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PURAN SINGH CHILWAL
White कठिन समय में समझदार व्यक्ति रास्ता खोजता है और कमजोर व्यक्ति बहाने ©PURAN SINGH CHILWAL #GoodMorning #8march तुम बस अपने आप से मत हारना, फिर तुम्हें कोई नहीं हरा सकता 🙏🏻❤️🙏🙏🙏🏾🙏🙏🙏
#GoodMorning #8march तुम बस अपने आप से मत हारना, फिर तुम्हें कोई नहीं हरा सकता 🙏🏻❤️🙏🙏🙏🏾🙏🙏🙏
read moreSh@kila Niy@z
Nature Quotes किसी पर तनक़ीद करना जितना आसान होता है, उसकी ख़ामोशी, ज़ेहनी कैफ़ियत या फ़िर उसकी ज़िंदगी के हालात को समझना उतना ही मुश्किल होता है। ©Sh@kila Niy@z #basekkhayaal #basyunhi #Zindagi #nojotohindi #Quotes #NatureQuotes #8march
Manju Tomar
श्मशान के वासी की हुई महलों की रानी दीवानी ऐसी अनूठी है इनकी प्रेम कहानी 💞 मनु 🖊️ ©Manju Tomar #mahashivaratri #nojotocarter💫 जय महादेव 🙏🚩 #manjutomar🥰 #8march
#mahashivaratri nojotocarter💫 जय महादेव 🙏🚩 manjutomar🥰 #8march
read morePriya Gour
काल को हरने वाले सब पर कृपा करने वाले हलाहल पीने वाले दुःख मिटाने वाले सपने सच करने वाले भोले शंकर को प्रणाम हैं नित्य करु वंदन स्मरण आपमें ही बसते मेरे प्राण हैं। ©Priya Gour ❤🌸 #8march 9:21 #mahashivaratri
❤🌸 #8march 9:21 #mahashivaratri
read morePriya Gour
वो नारी है दिल के जज़्बात समझ लेती है मन की हर बात पढ लेती हैं कहने की जरूरत कहाँ पड़ती उसे वो बिन कहे हर काम कर देती है कभी हँस कर बड़ी से बड़ी बात सह लेती है कभी छोटी-छोटी बातों पर रूठती है घर का रहता सब उसे पता बाहर की भी जिम्मेदारी बखुबी निभाती है आत्मनिर्भर नारी राष्ट्र आगे बढाती है कभी अपनी ख्वाहिशे कुर्बान कर देती है कभी परिवार के मान के लिए सब सहती है तौर-तरिके,तहजीब न जाने कितनी सिखाई जाती हैं जो खुद बहुत हद में पैरों में बेडी उसके बांधी जाती हैं किसी के गलत साबित होने पर बाकी सब भी उसी नजर से देखी जाती है, माँ के पायल की छनछन तो मंदिर की घण्टी सा सूकून महसूस कराती है, उसके हंसने पर टोका जाए भले पर महफिल तो सुन्दर नारी से ही लगती है, जहाँ नारी खिलखिला कर हँसती है बरकत वहीं तो बसती है, प्रेम में कभी राधा सी विशाल हृदय वाली कभी सावित्री बन प्राण पति के बचाती है, नारी करती अपने भीतर नव जीवन को धारण फिर भी नर के बिन अधूरी क्यूँ कही जाती है? वो अपना घर छोड़ आती हैं किसी के लिए पर उम्र भर जिम्मेदारी कितनी निभाती हैं, सबका इतना सोचती खुद को सोचना भूल जाती है बनाके खाना खुद सबसे आखिर में खाती है, हर रोज वही दिनचर्या अवकाश वो कभी ना पाती बदले में बस प्रेम सम्मान और नारी क्या चाहती है? अक्सर लोग कहते उसे कमजोर पर पूछों उससे क्या वो अपने लिए कभी रोती है? फिक्र अपनो की जिक्र अपनों की फिर भी वो कैसे अपनाई नहीं जाती, मुझे ये बात आज तक समझ ना आयी... हर परीक्षा और परिणाम जिंदगी का हर इम्तिहान पास करके भी क्यूँ वो सम्मान नहीं पाती, जिसका वो हकदार होनी थी।। हजारों पाबंदीया उस पर थोपी जाती एक दिन कर देते हम उसके नाम बाकी दिन सीमाओं में नारी फिर क्यों बाँधी जाती हैं ।। ©Priya Gour #womensday #8march 11:59
#womensday #8march 11:59
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