर, हमे कोरा कागज़ समूह की विशेषता बताने का मौका मिला है।कोरा कागज़ समूह क्या उद्देश्य नए नए लेखक,लेखिकाओं के रचनात्मक कौसल का विकास करना तथा उनके रचनात्मक कौसल को सुधार कर परिपक्वता की ओर ले जाना।
कोरा कागज़ समूह प्रत्येक दिन नए नए शीर्षक देता है ताकि कोरा कागज़ समूह से जुड़े सभी सदस्य अपना अपना कौसल दिखा सके। उसके बाद जिसकी रचना का शब्द चयन अच्छा हो उसे प्रशस्ति प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया जाता है ताकि इसी तरह लेखक और लेखि

Divyanshu Pathak

कोराकाग़ज़ मानव जीवन से जुड़ा हुआ एक ऐसा उपागम है,जो कालक्रम की हर एक गतिविधि का साक्षी बनता है। श्रष्टि के आरंभ में श्रुतियों का लिपिबद्ध होकर वेदों के ज्ञान और विज्ञान से दुनिया को आलोकित करने का कार्य इसी से संभव हुआ। जीवन के शुरुआती दौर में अ से ज्ञ तक का सफ़र, भाषा और भावनाओं की लिखित अभिव्यक्ति, विचारों का फ़लक, कोराकाग़ज़ ही रहा। वक़्त बदला तो उसके साथ हर एक चीज में बदलाव आए।तकनीकी विकास ने यह सब एक नए रूप में हमारे सामने प्रस्तुत किया। यौरकोट ने शब्दों को ज़मीन दी तो लेखन खेती करने वाले लोग अपने

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नव निर्माण और उन्नति का माध्यम ( कोराकाग़ज़ )
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स्वामी दयानंद सरस्वती विरजानन्द जी के आश्रम में पहुंचे और उनसे अपना शिष्य बनाने की विनती की तब विरजानन्द जी ने उनसे पूछा कि बेटा तुम क्या जानते हो आज तक कुछ पढा है क्या? तब स्वामी जी ने कहा कि मैंने बहुत सी पुस्तकों को पढ़ा है। यह सुनकर विरजानन्द जी बोले, ठीक है किताबें पढ़ीं हैं तो पर मैं तुम्हें अपना शिष्य नहीं बना सकता इसलिए तुम जा सकते हो। जब स्वामी दयानंद जी ने ये बात सुनी तो उनकी आँखों से आँसू निकलने लगे वे विनीत भाव में बोले गुरुजी मैं क्या करूँ जो आप का शिष्य हो सकूँ।तब विरजानन्द जी ने कहा कि अब तक जो कुछ भी तुमने अपने मन के काग़ज़ पे अंकित किया है उसे मिटा दे और इन किताबों की गठरी को यमुना जी में बहा दे तब मैं तुम्हें अपना शिष्य बनाऊँगा, तेरे मन में कुछ लिख पाऊँगा। कुछ स्पष्ट सुंदर और स्थाई लिखने के लिए "कोराकाग़ज़" होना बहुत जरूरी है।
( कैप्शन देखें ) कोराकाग़ज़ मानव जीवन से जुड़ा हुआ एक ऐसा उपागम है,जो कालक्रम की हर एक गतिविधि का साक्षी बनता है। श्रष्टि के आरंभ में श्रुतियों का लिपिबद्ध होकर वेदों के ज्ञान और विज्ञान से दुनिया को आलोकित करने का कार्य इसी से संभव हुआ। जीवन के शुरुआती दौर में अ से ज्ञ तक का सफ़र, भाषा और भावनाओं की लिखित अभिव्यक्ति, विचारों का फ़लक, कोराकाग़ज़ ही रहा। वक़्त बदला तो उसके साथ हर एक चीज में बदलाव आए।तकनीकी विकास ने यह सब एक नए रूप में हमारे सामने प्रस्तुत किया।

यौरकोट ने शब्दों को ज़मीन दी तो लेखन खेती करने वाले लोग अपने

Tarot Card Reader Neha Mathur

कोरा काग़ज़ जन्मदिन महाप्रतियोगिता 2022 अंतिम चरण :-निबंध लेखन शीर्षक:-कोरा काग़ज़ की विशेषताएँ उपशीर्षक:-काग़ज़ परिवार एक अभूतपूर्व मंच प्रस्तावना:- कोरी से सोच को जो शब्दों से एहसास दे

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 कोरा काग़ज़ जन्मदिन महाप्रतियोगिता 2022
अंतिम चरण :- निबंध लेखन
शीर्षक:- कोराकाग़ज़ की विशेषताएँ
उपशीर्षक:-कोरा काग़ज़ परिवार एक अभूतपूर्व मंच

प्रस्तावना:- 

कोरी से सोच को जो शब्दों से एहसास दे
कोई खुशी लिखे तो कोई ग़म बयां कर दे,

नए लफ़ज़ों को देकर कवि की सोच को पंख दे
प्यार के दो मिसरों में नित नई तस्वीर उभरे,

ग़ज़ल कविता से कोरा काग़ज़ परिवार का रूप सजे
हंसी फुहारों से भी परिवार का हर रूप हंसे और खिले,

स्वागत खुली बाहों से सबका करता यही हैं विशेषताएँ
माँ सरस्वती का सदा आशीष बरसे दूं यही जन्मदिन की शुभकामनाएँ।

शेष कैप्शन/अनुशीर्षक में पढ़ें।🙏🙏 कोरा काग़ज़ जन्मदिन महाप्रतियोगिता 2022
अंतिम चरण :-निबंध लेखन
शीर्षक:-कोरा काग़ज़ की विशेषताएँ
उपशीर्षक:-काग़ज़ परिवार एक अभूतपूर्व मंच

प्रस्तावना:- 

कोरी से सोच को जो शब्दों से एहसास दे

DR. SANJU TRIPATHI

रचना क्रमांक -5 18/10/2022 निबन्ध लेखन "कोरा काग़ज़ की विशेषताएं " भावों की अभिव्यक्ति का जरिया है कोरा कागज, लेखक को लेखन में पारंगत बनाता है कोरा कागज।

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निबन्ध- "कोरा काग़ज़ की विशेषताएं "

भावों की अभिव्यक्ति का जरिया है कोरा कागज,
लेखक को लेखन में पारंगत बनाता है कोरा कागज।

👇👇शेष निबन्ध कृपया अनुशीर्षक में पढ़ें 👇👇👇 रचना क्रमांक -5
18/10/2022
निबन्ध लेखन
 "कोरा काग़ज़ की विशेषताएं "

भावों की अभिव्यक्ति का जरिया है कोरा कागज,
लेखक को लेखन में पारंगत बनाता है कोरा कागज।

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आखिरी व पांचवा चरण निबंध लेखन शीर्षक-कोरा कागज की विशेषताएँ 🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼 1.शीर्षक 🌼🌼🌼🌼 आज का मुख्य शीर्षक कोरा काग़ज़ मंच की विशेषताओं पर आधारित है,किस प्रकार मंच से

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नामुमकिन सा लगता है एक तेरी विशेषताओं
की सम्पूर्णता को बता पाना,
शब्दों का वर्णनाकार अक्सर कम पढ़ जाता है,
🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼
कृपया अनुशीर्षक में पढ़ें 🙏
🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼 आखिरी व पांचवा चरण
निबंध लेखन 
शीर्षक-कोरा कागज की विशेषताएँ
🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼
1.शीर्षक 
🌼🌼🌼🌼
आज का मुख्य शीर्षक कोरा काग़ज़ मंच की 
विशेषताओं पर आधारित है,किस प्रकार मंच से


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