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Best मेरीकवितामेरादर्द Shayari, Status, Quotes, Stories

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Suchita Pandey

#एकपन्नाअपनेनाम #ज़िन्दगी एक पन्ना अपने नाम की लिखी है आज, ज़िन्दगी मैंने ! थोड़ी ख़ुशी अपने नाम भी की है आज, ज़िन्दगी मैंने !! बुरा न मानना मैंने भी देख लिया है आज आईना-ए-ज़िन्दगी,

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// एक पन्ना अपने नाम.. //

एक पन्ना अपने नाम भी लिखी है 
आज, ज़िन्दगी मैंने ! 

थोड़ी ख़ुशी अपने नाम भी की है
आज, ज़िन्दगी मैंने !!

बुरा न मानना मैंने भी देख लिया है
आज, आईना-ए-ज़िन्दगी !

रंग जो चढ़ें है खुशियाों के वही बस
जिया है, ज़िन्दगी मैंने !! #एकपन्नाअपनेनाम 
#ज़िन्दगी 

एक पन्ना अपने नाम की लिखी है आज, ज़िन्दगी मैंने ! 

थोड़ी ख़ुशी अपने नाम भी की है आज,  ज़िन्दगी मैंने !!

बुरा न मानना मैंने भी देख लिया है आज आईना-ए-ज़िन्दगी,

Suchita Pandey

#नहींमुमकिन #प्यारएकएहसास #मेरीकवितामेरादर्द #suchitapandey // नहीं मुमक़िन // तुमसे मिलकर तुम्हें भुलाना, नहीं मुमक़िन !

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//  नहीं मुमक़िन  //
तुमसे मिलकर तुम्हें भुलाना, 
नहीं मुमक़िन !
दीवाने दिल को समझाना, 
नहीं मुमक़िन !
हर रस्ता, हर मंज़र रोक पाना, 
नहीं मुमक़िन !
जाते लम्हों को ठहराना , 
नहीं मुमक़िन !
दिल की पूरी बातें अक्सर दिल
के अंदर दफ़नाना, 
नहीं मुमक़िन !
मुँह की बात ज़ुबाँ पर लाना, 
नहीं मुमक़िन !
जो हम चाहें वो तुम चाहो, 
नहीं मुमक़िन !
रस्मों की दीवार गिराना, 
नहीं मुमकिन  ! #नहींमुमकिन 
#प्यारएकएहसास 
#मेरीकवितामेरादर्द 
#suchitapandey 
//  नहीं मुमक़िन  //

तुमसे मिलकर तुम्हें भुलाना, 
नहीं मुमक़िन !

Suchita Pandey

#ऑंखें #एकख़्वाब #ख़्वाबदेखतीऑंखें #मेरीकवितामेरादर्द #suchitapandey एक ख़्वाब सी, ख़्वाब में, एक ख़्वाब देखती आँखे, रात के अंधेरों में खो गई जैसे अकेली ऑंखें। स्वपन सी धुंधली, स्वपन में खोयी हुयी, झुंझलाहट मन की, क्या निहारती आँखे..!

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एक ख़्वाब सी, एक ख़्वाब देखती आँखे, 
रात के अंधेरों में खो गई जैसे अकेली ऑंखें। 

स्वपन सी धुंधली, स्वपन में खोयी हुयी,  
झुंझलाहट मन की, क्या निहारती आँखे..!

शाम सी बोझिल, किरणों में विलीन सी, 
क्या ढूँढती, क्या देखती, क्या समझती ऑंखें..!

शामे ढूँढती,  मन ढूँढती, स्नेह समेटती ये ऑंखें, 
एक ख़्वाब सी,  एक ख़्वाब देखती आँखे..!!

 #ऑंखें #एकख़्वाब #ख़्वाबदेखतीऑंखें 
#मेरीकवितामेरादर्द #suchitapandey
एक ख़्वाब सी, ख़्वाब में, एक ख़्वाब देखती आँखे, 
रात के अंधेरों में खो गई जैसे अकेली ऑंखें। 

स्वपन सी धुंधली, स्वपन में खोयी हुयी,  
झुंझलाहट मन की, क्या निहारती आँखे..!

Suchita Pandey

#नींद_ख्वाब #काँचकाबिछौना #काँचकेख्वाब #प्रभात_कविता #सुचितापाण्डेय #मेरीकवितामेरादर्द #yqdidihindipoetry "सुबह हो गयी, शांत मन, शांत वातावरण। कितना खूबसूरत है सबकुछ। नींद से जागे नयन ढेरो ख्वाब समेटे अब भी बैठे हुए है। कह रहें हो जैसे, आहिस्ता-आहिस्ता कदम रखना।

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"सुबह  हो  गयी,  शांत  मन , 
शांत  वातावरण ।  
कितना खूबसूरत है  सबकुछ। 
नींद से जागे नयन, ढेरो  ख्वाब 
समेटे  अब  भी  बैठे  हुए  है । 
कह  रहें  हो  जैसे, आहिस्ता -
आहिस्ता  कदम  रखना । 
काँच  के  ख़्वाब  है ,  काँच  के 
बिछौने  से  लिपटे  हुए । 
कही टूट गए तो दर्द तुम्हे भी होगा...!!" #नींद_ख्वाब #काँचकाबिछौना #काँचकेख्वाब #प्रभात_कविता 
#सुचितापाण्डेय #मेरीकवितामेरादर्द #yqdidihindipoetry
"सुबह हो गयी, शांत मन, शांत वातावरण।  
कितना खूबसूरत है सबकुछ। 
नींद से जागे नयन ढेरो ख्वाब समेटे अब भी
बैठे हुए है। 
कह रहें हो जैसे, आहिस्ता-आहिस्ता कदम
रखना।

Suchita Pandey

#ग़ुलामीकीदास्तां #ज़िन्दगीकीक़ीमत #उड़ानकोतरसतेपंख #उसपंछीसेपूछो #मेरीकवितामेरादर्द #suchitapandey उस पंछी से पूछो.. ये ग़ुलामी की दास्तां, 'उस पंछी से पूछो'। बंद पड़े है पिंजरों में जो कितने बरसो से, उसकी पीड़ा को न समझ पाओगे।

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उस पंछी से पूछो.. 

ये ग़ुलामी की दास्तां, 'उस पंछी से पूछो'। 
बंद पड़े है पिंजरों में जो कितने बरसो से,
उसकी पीड़ा को न समझ पाओगे। 

जिन्हें भूखा रहना तो है मंज़ूर मगर, 
आजादी से अपने सपनों को जीना
चाहता है।  
कहीं दूर गगन में अपने पंखो को फिर 
से पसारना चाहता है। 

ऐसी ज़िन्दगी भी क्या ज़िन्दगी है, जो किसी 
की ग़ुलामी में गुज़रे। 
पल पल मरता है जो , उसके जीने की तड़प 
'उस पंछी से पूछो'। 
ये ग़ुलामी की दास्तां, 'उस पंछी से पूछो' ।  #ग़ुलामीकीदास्तां #ज़िन्दगीकीक़ीमत #उड़ानकोतरसतेपंख #उसपंछीसेपूछो 
#मेरीकवितामेरादर्द #suchitapandey 
उस पंछी से पूछो.. 

ये ग़ुलामी की दास्तां, 'उस पंछी से पूछो'। 
बंद पड़े है पिंजरों में जो कितने बरसो से,
उसकी पीड़ा को न समझ पाओगे।


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