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Shubham Bhardwaj

Ashok Mangal

#चाय_और_तुम्हारी_याद #जलाकर अपना कलेजा चाय को बाहों में भरता है... #yqquotes #YourQuoteAndMine Collaborating with Nikhil Singh Sisodia

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बाहों में गर्माहट से कलेजा जलता नहीं तपता है ।
गर्माहट की चाह में कोई जीवन भर भी तड़पता है ।। #चाय_और_तुम्हारी_याद 
#जलाकर अपना कलेजा चाय को बाहों में भरता है... 
#yqquotes  #YourQuoteAndMine
Collaborating with Nikhil Singh Sisodia

Anurag mishra

#जलाकर राख कर दूंगा

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उसने मुझे कहा, बर्बाद कर दूंगा,

जाकर कह दो उससे,

"आग का गोला हूँ, जलाकर राख कर दूंगा"

-✍️Anurag mishra (अनु ) #जलाकर राख कर दूंगा

f R Choudhary osian

इस दिवाली तुम दीपक जलाओगे
 मुझे जलायेगी तेरी यादे
 जलाकर दिये तू खुश हों लेना
 हम जलाकर तेरी यादों को खुश हों लेंगे
         FR choudhary osian #teriyaad #diwali #Nojoto #mera_pyar #osian #Missyoutoo #dilbrake

नविन कुमार

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इस नवरात्र में नौ दिन का हमे मौका मिला है  अपने अंदर जितनी भी दोष ,अहंकार,ईर्ष्या,क्रोध,वासना है सब को अग्नि कुंड में जलाकर भस्म कर दे,
कमसे कम शुरू तो कर सकते है इससे अशा दिन क्या होगा,
ध्यान रूपी दीप जलाकर, शिव का नकल कर,
विश्व को हम शांति का पाठ पढ़ाए।

Jiten rawat

घर जलाने वाले तो जलाकर चले गयें,
मगर,जलाने वालों का निशां बाकी है।

कभी  उनका भी  घर जलायेगा कोई,
अभी सलामत उनका मकां बाकी है। #घर #जलाने #वाले #तो #जलाकर #चले #गयें,
#मगर,#जलाने #वालों #का #निशां #बाकी #है।

#कभी  #उनका #भी  #घर #जलायेगा #कोई,
#अभी #सलामत #उनका #मकां #बाकी #है।
#nojotoshayri #nojotowriterjitenrawat

Yogita rani

योगिता रानी

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।। आग लगा दी है तेरे उन दिए गए खतो म ,
बहुत सुकून मिलता है जलाकर तेरी उन यादों को जलाकर ।।



योगिता रानी योगिता रानी

Deepansha Bhati

#OpenPoetry

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#OpenPoetry   रावण तो जला दिया
राख से भी खेल लिए
पर उन दरिंदो का क्या? 

उन दरिंदो का क्या
जो खा गए एक और जान को
उन दरिंदो का क्या
जो खा गए एक और मासूम को। 

अरे! एक दफा जलाकर तो देखो

एक दफा जलाकर तो देखो
मशाल अपने सिने मे
और जल जाने दो आज के रावण को उस आग मे। 

लकड़ी के पूतले को कब तक जलाओगे
इस दफा भस्म तो करके देखो इस रावण को
और फिर देखना उस राख की ठंडक को।


                     -दिपान्शा भाटी #OpenPoetry

Ankush Saxena

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मुद्दतों मुसलसल जलाकर खुद को उस चराग ने अपनी साँसों की कीमत चुकाई है

है मयस्सर खुद की दुनिया मे उसको फकत अंधेरा वहां बाकी तमाम दुनिया मे रौशनाई है 

वो फिर भी मुतमइन है महज इस एक ही ख्याल को जहन मे दोहरा कर अपने

कि वो दुनिया जो बेशक अंधेरी है आज उसके इर्दगिर्द , वो दुनिया भी उसने अपने आप को जलाकर हासिल कर पाई है

अब उस अंधेरी दुनिया मे हर दिन रोज उसे तन्हा ही बसर करना पड़ता है 

खुद के हिस्से की रोशनी को नीलाम कर अंधेरे से सौदा शाम- ओ -सहर करना पड़ता है 

कीमत जो कुछ भी हो वो हर कीमत चुका दिया करता है बड़ी ही तसल्ली से 

अपने वास्ते महज वो अंधेरा खरीद पाने के खातिर हर रोज उसे उन तमाम रौशन बाजारों से गुजरना पड़ता है

मगर ऐसी दुनिया मे भी वो आखिर कब तक खुद के बजूद को बनाए रखेगा 

हर रोज एक नई चिंगारी लेकर कोई शख्स आ जाता है करीब उसके वहां

वो आखिर कब तक अपने आप को मुस्तकबिल चरागों की उस जमात मे सबसे आगे सजाए रखेगा

कभी किसी रोज कभी किसी पहर वो भी खुद अपने आप मे बुझ सकता है 

चराग ही तो है उसकी भी अपनी  हद है वो आखिर किस हद तक रौशन उस दुनिया पर अपनी इनायत बनाए रखेगा ।।




 #NojotoQuote

✍ अमितेश निषाद

मेरे लिखे गजलों में तिरा न होना अधूरा लगता है, लिख कर सुकूँ मिलता है सुना है तुझे बुरा लगता है । कल तक मेरा साथ था सब के सब चुप थे तेरे चाहने वाले, कल से सब पूछ रहे है उसका वो क्या लगता है । थोड़ा तो लिहाज रख लेते मेरे गुजरे मोहबत का, अब दिल जलाकर कौन सा तुझे सुकूँ मिलता है ।

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मेरे लिखे गजलों में तिरा न होना अधूरा लगता है,
लिख कर सुकूँ मिलता है सुना है तुझे बुरा लगता है ।

कल तक मेरा साथ था सब के सब चुप थे तेरे चाहने वाले, 
कल  से  सब  पूछ  रहे  है  उसका  वो  क्या  लगता  है ।

थोड़ा तो लिहाज रख लेते मेरे गुजरे मोहबत का,
अब दिल जलाकर कौन सा तुझे सुकूँ मिलता है ।

 मेरा साथ छोड़ कर तुम गुजार लोगे यूं ही पुरी ज़िन्दगी, 
उसके  साथ  घर  बसा  के  तुम्हें  क्या  लगता  है ।
 
                               ✍ अमितेश निषाद ( सुमित ) #NojotoQuote मेरे लिखे गजलों में तिरा न होना अधूरा लगता है,
लिख कर सुकूँ मिलता है सुना है तुझे बुरा लगता है ।

कल तक मेरा साथ था सब के सब चुप थे तेरे चाहने वाले, 
कल  से  सब  पूछ  रहे  है  उसका  वो  क्या  लगता  है ।

थोड़ा तो लिहाज रख लेते मेरे गुजरे मोहबत का,
अब दिल जलाकर कौन सा तुझे सुकूँ मिलता है ।
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