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Best घूट Shayari, Status, Quotes, Stories

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Rakesh frnds4ever

#क्यामैंहूंकहीं या मैं हूं ही नहीं क्या मैं हूं कहीं या मैं हूं ही नहीं,,,, मेले के आकर्षण वाली भीड़ में, खिलौनों - झूलों में कहीं #खलती रही है सदा #मुझको किसी #अपने की #कमी

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White क्या मैं हूं कहीं
     या मैं हूं ही नहीं,,,,

मेले के आकर्षण वाली भीड़ में, 
खिलौनों - झूलों में कहीं 
खलती रही है सदा मुझको किसी अपने की कमी 

क्या मैं हूं कहीं 
या मैं हूं ही नहीं 

खेतों और खलिहानों में 
काम से थके हारे टूटते बदन की बहती पसीने की नमी में कही,, 
पिया है हरदम आसुओं का घूट ही,,,,

क्या मैं हूं कहीं 
या मैं हूं ही नहीं,...

............. 2..........

©Rakesh frnds4ever  #क्यामैंहूंकहीं या मैं हूं ही नहीं 

क्या मैं हूं कहीं
     या मैं हूं ही नहीं,,,,

मेले के आकर्षण वाली भीड़ में, 
खिलौनों - झूलों में कहीं 
#खलती  रही है सदा #मुझको  किसी #अपने  की #कमी

Shahana Parveen

हालात अक्सर ही सिखा जाते हैं कि कैसे जीना चाहिए 
हर सच को कड़वा घूट समझ कर पीना चाहिए 
 #हालात 
#जीना
#कड़वा
#घूट
#YQbaba
#YQdidi
#boostthyself
#thought

prajapati ❣️

#ढल चुकी है कई शामे*अब तेरी याद में👈
✨सांझ होते ही उठा लेते है हम 
🥰चाय का कप हाथ में👇
#घूट भरते ही एहसास करू मैं तेरा 
तू ही घुला मिलता है 
😋हर घूट के स्वाद में😍
अंजान* है ये होठ इस दिल के हाल से ...
इनको मिठास और दिल को 
आभास होता है तेरा हर बात मे
🤗🤗🤗
💝☕✍️🤭

©komal #एहसास#चाय#तुम#मैं#घूट#सांझ#होठ#अंजान🥰

#eveningtea

Santosh Dadsena

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Trust me " घूट -घूट के जीने से  अच्छा  है,
दो घूट मार के जी लो ।
"साहेब"

Vineet Kumar Pathak

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कलम मेरी भ्रष्टाचारी आकाओं पर अब बरसेगी, जिनके हाथ गरीबों के हक उन पर ना बिल्कुल तरसेगी I बैठे होंगे अपने घर, फिर नहीं सियासत चमकेगी ,वोट बैंक की आड़ में ऐसे नहीं रियासत महकेगी। ऐसे कोई कैसे अपने हक को लेकर आएगा ,घूट घूट कर खून वहीं, अपना सब समय  गंवाएगा ।अंदर सब कुछ होगा पर ,बाहर कोई न पूछेगा जहां कतारें लंबी होगी उनको ना कोई  देखेगा ।काम समय पर तय कर दो कोई ना लापरवाही हो ,भ्रष्टाचारी दरबारों की रोजाना खबर तबाही हो ।बहुत हो चुका मोदी जी भ्रष्टाचारी का अंत करो, हुक्मरानों से हक छीनो  या उनकी सेवा बंद करो।

Vineet Kumar Pathak

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कलम मेरी भ्रष्टाचारी आकाओं पर अब बरसेगी, जिनके हाथ गरीबों के हक उन पर ना बिल्कुल तरसेगी I बैठे होंगे अपने घर, फिर नहीं सियासत चमकेगी ,वोट बैंक की आड़ में ऐसे नहीं रियासत महकेगी। ऐसे कोई कैसे अपने हक को लेकर आएगा ,घूट घूट कर खून वहीं, अपना सब समय कब गंवाएगा ।अंदर सब कुछ होगा पर ,बाहर कोई न पूछेगा जहां कतारें लंबी होगी उनको ना कोई  देखेगा ।काम समय पर तय कर दो कोई ना लापरवाही हो ,भ्रष्टाचारी दरबारों की रोजाना खबर तबाही हो ।बहुत हो चुका मोदी जी भ्रष्टाचारी का अंत करो, हुक्मरानों से हक छीनो  या उनकी सेवा बंद करो।

पागल शायर

हर रोज़ घूट-घूट कर मरता है....✍️ live love heart sky tears brokenheart truth life nojoto shayari

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मोहब्बत की जेल से रिहा होने के बाद अब भी हर रोज़ मेरा दिल घूट-घूट कर मरता है
खुद को तो कबका समझा दिया मगर ये साला दिल अब भी उससे प्यार करता है... हर रोज़ घूट-घूट कर मरता है....✍️



#live #love #heart #sky #tears #brokenheart #truth #life #nojoto #shayari

Deepti Sengar

#Shayari nojoto झूठा शायर (दीप राही)

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शराब मना किया था मैंने भी किसीको कभी पीना मत शराब
पता नहीं क्यों मै इस कड़वे घूट को कहती थी खराब
पर धोखे से ज्यादा नहीं होती हैं खराब
शायद इसीलिए दुनिया पीती है ये शराब
इसके हर घूट में है अजब सी बाम
जो कर जाती है हर जख्म में काम 
मेरी हर शाम अब तो होती है बस इस जाम के नाम नहीं लेना मुझे किसीसे कोई इंतकाम
लाखो लोगो की जिंदगी होती है शराब 
 कभी घर बरबाद तो कभी किसी आज़ाद कर देती है  शराब #shayari #nojoto  झूठा शायर (दीप राही)

Pagal ANI

मरूंगा तो नहीं तुम्हारे इश्क में ये तय है,
लेकिन भिक्षा में मिले तुम्हारी आवाज को सुन कर नहीं जीना मुझे।

घूट घूट कर जिऊंगा वो बेहतर है,
लेकिन मिन्नते कर तुमसे बात नहीं करनी मुझे।

सह लूंगा तूफान जो तुमने लाया है मेरी जिंदगी में,
लेकिन दर्द से बचने के लिए तुम्हारे करीब नहीं जाना मुझे। #pagalani00 #love

Jyoti Rajput (Rj)

#OpenPoetry part-2 ---------- अपनी मर्ज़ी से तो , हम बस सांस लिया करते है । बगावत तो हम हर बार किया करते है,

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part-2 
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अपनी मर्ज़ी से तो ,
हम बस सांस लिया करते है ।

बगावत तो हम हर बार किया करते है,
और जिनसे किया करते है ,
हर बार न जाने क्यूं वो अपने हुआ करते है।

घूट- घूट के जीने से अच्छा ,
हम अब मर मर के जिया करते है।
अब अपनों की बात मान के ,
बस अपना फर्ज़ आदा किया करते है ।

अपनी मर्ज़ी से तो ,
हम बाद सांस लिया करते है। #OpenPoetry 
part-2 
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अपनी मर्ज़ी से तो ,
हम बस सांस लिया करते है ।

बगावत तो हम हर बार किया करते है,
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