Nojoto: Largest Storytelling Platform

Best मोगरेवालाइश्क Shayari, Status, Quotes, Stories

Find the Best मोगरेवालाइश्क Shayari, Status, Quotes from top creators only on Gokahani App. Also find trending photos & videos about

  • 1 Followers
  • 19 Stories

vishnu prabhakar singh

महक अपनी... इन हवाओं में बिखे़र कर , इत्र हो जाना मेरा... आसान होगा शायद.... हर साँस में... घुल कर तेरी हर रोम में... मैं महकती हूँ , मैं तुमसे... 'मोंगरे सा इश्क़' करती हूँ ।

read more
गुल हूँ,गुलाब हूँ
महक का शबाब हूँ
मुझे तोड़ हाथों में ले 
सुकून भरी सांसों में ले
बिखेर दे मलमल मान
प्रेम का प्रतीक जान
श्रद्धा में तू लीन हो
कभी ना गमगीन हो
हर प्रेम को मेरी कसम
मुझमें है पाक अनम
तुम मेरे राह के राही
मेरा संपूर्ण है प्रेम धारा
गुलाब तुम्हारा। महक अपनी... इन हवाओं में बिखे़र कर ,
इत्र हो जाना मेरा... आसान होगा शायद....

हर साँस में... घुल कर तेरी
हर रोम में... मैं महकती हूँ ,
मैं तुमसे... 'मोंगरे सा इश्क़' करती हूँ ।

vishnu prabhakar singh

सुबह की... मेरी वो , खराश़... सी आवाज़ मेरी वो धीमी सी आवाज़ तुमसे... कुछ कहना चाहती है । पलकें.. सूजी सी मेरी , अलसाई हो नज़रे मेरी , अधखुली आँखों से मेरी ,

read more
जब समय की पूर्णता लिए
प्रथम,श्री कली,रूप पाता है
एकाकीपन का छटा
प्रतीक्षा में सिमटी आभा
आवरण से प्रस्फुटित हो
अपना कथा कहता है
कथा गुलाबी ही हो,
आवश्यक नहीं,सौगंध नहीं
धर्म के रंग में तय रूप पाता है
गुलाब तो बस सुर्ख हो जाता है। सुबह की... मेरी वो ,
खराश़... सी आवाज़ 
मेरी वो धीमी सी आवाज़
तुमसे... कुछ कहना चाहती है ।

पलकें.. सूजी सी मेरी ,
अलसाई हो नज़रे मेरी ,
अधखुली आँखों से मेरी ,

vishnu prabhakar singh

बेसब्र मैं, देखो... कितना सब्र रखती हूँ , मैं तुमसे... 'मोंगरे सा इश्क़' करती हूँ । ************************** जानती हूँ... मैं चाय बेहद गरम है , पर... उसकी...

read more
अपने पूर्ण अवस्था में
मेरे पुष्प का आकार
मेरे पंखुड़ियों का झुकाव
और वो स्नेहशील बंधन
गुम्बज का मध्य मेरे
आजादी देता है,
बिखरना मेरा आत्मा है
युग से मैं,महक लिए,
जल लिए झड़ता हूँ
बिखरता हूँ,
विस्तार मेरा आचरण है
विभाजन मेरा पूण्य है
इस आत्मा में जीता हूँ
गुलाब जल पीता हूँ। बेसब्र मैं, देखो... कितना सब्र रखती हूँ ,
मैं तुमसे...  'मोंगरे सा इश्क़' करती हूँ ।

**************************

जानती हूँ... मैं
चाय बेहद गरम है ,
पर... उसकी...

vishnu prabhakar singh

तेरे अहसासों में... रहती हूँ मैं , तुमसे 'मोंगरे सा इश्क़' करती हूँ मैं । ************************** विद्या और बुद्धि की लालची सदा से रही हूँ मैं , लालच से वशीभूत मैं , अक्सर मोर पंख रखती थी

read more
पुष्प की अभिलाषा
उपकृत निष्ठा उचित
सत्य सिद्ध हो।
विश्वास महक उठे
प्रेम खिल जाये
आलिंगन में आत्माओं का
सत्य सिद्ध हो,
ठीक उस तौर,जो दबा मिट्टी में
आधार,अस्तित्व का मूल सहारा
गुलाब तुम्हारा। तेरे अहसासों में... रहती हूँ मैं ,
तुमसे 'मोंगरे सा इश्क़' करती हूँ मैं ।
**************************

विद्या और बुद्धि की
लालची सदा से रही हूँ मैं ,
लालच से वशीभूत मैं ,
अक्सर मोर पंख रखती थी

vishnu prabhakar singh

दायरे में तेरे मैं... मैं होकर रहती हूँ , मैं तुमसे 'मोंगरे सा इश्क़' करती हूँ । #मेरामोंगरेसाइश्क #मोगरेसाइश्क़मेरा #मोगरेवालाइश्क #इश्कमोगरेसा

read more
स्वभाव सहन सबको सुहाता
गहन गठन गरमाहट गुलाब। दायरे में तेरे मैं... मैं होकर रहती हूँ ,
मैं तुमसे 'मोंगरे सा इश्क़' करती हूँ ।


