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Best सावित्री Shayari, Status, Quotes, Stories

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VED PRAKASH 73

Prabhu Dayal Kavi lekhak

धन्य ज्योतिबा,  सावित्री फुले।
आपके  संघर्ष को कभी ना भूलें।।
बहुत दुख पीड़ा, अपमान सहा आपने।
महिलाओं में शिक्षा की,अलख जगाई आपने।।
धारा के विपरीत जाकर, की पढ़ाई आपने।
रोक टोक लांछन, लगाया इस समाज ने।।
अभद्र टिप्पणी छींटाकशी, गोबर लगे डालने।
सब कुछ सह कर भी, मुकाबला जीता आपने।।
धीरे-धीरे बढ़ता गया, यह कारवां आपका।
महिलाओं में जागृति, प्रयास लाया आपका।।
दो से चार, चार से दस, संख्या बड़ी हजार में।
महिला शिक्षा का अभियान, दौड़ पड़ा घरबार में।।
झोपड़ी से स्कूल, स्कूल से कॉलेज, लाई सावित्री मां।
शोषित पीड़ित महिलाओं में, क्रांति लाई सावित्री मां।।
दहेज बाल विवाह रूढ़िवाद का, विरोध किया आपने।
विधवा विवाह महिला मुक्ति, अभियान चलाया आपने।।
आडंब पाखंड छुआछूत का, विरोध जताया आपने।
करोड़ों महिलाओं का, जीवन संवारा  आपने।।
ऐसा विश्वास ऐसा आदर, पति पत्नी के बीच में।
स्वर्ण अक्षरों में नाम लिखा है, भारत के इतिहास में।।
प्रथम महिला शिक्षक अपनी, मां सावित्री फुले है।
प्रभु दयाल संघर्ष आपका, हम कभी ना भूले हैं । #christmascelebration #सावित्रीबाई_फुले #सावित्री ,#सावित्रिबाई

कवि मनोज कुमार मंजू

मात यशोदा जैसी थी बेटे भी श्रवण कुमार हुए। 
पत्नी सावित्री जिसके आगे यम भी लाचार हुए।।

©कवि मनोज कुमार मंजू #माँ 
#यशोदा 
#श्रवण 
#सावित्री 
#मनोज_कुमार_मंजू 
#मँजू 
#sadquotes

Er.Mahesh

#सावित्री बाई फूले का जन्म दिन

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महिलाओं को जिसने जीना सिखाया
कुरीतियों से हटकर उनमे शिक्षा को बढ़ाया
ऐसी महान शिक्षिका सावत्री बाई फूले 
का आज जन्म दिन आया
इसे शिक्षक दिवस के रूप में 
मनाने का दिल में क्या सुंदर आइडिया आया

आपके समाज के लिए किए अतुलनीय कार्य के लिए
कोटि कोटि जन्म दिन की सुभकामनाए

©Er.Mahesh #सावित्री बाई फूले का जन्म दिन

Vinay Sonawane

माँ तुझे सलाम , तेरी वजहसे पढ और बढ रहे है हम ।।
माँ तुझे सलाम , तेरे कारण खुशहाली जी रहे है हम ।।
माँ तुझे सलाम , शिक्षा का पहला रास्ता तू ।।
माँ तुझे सलाम , भारत की आस्था तू ।।
तेरी उंचाई देवताओंके उपर
तेरी गहेराई पातल से बहेतर 
पूर्व पश्चिम दक्षिण उत्तर
भारत के जटिल प्रश्न का , तू ही है उत्तर
तुने ऐसी बहाल की है शिक्षा
और हर नागरीक को मिली सुरक्षा
माँ तुझे सलाम , तेरी वजहसे पढ और बढ रहे है हम ।।

©Vinay Sonawane माँ तुझे सलाम ।।

#Women #womenday #womenempowerment #महिलादिवस #भारत_माता_की_जय  #सावित्रीबाईफुले #सावित्री #हिंदी #हिंदी_कविता #poem

Ravidutt mohta storyteller

Namita Chauhan

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मैं #बंधना चाहती हूं..
हमारे प्रेम को रक्षा #कवच से..
बिलकुल वैसे ही... 
जैसे सुहागन स्त्रियां बांधती है.. 
#रक्षासूत्र को...
अपने सुहाग की सलामती के लिए 
#वटवृक्ष में....
इसलिए कि जब कोई बुरी नजर
आपकी और मुड़े.. 
तो उस रास्ते में खड़ी #मैं मिलूं..
और वो मुझसे वैसे ही हारकर
उल्टे पैर लौट जाए..
जैसे देवी #सावित्री से यमराज... 
और भेंट में हमारे इस प्रेम को 
दे जाए #वरदान
#अमरत्व का..
#जान..❤️

©Namita Chauhan

Vijay Patavkar

#सावित्री माता जयंती.....💐💐💐🙏🙏🙏

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कल मै कहलाती थी अबला
आज हक्क दिलाती हूँ मुफलीसोंको....
इतना कैसे मुझको 
उन्नत बना दिया
दोज़खसी इस जिंदगीको
सावित्री तेरे शिक्षाके अधिकारने 
जन्नत बना दिया.... ॥१॥

किसीका गुरूर हूँ मे आज
किसीकी उम्मीद तो
किसीके लिए तुने मानो 
मुझे मन्नत बना दिया
दोज़खसी इस जिंदगीको 
सावित्री तेरे शिक्षाके अधिकारने 
जन्नत बना दिया....॥२ ॥

