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बेजुबान शायर shivkumar
उस किसान को मैं योद्धा मानता हूँ जो मुसीबत में भी मुस्कुराता है l जो भूख-गरीबी से लड़कर जो अपने खेतों में अनाज उगाता है ।। ©Shivkumar #wholegrain #Nojoto उस #किसान को मैं #योद्धा मानता हूँ जो #मुसीबत में भी #मुस्कुराता है l जो #भूख -गरीबी से #लड़कर जो अपने #खेतों में #अनाज उगाता है ।।
#wholegrain उस #किसान को मैं #योद्धा मानता हूँ जो #मुसीबत में भी #मुस्कुराता है l जो #भूख -गरीबी से #लड़कर जो अपने #खेतों में #अनाज उगाता है ।।
read moreMr RN SINGH
#खेतों का काम करते हुए हम #Kheti #dhaan#Dhaani #MrRNSINGH #nojotohindi Ek Lamba safer with Adarsh upadhyay Aklesh Yadav GRHC~TECH~TRICKS Santosh Kumar Brajraj Singh
read moreSunil Malik
कभी #खेतों में भी #cctv #कैमरा लगाके देखो #साहब, किसान को #पसीना कम #आंखो से #आसूं ज्यादा निकलते हैं।। #firstquote
pankaj kumar yadav
तेरी नदियों में बह जावां, तेरे #खेतों में लहरावां इतनी सी है दिल की आरजू ... ए मेरी ज़मीं अफसोस नहीं, जो तेरे लिए सौ दर्द सहे महफूज रहे तेरी आन सदा, चाहे जान ये मेरी रहे न रहे ऐ तेरी मिट्टी में मिल जावां, गुल बनके मैं खिल जावां इतनी सी है दिल की आरजू ... ©pankaj kumar yadav #feellove
pankaj kumar yadav
तेरी नदियों में बह जावां, तेरे #खेतों में लहरावां इतनी सी है दिल की आरजू ... ए मेरी ज़मीं अफसोस नहीं, जो तेरे लिए सौ दर्द सहे महफूज रहे तेरी आन सदा, चाहे जान ये मेरी रहे न रहे ऐ तेरी मिट्टी में मिल जावां, गुल बनके मैं खिल जावां इतनी सी है दिल की आरजू ... ©pankaj kumar yadav #feellove
Rahul Chhawal
#खेतों का पानी अब आखों में आ गया हैं गाँव का किसान अब शहर में आ गया है... @__shayri_ki_duniya_ ©Rahul Chhawal
📜देव...एक शायर📜
घर की जिम्मेदारी में छोड़ा गाँव जरूरत ने शहर से जोड़ा गाँव वो कोयल की मीठी आवाज बच्चों की किलकारी सब खो गयी आज वो हरियाली गेंहूँ के खेतों की वो छटा निराली खेतों की हरी सरसों के पीले फूल जमाना आज गया सब कुछ भूल छतों पर उड़ती पतंग बच्चों के अंदर की उमंग गायब हो गए अब कदर कि अब हम सब हो गए दंग भाई चारा हो गया अब रुष्ट जितना है उससे हैं असन्तुष्ट न अब मिलतेअलग चौधरी न मिलते जुम्मन चच्चा हैं खो गया है बचपन अपना अब हम न रह गए बच्चा हैं
Vikash Varnval
किसी अँधेरे को उजाले का वर दिया हां, मैंने नेत्र दान कर दिया किसी और की अमानत हो गई ये आँखें सोये सपनों में जान भर दिया हां, मैंने नेत्र दान कर दिया मेरा धर्म है सम्हाल के रखूं अमानत को सलामती का इंतज़ाम कर दिया हां, मैंने नेत्र दान कर दिया तन्हाई में अश्कों की बारिश हुई काले बादल में उजला चाँद कर दिया हां, मैंने नेत्र दान कर दिया सूखे खेतों मे हरियाली आई न थी उन खेतों में धान कर दिया हां, मैंने नेत्र दान कर दिया जिनका दुनिया देखने को भूखा था मन सपनों के भट्ठी में नान कर दिया हां, मैंने नेत्र दान कर दिया जाने के तुरंत बाद आएंगे आई बैंक वाले सबके सामने ये ऐलान कर दिया हां, मैंने नेत्र दान कर दिया अंतिम इच्छा के साथ गर कर दिया रुख़सत विकास को तुमने मेहरबान कर दिया हां, मैंने नेत्र दान कर दिया जाने के बाद भी देखूँगा इस सुन्दर धरा को इन आँखों को ऎसे महान कर दिया हां, मैंने नेत्र दान कर दिया चराग जलाने का काम कर दिया उम्मीदों को उनके जवान कर दिया जिन्दगी हीरे का खान कर दिया सुंदर सुबह और शाम कर दिया काबिले तारीफ़ ये काम कर दिया नेकी का अपना ईमान कर दिया हां, मैंने नेत्र दान कर दिया......... - विकास वरनवाल #RDV19 #eyedonation #Donnerfeelings #poetry #VikashVarnval
Vikash Varnval
मैंने नेत्र दान कर दिया किसी अँधेरे को उजाले का वर दिया हां, मैंने नेत्र दान कर दिया किसी और की अमानत हो गई ये आँखें सोये सपनों में जान भर दिया हां, मैंने नेत्र दान कर दिया
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