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Bharat Bhushan pathak
उदासी घेरती काया,विकल होते ,गए नैना। पता चलता,नहीं मुझको,दिवस है या,अभी रैना। तुम्हारे बिन,कई बीते,यहाँ पे जी,सुनो सावन- लगे ना प्यास है मुझको,कहीं आए,नहीं चैना। ©Bharat Bhushan pathak #Problems #lovesad #lovesab#nojotohindi#nojotopoetry#nojotohindi2020#nisheetpandey#sumitupadhyay#प्रेम_के_साईड- इफेक्ट्स#ripudamanjhapinaki
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आज बर्बरता की,नारी पर अत्याचार की एक तस्वीर समक्ष आई,उस पर कुछ भाव रखकर पुरुषार्थ को ललकारना चाहुँगा:- क्या मानव तू है मृतक हुआ,शेष नहीं तुझमें पुरुषार्थ। ओ माटी के पुतले सुन तू, सोचे क्यों तू केवल स्वार्थ।। लील रहा जब दानव बेटी, देखे भला क्यों मौन हुआ। अपना कोई पीड़ित ना था,अरे इस कारण गौण हुआ।। अजी वह बस संख्या में एक ,वहाँ पर तुम तो दर्जन थे। नहीं कम शक्ति अच्छाई में, माना अगर वो दुर्जन थे।। अगर साहस से बस हुँकारा,मुँह को कलेजे आ जाते। भय तुम्हें न ही करना था,सुनो वो उलटे भय खाते।। ©Bharat Bhushan pathak आज बर्बरता की,नारी पर अत्याचार की एक तस्वीर समक्ष आई,उस पर कुछ भाव रखकर पुरुषार्थ को ललकारना चाहुँगा:- क्या मानव तू है मृतक हुआ,शेष नहीं तुझमें पुरुषार्थ। ओ माटी के पुतले सुन तू, सोचे क्यों तू केवल स्वार्थ।। लील रहा जब दानव बेटी, देखे भला क्यों मौन हुआ। अपना कोई पीड़ित ना था,अरे इस कारण गौण हुआ।। अजी वह बस संख्या में एक ,वहाँ पर तुम तो दर्जन थे। नहीं कम शक्ति अच्छाई में, माना अगर वो दुर्जन थे।। अगर साहस से बस हुँकारा,मुँह को कलेजे आ जाते।
आज बर्बरता की,नारी पर अत्याचार की एक तस्वीर समक्ष आई,उस पर कुछ भाव रखकर पुरुषार्थ को ललकारना चाहुँगा:- क्या मानव तू है मृतक हुआ,शेष नहीं तुझमें पुरुषार्थ। ओ माटी के पुतले सुन तू, सोचे क्यों तू केवल स्वार्थ।। लील रहा जब दानव बेटी, देखे भला क्यों मौन हुआ। अपना कोई पीड़ित ना था,अरे इस कारण गौण हुआ।। अजी वह बस संख्या में एक ,वहाँ पर तुम तो दर्जन थे। नहीं कम शक्ति अच्छाई में, माना अगर वो दुर्जन थे।। अगर साहस से बस हुँकारा,मुँह को कलेजे आ जाते।
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आज बर्बरता की,नारी पर अत्याचार की एक तस्वीर समक्ष आई,उस पर कुछ भाव रखकर पुरुषार्थ को ललकारना चाहुँगा:- क्या मानव तू है मृतक हुआ,शेष नहीं तुझमें पुरुषार्थ। ओ माटी के पुतले सुन तू, सोचे क्यों तू केवल स्वार्थ।। लील रहा जब दानव बेटी, देखे भला क्यों मौन हुआ। अपना कोई पीड़ित ना था,अरे इस कारण गौण हुआ।। अजी वह बस संख्या में एक ,वहाँ पर तुम तो दर्जन थे। नहीं कम शक्ति अच्छाई में, माना अगर वो दुर्जन थे।। अगर साहस से बस हुँकारा,मुँह को कलेजे आ जाते। भय तुम्हें न ही करना था,सुनो वो उलटे भय खाते।। ©Bharat Bhushan pathak आज बर्बरता की,नारी पर अत्याचार की एक तस्वीर समक्ष आई,उस पर कुछ भाव रखकर पुरुषार्थ को ललकारना चाहुँगा:- क्या मानव तू है मृतक हुआ,शेष नहीं तुझमें पुरुषार्थ। ओ माटी के पुतले सुन तू, सोचे क्यों तू केवल स्वार्थ।। लील रहा जब दानव बेटी, देखे भला क्यों मौन हुआ। अपना कोई पीड़ित ना था,अरे इस कारण गौण हुआ।। अजी वह बस संख्या में एक ,वहाँ पर तुम तो दर्जन थे। नहीं कम शक्ति अच्छाई में, माना अगर वो दुर्जन थे।। अगर साहस से बस हुँकारा,मुँह को कलेजे आ जाते।
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read moresûmìt upãdhyåy(løvë flūtê)
dhan se beshak gareeb raho dil se rahna dhanwaan ✍️✍️✍️ #sumitupadhyay#Shayari#SAD #nojotoshayari #nojotohindi #HeartfeltMessage
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जिस्म ख्वाहिशों में अटका रहा जिंदगी हमे जीकर चलती बनी ©Sùmìt Upadhyay जिंदगी हमे जीकर चलती बनी #शायरी #कटुसत्य #वचन #Motivation #अनुभव #sumit #upadhyay#sumitupadhyay
