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बेजुबान शायर shivkumar
तुम्हारी ये हंसी मेरे दिल को बहुत ही बहकाती है, तेरी पलकों के नीचे एक नई दुनिया सी बसाती है।। नेरे दिल चुराने का ख़्याल तुम कभी मत करना तुम्हारी वो मुस्कान तो वैसे ही मेरी जान ले जाती है ।। 😄 ©बेजुबान शायर shivkumar तुम्हारी ये #हंसी मेरे दिल को बहुत ही #बहकाती है, तेरी #पलकों के नीचे एक नई #दुनिया सी बसाती है।। नेरे दिल चुराने का #ख़्याल तुम कभी मत करना तुम्हारी वो #मुस्कान तो वैसे ही मेरी जान ले जाती है ।। 😄 #बेजुबानशायर143 #कविता95 #हिंदीशायरी #Nojoto Sethi Ji Miss Anu.. thoughts Jyotilata Parida puja udeshi poonam atrey लव शायरी हिंदी में लव शायरी शायरी लव रोमांटिक लव स्टोरी शायरी लव स्टोरी
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read moreSaba Rasheed
लगा ऐसा जैसे सांसों में मुस्कुराया कोई चलते-चलते ख्यालों में मेरे जबआया कोई ©Saba Rasheed #सांस #ख़्याल #याद #चलतेचलते #nojohindi #Nojoto #nojotourdu #twoliner #Poetry #shayri shayari love
#सांस #ख़्याल #याद #चलतेचलते #nojohindi #nojotourdu #twoliner Poetry #shayri shayari love
read moreRabindra Kumar Ram
White " इक ख़्याल हम से भी हैं तुम हो जो कहीं मुकर रहे , तुम्हें अंदाजा हैं कोई इस तरह , रुख तो किया मैंने तेरे गलियों का , इक तुम हो जो दरीचों पे नज़र नहीं आ रहे . " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram " इक ख़्याल हम से भी हैं तुम हो जो कहीं मुकर रहे , तुम्हें अंदाजा हैं कोई इस तरह , रुख तो किया मैंने तेरे गलियों का , इक तुम हो जो दरीचों पे नज़र नहीं आ रहे . " --- रबिन्द्र राम #ख़्याल #मुकर #अंदाजा
Rabindra Kumar Ram
" तुम से मिलना था तुम मिलते - मिलते रह गये , रफ़ाक़त करते तो क्या करते तुम महज़ तसव्वुर का ख़्याल बन के रह गये , मेरे तहरीरों पे जो आते ये नज़्म हमारे , कई दफा तेरी नाम से वाकिफ होते होते रह गये . " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram " तुम से मिलना था तुम मिलते - मिलते रह गये , रफ़ाक़त करते तो क्या करते तुम महज़ तसव्वुर का ख़्याल बन के रह गये , मेरे तहरीरों पे जो आते ये नज़्म हमारे , कई दफा तेरी नाम से वाकिफ होते होते रह गये . " --- रबिन्द्र राम #रफ़ाक़त #तसव्वुर #ख़्याल #तहरीरों #नज़्म #वाकिफ
Rabindra Kumar Ram
" तुम से मिलना था तुम मिलते - मिलते रह गये , रफ़ाक़त करते तो क्या करते तुम महज़ तसव्वुर का ख़्याल बन के रह गये , मेरे तहरीरों पे जो आते ये नज़्म हमारे , कई दफा तेरी नाम से वाकिफ होते होते रह गये . " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram " तुम से मिलना था तुम मिलते - मिलते रह गये , रफ़ाक़त करते तो क्या करते तुम महज़ तसव्वुर का ख़्याल बन के रह गये , मेरे तहरीरों पे जो आते ये नज़्म हमारे , कई दफा तेरी नाम से वाकिफ होते होते रह गये . " --- रबिन्द्र राम #रफ़ाक़त #तसव्वुर #ख़्याल #तहरीरों #नज़्म #वाकिफ
