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Rakesh frnds4ever
White #राष्ट्रीय शिक्षा दिवस# शिक्षा कलियुगी दुनिया का वो अत्याचारी दुराचारी अमानवीय और लोगों को लूटने ओर लोगों के दिमागों को भ्रष्ट करने का लूटतंत्र के फायदेमंद उद्योगों धंधों का अहम हिस्सा/ व्यवसाय है ©Rakesh frnds4ever राष्ट्रीय_शिक्षा_दिवस #शिक्षा #कलियुगी दुनिया का वो #अत्याचारी #दुराचारी #अमानवीय
राष्ट्रीय_शिक्षा_दिवस #शिक्षा #कलियुगी दुनिया का वो #अत्याचारी #दुराचारी #अमानवीय
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White भोला भला था सीधा साधा था मैं तो नादान था दुनियादारी से,,,,,,, होशियारी से मैं तो अंजान था लगी चोट ऐसे ही मेरे भोले दिल पे बिखर सा गया टूट के जो धागे से छूटा ये रिश्तों का मोती जुड़ेगा ना अब छुट के जहरिले सपनों ने मेरे ही अपनों ने मुझको है खोखा दिया मेरे ढोल ना सुन ,,,,,,,,,,,,मेरे दर्द की धुन ,,,,,,,,,,,,,,,मेरे ढोलना सुन,,, मेरी नफ़रतें तो फ़िज़ा में बहेगी ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,ज़िंदा रहेगी हो कर फ़ना आधा अदुरा था बदन ये मेरा एक गर्क था जो घर था मेरी जन्नत एक नर्क था ये तख्त ताज सब तेरे ,,,,,,,,,,,,,,,, मैं तो जला के छोड़ूंगा जिंदा बचेगा ना कोई ,,,,,,,,,,,,,,,,सबको मिटा के छोड़ूंगा ये जिस्म ख़तम होता है,,,,,,,,,,,,,, ये रूह तो नहीं मरती चाहे कोई सितमगर हो ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,ये रूह तो नहीं डरती _________sonunigamsong_______ ©Rakesh frnds4ever #भोला_भाला था सीधा साधा था ,,,, मैं तो #नादान था #दुनियादारी से,,,,,,, होशियारी से मैं तो अंजान था लगी चोट ऐसे ही मेरे भोले दिल पे बिखर सा गया टूट के जो धागे से छूटा ये #रिश्तों का मोती जुड़ेगा ना अब छुट के जहरिले सपनों ने मेरे ही अपनों ने मुझको है #धोखा दिया मेरे ढोलना सुन ,,,,,,,,,,,,मेरे दर्द की धुन ,,,,,,,,,,,,,,,मेरे ढोलना सुन,,,
#भोला_भाला था सीधा साधा था ,,,, मैं तो #नादान था #दुनियादारी से,,,,,,, होशियारी से मैं तो अंजान था लगी चोट ऐसे ही मेरे भोले दिल पे बिखर सा गया टूट के जो धागे से छूटा ये #रिश्तों का मोती जुड़ेगा ना अब छुट के जहरिले सपनों ने मेरे ही अपनों ने मुझको है #धोखा दिया मेरे ढोलना सुन ,,,,,,,,,,,,मेरे दर्द की धुन ,,,,,,,,,,,,,,,मेरे ढोलना सुन,,,
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White मेरे ख्यालों की मल्लिका आए जो तू मेरे जीवन में साथ चलो जो जीवन सफ़र में बनकर तुम जीवनसाथी सपने सारे सच हो जाएं , तुम दीपक मैं बाती खुशियां मुझको भी मिल जाएं, मेरे घर का रस्ता मिल जाए उनको जो तुम घर आओ मेरे बनकर हमसाथी मेरे ख्यालों की मल्लिका आ जाओ जो तुम मेरे जीवन में सुख सारे मुझको मिल जाएं, रंग बिरंगी फूल खिल जाएं मेरे घर आंगन में ©Rakesh frnds4ever #मेरे #ख्यालों की मल्लिका आए जो तू मेरे जीवन में साथ चलो जो #जीवन सफ़र में बनकर तुम जीवनसाथी #सपने सारे सच हो जाएं , तुम दीपक मैं बाती #खुशियां मुझको भी मिल जाएं, मेरे घर का रस्ता मिल जाए उनको