जिंदगी हमे जीकर चलती बनी #शायरी #कटुसत्य #वचन #Motivation #अनुभव #sumit #Upadhyay#sumitupadhyay
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#syria #SyriaAttack #HUmanity #Pain #sumitupadhyay छोटे छोटे बच्चे मर रहे हैं केमिकल हमले के बाद बीमारी से जूझ रहे है।दवा नही है खाना नही है। अरे हरामियों कब्रिस्तान में हुकूमत करके क्या करोगे। हैवान भी शर्मा रहा होगा तुझपर साले सुअर । सीरिया में वहां की सरकार ने मासूमो पर जो जुल्मो सितम ढाये है अभी देखा । सीना छलनी हो गया। कलम के सभी हुनरमंदों से गुजारिश है कि जहाँ भी हो आप इस हरामखोरी और वहशीपन के खिलाफ आवाज़ बुलंद करिये। बन्द करिये लिखना प्यार मोहब्बत पर। इंसानियत के दर्द को समझिये और इंसान
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लगाएंगे तुम्हे इस बार ऐसा रंग होली में, ज़माने भर को रंग देंगे तुम्हारे संग होली में।। सुमित उपाध्याय ।। होली के रंग में सराबोर एक कविता लिखी उसकी दो पंक्तियाँ --- लगाएंगे तुम्हे इस बार ऐसा रंग होली में, ज़माने भर को रंग देंगे तुम्हारे संग होली में।। सुमित उपाध्याय ।। #holi #colours #rang #sumitupadhyay #nojoto
होली के रंग में सराबोर एक कविता लिखी उसकी दो पंक्तियाँ --- लगाएंगे तुम्हे इस बार ऐसा रंग होली में, ज़माने भर को रंग देंगे तुम्हारे संग होली में।। सुमित उपाध्याय ।। #Holi #colours #Rang #sumitupadhyay #Nojoto
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जीवन जुलसें या हृदय जले, या फिर चीखों से कंठ गले, सीने में चाहे धुन्ध पले, सिद्धान्त रहे न कभी टले ।। सुमित उपाध्याय जीवन जुलसें या हृदय जले, या फिर चीखों से कंठ गले, सीने में चाहे धुन्ध पले, सिद्धान्त रहे न कभी टले ।। सुमित उपाध्याय #principle #सिद्धांत #sumitupadhyay
जीवन जुलसें या हृदय जले, या फिर चीखों से कंठ गले, सीने में चाहे धुन्ध पले, सिद्धान्त रहे न कभी टले ।। सुमित उपाध्याय #principle #सिद्धांत #sumitupadhyay
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और फिर तुम आ ही गयी मुझसे मिलने । ऑटो से तुम्हे उतरते देख मेरा दिल धक्क से हो गया था।मुह और सिर को स्टोल से ढंके हुए जब तुमने मुझे देखा तो मेरी धड़कने दूनी रफ्तार से भाग रही थी। इस मुलाकात के लिए मैं 8 घण्टे का सफर जनरल डिब्बे में ट्रेन में और दो घण्टे का सफर बस से करके पहुचा था तुम्हारे शहर। मगर तुम्हे देख कर सारी थकान और गुस्सा न जाने कहाँ गायब हो गया । लगा जैसे सब पा लिया तुम्हे मिलकर ज़िन्दगी में सब हांसिल हो चुका है । to be continued..... और फिर तुम आ ही गयी मुझसे मिलने । ऑटो से तुम्हे उतरते देख मेरा दिल धक्क से हो गया था।मुह और सिर को स्टोल से ढंके हुए जब तुमने मुझे देखा तो मेरी धड़कने दूनी रफ्तार से भाग रही थी। इस मुलाकात के लिए मैं 8 घण्टे का सफर जनरल डिब्बे में ट्रेन में और दो घण्टे का सफर बस से करके पहुचा था तुमरे शहर। मगर तुम्हे देख कर सारी थकान और गुस्सा न जाने कहाँ गायब हो गया । लगा जैसे सब पा लिया तुम्हे मिलकर ज़िन्दगी में सब हांसिल हो चुका है । to be continued..... #sumitupadhyay #merikahani
और फिर तुम आ ही गयी मुझसे मिलने । ऑटो से तुम्हे उतरते देख मेरा दिल धक्क से हो गया था।मुह और सिर को स्टोल से ढंके हुए जब तुमने मुझे देखा तो मेरी धड़कने दूनी रफ्तार से भाग रही थी। इस मुलाकात के लिए मैं 8 घण्टे का सफर जनरल डिब्बे में ट्रेन में और दो घण्टे का सफर बस से करके पहुचा था तुमरे शहर। मगर तुम्हे देख कर सारी थकान और गुस्सा न जाने कहाँ गायब हो गया । लगा जैसे सब पा लिया तुम्हे मिलकर ज़िन्दगी में सब हांसिल हो चुका है । to be continued..... #sumitupadhyay #MeriKahani
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