Rabindra Kumar Ram
" यूं मिलोगें तुम अब ख़्याल किसे हैं , मुहब्बत तो हैं मुहब्बत का हिसाब किसे हैं , तेरे ज़र्फ़ में उम्मीदों के दामन छोड़े तो छोड़े कैसें, इस अज़िय्यत से इतने भी अजनबी और काफ़िर ना हुये . " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram " यूं मिलोगें तुम अब ख़्याल किसे हैं , मुहब्बत तो हैं मुहब्बत का हिसाब किसे हैं , तेरे ज़र्फ़ में उम्मीदों के दामन छोड़े तो छोड़े कैसें, इस अज़िय्यत से इतने भी अजनबी और काफ़िर ना हुये . " --- रबिन्द्र राम #ख़्याल #मुहब्बत #हिसाब #ज़र्फ़ #दामन #अज़िय्यत #अजनबी #काफ़िर
Rabindra Kumar Ram
" ये ज़िक्र हैं की महज़ ख़्याल हैं ये, मेरे आंखों में फिर किसकी फ़राज़ हैं ये, मिलने-मिलानें का ज़रा लुफ्त हम भी ले, आख़िरकार ये सितमगर यार भला कैन हैं ये , --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram " ये ज़िक्र हैं की महज़ ख़्याल हैं ये, मेरे आंखों में फिर किसकी फ़राज़ हैं ये, मिलने-मिलानें का ज़रा लुफ्त हम भी ले, आख़िरकार ये सितमगर यार भला कैन हैं ये , --- रबिन्द्र राम #ज़िक्र #महज़ #ख़्याल#आंखों #फ़राज़ #ज़रा #लुफ्त #सितमगर
Vivek
हवा,बादल,बर्फ,बारिश ख्याल हैं मेरे अनछुआ तुम्हें नहीं छोड़ेंगे जैसा तुम उन्हें महसूस करोगी वैसा ही वो तुमसे बोलेंगे ...!!! ©Vivek #ख़्याल
Rabindra Kumar Ram
" कोई महज़ ख़्याल ही हैं कि ख़्याल का तसव्वुर रखें हैं , इस बज़्म में भी कुछ ख़ुद को सम्हाल रखें हैं , हसरतों का क्या करें अब ऐसे में ये हैं भी की नहीं , कहीं मिलोगी तुम फिर इस फ़राज़ में कहीं ये सवाल मुमकिन हैं भी की नहीं . " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram " कोई महज़ ख़्याल ही हैं कि ख़्याल का तसव्वुर रखें हैं , इस बज़्म में भी कुछ ख़ुद को सम्हाल रखें हैं , हसरतों का क्या करें अब ऐसे में ये हैं भी की नहीं , कहीं मिलोगी तुम फिर इस फ़राज़ में कहीं ये सवाल मुमकिन हैं भी की नहीं . " --- रबिन्द्र राम #ख़्याल #तसव्वुर #बज़्म #सम्हाल
Rabindra Kumar Ram
" कोई महज़ ख़्याल ही हैं कि ख़्याल का तसव्वुर रखें हैं , इस बज़्म में भी कुछ ख़ुद को सम्हाल रखें हैं , हसरतों का क्या करें अब ऐसे में ये हैं भी की नहीं , कहीं मिलोगी तुम फिर इस फ़राज़ में कहीं ये सवाल मुमकिन हैं भी की नहीं . " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram " कोई महज़ ख़्याल ही हैं कि ख़्याल का तसव्वुर रखें हैं , इस बज़्म में भी कुछ ख़ुद को सम्हाल रखें हैं , हसरतों का क्या करें अब ऐसे में ये हैं भी की नहीं , कहीं मिलोगी तुम फिर इस फ़राज़ में कहीं ये सवाल मुमकिन हैं भी की नहीं . " --- रबिन्द्र राम #ख़्याल #तसव्वुर #बज़्म #सम्हाल