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VIIKAS KUMAR
दिव्य कंचनार गुग्गुल एक हर्बल फॉर्मूलेशन है जिसमें पौधों के अर्क शामिल हैं जो अपने प्राकृतिक मूत्रवर्धक गुणों के लिए जाने जाते हैं। यह अनूठा मिश्रण प्रभावी ढंग से रक्त को शुद्ध करता है, गुर्दे की पथरी में हानिकारक खनिज निर्माण को हटाने में सहायता करता है। इसके अतिरिक्त, यह मूत्र पथ के संक्रमण के लिए जिम्मेदार सूक्ष्मजीवों को लक्षित करता है और नष्ट कर देता है, जिससे असुविधा से राहत मिलती है। इसके अलावा, यह दवा महिलाओं के प्रजनन अंगों पर शांत प्रभाव डालती है। इसके जटिल निर्माण में सावधानीपूर्वक निष्कर्षण प्रक्रिया शामिल है। ©VIKAS KUMAR #दिव्या कंचनर गुग्गुल
#दिव्या कंचनर गुग्गुल
read moreDivya Verma
आदत नहीं मजबूरी है, प्रेम में प्रतीक्षा जरूरी है। ❤️ #दिव्या ❤️ राधे कृष्णा 💝 #secondquote
Divya Bhandari
सुनो ना, चांद तारे तोड़कर लाने की बात नही करेंगे, क्यों ना हम जिंदगी भर साथ चलने की बात करें, तुम मुस्कुराया करोगे तो मैं भी तुम्हारे साथ मुस्कुराया करूंगी, थोड़ा वक्त अपना तुम भी देने की कोशिश करना, मैं भी अपना कीमती वक्त तुम्हे दिया करूंगी, तुम्हारे होने से मुझमें नूर होगा, क्या तुम्हे मेरा ये पैगाम मंजूर होगा?? अगर हो मेरा पैगाम मंजूर तो थोड़ा कोशिश करना हाथ थामने की, फिर साथ निभाना मेरा ज़िम्मा होगा 😊 #दिव्या भंडारी ©Divya Bhandari #Stars&Me
#Stars&Me
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नहीं छोड़ सकती मैं मेरी जिंदगी की किताब को खुला, क्योंकि मैं चाहती हूं तुम ही इन बंद किताबों के पन्ने पलटकर देखो! पढ़ना सीख रही हूं मैं तुम्हें, तुम भी बस पढ़ने की कोशिश तो कर लो! (#दिव्या भंडारी) ©Divya Bhandari #Travelstories
Divya Bhandari
सुनो, थोड़ा पुराने ख्यालों की हूं मैं, तुम्हें मुझसे मिलना हैं तो, वादा करने के इरादे से नहीं, निभाने के इरादे से आना! साथ चलने के लिए कदमों को फिर साथ मे बढ़ाएंगे, मिलना तब तुम मुझसे जब मुझे जानने की ख्वाहिश हो तुम में, शर्त ना रखना कोई हमारे रिश्ते में, क्योंकि शर्तो से नहीं प्यार से निभाए जाते है रिश्ते! #दिव्या ©Divya Bhandari #morningcoffee
Divya Bhandari
हूं मैं उस पहाड़ से जहां बर्फ की वादियों लिए जनवरी का इंतजार नहीं करना पड़ता, जहां सुबह उठने के लिए अलार्म नहीं चिड़ियों की चहचहाहट ही काफी है जहां सफर के लिए गाड़ी नहीं पैदल चलने के लिए साथी ही काफी है! हूं मैं उस पहाड़ से जहां मां के प्यार, पापा की फटकार मे ही सारी दुनियां है, ऐसा जहां गंगा सी पावन नदियां है, देवताओं का एक अलग ही वास है, एक स्वर्ग सी सुंदर जगह एकअलग ही सुकून है, जहां! ये वो धरती है जहां हर मां का बेटा शूरवीर है, देवों की भूमि है, ये मेरा प्यारा उत्तराखंड है ये! #दिव्या भंडारी ©Divya Bhandari
Divya Bhandari
ख्वाहिशें जो है, पूरी कर पाओगे क्या? सोचा तो है हाथ पकड़कर चलने का तुम्हारा , साथ -साथ चल पाओगे क्या? खूबी तो बहुत है तुम में, मेरे रिश्तों को भी निभा पाओगे क्या? आने से तुम्हारे एक अलग सी राहत है, ख्वाबों से मिलते हो तुम मेरे, मेरे ख्वाबों को समझ पाओगे क्या? दिल तो चाहता है धड़कना तुम्हारे लिए मेरी धड़कनों को सुन पाओगे क्या? कोशिश जो करती हूं तुम्हें समझने की, तुम भी मेरे जज्बातों को समझ पाओगे क्या? ख्वाहिश तो है मिलने की तुमसे मेरी मुलाकात को समझ पाओगे क्या? #दिव्या भंडारी ©Divya Bhandari luv
luv
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काश! काश!मैं तुझसे मिली ही ना होती, ये दिल की धड़कन इतनी तेज ना होती, काश! तुझे देखा ही ना होता, ये आंखे इतना तरसती ना होती! #दिव्या काश
काश
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