Find the Best सुप्रभातम् Shayari, Status, Quotes from top creators only on Gokahani App. Also find trending photos & videos aboutसुप्रभातम् in hindi, सुप्रभातम् in english, सुप्रभातम् meaning, सुप्रभातम् संस्कृत श्लोक, सुप्रभातम् फोटो,
Manojkumar Srivastava
White सुप्रभातम् ©Manojkumar Srivastava #Sad_Status #सुप्रभातम्#सुप्रभातम्
#Sad_Status #सुप्रभातम्#सुप्रभातम्
read moreManojkumar Srivastava
सुप्रभात मित्रो ©Manojkumar Srivastava #सुप्रभातम्# #हास्य-व्यंग्य#
#सुप्रभातम्# #हास्य-व्यंग्य#
read moreRaj Guru
वो फुरसत में होगी तब खुद बात करेगी। उसे आयेगी मेरी याद तो मुझे याद करेगी।। अभी उलझी होगी घर के कामों में शायद। निकाल के वक़्त मुझसे मुलाक़ात करेगी।। जमा कर रही है दिल की तिजोरी में जो। मिलकर हज़ारों बातें वो मेरे साथ करेगी।। चंद दिनों की ख़ामोशी फिर हंसी ठिठोली। लगकर सीने से प्यार की बरसात करेगी।। #सुप्रभातम् मित्रो# ©Raj Guru #प्यार_की_बरसात_करेगी कवि संतोष बड़कुर vivekanand Mãñ Tïwärî RAHUL KUMAR शीतल चौधरी(मेरे शब्द संकलन ) Syed Suraj Komal Aftab Khan Jashvant Rukhsar Neha verma shashi kala mahto Aditya Kumar jyoti kanwar Santosh Singh Santosh Singh दिनेश कुशभुवनपुरी Monika Pawar Mahadev ki deewani (official) Mamta Verma sing with gayatri Swati mourya N.B.S , liker boy Sethi Ji Anupriya
#प्यार_की_बरसात_करेगी कवि संतोष बड़कुर vivekanand Mãñ Tïwärî RAHUL KUMAR शीतल चौधरी(मेरे शब्द संकलन ) Syed Suraj Komal Aftab Khan Jashvant Rukhsar Neha verma shashi kala mahto Aditya Kumar jyoti kanwar Santosh Singh Santosh Singh दिनेश कुशभुवनपुरी Monika Pawar Mahadev ki deewani (official) Mamta Verma sing with gayatri Swati mourya N.B.S , liker boy Sethi Ji Anupriya
read moreRaj Guru
देह से आत्मा तक मैंने सँवारा नहीं , आज तक यूँ किसी ने दुलारा नहीं..! क्यों न आऊँ तुम्हारे बुलाने से मैं , इस तरह तो किसी ने पुकारा नहीं..!! #सुप्रभातम्# ©Raj Guru #पुकारा_नहीं Rashi mk Priyanshi indu singh Sethi Ji
#पुकारा_नहीं Rashi mk Priyanshi indu singh Sethi Ji
read moreRaj Guru
सारे लम्हों की खुली किताब है जिन्दगी, ख्यालों और साँसों का हिसाब है जिन्दगी..! कुछ जरूरतें पूरी और कुछ ख्वाहिशें अधूरी, इन्हीं सब सवालों की जवाब है जिन्दगी..!! #सुप्रभातम्# ©Raj Guru #kitaabein Rakesh Srivastava SHAYAR ANHAR Neeraj poonam atrey Chanda Anupriya / दुबे प्रयागवासी। cute muskan singh भोली_सी_ख़्वाहिश_तरूणा_शर्मा masung Chaudhary Manish Dev jyoti choudhary my life line buggu suresh raj Aftab Puja Udeshi
#kitaabein Rakesh Srivastava SHAYAR ANHAR Neeraj poonam atrey Chanda Anupriya / दुबे प्रयागवासी। cute muskan singh भोली_सी_ख़्वाहिश_तरूणा_शर्मा masung Chaudhary Manish Dev jyoti choudhary my life line buggu suresh raj Aftab Puja Udeshi
read moreविष्णुप्रिया
छटा रात्री का गहन अन्धेरा रवि की लाल किरण हैं छाई....!! नव उल्लास से उर्जित रश्मियाँ देखो नव प्रभात हैं लाई....!! सृष्टि सारी सृजन से सज रही ऊषा नव विकास हैं लाई....!! हर्षित मन से करो स्वीकार सब आशा सहृदय प्रणाम हैं लाई...!! 🌿🌸🍁 #सुप्रभातम्
Raj Guru
खुशियाँ कम और अरमान बहुत हैं, जिसे भी देखो परेशान बहुत है..! करीब से देखा तो निकला रेत का घर, मगर दूर से इसकी शान बहुत है..!! कहते हैं सच का कोई मुकाबला नहीं, मगर आज झूठ की पहचान बहुत है..! मुश्किल से मिलता है शहर में आदमी, यूँ तो कहने को इन्सान बहुत है..!! #सुप्रभातम्# ©Rajendra Prasad Dohare
Divyanshu Pathak
देवशयनी एकादशी --- मान्यताओं के अनुसार इस दिन से देवताओं का रात्रिकाल आरंभ हो जाता है और वह सो जाते हैं। समय की इस श्रृंखला को हम "चातुर्मास" के नाम से जानते हैं।यह "देवप्रबोधिनी" एकादशी वाले दिन पूर्ण होता है। क्या आप जानते हैं इसका क्या महत्व है आख़िर क्यों होता है चातुर्मास? कैप्शन देख लें---- यह इस देश की एक महान परम्परा है कि वर्षा ऋतु में देव सो जाते हैं। सभी धार्मिक या शुभ कार्य ठहर जाते हैं। पूरा देश सामाजिक चिन्तन व समस्याओं के निवारण में व्यस्त हो जाता है। बरसात के कारण पैदल चलने वाले साधु-संतों का आवागमन ठहर जाता है। वे भी इस काल में समाज को उपलब्ध रहते हैं। उनकी निश्रा में विभिन्न सम्प्रदाय एवं समूह अपने-अपने विषयों पर चर्चा करते हैं। भारतीय दर्शन के संन्यास आश्रम की भूमिका भी यही है। तभी संतों का निर्वाह समाज करता है। चातुर्मास संतों के लिए इस उधार को चुकाने का अवसर भी है। च
यह इस देश की एक महान परम्परा है कि वर्षा ऋतु में देव सो जाते हैं। सभी धार्मिक या शुभ कार्य ठहर जाते हैं। पूरा देश सामाजिक चिन्तन व समस्याओं के निवारण में व्यस्त हो जाता है। बरसात के कारण पैदल चलने वाले साधु-संतों का आवागमन ठहर जाता है। वे भी इस काल में समाज को उपलब्ध रहते हैं। उनकी निश्रा में विभिन्न सम्प्रदाय एवं समूह अपने-अपने विषयों पर चर्चा करते हैं। भारतीय दर्शन के संन्यास आश्रम की भूमिका भी यही है। तभी संतों का निर्वाह समाज करता है। चातुर्मास संतों के लिए इस उधार को चुकाने का अवसर भी है। च
read more