Find the Best _अपने Shayari, Status, Quotes from top creators only on Gokahani App. Also find trending photos & videos about'कौन किसे दिल में जगह देता है, पेड़ भी अपने सूखे पत्ते गिरा देता है, वाक़िफ़ हैं हम दुनिया के रिवाजों से, जी भर जाए तो हर कोई भुला देता हैं।', कोलकाता शहर में rickshaw puller है, वो व्यक्ति जो रिक्शा में बैठा है और रिक्शा जो पुल कर रही है, वो उसकी प्यारी बेटी है, जिसने उनकी इस कमाई से पढ़ाई करके current ias topper बनी है। उस प्यारी बेटी ने अपने इस सफलता पर अà¤, अपने तो अपने होते है शायरी, गूलाम हूं अपने घर के संस्कारों का वरना मै भी लोगों को उनकी औकात दिखाने का हूनर रखता हुं, "गूलाम हूं अपने घर के संस्कारों का वरना मै भी लोगों को उनकी औकात दिखाने का,
Purnima bhardwaj (Poonam)
#_अपने #__घर की #____याद सबको #_आती है ... #___फिर भी #_माँ हमे अपना घर #__छोङ के #__पालने आती है . #माँ......मेरे लिए तू #माइने रखती हैं ... ये #mothers day की #तारिखे तो हर #साल #बदलती हैं.... #HappyMothersDay to all mother‘s and all my friends -Purnima bhardwaj ✍️ #Mom
Neelesh Kumar
#Mothers__day #_अपने #__घर की #____याद सबको #_आती है ... #___फिर भी #_माँ हमे अपना घर #__छोङ के # #_पालने आती है_# . #___Love__uhhh___Maa
Sopiya_Uday
जैसे लोग बाहर से दिखते हैं मैं अंदर से भी ऐसा ही दिखता हूं ! दुनियादारी का पता नहीं मुझे मैं अपने लिए लिखता हूं !! #_अपने लिए
#_अपने लिए
read moreGuptA Aman
#_अपने हर लफ्ज़ का मैं खुद आईना हो जाऊंगा, उसको छोटा कह के मैं कैसे बड़ा हो जाऊंगा..!!😞
Dipak
🐋 *मुन्सी प्रेमचंद जी की एक सुंदर कविता* _ख्वाहिश नहीं मुझे_ _मशहूर होने की, _आप मुझे पहचानते हो_ _बस इतना ही काफी है._ _अच्छे ने अच्छा और_ _बुरे ने बुरा जाना मुझे,_ _क्यों की जिसकी जितनी जरूरत थी_ _उसने उतना ही पहचाना मुझे._ _जिन्दगी का फलसफा भी_ _कितना अजीब है,_ _शामें कटती नहीं और_ _साल गुजरते चले जा रहें है._ _एक अजीब सी_ _दौड है ये जिन्दगी,_ _जीत जाओ तो कई_ _अपने पीछे छूट जाते हैं और_ _हार जाओ तो_ _अपने ही पीछे छोड़ जाते हैं._ _बैठ जाता हूँ_ _मिट्टी पे अकसर,_ _क्योंकि मुझे अपनी_ _औकात अच्छी लगती है._ _मैंने समंदर से_ _सीखा है जीने का सलीका,_ _चुपचाप से बहना और_ _अपनी मौज मे रेहना._ _ऐसा नहीं की मुझमें_ _कोई ऐब नहीं है,_ _पर सच कहता हूँ_ _मुझमें कोई फरेब नहीं है._ _जल जाते है मेरे अंदाज से_ _मेरे दुश्मन,_ _क्यों की एक मुद्दत से मैंने, .... न मोहब्बत बदली और न दोस्त बदले हैं._ _एक घडी खरीदकर_ _हाथ मे क्या बांध ली_ _वक्त पीछे ही_ _पड गया मेरे._ _सोचा था घर बना कर_ _बैठुंगा सुकून से,_ _पर घर की जरूरतों ने_ _मुसाफिर बना डाला मुझे._ _सुकून की बात मत कर_ _ऐ गालिब,_ _बचपन वाला इतवार_ _अब नहीं आता._ _जीवन की भाग दौड मे_ _क्यूँ वक्त के साथ रंगत खो जाती है ?_ _हँसती-खेलती जिन्दगी भी_ _आम हो जाती है._ _एक सवेरा था_ _जब हँसकर उठते थे हम,_ _और आज कई बार बिना मुस्कुराये_ _ही शाम हो जाती है._ _कितने दूर निकल गए_ _रिश्तों को निभाते निभाते,_ _खुद को खो दिया हम ने_ _अपनों को पाते पाते._ _लोग केहते है_ _हम मुस्कुराते बहुत है,_ _और हम थक गए_ _दर्द छुपाते छुपाते._ _खुश हूँ और सबको_ _खुश रखता हूँ,_ _लापरवाह हूँ फिर भी_ _सब की परवाह करता हूँ._ _मालूम है_ _कोई मोल नहीं है मेरा फिर भी_ _कुछ अनमोल लोगों से_ _रिश्ता रखता हूँ._ 🙏🙏🙏🙏
