Find the Best भरत Shayari, Status, Quotes from top creators only on Gokahani App. Also find trending photos & videos aboutरोता है भरत भैया, भरताना in hindi, भरतरी की कथा, भरतपुर की लड़ाई, भरतकूप की महिमा,
Rimjhim Roy
Shree Ram हरषि भरत कोसलपुर आए। समाचार सब गुरहि सुनाए ॥ पुनि मंदिर महल है बात जनाई। आवत नगर कुसल रघुराई ॥ भावार्थ इधर भरत भी हर्षित होकर अयोध्यापुरी में आए और उन्होंने गुरु को सब समाचार सुनाया। फिर राजमहल में खबर जनाई कि रघुनाथ कुशलपूर्वक नगर को आ रहे हैं। ©Rimjhim Roy #shreeram #भरत
कवि मनोज कुमार मंजू
हरकतें रावण सी होंगी... तो भाई विभीषण ही मिलेगा... भरत सा भाई पाने के लिए... राम बनना पङता है... ©कवि मनोज कुमार मंजू #राम #रावण #भरत #भाई #मनोज_कुमार_मंजू #मँजू #woshaam
Satish Ghorela
#भरत मिलापराम अवध में लौट चलो तुम बिन नगरी सूनी है।। अपनी लेखनी अपनी वार्ता लेखक भगत सतीश कुमार घोडेला
read moreकवि मनोज कुमार मंजू
आज नहीं ये घर अब केवल ये तो कोई मकान रहा। भूले सभी भरत को अब तो भाई भाई से ठान रहा।। ©कवि मनोज कुमार मंजू #घर #मकान #भरत #भाई #मनोज_कुमार_मंजू #मँजू #Nightlight
#घर #मकान #भरत #भाई #मनोज_कुमार_मंजू #मँजू #Nightlight
read moreBharat Kumar
जिसने चोट न खाई हो... वो चेहरा क्या पहचानेगा... दिल का दर्द यारों कोई दिल वाला ही जानेगा... ©Bharat Kumar #भरत कुमार
#भरत कुमार
read moreभरत गौतम 'अद्वय'
अपनी शम्त मुझ तक फैलाओ किसी दिन बनकर बारिश मुझ पर बरस जाओ किसी दिन अपना दायरा मुझ तक इतना फैलाओ किसी दिन बनकर हवा मेरी साँसों में समाओ किसी दिन मैं रोज शाम थककर जो घर को लौटूं बनकर चाय मेरी थकान मिटाओ किसी दिन मैं हर्फ़ दर हर्फ़ बस तुमको तुमपर लिखूं मेरी डायरी का पन्ना बन जाओ किसी दिन ये तारे झूठे जो टूटे और गिरते रहे कहीँ पर बनकर ख़्वाब हकीकत में आओ किसी दिन ये जो तुमको ही तलाशती रहती मेरी आँखे तुम्हारा आईना है,इन्हें आकर ले जाओ किसी दिन मेरी ज़िंदगी बिसात पर बिछी Ludo की माफ़िक तुम खिलाड़ी हो, खेलने ही आ जाओ किसी दिन ये दिल जो दुबका छिपा हिरण-सा बैठा है भीतर तुम शिकारी हो, शिकार करने ही आजाओ किस दिन घनघोर मातम पसरा है दिल में, मर गई शायद रूह मेरी कमाल तुम्हारा है, तुम्हीं आओ ये जनाजा उठाएं किसी दिन.... #भरत गौतम ©भरत गौतम 'अद्वय'
भरत गौतम 'अद्वय'
बात कुछ यूं कि, हवाओं में घुलने लगा हूँ मैं अब खुद ही खुद से मोहब्बत करने लगा हूँ तस्व्वुर में नहीं, ज़िंदादिली से जीने लगा हूँ कमाल कुछ यूं कि, खुद ही पे मरने लगा हूँ ना चुभन, ना ठीस, ना फितूर, ना गम का महकमा हूँ इन सबसे परे मैं खुद का खुद ही में खुलने लगा हूँ गिरते पत्तों को खुद के बदन पर गिरता देख खुद को हसीनाओं सा परखने लगा हूँ पागलपन अब कुछ यूं कि, आईना ही चूमने लगा हूँ तरन्नुम की तानें, रफ़ी के तराने समझने लगा हूं नई किताबों की खुशबू के पैमाने भरने लगा हूं परवाह छोड़, गुमराह छोड़, मलाल छोड़ खुद ही के इम्तिहान लेने लगा हूँ और कमाल कुछ यूं कि, ज़िंदगी के हर एक सवाल पर हाजिरजवाबी के कारनामे करने लगा हूँ दुनिया की बेरुखी के हर रुख को, किनारे करने लगा हूँ ये सच है की, मैं खुद ही खुद से मोहब्बत करने लगा हूँ... #भरत गौतम ©भरत गौतम 'अद्वय' #touchthesky
भरत गौतम 'अद्वय'
ये काले अक्षरों की छाया सफेद पन्नों को ढाँपति-सी एक लंबी सीधी काली सड़क की तरह इस ओर से उस छोर तक बस यूं ही सीधी गुजर रही या ठहर रही, पर है गुजरने का रास्ता सड़क के किनारे बैठे वे बच्चे जिनके लिए ये अक्षर महज काले कुत्ते या भैंस की तरह बस काले और काले है छापेख़ाने ने इन्हें ओर रंग क्यों न दिया..? यह सवाल मेरे जेहन में है पर हर किताब का हर काला अक्षर मुझे उन बच्चों को इन्हें काली भैंस या कुत्ता समझने से रोकता है मेरी कोशिश बस यही की वे उजले बने, सशक्त बने.... #भरत गौतम #reading
भरत गौतम 'अद्वय'
अपनी शम्त मुझ तक फैलाओ किसी दिन बनकर बारिश मुझ पर बरस जाओ किसी दिन मैं रोज शाम थककर जो घर को लौटूं बनकर चाय मेरी थकान मिटाओ किसी दिन मैं हर्फ़ दर हर्फ़ बस तुमको तुमपर लिखूं मेरी डायरी का पन्ना बन जाओ किसी दिन ये तारे झूठे जो टूटे ओर गिरते रहे कहीँ पर बनकर ख़्वाब हकीकत में आओ किसी दिन ये जो तुमको ही तलाशती रहती मेरी आँखे तुम्हारा आईना है,इन्हें आकर ले जाओ किसी दिन मेरी ज़िंदगी बिसात पर बिछी Ludo की माफ़िक तुम खिलाड़ी हो, खेलने ही आ जाओ किसी दिन ये दिल जो दुबका छिपा हिरण-सा बैठा है भीतर तुम शिकारी हो, शिकार करने ही आजाओ किस दिन घनघोर मातम पसरा है दिल में, मर गई शायद रूह मेरी, कमाल तुम्हारा है, तुम्हीं आओ ये जनाजा उठाएं किसी दिन... #भरत गौतम #gazal #kisidin