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Senty Poet
कब चला जाऊंगा मैं, इक दिन तुम्हारी जेब से, अब मुझे निहारना तुम बंद कर दो बेखबर। ©Senty Club and Studios #indu #poem #Poetry #Like #no #Like #follow
Divyanshu Pathak
मेरा और तुम्हारा बंधन मरने के भी वाद रहे ! अपने होने का अपनापन जो जाने के वाद रहे ! जी पाएंगे क्या हम और तुम जो सदियों तक आबाद रहे ! 💕👨 शुभ संध्या जी ☕☕🍨🍨💕🍫🍫🍉🍧🍧☘🌱🍧🍧🍦🙏 : गुलशन में फूल खिले बहुतेरे कुछ कलियों के साथ जुड़े कुछ पर भँवरों के हैं डेरे मैं माली बनकर रह बैठा मौज ले रहा बाग़ अकेले !
💕👨 शुभ संध्या जी ☕☕🍨🍨💕🍫🍫🍉🍧🍧☘🌱🍧🍧🍦🙏 : गुलशन में फूल खिले बहुतेरे कुछ कलियों के साथ जुड़े कुछ पर भँवरों के हैं डेरे मैं माली बनकर रह बैठा मौज ले रहा बाग़ अकेले !
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समाचार-पत्र थे। रेडियो था। अपनी-अपनी मर्यादाएं- अपना-अपना गौरव। इनका एक अन्य दायित्व भी था सामाजिक, सांस्कृतिक पृष्ठभूमि में सामाजिक शिक्षण। चिन्तनशील, उत्तरदायी, बोधपूर्ण व्यक्तित्व के निर्माण में श्रेष्ठ शुद्ध भाषा के साथ अपनी भूमिका निभाना। हमारा दर्शन शरीर के माध्यम से आत्मा तक पहुंचाने की सीख देता था। Good evening ji 💕🍨💕🐒☕☕☕☕☕☕☕☕☕💕🍓🍨🍉🍉🍹🍹🍹🍫🍫🍸 : इंटरनेट किसी भी बहाने खुले, अधिकांश युवा अकेले होते ही या तो अश्लील चित्रों तक पहुंच जाते हैं या फिर किसी प्रेम प्रसंग में व्यस्त हो जाते हैं। समय के साथ मीडिया भी सारी लाज-शर्म छोड़नेे पर उतारू होने लगा है। इतना ही नहीं समाचार पत्रों का कलेवर भी टी.वी. और इंटरनेट से स्पर्घा करने लगा है। आज सम्पूर्ण मीडिया मनोरंजन के शिकंजे में पहुंच गया। सम्पूर्ण युवा पीढ़ी को मनोरंजन तथा शरीर सुख के आवरण ने ढंक लिया, ऎसा प्रतीत होने लगा है। गृहस्थाश्रम तक के पचास वर्ष
Good evening ji 💕🍨💕🐒☕☕☕☕☕☕☕☕☕💕🍓🍨🍉🍉🍹🍹🍹🍫🍫🍸 : इंटरनेट किसी भी बहाने खुले, अधिकांश युवा अकेले होते ही या तो अश्लील चित्रों तक पहुंच जाते हैं या फिर किसी प्रेम प्रसंग में व्यस्त हो जाते हैं। समय के साथ मीडिया भी सारी लाज-शर्म छोड़नेे पर उतारू होने लगा है। इतना ही नहीं समाचार पत्रों का कलेवर भी टी.वी. और इंटरनेट से स्पर्घा करने लगा है। आज सम्पूर्ण मीडिया मनोरंजन के शिकंजे में पहुंच गया। सम्पूर्ण युवा पीढ़ी को मनोरंजन तथा शरीर सुख के आवरण ने ढंक लिया, ऎसा प्रतीत होने लगा है। गृहस्थाश्रम तक के पचास वर्ष
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सुनो....💕👨 तेरी सांसो पे मेरा हक आख़री दम तक रहे तू किसी भी और का है ये न कोई कह सके ! 😋 : तुमको पाकर आज हमको ऐसी ये दुनियां लगी जैसे इसमें हम से पहले जिंदगी कोई न थी ! : आरजू है हो कभी ये प्यार की खुशियां न कम ! मैं रहूँ तूम रहो दूसरा कोई न हो ! : तुमसे अच्छा कोई कुदरत का नज़ारा अब नहीं
: तुमको पाकर आज हमको ऐसी ये दुनियां लगी जैसे इसमें हम से पहले जिंदगी कोई न थी ! : आरजू है हो कभी ये प्यार की खुशियां न कम ! मैं रहूँ तूम रहो दूसरा कोई न हो ! : तुमसे अच्छा कोई कुदरत का नज़ारा अब नहीं
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तुम....💕👨 मन्द-मन्द वायु फैलाती है सुगंध चारों दिशाओं में, और क्रोध आते ही फेंकने लगती है धूल, कांटे पत्थर-कंकर राहगीरों पर ! :💕👧 Good morning hv a nice monday ..... ☕☕☕☕☕🍨🍨🍨🍦🍦🍦🍉🍉🍉🍫🍫🍸🍸🍸🍸🍵🍵🍵🍧🍧🍧🍧🍧🍧🍧🍧 : करने लगी हो नकल आद्या शब्दों की मुद्राओं की
:💕👧 Good morning hv a nice monday ..... ☕☕☕☕☕🍨🍨🍨🍦🍦🍦🍉🍉🍉🍫🍫🍸🍸🍸🍸🍵🍵🍵🍧🍧🍧🍧🍧🍧🍧🍧 : करने लगी हो नकल आद्या शब्दों की मुद्राओं की
