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Krish Vj
धड़कन तुम दिल की, ना भूलेंगे कभी तुम्हें दिल की इस चौखट से नहीं जाने देंगे तुम्हें तड़पता है दिल बिना तुम्हारे ए-साथी मेरे इतने बेरहम नहीं, खुद को नहीं सजा देंगे 👉🏻 प्रतियोगिता- 233 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌹"दिल की चौखट"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I
👉🏻 प्रतियोगिता- 233 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌹"दिल की चौखट"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I
read moreKrish Vj
दर्द की इस "आहट" को मत सुन तू अपनी इस "मुस्कराहट" को सुन तू अपने दिल की "घबराहट" को दूर कर तू अपने माथे की इस "सिलवट" को हटा तू वाणी की "बुदबुदाहट" को नरमाई कर तू सुकून से "सजावट" कर ज़िन्दगी की तू मन में कोई "फुसफुसाहट" नहीं रख यूँ तू जीना यह "मुस्कराहट" से मुकम्मल कर तू 👉🏻 प्रतियोगिता- 229 🌹ग़ज़ल प्रतियोगिता प्रत्येक गुरुवार 🌹 🙂आज की ग़ज़ल प्रतियोगिता के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌹"जीते हैं चल"🌹
👉🏻 प्रतियोगिता- 229 🌹ग़ज़ल प्रतियोगिता प्रत्येक गुरुवार 🌹 🙂आज की ग़ज़ल प्रतियोगिता के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌹"जीते हैं चल"🌹
read moreMadhu Jain
अजीब दास्ताँ है उस फूल की बिखर के भी खुशबु ही देता है और गुल गुलशन में बहार है इन से बिल्कूल जीवन में दुआ की तरह। 👉🏻 प्रतियोगिता- 234 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌹"अजीब दास्तान"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I
👉🏻 प्रतियोगिता- 234 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌹"अजीब दास्तान"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I
read moreInsprational Qoute
अजीब दास्तान है हमारी एकतरफ़ा मोहब्बत की, एकदूजे से ख़ामोश रहे जब तक कि जुदा न हो गए , जो रिश्ते पहले अपनापन का एहसास दिया करते थे, अब मात्र एक हैलो हाय तक ही बस सीमित हो गए। 👉🏻 प्रतियोगिता- 234 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌹"अजीब दास्तान"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I
👉🏻 प्रतियोगिता- 234 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌹"अजीब दास्तान"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I
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मन मे उठी वेदनाओं का ये कैसा झँकृत सा शोर है, मिट गया मानो जगत का उजियारा कहीं न भोर है, ख़ौफ दिल की चौखट को लांघ कोसों दूर जा रहा, कोई रोको,रोके से न रुके कोलाहल मचा चहुँओर है। 👉🏻 प्रतियोगिता- 233 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌹"दिल की चौखट"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I
👉🏻 प्रतियोगिता- 233 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌹"दिल की चौखट"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I
read moreInsprational Qoute
जिंदगी मात्र पानी का बुलबुला है जीते है चल, नश्वरता को कर स्वीकार यही है सत्य प्रबल, निर्वात मन मे अवांछनीय स्वप्न को न सजाओ, अन्यथा जीवन जीना हो जायेगा अति दुर्बल, ध्यानम,तन्यमता सम अक्षर का बोध तुम करना, अति सरल से नियम है जीवन भी बनता सबल , नेकी वैचारिकता दूर करे परा समालोचना से, परम् धर्म ही आधार बनेगा हमारा आज का कल, मस्तिष्क का सदुपयोग कर समस्या समाधान में, बाधाओं का होगा निपटान मिलेंगे अनेक से हल। 👉🏻 प्रतियोगिता- 229 🌹ग़ज़ल प्रतियोगिता प्रत्येक गुरुवार 🌹 🙂आज की ग़ज़ल प्रतियोगिता के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌹"जीते हैं चल"🌹
👉🏻 प्रतियोगिता- 229 🌹ग़ज़ल प्रतियोगिता प्रत्येक गुरुवार 🌹 🙂आज की ग़ज़ल प्रतियोगिता के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌹"जीते हैं चल"🌹
read morepurvi Shah
ना जाने क्या अजीब दास्तान तेरे मेरे रिश्ते की....! रुह मिली रुह से है ओर दुआ करते मिलने की...! मंज़िल तो एक है पता नहीं हमें गुजारगाह की...! हर लम्हा पास ओर वक्त से गुज़ारिश साथ की...! 👉🏻 प्रतियोगिता- 234 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌹"अजीब दास्तान"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I
👉🏻 प्रतियोगिता- 234 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌹"अजीब दास्तान"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I
read morekavi manish mann
//212 212 212 212// दिल की’ चौखट पे’ कोई मे’रे आ गया। वो मुझे भा गई मैं उसे भा गया, वो नज़र से पिलाई जो’ इक घूंँट तो, इक नशा प्यार का फिर मुझे छा गया।। 👉🏻 प्रतियोगिता- 233 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌹"दिल की चौखट"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I
👉🏻 प्रतियोगिता- 233 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌹"दिल की चौखट"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I
read morePrerit Modi सफ़र
अजीब दास्तान का ए ख़ुदा कैसा ये सिलसिला है न ही अब कोई शिकवा है न ही अब कोई गिला है ज़र्द पत्तों सी बिखर रही है ज़िन्दगी यहाँ सब की मुक़म्मल जहाँ किसी को किसी को कुछ नहीं मिला है 👉🏻 प्रतियोगिता- 234 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌹"अजीब दास्तान"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I
👉🏻 प्रतियोगिता- 234 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌹"अजीब दास्तान"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I
read morePrerit Modi सफ़र
ग़मो का हिसाब क्यों रखते हो तुम यहाँ चेहरा उदासीयों का क्यों रखते हो तुम यहाँ उगते सूरज को देखो, नए दिन का आगाज़ है कल की चिंता में डूबे क्यों रहते हो तुम यहाँ हसरत इंसान को जीने की ताकत देती है बे-ख़्वाहिश-ए-दिल क्यों रखते हो तुम यहाँ जीते हैं चल आज गुज़िश्ता पलों को भूल कर माज़ी के दरिया में क्यों बहते हो तुम यहाँ एक नया आगाज़ करते है 'सफ़र' का हम दोनों खारों की जमीन पर क्यों चलते हो तुम यहाँ गुज़िश्ता- past माज़ी- past खार- काँटे 👉🏻 प्रतियोगिता- 229 🌹ग़ज़ल प्रतियोगिता प्रत्येक गुरुवार 🌹
गुज़िश्ता- past माज़ी- past खार- काँटे 👉🏻 प्रतियोगिता- 229 🌹ग़ज़ल प्रतियोगिता प्रत्येक गुरुवार 🌹
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