खुदीमे थी मै घुट रही
पल पल थी मै टुँट रही
मेरे सारे मर्जसे
मेरी सारी परेशानीयोंसे
इक पलमे तुने
नजात दिला दिया..
दोज़खसी इस जिंदगीको
सावित्री तेरे शिक्षाके अधिकारने
जन्नत बना दिया.... ॥ ३ ॥

तेरे कर्जको ना भुलुंगी
इस फर्जको ना छोङुँगी
तेरी दिखलाई राह पर चलना
मेनेभी मेरे जिंदगीका
सच्चा नशात बना लिया
दोज़खसी इस जिंदगीको 
सावित्री तेरे शिक्षाके अधिकारने 
जन्नत बना दिया.... ॥ ४ ॥
रचना-✒️
विजय ज्ञानदेव पटावकर
 ( ज्ञानतनय )
*भारत की प्रथम महिला शिक्षिका माता सावित्रीबाई फुले जी के जन्मदिवस पर बधाई एवं मंगलकामनाये* 
💐💐💐🙏🙏🙏

©Vijay Patavkar #सावित्री माता जयंती.....💐💐💐🙏🙏🙏

Storyteller Vasant Jha

"कहानी अधिकार चाहती है " V-01 लेखक :-वसंत कुमार झा इस गांव के पास में काफी घना जंगल पाया जाता है.वही पास में सावित्री देवी अपनी झोपड़ी बनाकर रहती है.अपनी 17 साल की बेटी किरण के साथ सावित्री देवी वहां रहती है.उनके पति 3 साल पहले ही दुनिया छोड़ कर चले गए. कुछ समय पूर्व कुछ गुंडों ने रात्रि के समय उनके मकान पर हमला कर दिया और सावित्री देवी की पुत्री को उठा ले गए.किरण ने अपने बचाव में काफी शोर मचाया लेकिन वह नाकाम रही.उसी समय उनकी ज़िंदगी मे एक आदमी भगवान बनकर आया.जिस समय गुंडे किरण को उठा के ले जा र

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"कहानी अधिकार चाहती है "
V-01

लेखक :-वसंत कुमार झा

इस गांव के पास में काफी घना जंगल पाया जाता है.वही पास में सावित्री देवी अपनी झोपड़ी बनाकर रहती है.अपनी 17 साल की बेटी किरण के साथ सावित्री देवी वहां रहती है.उनके पति 3 साल पहले ही दुनिया छोड़ कर चले गए. कुछ समय पूर्व कुछ गुंडों ने रात्रि के समय उनके मकान पर हमला कर दिया और सावित्री देवी की पुत्री को उठा ले गए.किरण ने अपने बचाव में काफी शोर मचाया लेकिन वह नाकाम रही.उसी समय उनकी ज़िंदगी मे एक आदमी भगवान बनकर आया.जिस समय गुंडे किरण को उठा के ले जा र

Sunita Bishnolia

कन्या

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#कन्या
आज कविता बहुत ही खुश हैं सुबह पाँच बजे ही उठ गई।आज नवमी जो है आज कन्याओं को  खाना खिलाना है।वो जल्दी-जल्दी सारे निपटाने की कोशिश कर रही थी। अपार्टमेंट में रहने वाले सभी लोग आज कन्याओं को भोजन करवाएंगे इसलिए उसने सोचा मैं सबसे पहले कन्याओं को भोजन करवा देती हूँ नहीं तो पिछली बार की तरह कन्याएँ इधर-उधर चली जाएंगी और ढूंढे ही नहीं मिलेंगी वैसे भी आस-पास में रहने वाली औऱ कामवालियों की लड़कियों को मिलाकर कुल 8-10 लड़कियाँ ही याद आ रही थीं उसे।
     कविता लड़कियों को बुलाने के लिए नीचे उतर कर आई तो रास्ते मे चार पाँच लड़कियाँ मिली। उन सबको साथ मे लेकर वो सामने ही काम करने वाली सावित्री के कमरे पर  गई।और कहा '"सावित्री आज तुम्हारी बिटिया नहीं दिखाई दे रही।" सावित्री की आँखों से आँसू बह निकले तभी उसकी पाँच साल की बड़ी बेटी बाहर आ गई और बोली " वो  शिखा आंटी मेरी छोटी बहन को नहीं ले जा रही थी न इसलिए मम्मी ने मुझे भी नहीं भेजा।" कविता ने सावित्री को चुप करवाकर छोटी बेटी को न ले जाने का कारण पूछा तो सावित्री के सारे जख्म हरे हो गए वो फूट पड़ी और बोली "मेडम जी वो कहती हैं कि मेरी छोटी बिटिया अब कन्या नहीं रही।" कविता ने अपने हाथों से उसके आँसू पौंछे और उसकी तीन साल की छोटी बेटी को गोदी में लेकर बड़ी बेटी का हाथ पकड़ कर उसे भी जबदस्ती साथ चलने को कहा और बोली "पागल है वो लोग जो ऐसा सोचते हैं,आज इस कन्या को एक कोर भोजन करवा कर मैं ऐसे दोहरे चरित्र वाले लोगों के खिलाफ अभियान छेड़ती हूँ जो एक तरफ तो पीड़ितों के लिए इंसाफ मांगते हैं दूसरी तरफ इनके जख्म कुरेदते हैं उफ्फ्फ.."
#सुनीता बिश्नोलिया©
     कन्या
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