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जैसौ ही रंग कसूंम की चादर वैसौ ही रंग पराई त्रिया कौ ! हाल ही हसि बोल उठे हालई करदे तू मैं तड़ाकौ ! धोबी की नाद कौ का है भरोसो जामें मैल कटे सब ही कपड़ा कौ ! और ओस ते प्यास बुझै नहीं "पाठक" नीर भलो अपने ही घड़ा कौ ! Good evning ji 💕🍧🍦🍨☕☕☕☕☕☕☕☕☕☕☕☕☕💕💕👨 आओ आपको अपनी दादी जी से मिलवाऊं थोडा कड़क मिज़ाज है और हाँ पैर नही छुए तो आप असभ्य और जंगली है उनके लिए ! सावधान युहीं पैरों में भी मत पड़ जाना पहले गेट से बाहर हमारे हैंडपंप पे हाथ मुह पैर ठीक से धो कर आओ तब अंदर घुसो उसके बाद घर में पहुंचते ही सीधे गैलरी में मत घुस जाना ! वहां देवदूत बैठा मिलेगा हाथ मे पानी का लोटा लिए और आपको वह दूर ही रुकने को कहेगा पानी के छींटे दिए जाएंगे अब तुम हो घर में घुसने लायक । 😂😂😂😂 तब तो बड़ा गुस्सा आता था पर आज तरस गए इसके लिए !😢😢😢
Good evning ji 💕🍧🍦🍨☕☕☕☕☕☕☕☕☕☕☕☕☕💕💕👨 आओ आपको अपनी दादी जी से मिलवाऊं थोडा कड़क मिज़ाज है और हाँ पैर नही छुए तो आप असभ्य और जंगली है उनके लिए ! सावधान युहीं पैरों में भी मत पड़ जाना पहले गेट से बाहर हमारे हैंडपंप पे हाथ मुह पैर ठीक से धो कर आओ तब अंदर घुसो उसके बाद घर में पहुंचते ही सीधे गैलरी में मत घुस जाना ! वहां देवदूत बैठा मिलेगा हाथ मे पानी का लोटा लिए और आपको वह दूर ही रुकने को कहेगा पानी के छींटे दिए जाएंगे अब तुम हो घर में घुसने लायक । 😂😂😂😂 तब तो बड़ा गुस्सा आता था पर आज तरस गए इसके लिए !😢😢😢
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रावण का होना समय-समय पर समाज में राम के स्वरूप की प्रतिष्ठा कराता रहता है। बिना कंस या शिशुपाल के कृष्ण की प्रतिष्ठा केवल रास से तो नहीं हो सकती थी। कंस तो वास्तव में कृष्ण को प्रकाशित करने के लिए पैदा हुआ था। तभी लोगों का ध्यान कृष्ण की ओर गया। सुनो.... तुम कुछ !💕🙋 : राम के साथ लक्ष्मण, भरत आदि गुणवान शक्तियों का समूह रहता है। रावण के साथ मन्दोदरी भी हो सकती है, तो सूर्पणखां भी हो सकती है। मन्दोदरी उसे संयम पर टिके रहने को प्रेरित करेगी। सूर्पणखां आसक्ति भाव का पर्याय है। वह किसी की पत्नी बन जाए तो? सीता को राम पर दया नहीं आती, न स्वयं कभी उनकी आज्ञा का उल्लंघन करती है। हर व्यक्ति के साथ यह माया भाव रहता है। सब लोग मिलकर व्यक्ति को उसके व्यक्तित्व का प्रतिबिम्ब दिखाते जाते हैं। : #komal sharma #shweta mishra #indu sharma #priyanka sara
सुनो.... तुम कुछ !💕🙋 : राम के साथ लक्ष्मण, भरत आदि गुणवान शक्तियों का समूह रहता है। रावण के साथ मन्दोदरी भी हो सकती है, तो सूर्पणखां भी हो सकती है। मन्दोदरी उसे संयम पर टिके रहने को प्रेरित करेगी। सूर्पणखां आसक्ति भाव का पर्याय है। वह किसी की पत्नी बन जाए तो? सीता को राम पर दया नहीं आती, न स्वयं कभी उनकी आज्ञा का उल्लंघन करती है। हर व्यक्ति के साथ यह माया भाव रहता है। सब लोग मिलकर व्यक्ति को उसके व्यक्तित्व का प्रतिबिम्ब दिखाते जाते हैं। : #komal sharma #shweta mishra #indu sharma #priyanka sara
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तेरे चेहरे से नज़र नहीं हटती नजारे हम क्या देखें....... 💕🌷🙋💕👧 इस एक पंक्ति में इतना माधुर्य है कि 💕🌷🍫🍫 .....मन की बात कहूँ..... : प्यार करने का कौनसा तरीका तृप्त करेगा तुझे... तेरे लिए कुछ लिख कर सुख पाऊं । कितने कितने शब्दों के प्रगाढ़ फूलपास में जकड़ लूं तुम्हें । कितने बिम्बों में तुमको अंकित करूँ । कितने गीतों में तुमको गाऊं कितनी कथाओं में तुझे लिख डालूं ।
इस एक पंक्ति में इतना माधुर्य है कि 💕🌷🍫🍫 .....मन की बात कहूँ..... : प्यार करने का कौनसा तरीका तृप्त करेगा तुझे... तेरे लिए कुछ लिख कर सुख पाऊं । कितने कितने शब्दों के प्रगाढ़ फूलपास में जकड़ लूं तुम्हें । कितने बिम्बों में तुमको अंकित करूँ । कितने गीतों में तुमको गाऊं कितनी कथाओं में तुझे लिख डालूं ।
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