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Sandeep Sati
भक्ति करूँ तेरी मैं बिन पूजे भीतर तुम, कहाँ मुझसे दूजे शरण हूँ तेरी, शम्भू त्रिपुरारी मदद करो!! ये संकट भारी तुम ही आदि और अंत भी तुमसे छमा चूक, प्रभु भक्त ये जूझे ||भक्ति|| डगमग राह को डम डम कर दो दूर शिवा, मेरे हर ग़म कर दो राह जटिल है बड़ी कठिन है तेरे बिना अब कुछ भी ना सूजे ||भक्ति || . ©Sandeep Sati #दोटूक #Shiva
Sandeep Sati
मत दिखा तू यूँ डर मुझे, किसी भी बुरे हाल का जो बुरों का काल है, मैं भक्त उस महाकाल का!! किस्से सुने हैं तूने बुने हैं! पर डर नहीं, बुने तेरे किसी भी जाल का जो बुरों का काल है, मैं भक्त उस महाकाल का!! डराता है!! सर्द दर्द आँधी तूफ़ान भूख प्यास माया और काम सब में अब मैं बंधा नहीं, ना डर किसी भी आकाल का जो बुरों का काल है, मैं भक्त उस महाकाल का!! ©Sandeep Sati #दोटूक #Shiva
Sandeep Sati
कुछ देर और सही कल तो आना ही है 'मेरी' मेहनत ने वादा किया है वो कल सुहाना ही है ©Sandeep Sati #दोटूक
Sandeep Sati
White सोचते थे बैठे बैठे, कि वो कभी हाँ कर दे बिन डोर की पतंग को दे हवा, आसमाँ कर दे वो कभी हाँ कर दे ©Sandeep Sati #दोटूक
Sandeep Sati
White तुम कोई हो भी, या बस 'अनामिका' एक बार तो दीदार दे, मेरा चाँद, मुझे दिखा तुम कोई हो भी, या बस 'अनामिका' ©Sandeep Sati #दोटूक
Sandeep Sati
White छूट गये छोड़ने वाले टूट गये तोड़ने वाले बस आँख भर कर देखा था उन्हें चुप हो गए बोलने वाले ©Sandeep Sati #दोटूक
Sandeep Sati
White हम लड़के हैं ना, अपना दुख, ना दिखाते हैं, ना बताते हैं, ना जताते हैं कुछ फ़र्ज हैं, निभाना है निभाते हैं हम लड़के हैं ना हमें बहुत आसान ले लिया जाता है ना? कहते हैं, सब इन्हीं के लिए तो किया जाता है पर रुकिए! कमाई ना हो ना, तो सबसे ज्यादा प्रेशर भी यहीं आता है बॉस से किच किच, क्लाइंट से किच किच वक्त ना दो हालात से किच किच जो मिले ख़ुद के जज़्बात से किच किच किच किच की कीचड में सने हैं पर ख़ुद को साफ दिखाते हैं हम लड़के हैं ना! ©Sandeep Sati #दोटूक #लड़के
Sandeep Sati
फीकी थी तेरे दीदार से पहले इंद्रधनुष सी अब ज़िन्दगी ©Sandeep Sati #दोटूक #महरारू
Sandeep Sati
White ताउम्र ज़िन्दगी की साजिशों में फँसे हैं हम अपने ही खोदे गड्ढों में धँसे हैं खोदा था एक पेड़ लगाने को जहाँ बादलों ने भी बस साजिश की वहाँ वो बरसे बहुत बस मेरी ही तबाही में कोई नहीं, बस ख़ुद ही हूँ इस गवाही में पाप कभी था नहीं, ना मेरे मन को ही कोई पढ़ पाया ना मेरे साथ, मेरे लिए, कोई खड़ा, जो लड़ पाया अब ख़ुद की ही गलतियों में ख़ुद पर हँसे हैं ताउम्र ज़िन्दगी की साजिशों में फँसे हैं हम अपने ही खोदे गड्ढों में धँसे हैं ©Sandeep Sati #साजिश #दोटूक
Sandeep Sati
तूने उसकी किसी उम्मीद को नहीं निभाया पर उसकी चिंता, बेटा तूने कुछ खाया? तूने तो मुश्किल दौर में भी मन का ही पाया मन नहीं किया, उसके पास सालों नहीं आया पर उसकी चिंता, बेटा तूने कुछ खाया? खुशनसीब है तू तूने ज़िंदा रहते, माँ के आँचल में दिन बिताया बढ़ते ही कदम भले उसे भुलाया पर उसकी चिंता, बेटा तूने कुछ खाया? ©Sandeep Sati #fakepoetry #दोटूक #relationfantacy
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