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Best महबूबकेक़दमोंमें Shayari, Status, Quotes, Stories

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Krish Vj

♥️ Challenge-598 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।

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जहाँ भी देखा तुम्हें देखा,  हर पुरनूर नजारों में तुम्हें देखा
बहारें खुशनुमा हैं, मैंने खुशी की इन बहारों में तुम्हें देखा 

ज़र्रा-ज़र्रा  तुमसे महकता हैं,  मैंने हर फूलों में तुम्हें देखा
धड़कता दिल एहसास से, मैंने हर एहसास  में तुम्हें देखा

जन्नत की आरज़ू,मैंने जन्नत को महबूब के कदमों में देखा
इश्क़  इबादत, उस  से मिलता हैं  ख़ुदा, मैंने तुम में देखा 

ख़्वाब, ख़याल, मुलाक़ात और  हर बात में मैंने तुम्हें देखा
अश्कों के मोती बरसते , रौशन चाँद सितारों में तुम्हें देखा  ♥️ Challenge-598 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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Sweta

गुल -फूल मसरूफ़ - व्यस्त अदावत- दुश्मनी बारिश ए रहमत -rain of blessing मग़रूर-अभिमानी ♥️ Challenge-598 #collabwithकोराकाग़ज़

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वो मसरूफ़ अपनी दुनिया में 
गुल की हिफ़ाज़त नहीं करते

इतने क्यों मग़रूर हो इक नज़र 
बारिश -ए -रहमत  नहीं  करते
 
हमनें भी  बे- इंतहा  मोहब्बत 
किया था  अदावत  नहीं करते

महबूब के कदमों में बिछाया था 
दिल छोड़ो वो चाहत नहीं करते

पर जब हमनें लहरों की कहानी 
सुनी जाओं बगावत नहीं  करते 

दिल उसका भी चूर  था  चलों 
अब हम शिक़ायत नहीं करते ।। गुल -फूल 
मसरूफ़ - व्यस्त
अदावत- दुश्मनी
बारिश ए रहमत -rain of blessing
मग़रूर-अभिमानी

♥️ Challenge-598 #collabwithकोराकाग़ज़

jagruti vagh

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हम दोनों है शराबी तो क़दमों में चाँद-तारों का क्या काम?
हमें तो बस पीना है नशीला जाम हमारे इश्क़ के नाम

कभी समंदर किनारे,कभी तारों की चादर के नीचे
तो कभी जुगनूओं के बीच कर नशा गुजारेंगे रंगीली शाम

गर चढ़ जाऐ नशा हम दोनों को तो, दोनों एक दुजे को 
संभाल कर झुमते झुमते हासिल करेंगे मुकाम

हम तो नही छोड़ेंगे हमारी दारु और पागलपन 
भले ही दुनिया वाले कर ले हमें कितना भी बदनाम

"राही" को है अपने शराबी महबूब का इंतजार
ए ख़ुदा जल्द से मुकम्मल करना चाहत-ए-खय्याम

जागृति वाघ "राही"
 ♥️ Challenge-598 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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नरेश होशियारपुरी

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हमारी ये ज़िंदगानी है।।
जो उसी से शुरू और
उसी पे खत्म हो जानी है।। ♥️ Challenge-598 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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Ish Kumar King

तार्रुफ़=परिचय, मुलाकात ♥️ Challenge-598 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।

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ज़माने भर की खुशियां रख दूं
महबूब के कदमों में 
जिल्लतें उठाकर मुस्कुराहट भर दूं
महबूब के कदमों में
तार्रुफ़ हुआ कुछ इस कदर
मुहब्बत के सदमों में
की बची हुई साँसे भी रख दूं
महबूब के कदमों में तार्रुफ़=परिचय, मुलाकात
♥️ Challenge-598 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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Anita Saini

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महबूब के क़दमों में
जान लुटा दूँ ऐसा इरादा है
कभी कमी ना होगी मेरी
वफ़ाओं में ऐसा वादा है

महबूब मेरा क़दमों में
नहीं दिल में रखता है
ज़न्नत कैसी है मालूम नहीं
वो मुझे मन्नत कहता है।

कदमबोसी क्यूँ करे वो
जो दिल में रहता है
तुमसे है गुलज़ार ज़िंदगी 
मेरा महबूब मुझे ज़ीनत कहता है। ♥️ Challenge-598 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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Prerit Modi सफ़र

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शे'र-
क्या रक्खा है ज़माने में मेहबूब की मुहब्बत के सिवा
ख़ुशियाँ जहाँ की लाकर रख दूँ, मेहबूब के कदमों में ♥️ Challenge-598 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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नेहा उदय भान गुप्ता

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कर दिया था महबूब के कदमों में जिन्दगी न्योछावर, पर उसने अपनी नेह को है ठुकराया,
छोड़कर मेरी नेह पाक मोहब्बत को, उन्होंने किसी और के बांहों में अपना आशियाँ सजाया।
कैसे भूल जाऊँ मैं अपने आशिक़ दिलदार को, मैंने ख़ुद को भी भूल कर उसे बेइंतहा चाहा था,
तोड़कर मेरे हसी ख़्वाब वो, मुझे तन्हाकर,  किसी गैर को है उसने  अपनी जिन्दगी बनाया।। ♥️ Challenge-598 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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अभिलाष सोनी

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इश्क़ की दास्ताँ अधूरी न रह जाए।
चाहत की हम वो इबारत लिखेंगे।

मुक़म्मल हो जाए गर दास्ताँ हमारी,
महबूब के क़दमों में मुबारक लिखेंगे।

मिले जो गर हमें ख़ुशियों का जहाँ,
मोहब्बत की ऊँची इमारत लिखेंगे।

होती है कैसी ये सच्ची मोहब्बत,
आशिक़ों के लिए वो इनायत लिखेंगे।

वफ़ा की राहों से गुजरेंगे जब भी,
लफ़्ज़ों में थोड़ी शरारत लिखेंगे।

छेड़कर महबूब के हुस्न-ए-बहार,
साहिल के नाम शराफ़त लिखेंगे। ♥️ Challenge-598 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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DR. SANJU TRIPATHI

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मेरे महबूब की हर एक अदा अनोखी और सबसे जुदा है
मेरा महबूब ही मेरी पहचान है बसती उसमें मेरी जान है।

मेरा महबूब मुझको चाहता है अपनी जान से भी ज्यादा,
मुझ पर ही अपनी जान लुटाने का रखता है हरदम इरादा।

महबूब के क़दमों में नहीं उसके दिल में मेरा ठिकाना है,
उसके दिल की गलियों में मेरा रोज का आना जाना है।

दुनियाँ में मेरा महबूब ही मेरा हमकदम मेरा हमसाया है,
खुदा की रहमत है हमने प्यार से अपना संसार बसाया है।

उसकी चाहत के सिवा मेरी जिंदगी की कोई चाहत नहीं है,
मेरा महबूब साथ है तो मुझे किसी और की जरूरत नहीं है। ♥️ Challenge-598 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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