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Best Nishakamwal Shayari, Status, Quotes, Stories

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पूर्व से सजग प्रहरी वो जाग रहा है, सुप्त पँछी निंद्रा अपनी त्याग रहा है, कोयल की मीठी वाणी गूँजे चहुँओर, मधुप्रभात में भँवरा कर रहा अतिशोर, निशा ने अदृश्य का दामन ओढ़ लिया, विभावरी प्रभात से नाता जोड़ लिया, स्वत स्वमलीन होती तिमिर की रेखा, खिलती कली की मुस्कान को देखा,

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......... पूर्व से सजग प्रहरी वो जाग रहा है,
                           सुप्त पँछी निंद्रा अपनी त्याग रहा है,
कोयल की मीठी वाणी गूँजे चहुँओर,
मधुप्रभात में भँवरा कर रहा अतिशोर,
                            निशा ने अदृश्य का दामन ओढ़ लिया,
                            विभावरी प्रभात से  नाता  जोड़ लिया,
स्वत स्वमलीन होती तिमिर की रेखा,
खिलती कली की मुस्कान को देखा,

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काव्यसंरचना गद्यांश:-२ शीर्षक:-साहित्य समाज का दर्पण ******************************** सर्वप्राचीन समूल सभ्यता जो आज सुलभ्य बनी ऐसा साहित्य का समर्पण है, मनुष्य की सफलता व दुर्लभता का सार कहे ऐसा साहित्य समाज का दर्पण है,

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काव्यसंरचना
गद्यांश:-२
शीर्षक:-साहित्य समाज का दर्पण
********************************
सर्वप्राचीन समूल सभ्यता जो आज  सुलभ्य बनी ऐसा साहित्य का समर्पण है,
मनुष्य की सफलता व दुर्लभता का सार कहे ऐसा साहित्य समाज का दर्पण है।

सम्पूर्ण रचना अनुशीर्षक में पढ़े😊 काव्यसंरचना
गद्यांश:-२
शीर्षक:-साहित्य समाज का दर्पण
********************************

सर्वप्राचीन समूल सभ्यता जो आज  सुलभ्य बनी ऐसा साहित्य का समर्पण है,
मनुष्य की सफलता व दुर्लभता का सार कहे ऐसा साहित्य समाज का दर्पण है,

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विधा:-कहानी(क्राइम फ़िक्शन ) शीर्षक:-खूनी प्रेमी ऋचा घर की सबसे छोटी बेटी हैं । वह बहुत ही हँसमुख मिज़ाज की लड़की हैं।वह हर किसी से जल्दी से मिलनसार हो जाती हैं।ऋचा के दो बड़ी बहने व एक भाई तथा मम्मी पापा हैं। सभी ऋचा से बहुत प्यार करते हैं और बहुत चाहते हैं । ऋचा का स्वभाव कॉलेज के सभी लोगो को बहुत पसंद होता हैं वह गतिविधि में खुलकर भाग लिया कर्री थी जितनी वह सक्रिय थी उतनी ही वह बहुत सुंदर भी थी।कॉलेज के दौरान ऋचा को एक गुप्त रहस्य के विषय के डिपार्टमेंट में पढ़ने वाले लड़के ऋषभ से बहुत ही लगाव हो

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विधा:-कहानी(क्राइम फ़िक्शन )
शीर्षक:-खूनी प्रेमी

सम्पूर्ण कहानी अनुशीर्षक में पढ़े। विधा:-कहानी(क्राइम फ़िक्शन )
शीर्षक:-खूनी प्रेमी