Rakesh frnds4ever
White अपने न ,,,,,,,,,,,,,, अपने मिले सपने न ,,,,,,,,,,,,,, सच होने लगे झूठ है ये दुनिया सारी झूठे हैं ये रिश्ते बंधन सारे गलत समय में गलत जगह पर अच्छे होकर फंसे मिले सच्चे होकर हम ही बुरे बने अपने न ,,,,,, ,,,,,,, अपने मिले सपने न ,,,,, ,,,,,,, सपने मिले ©Rakesh frnds4ever #अपने न अपने मिले #सपने न,,,,,,,,, सच होने लगे #झूठ है ये दुनिया सारी झूठे हैं ये रिश्ते बंधन सारे #गलत #समय में गलत जगह पर
Rakesh frnds4ever
White आ चल के ,,,,,,,,,,,,,,,,,हम चलें कहीं जहां नौरंगी गुलजार हो मौसम नजम ,,गजल गाता हो नदी नाले प्यार की बातें करते हो ये पर्वत पहाड़ झरने कुदरत की बेपनाह मोहब्बत को ताजगी ,सादगी, खूबसूरती से बड़े चाव से, प्यार से ,अपनेपन से प्रदर्शित कर रहे हो आ चल के ,,,,,,,,,,,,,,,,,हम चले यहीं यहां कुदरत हो ,,,,,,,,,,हम तुम हो मौसमें बहार हो दिल का करार हो प्रकृति ओर प्रकृति की रचनाओं से घिरा हमारा छोटा सा संसार हो जो इस दुनिया/इस जहान,,,,,,,,, से पार हो ,,... ©Rakesh frnds4ever #आ #चल के ,,,,,,,,,,,,,,,,,हम चलें कहीं जहां नौरंगी #गुलजार र हो #मौसम नजम ,,गजल गाता हो नदी नाले प्यार की बातें करते हो ये पर्वत पहाड़ झरने #कुदरत की बेपनाह #मोहब्बत को
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White ये समय जो असीमित तेज रफ्तार से दौड़ रहा है,, कहीं रुक जाए, ठहर जाए कहीं अब और नहीं , बस मुझमें बसे इस अकेलेपन से कोई निकाल ले मुझे,, हाथ पकड़ कर थाम ले कोई प्यार से बस इक बार पुकार ले,,, मेरा नाम ले कोई,,, इस सूनेपन एकाकीपन अकेलेपन की असीम सुनसान खामोश खाली तन्हा वीरानेपन की जगह से बाहर निकाल ले कोई,, टिक जाऊं मैं भी कहीं रुक जाऊं,,, थम जाऊं मैं भी कहीं ठहर जाऊं,,इक पल को ही सही चैन की सांस ले पाऊं मैं भी कभी कहीं ©Rakesh frnds4ever ये #समय जो असीमित तेज रफ्तार से दौड़ रहा है,, कहीं #रुक जाए, #ठहर जाए कहीं अब और नहीं , बस मुझमें बसे इस #अकेलेपन से कोई निकाल ले मुझे,,
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White टूटा टूटा एक परिंदा ऐसे टूटा की फिर जुड़ ना पाया लूटा लूटा किसने उसको ऐसे लूटा की फिर उड़ ना पाया गिरता हुआ वो आसमां से आकर गिरा ज़मीन पर ख्वाबों में फिर भी बादल ही थे वो कहता रहा मगर खो के अपने पर ही तो उसने था उड़ना सिखा गम को अपने साथ में ले ले दर्द भी तेरे काम आएगा टुकड़े-टुकड़े हो गया था हर सपना जब वो टूटा लुटा लूटा सबने उसको ऐसे लूटा ,,,, ©Rakesh frnds4ever #टूटा टूटा एक #परिंदा ऐसे टूटा की फिर जुड़ ना पाया लूटा लूटा किसने उसको ऐसे लूटा की फिर #उड़ ना पाया गिरता हुआ वो #आसमां से आकर गिरा #ज़मीन पर #ख्वाबों में फिर भी बादल ही थे वो कहता रहा मगर
Rakesh frnds4ever
White आजा री आ रे आ निंदियां ले चल उड़न खटोले में दूर दूर कहीं दूर यहां से दूर,,,,जहां से दूर,,,, ,,,,,,,, जहां कोई नहीं हो ,,,,,,,,, तेरे मेरे सिवा ,,, ,,,,,, जहां कुछ भी नहीं हो ,,,,,,,,,,,,अंधेरे सिवा ,,, ना कोई परिंदा न इंसान कोई जिंदा ,,, जहां कुछ न करे मुझे शर्मिंदा ,,,, जगह हो कोई वो ,,,,,,,,, जहां से परे,,, इतना परे कि उसकी खबर भी न पहुंचे दूर दूर ,,,,,वहां से दूर,,,,,, ©Rakesh frnds4ever #आजा री आ रे आ #निंदिया ले चल #उड़न खटोले में दूर दूर कहीं दूर यहां से #दूर ,,,,जहां से दूर,,,, ,,,,,,,, जहां कोई नहीं हो ,,,,,,,,, #तेरे_मेरे सिवा ,,, ,,,,,, जहां #कुछ भी नहीं हो ,,,,,,,,,,,,अंधेरे सिवा ,,,
Rakesh frnds4ever
White #ये_रौनकें :- #रोने के कारण बनती जा रही हैं ये #उजाले ये रोशनी मुझमें #अंधकार भरते जा रहे हैं ये जगमगाहटें ,,,,,,,,,जग की मार काटें खा गई मेरे तन मन के अंदर की सब आहटें ये #चकाचौंध लाए जा रही है मुझमें केवल और केवल #मौन """,,,,,,हमको किसके ग़म ने मारा ये कहानी फिर कभी ,,,,,""" कोई नहीं इस जूठे जग में अपना ,, शामिल है मेरे कत्ल में सभी,,... ©Rakesh frnds4ever #ये _रौनकें :- #रोने के कारण बनती जा रही हैं ये #उजाले ये रोशनी मुझमें #अंधकार भरते जा रहे हैं ये जगमगाहटें ,,,,,,,,,जग की मार काटें खा गई मेरे तन मन के अंदर की सब आहटें ये #चकाचौंध
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White ये रौनकें :- रोने के कारण बनती जा रही हैं ये उजाले,,,,,,,, ये रोशनी मुझमें अंधकार भरते जा रहे हैं ये जगमगाहटें ,,,,,,,,,जग की मार काटें खा गई मेरे तन मन के अंदर की सब आहटें ये चकाचौंध लाए जा रही है मुझमें केवल और केवल मौन ,,,, """,,,,,,,हमको किसके ग़म ने मारा ये कहानी फिर कभी,,,,,""" ,,,,,,,, कोई नहीं जूठे जग में अपना शामिल हैं मेरे कत्ल में सभी,,.. ©Rakesh frnds4ever #ये_रौनकें :- #रोने के कारण बनती जा रही हैं ये #उजाले ,,,,,,,, ये रोशनी मुझमें #अंधकार भरते जा रहे हैं ये जगमगाहटें ,,,,,,,,,जग की मार काटें खा गई मेरे तन मन के अंदर की सब आहटें
#ये_रौनकें :- #रोने के कारण बनती जा रही हैं ये #उजाले ,,,,,,,, ये रोशनी मुझमें #अंधकार भरते जा रहे हैं ये जगमगाहटें ,,,,,,,,,जग की मार काटें खा गई मेरे तन मन के अंदर की सब आहटें
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