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Anand Prakash Nautiyal tnautiyal
इश्क वो सीढी है, जो चढ जाता हर कोई, न योग्यता न तालीम जरूरी है कोई, न मजहब न कोई घराना चाहिए, बस सच्चे दिलों का फ़साना चाहिए। ©Anand Prakash Nautiyal #इश्क#की#सीढी #Flower
Priya Gour
इत्तु-सी हँसी इत्तु सी हँसी, बचपन की मस्ती, जवानी की आशिकी, बुढ़ापे की लाठी, जून की गर्मी, दिसंबर की सर्दी, समुंदर की गहरायी, बेस्टी की शादी, चेहरे की सादगी, शायर की शायरी, चाय की चुस्की, कोयल की वाणी, क्लास में फस्ट आने की खुशी,दोस्तों की यारी, मंदिर की सीढी, शिव पार्वती की जोड़ी, ईद की ईदी, दिवाली की रोशनी, सावन की बदरी, फूलों की क्यारी स्कूल की डायरी, कॉलेज की क्रश, कानों की बाली, होठों की लाली, बहुत खास होती हैं... #Laughter #बहुत #खास #होती #है #हँसी #बचपन #मस्ती #जवानी #आशिकी #बुढ़ापा #लाठी #जून #गर्मी #दिसंबर #सर्दी #समुंदर #गहरायी #बेस्टी #शादी #चेहरा #सादगी #शायर #शायरी #चाय #ताजगी #कोयल #वाणी #क्लास #फस्ट #खुशी #दोस्त #यारी #मंदिर #सीढी #शिवपार्वती #जोड़ी #ईद #ईदी #दिवाली #रोशनी #सावन #बदरी #स्कूल #डायरी #कॉलेज #क्रश #कान #बाली #होठ #लाली #Nojoto #Nojotoapp #Nojotohindi #Nojotolines
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read moreAnil Siwach
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 11 ।।श्री हरिः।। 3 - दाता की जय हो! कुएँ पर रखा पत्थर पानी खींचने की रस्सी से बराबर रगड़ता रहता है और उस पर लकीरें पड़ जाती हैं; इसी प्रकार कोई एक ही शब्द बराबर रटा करे तो उसकी जीभ पर या मस्तिष्क पर कोई विशेष लकीर पड़ती है या नहीं, यह बताना तो शरीरशास्त्र के विद्वान का काम है। मैं तो इतना जानता हूँ कि जहाँ वह नित्य बैठा करता था, वहाँ का पत्थर कुछ चिकना हो गया है। श्रीबांकेबिहारीजी के मन्दिर के बाहर कोने वाली सँकरी सीढी के ऊपर वह बैठता था और एक ही रट थी उस
read moreAnil Siwach
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8 ।।श्री हरिः।। 11 – पुनर्जन्म डा० ह्युम वॉन एरिच जीवाणु-वैज्ञानिक हैं मुख्य रूप से। वैसे आज विज्ञान की अनेक शाखाएँ परस्पर उलझ गयी हैं। रसायन-विज्ञान और परमाणु-विज्ञान के बिना आज जीवाणु-विज्ञान में प्रगति नहीं की जा सकती। स्वभावत: डा० एरिच ने इन विज्ञान की शाखाओं में भी अच्छा अध्ययन किया है। उनका प्रयोग चल रहा है और उन्हें लगता है कि मनुष्य में आनुवंशिकता अंकित करने वाली जो प्रकृति की लिपि है, उसमें परिवर्तन करने की कुंजी सैद्धान्तिक रूप में उनके हाथ आ गयी
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