ऋचा घर की सबसे छोटी बेटी हैं । वह बहुत ही हँसमुख मिज़ाज की लड़की हैं।वह हर किसी से जल्दी से मिलनसार हो जाती हैं।ऋचा के दो बड़ी बहने व एक भाई तथा मम्मी पापा हैं। सभी ऋचा से बहुत प्यार करते हैं और बहुत चाहते हैं । ऋचा का स्वभाव कॉलेज के सभी लोगो को बहुत पसंद होता हैं वह गतिविधि में खुलकर  भाग लिया कर्री थी जितनी वह सक्रिय थी उतनी ही वह बहुत सुंदर भी थी।कॉलेज के दौरान ऋचा को एक गुप्त रहस्य के विषय के डिपार्टमेंट में पढ़ने वाले लड़के ऋषभ से बहुत ही लगाव हो

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शब्द'चादर' #rzmph #rzmph252 #Nishakamwal #chadar #चादर

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संयमिता बनी रहे चल मानवता का पाठ पढ़ा दे,
अति हर वस्तु का नाश है ये बात सबको बता दे,

कलुषित व्यवहार  जो अब तक सबसे तूने किया,
मिट जायेगे पैगम्बर को तू क्षमा की चादर चढ़ा दे,

पग पग पर यहाँ पश्चाताप की अग्निपरीक्षा होती है,
मन मनस्वी पर रख विश्वास एक कदम आगे बढ़ा दे,

मिलते नही तख़्तों ताज यहाँ किसी के यूँ माँगने से,
कर मेहनत इतनी की तेरी सफलता ही शोर मचा दे। शब्द'चादर'

#rzmph
#rzmph252

#nishakamwal 
#chadar 
#चादर

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आज नीर सुदा बरसाओ री, कोई मंगल गीत गाओ री, खिल पताशे औऱ छुआरे, आज कोई बटवाओ री, जन्मदिन हमारी didu का, कोई हर्ष बेला सजाओ री, मन हर्षित मनवांछित हुआ है, मिल सब पावन गीत गाओ री,

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....... आज नीर सुदा बरसाओ री,
कोई मंगल गीत गाओ री,
खिल पताशे औऱ छुआरे,
आज कोई बटवाओ री,
जन्मदिन हमारी didu का,
कोई हर्ष बेला सजाओ री,
मन हर्षित मनवांछित हुआ है,
मिल सब पावन गीत गाओ री,

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सभी को गणेश चतुर्थी की अनेकशः शुभकामनाएं🙏🙏🙏🙏 #गणेशचतुर्थी #बप्पा #गणेशउत्सव2020 #Nishakamwal

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...... सभी को गणेश चतुर्थी की अनेकशः शुभकामनाएं🙏🙏🙏🙏



#गणेशचतुर्थी 
#बप्पा 
#गणेशउत्सव2020 
#nishakamwal

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शख्स की शख्सियत नही जरा तरबियत देखो,
गुणों के साथ  जरा मन की   मिल्कियत  देखो,

चेहरे पर नूर की चमक तो चमकदार है ज़नाब,
पर इसके पीछे  छिपी  जरा  मासूमियत देखो,

मुसलसल वो निगाहों से  एक टक देखता रहा,
कोई उसके जहन की जरा मसरूफियत देखो,

बेवजह ही मुल्कों के दोष एकदूजे पर गढ़ते हो,
न देख ये मुल्क दिल बस उसकी शहरियत देखो

मख़ौल है ये पूरी दुनिया औऱ उसकी तलबगारी,
इंसा को नही बस आप उसकी इंसानियत देखो,

मोल तो पत्थर का भी हो जाता है परख के बाद,
इसलिए उसके अंतरिम की बस अहमियत देखो। शब्द:-#शख्स

#rzmph
#rzmph228
#rzhindi
#Yqrestzone
#Collabewithrestzone
#yqrz

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सुभग सौभाग्य स्वप्निल सम शुभघड़ी आई है, सर्वप्रथम सर्वसम्मति से जन्मोत्सव बधाई है, पुष्पगुच्छ से स्नेहिल बधाई आज मैं भेंट करूँ, प्रथम ईष्ट के चरणों मे दूजा आपके हाथ धरूँ, नेह स्नेह से आशीषों की छत्रछाया मिलती रहे, उत्तम व्यक्तित्व सौष्ठव नही आपका चरित्र कहे,

