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–Muku2001
Village Life की सुना हैं शहर के पक्के घर और वहां रहने वाले लोग अब टूटने लगे है और गांव के वो पुराने घर और वहा रहने वाले लोग वही मजबूती और वही शान से आज भी वही के वहीं सुकून से जी रहें हैं , क्योंकी फर्क बस इतना हैं की गांव में पैसा कम प्रेम जादा हैं और शहर में पैसा जादा और प्रेम कम हैं ! ©–Muku2001 #villagelife #Life #Life_experience #Quote #Nojoto #muku2001 #Love #गांवशहर #villagelove #सुकून
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Village Life गांव से मैंने बाहर निकल एक दुनियां देखी हैं बस ट्रैन में धक्के खाकर ज़िंदगानी अलग देखी हैं, गांव में जिनको शान से देखा शहर में उन्हीं को परेशानी में गांव मैं मैंने मैच हारते देखा और शहर में मैंने जिंदगी हारते शहर में जिनको उजड़ते देखा गांव में उन्हीं को संभलते देखा शहर में जिनको बिखरते देखा गांव में उन्हीं को निखरते देखा तभी तो शहर में एक गुरुर होता हैं और गांव में एक अलग ही जुनून और एक अलग सुकून होता हैं ! ©–Muku2001 #villagelife #Life #Life_experience #Quote #nojohindi #Nojoto #Hindi #story #muku2001 #गांवशहर
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read moreपूर्वार्थ
गांव और शहर तेरी बुराइयों को हर अखबार कहता है, और तू मेरे गाँव को गँवार कहता है... ऐ शहर मुझे तेरी औकात पता है, तू चुल्लू भर पानी को वाटर पार्क कहता है... थक गया है हर शख्स काम करते करते, तू इसे अमीरी का बाजार कहता है... गाँव चलो वक्त ही वक्त है सबके पास, तेरी सारी फुर्सत तेरा इतवार कहता है... मौन होकर फोन पर रिश्ते निभाए जा रहा है, तू इस मशीनी दौर को परिवार कहता है... जिनकी सेवा में बिता देते सारा जीवन, तू उन माँ-बाप को खुद पर बोझ कहता है... वो मिलने आते थे तो कलेजा साथ लाते थे, तू दस्तूर निभाने को रिश्तेदार कहता है... बड़े बड़े मसले हल करती यहां पंचायतें, तू अँधी भ्रष्ट दलीलों को दरबार कहता है... बैठ जाते हैं अपने पराये साथ बैलगाड़ी में, पूरा परिवार भी ना बैठ पाये उसे तू कार कहता है... अब बच्चे भी बड़ों का आदर भूल बैठे हैं, तू इस नये दौर को संस्कार कहता है... जिंदा है आज भी गाँव में देश की संस्कृति, तू भूल के अपनी सभ्यता खुद को तू शहर कहता है... शहर घुमता है काले चश्मे लगाकर, गाँव अब भी नजर मिला लेता है... शहर बीमार होता है दवाओ से, गाँव बीमारी में भी खुद को जीला लेता है... शहर से घर को लोग खाली हाथ लौट जाते है, गाँव में लोग बर्तन भी खाली नहीं लौटाते है... नकली चेहरे गाँव में भी है मगर उनकी आँखे सच्ची है, शहर कि भीतरी शोर से आटा चक्की कि पुक-पुक-पुक-पुक अच्छी है... गाँव में देखो मुस्कुराती है फुल गोभियाँ, शहर ने पहले बाल रंगे फिर हरी सब्जियाँ... मेरी दुआ है खूब तरक्की करे यह ज़माना, मगर गाँव कि लाश पर शहर न उगाना !! ©पूर्वार्थ #गांवशहर
पथिक..
mera payara gawan *""""""*****"""""**** "गांव की गलियां अब न भाती मुझे शहरों से लगाव हो गया,मेरा बचपन जो गुजरा कभी तंग गलियों में अब चौड़ी सड़को का दीवाना हो गया अब न भाती मुझे, खेत जोतते वो, बेलों की जोड़ियां,अब न भाते खेत खलियान ,अब तो हमें भाने लगे है , वो ,पार्क और लोगों से भरे ,हरे मैदान अब न रहा शौक़ ,हमें दूध और लस्सी का,अब तो हमें भाने लगी दारू,बियर और कोल्ड ड्रिंक्स की बोतल,अब न भाती हमें गांव की गौरी,अब तो दीवाना बनाती शहर की छोरी,अब न भाते हमें गांव के रीति,रिवाज़ अब तो भाने लगे शहरों की पार्टीयां, और संस्कृति, अब कहां भाते हमें गांव के मामी, मामा, काका, काकी अब तो भाने लगे ,शब्द अंकल और आंटी अब हर एक गांव वृद्ध हो चला है, अब न रहें वो पुराने लोग,और वो संस्कार अब न, रहा वो प्यार भरा व्यवहार, सारे रिश्ते अब सिमट गए है, गांव भी अब शहर हो गए है ,मिट रहा है,अब वजूद गांव का मिट रहा है, प्यार भरा आसरा छांव का" ©पथिक #गांवशहर
Saurav Pandey
प्रकृति का करते उपयोग दोहन नही , आज के चित्र ,विचित्र , मनमोहन नही , करती प्रकृति अब नुकसान की भरपाई है , मानवता ने गलती की बड़ी क़ीमत चुकाई है । अब लोग गांव को जा रहे है , हाँ , वो शहरों से आ रहे है । #गांवशहर 3
#गांवशहर 3
read moreSaurav Pandey
बढ़ती भीड़ तंग गालियाँ और बस्ती , शहर ऐसे की न पहचान , न अपनी कोई हस्ती , चंद रोटियों की भूख , छीन ले गयी गांव की मस्ती , अब लोग सहरो से आ रहे है , लोग गांव को जा रहे है #गांवशहर 2
#गांवशहर 2
read moreSaurav Pandey
लोग , गांव को जा रहे है , हाँ , वो शहरों से आ रहे है । हाँ, ये रीत कुछ उलटी सी दीखतीं है , हाँ , मानवता गलती करके ही सीखतीं है , लोग गांव को जा रहे है । #गांवशहर 1 #wallpapersourceunknown
#गांवशहर 1 #wallpapersourceunknown
read morePk Pankaj
बहुत ख्वाहिशें थी,गांव छोड़ कभी शहर में रहूं पर अब नहीं , मेरा गांव ही शहर हो रहा मतलबी दुनिया #yqtwoliner #yqthoughts #मतलबी_दुनिया #yqdidi #yqbaba #गांवशहर
मतलबी दुनिया #yqtwoliner #yqthoughts #मतलबी_दुनिया #yqdidi #yqbaba #गांवशहर
read morei am Voiceofdehati
मैं गांव का हूं "गंवारा" नहीं समझना... मैं गांव का हूं "गंवारा" नहीं समझना... शहरों में "नया" हूं, "आवारा" मत समझना.... #गांवशहर #पहचान_मेरी #विजयंत_सिंह
#गांवशहर #पहचान_मेरी #विजयंत_सिंह
read moreSubhasish Pradhan
लाल मिट्टी की खुशबू अब हवाओं में खो गया है मेरे गॉव की सड़क भी अब कंक्रीट हो गया है। #लालमिट्टी #मिट्टी #सड़क #गांवशहर #गांव #yqbaba #yqdidi #pinta_quote
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