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Chanchal Jaiswal
अपनी ही उलझनों में खोई है शब भर आँख तेरी रोई है ज़िन्दगी! तुझसे मैं क्या सवाल करूं धड़कनों का हिसाब कोई है पेट की आग में जल रहा चूल्हा ख़्वाब की रूह भूखी सोई है रिहायशी मकां में रह रहें हैं परदेसी देस में अब साझी कहां रसोई है ख़ाक उड़ती है उन दालानों में अब वहां अपनापन किस्सागोई है #toyou #चांदतुमसेक्याकहें #yqlife #yqdespardes #yqlove #yqestrangement
Chanchal Jaiswal
और सहज मीठे दाने पर भीग भीग मन प्रीत गई धूप बहुत थी छांह मिली तो लगी सरसता जीत गई नेह चांद को तरसे नैना मैना रैना बीत गई और कहूं क्या फिर पिजड़े में सिसक ज़िन्दगी रीत गई #toyou #yqtheworld #yqlove #yqestrangement #yqthecage
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ज़िन्दगी फिर तबियत से आके मिले याकि साँसों मंज़र गुज़र जाने दे मेरी बेकली को लगा ले गले याकि तन्हा सफ़र का असर आने दे थाम ले हाथ मेरा अगर दिल कहे या तो जाती राहें जिधर जाने दे शब क्यों आँखें ये ख़्वाबों के किस्से कहें नज़रें ख़ाली ख़ाली नज़र आने दे गुमसुम खड़ा क्यों है लब को सिले दिल यों मजबूर है तो मुक़र जाने दे मिल गई तेरी मंज़िल मुबारक़ तुझे मुफलिसी का नहीं कोई घर जाने दे #toyou #yqlove #yqestrangement #yqhopesandfears #yquncertainities #yqfaith
Chanchal Jaiswal
Wanted to write a letter To understand it better But perhaps all is played I am in an empty theatre Where the dialogues echo And shadows shatter The being! The character! The voices hardly matter The ink all frozen The images scatter #toyou #yqlove #yqestrangement #yqfaith #yqsilence #yqinbetween
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ऐ इश्क़! तेरी तालाबंदी मेरे दिल पे गज़र सी गुज़री है बेबस बेकस ये लाचारी हमपे तो कहर सी गुज़री है तू दिलों में है आशना खुदा! है सुना तेरी लौ जलती है हमपे हैं अँधेरों के साये ये रोशनी किधर से गुज़री है #toyou #yqestrangement #yqlove #yqpoliticalfaith #yqpublic #yqdemocracy #yqlife #yqhelplessness
Chanchal Jaiswal
मत थामो अब हाथ छोड़ दो भय का, क्षय का साथ छोड़ दो गिरह पड़ रही साँसों में अब जीवन! बंधन-राग तोड़ दो... स्वप्न नहीं उन्मुक्त सजीले स्वप्निल ये उन्माद तोड़ दो... अभ्यांतर इस कारागृह के दुर्गम तम का द्वार तोड़ दो बुझी नहीं बाती दीपित है साधकता बस यहीं जोड़ दो दो जोड़ी चंचल नयनों में दीपित ये प्रकाश जोड़ दो #toyou #yqlove #yqestrangement #yqreflection #yqconnectingwith #yqquest
Chanchal Jaiswal
The biggest problem of the institution called marriage is that it has been taken to be a solution to all the problems....That actually burdens it. And the irony of the situation is that the matrix of your age and marriage' is the foremost problem of almost everyone around...as if your getting married is going to solve the phenomenal problems of the universe. Let me tell you that you may take caution about corona virus but it is really far so difficult to deal with your apprehensions regarding marriage as an institution in such a demanding society that at times claims yourself through and through. #toyou #teatalks #yqbruises #yqpanic #yqestrangement #yqinstitutionalizing #yqapprehension #yqmarriage
Chanchal Jaiswal
मौसम बदल रहा है, ख़्याल रखना! जानती हूँ किंचित असहज हो तुम बदलते भावों की है कुछ उधेड़ बुन उम.हुँम्म! चौकना मत हवा की दस्तक़ पे परितः मैं नहीं हूँ, क्योंकि शायद यही चाहते हो तुम याकि ये के "सब ठीक है" मान लूँ जो कहो तुम बेशक़ अपने तक अपने जी का हाल रखना सर्द-गर्म धड़कन है जी यों भी न बिगड़ जाए ज़रूरी हो तो मुझसे भी एहतियाद रखना मौसम बदल रहा है, ख़्याल रखना! #toyou #yqseason #yqseasonal #yqtakecare #yqpeace #yqquest #yqquestions #yqestrangement
Chanchal Jaiswal
त्योहारों के आगम पर देहरी रोती है सिसकती हैं दीवारें छत बेपाये से थरथरातें हैं ज़मीन पानी-पानी आँखें एकदम से खाली बिलखती है रसोईं... रुआँसा आँगन दोहराता है धमक थाप उन पैरों की सिहर जाता है घर! "घर" का भाव भीतर तक त्योहारों के आगम पर जब अगुआई में माँ नहीं होती! मन फूट-फूट कर रोता है लेकिन इन आँसुओं की कोई इल्तिज़ा नहीं होती लब पे तमाम दुआएँ हों सही पर अपने सिर पर शिफ़ा नहीं होती रौनकें होती त्योहारों पर घर मेरा भी "घर" सा लगता अगर पास मेरे भी मेरी माँ होती #toyou #loveyoumummy #yqhome #yqtime #yquncertainities #yqestrangement
Chanchal Jaiswal
ग़म में भी मुस्कुराएँ खुशी में चहके कौन सुनता है यहाँ क्या करें दिल की कहके थमती नहीं ज़मीन क़दम बहके-बहके सब समझते हैं निकला हूँ कोई नशा करके सच तो है ये सच भी एक नशा ठहरा होश उड़ जाते हैं इस राह पर चलते-चलते #toyou#traveling#multipleveins#yqlife#yqestrangement