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.....… सुभग सौभाग्य स्वप्निल सम शुभघड़ी आई है,
सर्वप्रथम सर्वसम्मति से जन्मोत्सव बधाई है,

पुष्पगुच्छ से स्नेहिल बधाई आज मैं भेंट करूँ,
प्रथम ईष्ट के चरणों मे दूजा आपके हाथ धरूँ,

नेह स्नेह से आशीषों की छत्रछाया मिलती रहे,
उत्तम व्यक्तित्व सौष्ठव नही आपका चरित्र कहे,

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उर से झंकृत हुई जो एक ध्वनि, पल में समाई मुझमें वो अवनि, बेचैन कर गई मेरी आत्मा को, ऐसी सु - स्पष्ट सी हुई पराध्वनि, न सुर है न ही साज-ओ-सामान, फ़िर भी बढ़ गया यह अभिमान, कुशलतम कौशल,दक्षताओं से, निकले सदैव सुलभ समाधान,

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उर  से झंकृत हुई जो एक ध्वनि,
पल में समाई मुझमें  वो  अवनि,
बेचैन कर गई  मेरी  आत्मा  को,
ऐसी सु - स्पष्ट सी हुई पराध्वनि।

सम्पूर्ण रचना अनुशीर्षक में पढ़े। उर  से झंकृत हुई जो एक ध्वनि,
पल में समाई मुझमें  वो  अवनि,
बेचैन कर गई  मेरी  आत्मा  को,
ऐसी सु - स्पष्ट सी हुई पराध्वनि,
न सुर है न ही साज-ओ-सामान,
फ़िर भी बढ़ गया यह  अभिमान,
कुशलतम कौशल,दक्षताओं  से,
निकले  सदैव  सुलभ  समाधान,

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विधा:-कहानी(प्रेरक) शीर्षक:-आत्मविश्वास की जीत रमेश 39 वर्षीय एक प्रौढ़ हैं।वह वाराणसी के निकट एक गाँव मे अपने परिवार के साथ रहता था,परिवार में पत्नी, दो बच्चे थे।सभी की कार्यशैली तय थी।बच्चे रोज स्कूल जाते हैं व पत्नी एक समझदार गृहणी हैं सब की नियमित कार्यशैली थी। रमेश पास के होटल में काम करता है।रमेश बहुत ही ईमानदार, नेक व्यक्तित्व वाला व्यक्ति है। वह अपने कार्य के प्रति सजग होता हैं कभी भी किसी प्रकार की चालाकी नही करता। फिर अचानक एक दिन उसके सिर में दर्द हुआ जो कि बहुत ही जानलेवा बीमारी थी।

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विधा:-कहानी(प्रेरक)
शीर्षक:-"आत्मविश्वास की जीत"


सम्पूर्ण कहानी अनुशीर्षक में पढ़े। विधा:-कहानी(प्रेरक)
शीर्षक:-आत्मविश्वास की जीत

रमेश 39 वर्षीय एक प्रौढ़ हैं।वह वाराणसी के निकट एक गाँव मे अपने परिवार के साथ रहता था,परिवार में पत्नी, दो बच्चे थे।सभी की कार्यशैली तय थी।बच्चे रोज स्कूल जाते हैं व पत्नी एक समझदार गृहणी हैं सब की नियमित कार्यशैली थी। रमेश पास के होटल में काम  करता है।रमेश बहुत ही ईमानदार, नेक व्यक्तित्व वाला व्यक्ति है। वह अपने कार्य के प्रति सजग होता हैं कभी भी किसी प्रकार की चालाकी नही करता। फिर अचानक एक दिन उसके सिर में दर्द हुआ जो कि बहुत ही जानलेवा बीमारी थी।
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