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Dr.Preeti sen
##टिक-टिक चलती जाये समय का पहिया बढाता जाये आज का कल कल का कल बन जाये साथियों जियों जिन्दगी वर्तमान मे जो भविष्य के लिए यादगार पल बन जाये जिन्दगी की हसीन किताब मे एक एक हसीन पन्ना जुडता जाये## ©Preeti sen #duniya
Sunil itawadiya
घड़ी की फितरत तो देखिये..... टिक टिक करती रहती है ....... ना खुद टिकती है .................. और ना किसी को टिकने देती है..। #घड़ी की #फितरत तो देखिये. ... #टिक टिक करती रहती है ... ना खुद टिकती है ....और ना .... किसी को टिकने देती है..। #motivation #samay #love #yqdidi #yaadein
Vivek Singh
#Motivation #poem #motivation_for_life माना हैं #रास्ते बड़े, आंधी तूफां है सब खड़े तु बन निडर तु #चल अडिग तु चाह ले तेरे समक्ष कोई भी #टिक न पाएगा तू कर्म कर। चहुँ दिशाओं हो #अंधेरे, कोई भी ना हो संघ तेरे
read moreRuchi ki kalam se
सचेती हूँ,,,,मै उस घड़ी के बारे मे जो चली है,,,हमेशा ही यू टिक-टिक कभी रूकी ही नहीं,,, काश चल पाती कभी पीछे तो ले जाती मुझे भी उन प्यारी यादो मे.!! अजीब-सी कश्मकश मै सोचती हूँ मै... ये चारो अोर की खामोशी और,,,.सुन रही कोई गीत हूँ मै.....! ना जाने पुरा होगा के नही,,,,, फिर भी कोई ख्वाब बुन रही हूँ... लिख कर कुछ शब्द मन के सोचती हूँ,,,, इतराके कोई कवि हूँ मै...! जैसे की ये कहानी मेरी और इसकी छवि हूँ मै,,!!!! #poetry #waqt Shikha Sharma tr.soumya chaudhary (madhubala) Sumati mishra sonam mishra (Youtuber) secret superstar Mr. MANEESH
Pankaj Priyam
कवि की कलम जब आग दिलों में है जलती, तब कलम कवि की है चलती। हर रोज़ निशा भी सँग जगती, हर बात की साक्षी वह बनती। जब हृदय में पीर कोई पलती तब कलम कवि की है चलती। जब सारा जग है सो जाता, जब स्याह अँधेरा हो जाता। जब रात घनेरी कुछ कहती, तव कलम कवि की है चलती। घड़ी भी टिक-टिक ये करती, खुद से खुद वह बातें करती। जब शाम सिन्दूरी बन ढलती, तब कलम कवि की है चलती। जब किरण सबेरे बिखराती, सतरंगी छटाएँ निखारती। जब खुशबू चमन में है घुलती, तब कलम कवि की है चलती। जब भूख से कोई यहाँ मरता, जब भीड़ से कोई यहाँ डरता। जब ज्वालामुखी बनके फटती, तब कलम कवि की है चलती। जब राह कोई भी भटकता है, फाँसी पे किसान लटकता है। जब सज़ा बिना कोई ग़लती, तब कलम कवि की है चलती। जब कानून ही अंधा हो जाता, भ्रष्टाचार ही धँधा हो जाता। जब पाप की गंगा है बहती, तब कलम कवि की है चलती। ©पंकज प्रियम 03/10/2019 कवि की कलम
कवि की कलम
read morefb,@,©WriterNilofar Farooqui Tauseef
घड़ी की टिक-टिक ये आवाज़ सुनाती है पकड़ सको तो पकड़ लो, गुज़र जाए जो वक़्त वो लौटकर नही आती है #घड़ी #वक़्त #लौटना #nilofarlove #yqdidi #love #life #raah #time #motivational #followme
Anirudh Tiwary
मेरे घड़ी की टिक- टिक करती सुई हो तुम मेरे दिल की धक -धक करती धड़कन हो तुम मेरे शायरी के अल्फाजों को समझा करो कैसे समझाऊं क्या- क्या हो तुम? Deepika Dubey Kajal Kapoor Sahiba Sridhar Navneet Sarada Shailja S
Deepika Dubey Kajal Kapoor Sahiba Sridhar Navneet Sarada Shailja S
read moredev
जीतना जरूरी है क्यूंकि इस को देख कर एहसास हुआ यह खुद टिक टिक कहती है पर खुद टिकती नहीं और दूसरों को भी टिकने नहीं देती टिक टिक
टिक टिक
read moresuryansh tripathi
कड़वा सच घडी की फितरत भी अजीब है हंमेशा टिक टिक कहती है मगर न खुद टिकती है और न दूसरों को टिकने देती है। - Suryansh