#मेरामोंगरेसाइश्क 
#मोगरेसाइश्क़मेरा 
#मोगरेवालाइश्क 
#इश्कमोगरेसा

vishnu prabhakar singh

मैं तुमसे 'मोंगरे सा इश्क़' करती हूँ... लिख- लिख के इतना लिखे है कि मोंगरा खुद आकर ये बोल कर गये हैं , माफ़ कर दे... जीने दे... बख़्स दे मुझे । ☺😛🙈☺😛🙈☺😛🙈☺ #मोगरेसाइश्क़मेरा

read more
मेरे स्पर्शी भाव और अलबेली खुशबू
चाहने वाले कुछ अंजान भी हैं प्रकृति
मेरे अंग भंग से निकले,आह भी प्यारा
हर स्थिति,अवसर का गुलाब तुम्हारा। मैं तुमसे 'मोंगरे सा इश्क़' करती हूँ...
लिख- लिख के इतना लिखे है कि
मोंगरा खुद आकर ये बोल कर गये हैं ,
माफ़ कर दे... जीने दे... बख़्स दे मुझे ।

☺😛🙈☺😛🙈☺😛🙈☺

#मोगरेसाइश्क़मेरा

vishnu prabhakar singh

पानी भी ग़र ज्यादा हुआ, तू ना खिल पायेगा , आँधी ग़र आयी कभी, तू शायद गिर जाएगा , धूप ग़र बडी़ तेज़ पडी़, कैसे तू संभल पायेगा , प्रकृति के अनुरूप तेरी, तेरा ख़याल मैं करती हूँ , दायरे में आँचल के मेरे, तुझे मैं महफूज़ रखती हूँ , मैं तुमसे.......... 'मोंगरे सा इश्क़' करती हूँ ।

read more
हर ओर शोक कुछ,गहरा दिल
यह गहराई बहुत कठिन मंजिल
इन शोक में ले जाते,मेरे चंद पदान
सौंपते मध्य कुछ भाव व आत्मसम्मान 
मान कर अपना,गहरे परिवर्तन का सहारा
गुलाब तुम्हारा। पानी भी ग़र ज्यादा हुआ, तू ना खिल पायेगा ,
आँधी ग़र आयी कभी, तू शायद गिर जाएगा ,
धूप ग़र बडी़ तेज़ पडी़, कैसे तू संभल पायेगा ,
प्रकृति के अनुरूप तेरी, तेरा ख़याल मैं करती हूँ ,
दायरे में आँचल के मेरे, तुझे मैं महफूज़ रखती हूँ ,
मैं तुमसे..........    'मोंगरे सा इश्क़' करती हूँ ।

vishnu prabhakar singh

राधिका बन कर भी मैं मीरा बनती हूँ , मैं तुमसे... 'मोंगरे सा इश्क़' करती हूँ । #मोंगरेसाइश्क़ #मेरामोंगरेसाइश्क #मोगरेसाइश्क़मेरा #मोगरेवालाइश्क

read more
मिट्टी से बना,काँटों से घिरा
झाड़ में रहा,पला और बढ़ा
अनेक रंग हैं पर भाव भिन्न
ऋतू फुहार से मेरा ये इशारा
पुष्प भूप है  गुलाब तुम्हारा। राधिका बन कर भी मैं मीरा बनती हूँ ,
मैं तुमसे... 'मोंगरे सा इश्क़' करती हूँ ।


#मोंगरेसाइश्क़ 
#मेरामोंगरेसाइश्क
#मोगरेसाइश्क़मेरा 
#मोगरेवालाइश्क

vishnu prabhakar singh

तन  जैसे  तनु
मन जैसे महक
रंग  जैसे  रत्न
रूप जैसे रब्बा
फूल जैसे,धीर हृदय में महान
प्रेम चाहत का जैसे,हो प्रमाण
पुष्पअचल कोमल होता सारा
शरद तृप्ति का गुलाब तुम्हारा 
#इश्क़मोगरेसा 
#मोगरेसाइश्क़मेरा 
#मोगरेवालाइश्क 
#drsimple 
#sadagise_mehek_dhaniyaki      #YourQuoteAndMine
Collaborating with drsimple    
Collaborating with Dhun (Deepali)

vishnu prabhakar singh

कभी सफेद वचन
तो कभी लाल
प्रेम सतरंगी
मैं गुलाबी अच्छा बनने पर... विवश करती है ।

#इश्कमोगरेसा 
#randomthought 
#मोगरेसाइश्क़मेरा 
#मोगरेवालाइश्क 
#drsimple 
#sadagise_mehek_dhaniyaki   #YourQuoteAndMine
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile