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Shubham Gupta😊

कहाँ तक... #कहाँतक #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #quotebysh #poetrybysh #quotebyshubh #poetrybyshubh

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, है ये समंदर
इसकी खबर नहीं
कितनी दूर है दूसरी जमीं
इसका भी इल्म नहीं
बैठा हूँ भरने को मैं
उड़ान यहाँ से,
क्योंकि
यहाँ मेहमान हूँ मैं
ये मेरा घर नहीं।
~©शुभम् गुप्ता कहाँ तक...
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Collaborating with YourQuote Didi
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Shubham Gupta😊

📖 रचना विषय :- 'रैन जागते बीत गई' 📖 06-10 पंक्तियों में अपनी उत्कृष्ट रचना करें ✍️ 📖 वर्तनी पर विशेष ध्यान दें। 📃आवश्यक नियम व शर्तें पिन पोस्ट के कैप्शन में पढ़कर ही रचना पूर्ण करें। ©Image credit - copyright free #हिन्दी_काव्य_कोश #tmkosh #yqbaba #हिन्दी_काव्य_कोश ⭐️⭐️⭐️ #YourQuoteAndMine

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रहा दूर वर्षों तक घर से, माँ की ममता, पिता के डर से,
लौट रहा वापिस उस घर में, जाने को जहाँ बहुत तरसे,

कल सुबह मैं घर होऊँगा, माँ के हाथ की चाय पियूँगा,
हो सकता हैं डाँटे मुझको, जब बापू से जाकर मिलूँगा,

हो गया है अफसर जब से, भूला है माँ-बाप को तब से,
अब लड़ता भी नहीं है मुझसे, बहन के ताने भी सुनूँगा,

याद करूँगा फिर वो गलियाँ यारों सँग की जहाँ मस्तियाँ
नहीं मिलती सेना में जल्दी इस बार ली हैं ज्यादा छुट्टियाँ

सोचता रहा मैं यही रात भर, और रैन जागते बीत गई,
बैठा था जहाँ आने को मैं, गाड़ी उस स्टेशन पहुँच गई। 📖 रचना विषय :- 'रैन जागते बीत गई'
📖 06-10 पंक्तियों में अपनी उत्कृष्ट रचना करें ✍️
📖 वर्तनी पर विशेष ध्यान दें।
📃आवश्यक नियम व शर्तें पिन पोस्ट के कैप्शन में पढ़कर ही रचना पूर्ण करें।
©Image credit - copyright free
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⭐️⭐️⭐️ #YourQuoteAndMine

Shubham Gupta😊

खिलाड़ी दमदार बैट्समैन शानदार विश्व के टॉप ओपनर में है ये शुमार जब Bowlers पर करता है प्रहार तब होती ही है दूसरी टीम की हार सर्वाधिक दोहरे शतक तीन हैं वनडे में, और T20 में शतक चार चार बार उठायी है आईपीएल ट्रॉफी

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खिलाड़ी दमदार बैट्समैन शानदार
विश्व के टॉप ओपनर में है ये शुमार
जब Bowlers पर करता है प्रहार
तब होती ही है दूसरी टीम की हार

सर्वाधिक दोहरे शतक तीन हैं 
वनडे में, और T20 में शतक चार
चार बार उठायी है आईपीएल ट्रॉफी
बनकर मुंबई इंडियंस का कप्तान
Happy Birthday Captain 🎂 खिलाड़ी दमदार बैट्समैन शानदार
विश्व के टॉप ओपनर में है ये शुमार
जब Bowlers पर करता है प्रहार
तब होती ही है दूसरी टीम की हार

सर्वाधिक दोहरे शतक तीन हैं 
वनडे में, और T20 में शतक चार
चार बार उठायी है आईपीएल ट्रॉफी

Shubham Gupta😊

📖 रचना विषय :- 'भूख' 📖 6 पंक्तियों में रचना करें ✍️ 📖 वर्तनी पर विशेष ध्यान दें। 📃आवश्यक नियम व शर्तें पिन पोस्ट के कैप्शन में पढ़कर ही रचना पूर्ण करें। ©Image credit - copyright free #हिन्दी_काव्य_कोश #tmkosh #yqbaba #हिन्दी_काव्य_कोश ⭐️⭐️⭐️ #YourQuoteAndMine

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तन पर लिबास न चाहिए, न चाहिए सर पर आकाश
पहले दो रोटी दिलवा दीजिए, बस इतनी सी है आस

मैं क्या जानूँ क्या कोरोना और क्या लॉकडाउन साहब
ये भूख मिटवा दीजिए फिर चाहे रखिये किसी के पास

जाति कोई हो धर्म कोई हो, भूख से बढ़ा क्या कोई ?
भूख मिटे तो अल्लाह और राम मिले, सारे तीर्थं होई। 📖 रचना विषय :- 'भूख'
📖 6 पंक्तियों में रचना करें ✍️
📖 वर्तनी पर विशेष ध्यान दें।
📃आवश्यक नियम व शर्तें पिन पोस्ट के कैप्शन में पढ़कर ही रचना पूर्ण करें।
©Image credit - copyright free
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Shubham Gupta😊

आँखों से होने दो न आँखों की गुफ्तगूं
जो लब खुले तो गुस्ताख़ी न लगे तुम्हें।
                         ~©शुभम् गुप्ता #quotebysh..
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Shubham Gupta😊

रचना विषय - ' पावन धरती' 8 पंक्तियों में अपनी रचना पूर्ण करें। आज पृथ्वी दिवस के अवसर पर हिन्दी काव्य कोश आप सभी को अत्यन्त ही सुन्दर विषय दे रहा है, जिसपर सभी रचनाकार अपनी लेखनी चलाते ही चलाते। प्राकृतिक संसाधनों के दोहन से आज न केवल मानव जाति अपितु सम्पूर्ण पृथ्वी के लिए संकट की स्थिति पैदा हो गई है। जिसे किसी एक के द्वारा सुलझाना संभव नहीं है अतः हम सभी को एक साथ मिलकर पृथ्वी की सुरक्षा का बीड़ा उठाना होगा। #हिन्दी_काव्य_कोश #yqbaba #tmkosh Image credit- copyright free 🎯 collab करने के बाद

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हरी भरी पावन धरती हमको मिली उपहार में
पर हमने जकड़ लिया उसको अपने अधिकार में
अपनी आकांक्षाओं की खातिर इससे है खिलवाड़ किया
हरी भरी इसकी गोद को विकास के नाम पर उजाड़ दिया
तड़प तड़प के इस धरती ने फिर ईश्वर को पुकारा है
उस ईश्वर ने रच के व्यूह फिर तुझको आज फंसाया है
न समझ खुद को तू राजा न तू राजधानी में आया है
ऐ मानव, तू इस दुनियां में बस मेहमानी में आया है।।
#विश्व_पृथ्वी_दिवस रचना विषय  - ' पावन धरती'
8 पंक्तियों में अपनी रचना पूर्ण करें।
आज पृथ्वी दिवस के अवसर पर हिन्दी काव्य कोश आप सभी को अत्यन्त ही सुन्दर विषय दे रहा है, जिसपर सभी रचनाकार अपनी लेखनी चलाते ही चलाते।
प्राकृतिक संसाधनों के दोहन से आज न केवल मानव जाति अपितु सम्पूर्ण पृथ्वी के लिए संकट की स्थिति पैदा हो गई है। जिसे किसी एक के द्वारा सुलझाना संभव नहीं है अतः हम सभी को एक साथ मिलकर पृथ्वी की सुरक्षा का बीड़ा उठाना होगा।
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🎯 collab करने के बाद

Shubham Gupta😊

रचना विषय - ' मज़हबी जज़्बात को मत छेड़िए ' #हिन्दी_काव्य_कोश 8 पंक्तियों में अपनी रचना पूर्ण करें। #yqbaba #tmkosh Image credit- copyright free 🎯 collab करने के बाद विषय के comment में Done लिखें। 🎯 Done न लिखा जाने पर उस रचना को प्रतियोगिता से बाहर समझा जायेगा। 🎯रचना चुनी जाने के बाद दूसरे दिन के विषय पर रचना लिखी जानी चाहिए ताकि सभी रचनाकार आपकी रचनाओं को पढ़ सकें। 🎯 आप सभी अपनी रचनाएँ सुबह विषय पोस्ट होने तक भेज सकते हैं।

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वक़्त एकता का है एक बने रहिये
मज़हबी जज़्बात को मत छेड़िए

जंग धर्म से नहीं है रोग से है अब
मनुष्य से नहीं है वायरस से है अब

छलनी कर दें जो सीना भारत माँ का
ऐसे बाण अपने तरकश से मत छोड़िए

देशद्रोही बन जाएं बात ऐसी मत कहिए
वक़्त एकता का है एकजुट बने रहिये। रचना विषय  - ' मज़हबी जज़्बात को मत छेड़िए  ' #हिन्दी_काव्य_कोश 
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#yqbaba #tmkosh 
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🎯 collab करने के बाद विषय के comment में Done लिखें।
🎯 Done न लिखा जाने पर उस रचना को प्रतियोगिता से बाहर समझा जायेगा।
🎯रचना चुनी जाने के बाद दूसरे दिन के विषय पर रचना लिखी जानी चाहिए ताकि सभी रचनाकार आपकी रचनाओं को पढ़ सकें।
🎯 आप सभी अपनी रचनाएँ सुबह विषय पोस्ट होने तक भेज सकते हैं।

Shubham Gupta😊

रचना विषय - ' तुम्हारी यादों का मीठा अहसास ' #हिन्दी_काव्य_कोश 10 पंक्तियों में अपनी रचना पूर्ण करें। #yqbaba #tmkosh Image credit- copyright free 🎯 सर्वप्रथम आपकी रचना स्वरचित होनी चाहिए, अन्यथा आपको सदैव के लिए हिन्दी काव्य कोश परिवार से बाहर कर दिया जायेगा। 🎯 collab करने के बाद विषय के comment में Done लिखें। 🎯 Done न लिखा जाने पर उस रचना को प्रतियोगिता से बाहर समझा जायेगा। 🎯रचना चुनी जाने के बाद दूसरे दिन के विषय पर रचना लिखी जानी चाहिए ताकि सभी रचनाकार आपकी रचनाओं को पढ़ सकें।

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तुम चले गए तो क्या हुआ मेरा छोड़ के हाथ,
तुम्हारी यादों का मीठा एहसास है आज भी मेरे पास,

दिल में तुम्हारे रहूँगा मैं हरदम बनकर विश्वास,
जब बैठोगे तन्हाई में मैं ही आऊँगा याद,

चन्दन के वृक्ष को जैसे नहीं छोड़ते नाग,
छोड़ नहीं पाओगी तुम भी वैसे ही मेरी याद,

जीवन के पथ पर मिलती रहेगी कभी धूप कभी छांव
पथ के हर मोड़ पर याद आएगा तुमको अपना गाँव

न मिले तुम्हारी मंज़िल तो फिर लौट आना मेरे पास
तुम्हारे लिए कभी नहीं खत्म होगा मेरा ये एहसास।। रचना विषय  - ' तुम्हारी यादों का मीठा अहसास ' #हिन्दी_काव्य_कोश 
10 पंक्तियों में अपनी रचना पूर्ण करें।
#yqbaba #tmkosh 
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🎯 सर्वप्रथम आपकी रचना स्वरचित होनी चाहिए, अन्यथा आपको सदैव के लिए हिन्दी काव्य कोश परिवार से बाहर कर दिया जायेगा।
🎯 collab करने के बाद विषय के comment में Done लिखें।
🎯 Done न लिखा जाने पर उस रचना को प्रतियोगिता से बाहर समझा जायेगा।
🎯रचना चुनी जाने के बाद दूसरे दिन के विषय पर रचना लिखी जानी चाहिए ताकि सभी रचनाकार आपकी रचनाओं को पढ़ सकें।

Shubham Gupta😊

खुद को बेरंग करने की ख्वाहिश में रंग बैठा मिटा के कई रंगों को एक रंग कर बैठा जैसे मन पर चढ़ी हो परत दर परत पहचानें उन परतों को हटाकर एक कर बैठा तन के रंग का नहीं कोई मोल मन के सामने जब जाना ये तो, मन की श्यामल सी काया को धवल कर बैठा। ~©शुभम् गुप्ता

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खुद को बेरंग करने की ख्वाहिश में रंग बैठा
मिटा के कई रंगों को एक रंग कर बैठा
जैसे मन पर चढ़ी हो परत दर परत पहचानें
उन परतों को हटाकर एक कर बैठा
तन के रंग का नहीं कोई मोल मन के सामने
जब जाना ये तो, 
मन की श्यामल सी काया को धवल कर बैठा।
                                                ~©शुभम् गुप्ता खुद को बेरंग करने की ख्वाहिश में रंग बैठा
मिटा के कई रंगों को एक रंग कर बैठा
जैसे मन पर चढ़ी हो परत दर परत पहचानें
उन परतों को हटाकर एक कर बैठा
तन के रंग का नहीं कोई मोल मन के सामने
जब जाना ये तो, 
मन की श्यामल सी काया को धवल कर बैठा।
                                                ~©शुभम् गुप्ता

Shubham Gupta😊

रचना विषय - ' शोकाकुल ' 8 पंक्तियों में रचना करें। #हिन्दी_काव्य_कोश #yqbaba #tmkosh Image credit- copyright free 🎯 collab करने के बाद विषय के comment में Done लिखें। 🎯 Done न लिखा जाने पर उस रचना को प्रतियोगिता से बाहर समझा जायेगा। 🎯रचना चुनी जाने के बाद दूसरे दिन के विषय पर रचना लिखी जानी चाहिए ताकि सभी रचनाकार आपकी रचनाओं को पढ़ सकें।

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शोकाकुल है मन मेरा, निस्तेज हुई है आभा,
नियति के चक्रव्यूह में फँसकर हुई मैं अभागा,
प्रतिपल सहनी होगी पीड़ा समय के अंगारों से,
कैसे पहरा कर पाऊँगी मैं समाज के पहरेदारों से,

कुछ पल साथ निभाकर जीवन भर का वियोग दिया,
न ही अब रही मैं पीहर की, न ही तू साथ रहा पिया,
भटक भटक सोचती हूँ कि अब कहाँ पे मेरा घर होगा,
बस इतना ही जानती हूँ इस समाज़ से मेरा द्वंद्व होगा। रचना विषय  - ' शोकाकुल '
8 पंक्तियों में रचना करें।
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🎯 Done न लिखा जाने पर उस रचना को प्रतियोगिता से बाहर समझा जायेगा।
🎯रचना चुनी जाने के बाद दूसरे दिन के विषय पर रचना लिखी जानी चाहिए ताकि सभी रचनाकार आपकी रचनाओं को पढ़ सकें।
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