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Mahima Jain
•| कौन हूं मैं |• आख़िर कौन हूं मैं? क्या है मेरा अस्तित्व? कभी नदी सा शांत, कभी बाढ़ सा प्रचंड, कभी चांद सा निर्मल, कभी सूर्य सा धधकता, कभी फूल सा कोमल, कभी पत्थर सा कठोर, आख़िर कौन हूं मैं? क्या है मेरा अस्तित्व? आख़िर कौन हूं मैं? क्या कोई बता सकता है? अन्तिम चुनौती पूर्ण Hindi Prabhat #हिन्दीप्रभातजनवरी2021 #हिन्दीप्रभात #hpjanuary1_021 #हिन्दीप्रभात5 #hindmaahi #yqdidi #yqhindi #yqpoetry
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जीवन की ही जय है, बुरे कर्मों का सबको भय है। जो करो दिल से करो यहां सच्चाई की ही विजय है। माना कठिन है रास्ता, पर हौंसला तो बुलंद है। मिलेगी मंज़िल विश्वास रखो यहां डर के आगे ही जीत है।। #जीवन #लाइफ #हिन्दीप्रभात #हिन्दीप्रभात3 #hpjanuary1_021 #हिन्दीप्रभातजनवरी2021 #hindmaahi #yqinspiration
Mahima Jain
शिकायत करूं तो किससे कोई सुनता ही नहीं है, अकेले ही आए थे अगले है जाना यहां कोई भी किसी के संग का नहीं। क्यों? किसी से आशा रखो, क्यों किसी से उम्मीद तुम रखो, ये ज़िन्दगी तो चार दिन में मिट जानी है, सबसे मैत्रीभाव तुम रखो। ये मेरा ⌛ कविता का पहला प्रयास है। आशा करती हूं कविता रूप से साथ न्याय हो। शुक्रिया Nidhi Bansal नी दी आपके कारण कविता का विषय मिला। 🙈 नमस्ते दोस्तों । हमारा सातवाँ चैलेंज कुछ इस प्रकार है। इस चैलेंज के लिए आपको एक कविता लिखनी है जो की रेत की घडी (hourglass) के आकार की होनी चाहिए । इस चैलेंज के नियम इस प्रकार हैं-
ये मेरा ⌛ कविता का पहला प्रयास है। आशा करती हूं कविता रूप से साथ न्याय हो। शुक्रिया Nidhi Bansal नी दी आपके कारण कविता का विषय मिला। 🙈 नमस्ते दोस्तों । हमारा सातवाँ चैलेंज कुछ इस प्रकार है। इस चैलेंज के लिए आपको एक कविता लिखनी है जो की रेत की घडी (hourglass) के आकार की होनी चाहिए । इस चैलेंज के नियम इस प्रकार हैं-
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बेवजह और बेमतलब की बातों को आधा छोड़ देते हैं, वजह मिल भी जाए तो पूरा करने का इरादा छोड़ देते है। मोह माया के जाल में मुंह का निवाला भी निकाल दिया, समुद्र के भीतर भी रह कर, खुद को प्यासा छोड़ देते हैं। खुद को चाहे हर गम मिलें, मिले नहीं चाहे एक भी खुशी, औरों की खातिर हम थोड़ा हिस्सा ज़्यादा छोड़ देते हैं। ना जाने क्या क्या कर्म किए, जो भी किए सब गलत किए, कुछ भी करने से हमेशा बचने को हर वादा छोड़ देते हैं। "महिमा" तू बड़ी नादान है, इस दुनिया के फरेब से अनजान है, ये मरते इंसान की सांसे निकाल, उस को भी ज़िंदा छोड़ देते हैं।। शेर :- 5 मतला :-" बेवजह और बेमतलब _______________ छोड़ देते हैं।" मकता :- "महिमा तू बड़ी ________________ ज़िंदा छोड़ देते हैं।" काफिया :- "आधा", "इरादा", "प्यासा", "ज़्यादा", "वादा", "ज़िंदा" रदीफ़ :- "छोड़ देते हैं।" ∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆
