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Ayesha Aarya Singh
सीमा सारी लांघ दी,मिटी भला कब पीर । भीगे नैनों से बहे,सुधियों में भी नीर ।। ©Ayesha Aarya Singh #सीमा सारी लांघ दी,मिटी भला कब पीर #भीगे नैनों से बहे,सुधियों में भी नीर ।। #sadhindipoetry #Ayesha #Dhoka #ashq #Quote #Doha #shayari #Pyar Dhokha Hai Kya Bharosa Hai 😔😔😔😔🙏 R Ojha Anshu writer IshQ परस्त {Official} "सीमा"अमन सिंह MR.KUMAR Lalit Saxena pramodini mohapatra SIDDHARTH.SHENDE.sid Monu Kumar Yogendra Nath Yogi Adhury Hayat R K Mishra " सूर्य " कवि संतोष बड़कुर Jiyalal Meena ( Official ) "सीमा"अमन सिंह Sonu Goyal Shahab
#सीमा सारी लांघ दी,मिटी भला कब पीर #भीगे नैनों से बहे,सुधियों में भी नीर ।। #sadhindipoetry #Ayesha #Dhoka #ashq #Quote #doha shayari #Pyar Dhokha Hai Kya Bharosa Hai 😔😔😔😔🙏 R Ojha Anshu writer IshQ परस्त {Official} "सीमा"अमन सिंह MR.KUMAR Lalit Saxena pramodini mohapatra SIDDHARTH.SHENDE.sid Monu Kumar Yogendra Nath Yogi Adhury Hayat R K Mishra " सूर्य " कवि संतोष बड़कुर Jiyalal Meena ( Official ) "सीमा"अमन सिंह Sonu Goyal Shahab
read morefouji "Hindustani"
🌹"ये #भीगे-#भीगे से #लम्हें.. ये #बारिश के दिन.. ये तेरी #यादों का #मौसम.. और फिर भी #जीना तेरे बिन..🤔🙄😘😘 #rainylove
Dr Manju Juneja
मैं तो उस भीगे कागज़ की तरह हूँ जिस पर अब ना लिखा जा सकता है ना ही पढ़ा #मैं #तो #उस #भीगे #कागज #लिखा #पढा #sad #शायरी #oneliner
Ravi (guidance and councellor)
ये #भीगे-भीगे🌧से लम्हें.. ये #ठंड के दिन. ⛈ ⛈ ये तेरी #यादों का #मौसम.. 💞 💝 और फिर से जीना तेरे #बिन.... Ravi 9610 #sad sayri
#SAD sayri
read moreAmit Saini
भीगे भीगे नैना तेरे खोई खोई अरमा तेरे चाहूं मैं चाहूं तुझको जरा अब तु कुछ तो बता भीगे भीगे नैना तेरे जागे जागे अरमा मेरे #@@@@@
#@@@@@
read moreShashikant Koli
मै थी ..तुम थे बारिश थी और भीगे भीगे गाने भी थे.. थोडे थोडे किस्से थे और हलकेसे ताने भी थे.. बस.. तुम थोडे चुपचाप से थे.. एक ही प्याली चाय भी थी घुंट घुंट की बात भी थी हवा हमारे साथ भी थी सामने था सब धुंदला धुंदला बस.. तुम थोडे चुपचाप से थे.. बादल हाथोंंमें ले ले कर खिडकी ने भी देखा था हरेभरे पेडोंंने झुककर पलभर ये ही सोचा था हलकी हलकी आहेेंं थी बस.. तुम थोडे चुपचाप से थे हाथोंं मे थे हात जरासे बातोंं मे थी बात जरा भिगी भिगी दोपहरी मे नरमी भी थी साथ जरा हसते हसते आँँख भर आई बस.. तुम थोडे चुपचाप से थे
Shashikant Koli
मै थी ..तुम थे बारिश थी और भीगे भीगे गाने भी थे.. थोडे थोडे किस्से थे और हलकेसे ताने भी थे.. बस.. तुम थोडे चुपचाप से थे.. एक ही प्याली चाय भी थी घुंट घुंट की बात भी थी हवा हमारे साथ भी थी सामने था सब धुंदला धुंदला बस.. तुम थोडे चुपचाप से थे.. बादल हाथोंंमें ले ले कर खिडकी ने भी देखा था हरेभरे पेडोंंने झुककर पलभर ये ही सोचा था हलकी हलकी आहेेंं थी बस.. तुम थोडे चुपचाप से थे हाथोंं मे थे हात जरासे बातोंं मे थी बात जरा भिगी भिगी दोपहरी मे नरमी भी थी साथ जरा हसते हसते आँँख भर आई बस.. तुम थोडे चुपचाप से थे
Shashikant Koli
मै थी ..तुम थे बारिश थी और भीगे भीगे गाने भी थे.. थोडे थोडे किस्से थे और हलकेसे ताने भी थे.. बस.. तुम थोडे चुपचाप से थे.. एक ही प्याली चाय भी थी घुंट घुंट की बात भी थी हवा हमारे साथ भी थी सामने था सब धुंदला धुंदला बस.. तुम थोडे चुपचाप से थे.. बादल हाथोंंमें ले ले कर खिडकी ने भी देखा था हरेभरे पेडोंंने झुककर पलभर ये ही सोचा था हलकी हलकी आहेेंं थी बस.. तुम थोडे चुपचाप से थे हाथोंं मे थे हात जरासे बातोंं मे थी बात जरा भिगी भिगी दोपहरी मे नरमी भी थी साथ जरा हसते हसते आँँख भर आई बस.. तुम थोडे चुपचाप से थे शोर भी था और खामोशी भी गुड भी था और मिरची भी ख्वाब भी थे और सच्चाई भी बस.. तुम थोडे चुपचाप से थे सडकोंंपर थी भीड बेवजह खाली कोई गली ना थी आँँखे टकराई चुपकेसे लेकिन खुलके मिली ना थी ये भी था और वो भी था बस.. तुम थोडे चुपचाप से थे तुमको देखू या बारिश को या मै भी चूप हो जाऊ? आन्खोसे तारीफे सुनके थोडासा मै इतराऊँँ? उलझन मे थी फसी हुई बस.. तुम थोडे चुपचाप से थे तुम तो बात नाही छेडोगे जान गयी हूँँ इतना मै दिलको अपने ऐसे तैसे समझाऊँँगी कितना मैं खामोशी को सुन लुँँगी और आँँखोसे पढ लुँँगी कभी कभी बस... तुमको छेडूंंगी क्यूँँ इतने चुपचाप से थे ....
Mr.PS
याद है अब भी..... जब उसके भीगे बदन को देखा था एक बार वो उलझे भीगे केश वो आंखों से रीसती हुई काजल की एक धार और मैं दूर से ही कर रहा था उसके हुस्न का दीदार याद है अब भी.... वो बूदें भी खुशनसीब थी हमसे जो गालों को चूम रही थी वो बारिश की बौछार गुलाबी होंठ भी यू गीले थे जैसे किसी और के होंठो का हो इंतजार याद है अब भी.... उसकी इस खूबसूरती को मेरी आंखों ने किया स्वीकार लबों से बयां नहीं कर पाया वो भीगा भीगा सा इकरार वह खूबसूरत सा पल धड़काया मेरी धड़कन को कई बार याद है अब भी... चाहता तो था आलिंगन कर लूं उसका पहना के अपनी बाहों का हार हमें लगा उस दिन बस यही है मेरा प्यार याद है अब भी.. जब उसके भीगे बदन को देखा था एक बार #भीगा बदन
#भीगा बदन
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