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Best धरतीपुत्र Shayari, Status, Quotes, Stories

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Shivshankar pathak

तुम सोते हो आलीशान-महलों में,
वो खेत की मैड़ पर ही सो जाता है...!
सबको खुश रखने की खातिर ,
वह लाखों दुख सह जाता है...!
स्वाद-भरे भोजन तुम्हें देता 
खुद सूखी-रोटी भी खा जाता है...!
खुद जागे चाहे कई-रातों ,
पर चैन-से सबको सुलाता है....!
ऐ सरकारों !  कभी इसकी आँख में,
 आँसू ना आने देना...!
जो भरता है सबका पेट उसे,
कभी भूखा ना रहने देना ...!
                                   जय धरतीपुत्र...!

©Shivshankar pathak #धरतीपुत्र
#शिवशंकरपाठक_शिवसागर

Shayar Abhiraaj Kashyap

जन जन को जो साथ ले जाए
अमीर , गरीब में न कोई जो भेद रखाये
सरहद पर शहीद हुए जवानों के
  शवों को जो उनके घर पहुंचाए
ऐसे नेता हमारे धरती पुत्र मुलायम कहाए

©Shayar Abhiraaj Kashyap #RIP #mulayamsinghyadav
#नेताजी #धरतीपुत्र

Rahul Yadav

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कुछ लोग तपती रेत पे दरिया का पानी लिख गए
कुछ लोग सूखे खेत की  तकदीर धानी लिख गए
खुद  तो  गुजारी  ज़िन्दगी  अंगार  पर  चलते हुए
किस्मतों  के भाल  पर जीवित कहानी लिख गए।।

      #धरतीपुत्र को विनम्र श्रद्धांजलि😥🙏

©Rahul Yadav

Neeraj Vats

#bhagatsingh #भगतसिंह #भगतसिंहजन्मदिन #शाहिदेआज़मभगतसिंह #धरतीपुत्र #वीरभगत सीने में मेरे जलती है आग है याद मुझे वो लाल फाग जब वीरगति तुम थे पाए गंगा सी निर्मल है वो सारित

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सीने में मेरे जलती है आग
है याद मुझे वो लाल फाग
जब वीरगति तुम थे पाए
गंगा सी निर्मल है वो सारित
जिसमें थे तेरे अवशेष बहाए
गंगा सी निर्मल है वो सरित.........

तुम आओ या ना आओ अब
तुम याद रहोगे सदा मेरे सनम
हमें प्राणों प्रिय रहे हो तुम
तुम्हें प्राणों प्रिय रहा ये वतन
ए धरती मुझे मेरा वो भगत लौटा दे
तेरे सीने में जो बंदूक उगाए
गंगा सी है वो सरित...........

हर यौवन खुद में तुझको खोजे
सब मांगे वो वक्ष, जो रोक दे तौबें
तेरी बाट में कटे मेरी हर रात
आज नहीं तो कल हो बात
तू जन्मे मेरी ही कोख से
हर मात यहीनिर्मल अरदास लगाए
गंगा सी निर्मल है वो सरित............

एक तू चिराग था उस समय
जिससे अंधियारा दूर हुआ
उसी अंधेरे में फिर ये वतन
आज जीने को मजबूर हुआ
शायद तू फिर आकर रौशन करदे
अत: नीरज ये कलम चलाए
गंगा सी निर्मल है वो सरित..............

©Neeraj Vats #bhagatsingh #भगतसिंह #भगतसिंहजन्मदिन #शाहिदेआज़मभगतसिंह 
#धरतीपुत्र #वीरभगत


 सीने में मेरे जलती है आग
है याद मुझे वो लाल फाग
जब वीरगति तुम थे पाए
गंगा सी निर्मल है वो सारित

Rahul Raj


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