शेर :- 5 मतला :-" बेवजह और बेमतलब _______________ छोड़ देते हैं।" मकता :- "महिमा तू बड़ी ________________ ज़िंदा छोड़ देते हैं।" काफिया :- "आधा", "इरादा", "प्यासा", "ज़्यादा", "वादा", "ज़िंदा" रदीफ़ :- "छोड़ देते हैं।" ∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆
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छल कपट का नाम नहीं निस्पृह भाव वो रखती है अपने कर से रोटी खिला के आंचल से गात को ढंकती है।। निस्पृह :- इच्छारहित कर :- हाथ गात :- शरीर Hindi Prabhat द्वारा दी पहली चुनौती पूर्ण #हिन्दीप्रभात #हिन्दीप्रभात1 #हिन्दीप्रभातजनवरी2021
निस्पृह :- इच्छारहित कर :- हाथ गात :- शरीर Hindi Prabhat द्वारा दी पहली चुनौती पूर्ण #हिन्दीप्रभात #हिन्दीप्रभात1 #हिन्दीप्रभातजनवरी2021
read morePoonam Suyal
शब्द उसके चुभे मुझे "शूल" की तरह, फ़िर भी नहीं की मैंने कोई भी जिरह ओढ़ ली मैंने ख़ामोशी की "शाल", नहीं जान सका कोई मेरे दिल का हाल उसके बोलने की "शैली" थी कुछ ऐसी, पिघले हुए लोहे के जैसी दिल को मेरे वो छलनी कर गई, मैं एक मूक "शिला" बन के रह गई चाहे दिल हो गया था "शैल" मेरा, मुझे तन्हाई ने था घेरा दिल के द्वार मैंने किसी के लिए खोले, आँखों से बहे आँसू, बन कर वेदना "शोले" #हिन्दीप्रभात #hpjunetask1 #शब्दों _की_रेल #yqdidi Pic credit google
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लो फ़िर आ गया जून का महीना लो फ़िर आ गया जून का महीना, बहने लगा यकायक कितना पसीना दिल रहने लगा है कितना बेचैन, इसने मुश्किल कर दिया है सबका जीना (अनुशीर्षक में पढ़ें) कविता लो फ़िर आ गया जून का महीना लो फ़िर आ गया जून का महीना, बहने लगा यकायक कितना पसीना दिल रहने लगा है कितना बेचैन, इसने मुश्किल कर दिया है सबका जीना
कविता लो फ़िर आ गया जून का महीना लो फ़िर आ गया जून का महीना, बहने लगा यकायक कितना पसीना दिल रहने लगा है कितना बेचैन, इसने मुश्किल कर दिया है सबका जीना
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मेरे शंभू, मेरे भोलेनाथ तुम ही मेरे साथी हो भोले, तुम ही मेरे सखा तुम बिन हूँ मैं शून्य, तुमसा नहीं कोई दूजा मैं लड़खड़ाई जब भी जीवन पथ पर, तुमने ही मुझे संभाला महसूस किया जब भी ख़ुद को अकेला, तुमने दिया सहारा भटकी जब भी मैं राह, तुमने ही मुझे रस्ता दिखाया जब हिम्मत हार गई मैं, तुमने मुझे उठ चलना सिखाया तुम्हारे रहते नहीं मैं अकेली, तुम्हे सदा मैंने अपने साथ पाया जीवन हुआ अंधेरा मेरा, तुमने ही उसे उजाला दिखाया तुम्हे पाया मैंने, जीवन मेरा पल भर में बदल गया तुमने की मुझपर इतनी कृपा, मेरा जीवन धन्य हो गया 🕉 नमः शिवाय #हिन्दीप्रभात #हिन्दीप्रभातजून2022 #hpjune22/01 #hpprayer Pic credit google
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