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Dr. Naveen Prajapati

#dr_naveen_prajapati #शून्य_से_शून्य_तक #कवि_कुछ_भी_कलमबद्ध_कर_सकता_है.. हे प्रियतम ! मुझे तुम्हारी जरूरत उतनी है, जितनी - मजनू को लैला की, रांँझा को हीर की राधा को श्याम की, सीता को राम की ।

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मजनू को लैला की, रांँझा को हीर की
राधा को श्याम की, सीता को राम की ।

धनुर्धर को तीर की, निर्वस्त्र को चीर की;
प्यासे को नीर की, सिंहासन को वीर की ।

आत्मा को शरीर की, मानव को ज़मीर की;
अग्नि को समीर की,अभागे को तक़दीर की ।

धरती को सूरज की, पंक को नीरज की;
चकोर को चांँद की, सिंदूर को मांँग की ।

माली को फूल की, वृक्ष को मूल की;
धोबी को धूप की, शिल्पकार को रूप की ।

वृद्ध को लाठी की, कुम्हार को माटी की;
दीए को बाती की, कवि को ख्याति  की ।

अंतरंग को शुद्धि की, समाज को समृद्धि की;
विद्यार्थी को बुद्धि की, संन्यासी को सिद्धि की ।

भूखे को पकवान की, सेना को जवान की ;
बांझ को संतान की, बेघर को मकान की।

अज्ञानी को ज्ञान की, डॉक्टर को सम्मान की;
देश को संविधान की, जीवन को विज्ञान की ।

संबंध को विश्वास की, रूह को एहसास की;
मिट्टी को उच्छवास की, भोगी को विलास की

अन्धकार को प्रकाश की, देश को विकास की;
घमंडी को विनाश की ,और विचारों को निकास की । #dr_naveen_prajapati
#शून्य_से_शून्य_तक
#कवि_कुछ_भी_कलमबद्ध_कर_सकता_है..

हे प्रियतम ! मुझे तुम्हारी जरूरत उतनी है, जितनी -

मजनू को लैला की, रांँझा को हीर की
राधा को श्याम की, सीता को राम की ।

Abhishek Trehan

🎀 Challenge-194 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। आप अपने अनुसार लिख सकते हैं। कोई शब्द सीमा नहीं है।

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एक वक्त था 
जब तेरी हसरत थी मुझको
अब वो वक्त है 
जब तेरी जरूरत है मुझको
मेरी जरूरत को भी 
तेरी आदत हुई है
इस आदत को 
हम इबादत समझने लगे हैं... 🎀 Challenge-194 #collabwithकोराकाग़ज़

🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है।

🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है।

🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। आप अपने अनुसार लिख सकते हैं। कोई शब्द सीमा नहीं है।

Krish Vj

🎀 Challenge-194 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। आप अपने अनुसार लिख सकते हैं। कोई शब्द सीमा नहीं है।

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सूरज को ऊष्मा, चाँद को चाँदनी की
रात को दिन, ख़्वाब को निंदिया की
क्षुधा से पीड़ित को रोटी की
प्यास से आकुल को सलिल की
राग को रागिनी सुर को ताल की
व्यथित मन को शांति की
जैसे ज़िन्दगी अधूरी सांसों बिन 
वैसे मैं अधूरा तुम बिन
प्रियतम मेरे, मुझे तेरी ज़रूरत है 🎀 Challenge-194 #collabwithकोराकाग़ज़

🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है।

🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है।

🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। आप अपने अनुसार लिख सकते हैं। कोई शब्द सीमा नहीं है।

The unconditional Love

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तेरी जरूरत है मुझे मेरे इन सांसों को मेरे इन धडकन को मेरे दिल को अब देर न कर मेरी जिंदगी का हिस्सा बनने के लिए और मेरी प्यारी सी पत्नी बनने के लिए ।
हम तुम्हारे हर ख्वाहिशों को पूरा करेंगे।
 मेरी जिंदगी का प्यार सा हिस्सा बन जाओ।❤ 🎀 Challenge-194 #collabwithकोराकाग़ज़

🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है।

🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है।

🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। आप अपने अनुसार लिख सकते हैं। कोई शब्द सीमा नहीं है।

Ekta Gour

🎀 Challenge-194 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। आप अपने अनुसार लिख सकते हैं। कोई शब्द सीमा नहीं है।

