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DrRavikirti Didwania
लफ्ज़ तेरे ख़ंजर दिल पे करे वार वक़्त का ये मंजर मैं मरता कई बार दिल तेरा बंजर न उपजे कभी प्यार इश्क़ मेरा जर्जर होता सिलसिलेवार #ravikirtikikalamse #ravikirti_shayari #रविकीर्ति_झलकियाँ #paraya #isqh_ki_kahani #dard_hoga #yqdidi #लफ्ज़_तेरे_खंजर
DrRavikirti Didwania
धोखों की फकत इतनी सी कहानी थी हर शख्स अपना था बस वो घड़ी बैगानी थी। ना आशिक था कोई ना कोई दीवानी थी सब रहे तस्वीर बनाने में अपनी और महोब्बत लूट जानी थी। धोखों की फकत इतनी सी कहानी थी। #ravikirtikikalamse #रविकीर्ति_झलकियाँ #ravikirti_shayari #paraya #dhokha #dard_hoga #tukahankhogaya #yqdidi
DrRavikirti Didwania
बिसात जब शतरंज की बिछी थी असल चेहरे देख आँखे पसिजी थी तब हमने ये ग़ज़ल लिखी थी। अपनों ने जब तलवारें खिची थी न जाने कैसी चाहत उनमें छिपी थी तब हमने ये ग़ज़ल लिखी थी। लोगो ने फसल जहर से सींची थी जख्म लगा सबने आँखे भींची थी तब हमने ये ग़ज़ल लिखी थी। कलम ने लिखी जो खुद पे बीती थी नज़र नहीं नजरिये ने दूरियां खींची थी तब हमने ये ग़ज़ल लिखी थी। #paidstory #रविकीर्ति_की_कलम_से #रविकीर्ति_झलकियाँ #ravikirtikikalamse #shataranjkibisaat #ravikirti_shayari #ravikirti_poetry #dard_hoga
DrRavikirti Didwania
क्या है आजादी? सीमाओ में मर्यादा का पालन है आजादी अधिकारों का ज्ञान है आजादी कर्तव्यों का मान है आजादी दायित्वों का निर्वहन है आजादी स्वछंदता पर विवेक का नियंत्रण है आजादी। सीमा से परिभाषित होती अनुशासन के संग मिलती है आजादी। #ravikirtikikalamse #ravikirtimotivationalquotes #aajadi #रविकीर्ति_की_कलम_से #रविकीर्ति_झलकियाँ #ravikirti_poetry #dicipline
DrRavikirti Didwania
हाथ में नहीं अब इश्क़ की डोर तेरे इम्तिहान ले रहा है खुदा कठोर मेरे। जमीन पे मिलेगी पतंग तुमको सवेरे जो उड़ती थी मलंग जब हातों थी तेरे। डराने लगे है रात के घन घोर अंधेरे ये तन्हाई और रात होते थे दोस्त मेरे। चल पड़े वो अब डालेंगे कहीं और डेरे कागच पे कलम के होने है रोज फेरे। #cinemagraph #ravikirtikikalamse #ravikirti_poetry #ravikirti_shayari #ravita #ishqkidorbadinajukhai #ishqkipatang #रविकीर्ति_झलकियाँ
DrRavikirti Didwania
आंगन छोड़ उदासी का गुटते अरमानो की फांसी का वो बेख़ौफ़ सी पहुँची छत पर खुद को संभाल वो बैठी उस जर्जर दीवाल दिल मे लिये कई मलाल सहसा बालो को सहलाती कभी रोती कभी खुद को समझाती तंगी में उमंगो से थी सराबोर छत पे ही छोड़ वो उठकर चल दी सारे भाव विभोर । #ravikirtikikalamse #ravikirti_poetry #yqdidi #उदासी #lovestory #albeli #रविकीर्ति_झलकियाँ
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