Find the Best शारदे Shayari, Status, Quotes from top creators only on Gokahani App. Also find trending photos & videos aboutऐ शारदे माँ, हे शारदे माँ, माँ शारदे, करूं शारदे तुमको शत-शत नमन lyrics, वरदायिनी मां शारदे प्रार्थना,
अर्पिता
हैं शारदे माँ आशीर्वाद तेरा चाहिए, हर कदम पर साथ तेरा चाहिए, जीवन के बसंत में रंग तेरे चाहिए, अपने सपनों को जीने, मैं अनवरत दौड़ रहीं, दौड़ने के इस मार्ग में भरोसा तेरा चाहिए। ©अर्पिता #शारदे माँ
#शारदे माँ
read moreSunil itawadiya
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ अज्ञानता से हमें तारदे माँहे शारदे माँ, हे शारदे माँ हे शारदे माँ, हे शारदे माँ अज्ञानता से हमें तारदे माँ हे शारदे माँ..तू स्वर की देवी, ये संगीत तुझसे हर शब्द तेरा है, हर गीत तुझसे हम है अकेले, हम है अधूरे तेरी शरण हम, हमें प्यार दे माँ हे शारदे माँ, हे शारदे माँ अज्ञानता से हमें तारदे माँमुनियों ने समझी, गुनियों ने जानी वेदोंकी भाषा, पुराणों की बानीहम भी तो समझे, हम भी तो जाने विद्या का हमको अधिकार दे माँहे शारदे माँ, हे शारदे माँ अज्ञानता से हमें तारदे माँतू श्वेतवर्णी, कमल पर विराजे हाथों में वीणा, मुकुट सर पे साजेमनसे हमारे मिटाके अँधेरे, हमको उजालों का संसार दे माँहे शारदे माँ, हे शारदे माँ अज्ञानता से हमें तारदे माँहे शारदे माँ, हे शारदे माँ अज्ञानता से हमें तारदे माँहे शारदे माँ, हे शारदे माँ हे शारदे माँ, हे शारदे माँ 🙏🙏🙏🙏🙏 हे शारदे माँ, हे शारदे माँ अज्ञानता से हमें तारदे माँहे शारदे माँ, हे शारदे माँ हे शारदे माँ, हे शारदे माँ अज्ञानता से हमें तारदे माँ हे शारदे माँ..तू स्वर की देवी, ये संगीत तुझसे हर शब्द तेरा है, हर गीत तुझसे हम है अकेले, हम है अधूरे तेरी शरण हम, हमें प्यार दे माँ हे शारदे माँ, हे शारदे माँ अज्ञानता से हमें तारदे माँमुनियों ने समझी, गुनियों ने जानी
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ अज्ञानता से हमें तारदे माँहे शारदे माँ, हे शारदे माँ हे शारदे माँ, हे शारदे माँ अज्ञानता से हमें तारदे माँ हे शारदे माँ..तू स्वर की देवी, ये संगीत तुझसे हर शब्द तेरा है, हर गीत तुझसे हम है अकेले, हम है अधूरे तेरी शरण हम, हमें प्यार दे माँ हे शारदे माँ, हे शारदे माँ अज्ञानता से हमें तारदे माँमुनियों ने समझी, गुनियों ने जानी
read moreNavin charpota
शीर्षक - "मां शारदे"। सर राखजे सदा मां हाथ थारों, हू नान बालक, नादान हू, तारी कृपा बिना बेजान हूं हू ज्ञान बिना भी अज्ञान हू, सर राखजो मां हाथ आपरो.. राह बिसरू तो राह दिखाव जे, मनी आज्ञा पर थारी चलाव जे, हू नान बालक, नादान घणो, सर राखजो मां हाथ आपरो... मैं चलू सदा जिस राह पे, हो काटे तो,पुष्प खीलाव जे, मै अरज करू जब आपरे, मां तू वेगी हंसली पधार जे, हू अरज करू मां शारदे, के सुधारजो थे मारी मती.. हू मनक हू काला माथा नो, मारी गलती ने,तू ही वताड जे, मनी बालक समझीनी थारो, मारी नय्या ने पार लगाव जे.. सर राखजे सदा मां हाथ थारों, हू नान बालक, नादान हू... ©Navin charpota #वसंतपंचमी #शारदे #वसंत #वीणावादिनी #Banswarablog #shabdokiduniya
Mahendra Banshi Meghwanshi
माँ शारदे तुझको नमन है मच रहा जिंदगी में हाहाकार था हर तरफ फैला अन्धकार था मैं देखने की कोशिश करता रहा मगर छोटी-छोटी बातों से डरता रहा उम्मीद की किरण ही उस दिन नजर आई जब मेरे पिता ने मुझे कलम थमाई माँ शारदे का ऐसा हुआ वरदान मेरे शब्दों का भी थोड़ा हुआ गुणगान मुझ बंजर भूमि को बनाया जिसने चमन है है माँ शारदे तेरे चरणों में शत-शत नमन है महेंद्र बंशी मेघवंशी
विनोद शर्मा "सागर"
मन हो अधीर जब जब प्रिय को पुकारता। कितना नयन तरसते हर अश्रु जानता।। सम्भव नहीं मिलन कैसे बातचीत हो । जल कर विरह अगन में परिपक्व प्रीत हो।। तेरे चरण लगाया है ध्यान शारदे। मेरे हृदय बसा है अज्ञान शारदे ।। मेरा सृजन अमर हो जीवन सफल बने । हो जाय पूर्ण उर के अरमान शारदे।। संबंध सब जगत के,थे प्रीति से बने। विश्वास की मिलावट,थे साथ सब घने।। हर व्यक्ति आज देखो, निज स्वार्थ सोचता। सम्बंध इसलिये सब,हैं स्वार्थ में सने।। ---------- विनोद शर्मा "सागर"
Swåßhímåñ Sîñgh
ज्ञानरूपिणी जगतपालिनी सरस्वती माँ मेरी संस्कार देने में माता की न तुमने देरी , अपने भक्तों को माता तुमने झट गले लगाया अज्ञानी भी तुम्हें पूजकर ज्ञानवान कहलाया , स्वर निकले वीणा से माँ झन झन झनकार हुई है और व्यंजन की उत्पत्ति का भी सार यही है , स्वर व्यंजन के मिलने से शब्दों का ज्ञान मिला है वीणापाणि के वंदन से शिक्षित संसार खिला है , माता के आराधन से नित संस्कार पाये है कृपा भारती की मुझपर जो उसके गुण गाये हैं, संस्कार देती है भारती ज्ञानस्वरूपा माता संस्कार भारती बनाकर संघ तेरे गुण गाता, जय हो शारदे सरस्वती आशीष तेरा मैं पाऊँ अपने तुच्छ प्रयासों से मैं कलम चलाता जाऊँ | #शारदे के चरणों में समर्पित
#शारदे के चरणों में समर्पित
read moreMadhumit
मां शारदे वंदना नित्य नव प्रातः गुण गान वन्दे मां शारदे । सभ्य जन शांत मन वरदान दे मां शारदे । गीत हम गा रहे है,प्रीत हम गा रहे है । वत्स कवि को अमित आशीष दे मां शारदे । #madhumit #sharde
Akhilendra verma
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ अज्ञानता से हमें तारदे माँ मुनियों ने समझी, गुनियों ने जानी वेदोंकी भाषा, पुराणों की बानी हम भी तो समझे, हम भी तो जाने विद्या का हमको अधिकार दे माँ