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जीवन को रंगीन बनाने
में एक साथी तेरी ज़रुरत है

हो अगर तु राजी तो लगेगा
जैसे मेरी जिंदगी बहुत खुबसूरत है|
 🎀 Challenge-194 #collabwithकोराकाग़ज़

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🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है।

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भाग्य श्री बैरागी

🎀 Challenge-194 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। आप अपने अनुसार लिख सकते हैं। कोई शब्द सीमा नहीं है।

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ये ज़रूरी नहीं कि दिल कह सके,तेरी ज़रूरत है।

अकेले तो चल सकती हूँ,सफ़र-ए-इश्क़ में तेरी ज़रूरत है।

मुमकिन नही तो हर बात की हामी भी मत देना,जरा से सिंदूर को तेरी ज़रूरत है।

फ़ैसला सब मेरा ही ना हो,सही मशवरे में तेरी ज़रूरत है।

खास तो ज़िन्दगी में बहुत कुछ है, दिल के अज़ीज़ों में तेरी ज़रूरत है। 🎀 Challenge-194 #collabwithकोराकाग़ज़

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🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है।

🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। आप अपने अनुसार लिख सकते हैं। कोई शब्द सीमा नहीं है।

Neha Pathak

🎀 Challenge-194 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। आप अपने अनुसार लिख सकते हैं। कोई शब्द सीमा नहीं है।

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मुझे तेरी जरुरत है हर कड़ी धुप को बरसात का..
हर सूखे पत्तो को हरे पेड़ का
मेरी मुस्कान तेरी वजह का।। 🎀 Challenge-194 #collabwithकोराकाग़ज़

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🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। आप अपने अनुसार लिख सकते हैं। कोई शब्द सीमा नहीं है।

Divyanshu Pathak

🎀 Challenge-194 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। आप अपने अनुसार लिख सकते हैं। कोई शब्द सीमा नहीं है।

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सीप को मोती की,
दीपक को ज्योति की!
मल्ल को लँगोटी की,
जरूरत है जैसे!
मुझे तेरी जरूरत है।
हवा को महक की,
फ़िज़ा को चहक की!
खिज़ा को चमक की,
जरूरत है जैसे!
मुझे तेरी जरूरत है। 🎀 Challenge-194 #collabwithकोराकाग़ज़

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🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है।

🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। आप अपने अनुसार लिख सकते हैं। कोई शब्द सीमा नहीं है।

Monali Sharma

🎀 Challenge-194 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। आप अपने अनुसार लिख सकते हैं। कोई शब्द सीमा नहीं है।

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कभी तू सपनों में आती है, कभी यादों में 
कभी आकर सताती है, भीगी बरसातों में
कभी देखा नहीं मैंने तुझे, आखिर कैसी तेरी सूरत है
फिर भी इन सब से परे, तू मेरी ज़रूरत है

तेरी सूरत को न चाहा तेरी सीरत की मांँग है
सूरत तो मात्र एक छलिया स्वांग है
तुझे महसूस किया मैंने, हाँ तू इतनी खूबसूरत है
तुझे शायद खबर नहीं, तू मेरी ज़रूरत है

तेरी ज़रूरत है मुझे, तुझे शायद मेरी ज़रूरत होगी
जाने किस दिन, ये तेरे मेरे बीच दूरी खत्म होगी
 कभी चांँद को देखा, तो लगा जैसे तेरी मूरत है
मेरी पूरी कायनात से भी बढ़कर, तू मेरी ज़रूरत है 🎀 Challenge-194 #collabwithकोराकाग़ज़

🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है।

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🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। आप अपने अनुसार लिख सकते हैं। कोई शब्द सीमा नहीं है।

Aafia khan

🎀 Challenge-194 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। आप अपने अनुसार लिख सकते हैं। कोई शब्द सीमा नहीं है।

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ये जो तुम कहते रहते हो कि 
मुझे किसिकी ज़रूरत ही नहीं है,
क्या तुमने मुर्दों को अपने पैरों से
चलकर कब्रिस्तान जाते हुए देखा है? 🎀 Challenge-194 #collabwithकोराकाग़ज़

🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है।

🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है।

🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। आप अपने अनुसार लिख सकते हैं। कोई शब्द सीमा नहीं है।
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