Pradeep Patel
#_नाम तेरा 🤗 ऐसे लिख ✍️ चुके है_# #_अपने 🍃 वजूद पर 🥀 की_# #_तेरा नाम का 🖤 कोई भी 👧 मिल जाय_# #_तो 💘 दिल धड़क 💕 जाता है_#
Er. Shailendra Kumar
_*🔴शरीर में रौंगटे खड़े कर देने वाली कविता*_ _*🔴🎷🌺 *माँ की इच्छा* 🌺🎷🔵*_ _महीने बीत जाते हैं ,_ _साल गुजर जाता है ,_ _वृद्धाश्रम की सीढ़ियों पर ,_ _मैं तेरी राह देखती हूँ।_ _आँचल भीग जाता है ,_ _मन खाली खाली रहता है ,_ _तू कभी नहीं आता ,_ _तेरा मनि आर्डर आता है।_ _इस बार पैसे न भेज ,_ _तू खुद आ जा ,_ _बेटा मुझे अपने साथ ,_ _अपने 🏡घर लेकर जा।_ _तेरे पापा थे जब तक ,_ _समय ठीक रहा कटते ,_ _खुली आँखों से चले गए ,_ _तुझे याद करते करते।_ _अंत तक तुझको हर दिन ,_ _बढ़िया बेटा कहते थे ,_ _तेरे साहबपन का ,_ _गुमान बहुत वो करते थे।_ _मेरे ह्रदय में अपनी फोटो ,_ _आकर तू देख जा ,_ _बेटा मुझे अपने साथ ,_ _अपने 🏡घर लेकर जा।_ _अकाल के समय ,_ _जन्म तेरा हुआ था ,_ _तेरे दूध के लिए ,_ _हमने चाय पीना छोड़ा था।_ _वर्षों तक एक कपडे को ,_ _धो धो कर पहना हमने ,_ _पापा ने चिथड़े पहने ,_ _पर तुझे स्कूल भेजा हमने।_ _चाहे तो ये सारी बातें ,_ _आसानी से तू भूल जा ,_ _बेटा मुझे अपने साथ ,_ _अपने 🏡घर लेकर जा।_ _घर के बर्तन मैं माँजूंगी ,_ _झाडू पोछा मैं करूंगी ,_ _खाना दोनों वक्त का ,_ _सबके लिए बना दूँगी।_ _नाती नातिन की देखभाल ,_ _अच्छी तरह करूंगी मैं ,_ _घबरा मत, उनकी दादी हूँ ,_ _ऐंसा नहीं कहूँगी मैं।_ _तेरे 🏡घर की नौकरानी ,_ _ही समझ मुझे ले जा ,_ _बेटा मुझे अपने साथ ,_ _अपने 🏡घर लेकर जा।_ _आँखें मेरी थक गईं ,_ _प्राण अधर में अटका है ,_ _तेरे बिना जीवन जीना ,_ _अब मुश्किल लगता है।_ _कैसे मैं तुझे भुला दूँ ,_ _तुझसे तो मैं माँ हुई ,_ _बता ऐ मेरे कुलभूषण ,_ _अनाथ मैं कैसे हुई ?_ _अब आ जा तू.._ _एक बार तो माँ कह जा ,_ _हो सके तो जाते जाते_ _वृद्धाश्रम गिराता जा।_ _बेटा मुझे अपने साथ_ _अपने 🏡घर लेकर जा_ _*अगर आप को सही लगा हो तो आप के पास जो भी ग्रुप है उन सभी ग्रुप में कृपया 1 बार जरूर भेजे !*_ 👌 _*शायद आपकी कोशिश से कोई " माँ " अपने 🏡 घर चली जाये ...*_ ☝याद रखना....☝🏽 माँ बाप उमर से नहीं.. " फिकर से बूड़े होते है.. कड़वा है मगर सच है " ...🙏🙏🏽🙏🏽🙏🏽 👌जब बच्चा रोता है , तो पूरी बिल्डिंग को पता चलता है , 👌🏽 मगर साहब , जब माँ बाप रोते है तो बाजु वाले को भी पता नही चलता है, ये जिंदगी की सच्चाई है..☝🏽 #Shailendra Kumar
#Shailendra Kumar
read moreNanhe Choudhary
मैं तन्हा ही अच्छा था ना तेरी फिकर होती थी, ना मैं बेचैन रहता मैं जैसे भी रहता था, हर हाल मे अपनी ज़िंदगी जीता था मैं तन्हा ही अच्छा था, तन्हा #_अपने जो पराये हो गए
तन्हा #_अपने जो पराये हो गए
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