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Nilam Agarwalla
White यूँ बड़ी देर से पैमाना लिए बैठा हूँ कोई देखे तो ये समझे कि पिए बैठा हूँ आख़िरी नाव न आई तो कहाँ जाऊँगा शाम से पार उतरने के लिए बैठा हूँ मुझ को मालूम है सच ज़हर लगे है सब को बोल सकता हूँ मगर होंट सिए बैठा हूँ लोग भी अब मिरे दरवाज़े पे कम आते हैं मैं भी कुछ सोच के ज़ंजीर दिए बैठा हूँ ज़िंदगी भर के लिए रूठ के जाने वाले मैं अभी तक तिरी तस्वीर लिए बैठा हूँ कम से कम रेत से आँखें तो बचेंगी 'क़ैसर' मैं हवाओं की तरफ़ पीठ किए बैठा हूँ क़ैसर उल जाफ़री शायरी में दिलचस्पी रखते हैं तो हमारे इंस्टाग्राम एकाउंट को ज़रूर फ़ॉलो करें https://www.instagram.com/mushairon_ki_dunia?igsh=MTNiYzNiMzkwZA== #नाव #शाम #जहर #दरवाजा #जंजीर #जिंदगी #तस्वीर #रेत #हवा #आंख #mushaironkidunia ©Nilam Agarwalla #गजल
Ranjit Kumar
#दरवाजा खोल और स्वागत कर।Ritu Tyagi vineetapanchal Mili Saha Kiຮhori (ᵔᴥᵔ) Maaahi.. jeet musical world Anjali Sharma Anupriya Maaahi.. N.B.S. Liker Boy Sethi Ji Riti sonkar Utkrisht Kalakaari Mukesh Poonia Ganesha. Anshu writer unnti singh Rudra Kaushik ??????? vivekanand
read moreराखी रायकवार "khushi"
वो दरवाज़ा भी मेरी राह तकता होगा... ©राखी रायकवार "khushi" #दरवाजा
Raju Saini
चाहूँ तो दरवाजा तोड़ कर भी मुलाकात कर लूँ तुझसे , पर तूने ताला जो लगाया है तो कुछ सोच कर ही लगाया होगा .. !! ©Raju Saini #feelingsad चाहूँ तो #दरवाजा तोड़ कर भी #मुलाकात कर लूँ तुझसे , पर तूने ताला जो लगाया है तो कुछ सोच कर ही लगाया होगा .. !!
#feelingsad चाहूँ तो #दरवाजा तोड़ कर भी #मुलाकात कर लूँ तुझसे , पर तूने ताला जो लगाया है तो कुछ सोच कर ही लगाया होगा .. !!
read moreपूर्वार्थ
क्या आपको पता है? कि किवाड़ की जो जोड़ी होती है,उसका एक पल्ला पुरुष और, दूसरा पल्ला स्त्री होती है।ये घर की चौखट से जुड़े-जड़े रहते हैं। हर आगत के स्वागत में खड़े रहते हैं।।खुद को ये घर का सदस्य मानते हैं। भीतर बाहर के हर रहस्य जानते हैं।।एक रात उनके बीच था संवाद। चोरों को लाख-लाख धन्यवाद।।वर्ना घर के लोग हमारी, एक भी चलने नहीं देते।हम रात को आपस में मिल तो जाते हैं, हमें ये मिलने भी नहीं देते।।घर की चौखट से साथ हम जुड़े हैं, अगर जुड़े जड़े नहीं होते।तो किसी दिन तेज आंधी-तूफान आता, तो तुम कहीं पड़ी होतीं,हम कहीं और पड़े होते।। चौखट से जो भी एकबार उखड़ा है।वो वापस कभी भी नहीं जुड़ा है।। इस घर में यह जो झरोखे,और खिड़कियाँ हैं। यह सब हमारे लड़के, और लड़कियाँ हैं।।तब ही तो,इन्हें बिल्कुल खुला छोड़ देते हैं। पूरे घर में जीवन रचा बसा रहे,इसलिये ये आती जाती हवा को, खेल ही खेल में,घर की तरफ मोड़ देते हैं।। हम घर की सच्चाई छिपाते हैं।घर की शोभा को बढ़ाते हैं।। रहे भले कुछ भी खास नहीं,पर उससे ज्यादा बतलाते हैं। इसीलिये घर में जब भी,कोई शुभ काम होता है। सब से पहले हमीं को,रँगवाते पुतवाते हैं।। पहले नहीं थी,डोर बेल बजाने की प्रवृति। हमने जीवित रखा था जीवन मूल्य,संस्कार और अपनी संस्कृति।। बड़े बाबू जी जब भी आते थे,कुछ अलग सी साँकल बजाते थे। आ गये हैं बाबूजी,सब के सब घर के जान जाते थे ।। बहुयें अपने हाथ का,हर काम छोड़ देती थी। उनके आने की आहट पा,आदर में घूँघट ओढ़ लेती थी।। अब तो कॉलोनी के किसी भी घर में,किवाड़ रहे ही नहीं दो पल्ले के। घर नहीं अब फ्लैट हैं,गेट हैं इक पल्ले के।। खुलते हैं सिर्फ एक झटके से।पूरा घर दिखता बेखटके से।। दो पल्ले के किवाड़ में,एक पल्ले की आड़ में, घर की बेटी या नव वधु,किसी भी आगन्तुक को, जो वो पूछता बता देती थीं।अपना चेहरा व शरीर छिपा लेती थीं।। अब तो धड़ल्ले से खुलता है,एक पल्ले का किवाड़। न कोई पर्दा न कोई आड़।।गंदी नजर ,बुरी नीयत, बुरे संस्कार, सब एक साथ भीतर आते हैं फिर कभी बाहर नहीं जाते हैं।। कितना बड़ा आ गया है बदलाव?अच्छे भाव का अभाव। स्पष्ट दिखता है कुप्रभाव।।सब हुआ चुपचाप, बिन किसी हल्ले गुल्ले के।बदल किये किवाड़, हर घर के मुहल्ले के।।अब घरों में दो पल्ले के, किवाड़ कोई नहीं लगवाता।एक पल्ली ही अब, हर घर की शोभा है बढ़ाता।।अपनों में नहीं रहा वो अपनापन। एकाकी सोच हर एक की है,एकाकी मन है व स्वार्थी जन।। अपने आप में हर कोई,रहना चाहता है मस्त, बिल्कुल ही इकलल्ला। इसलिये ही हर घर के किवाड़ में, दिखता है सिर्फ़ एक ही पल्ला!! ©पूर्वार्थ #दरवाजा
Devesh Dixit
दरवाजा दरवाजा खुला है दिल का तुम मुस्कुरा के आना सनम प्यारी प्यारी बातें करना मेरा तोड़ न देना भ्रम तुम्हारी मुस्कुराहट पे फ़िदा हूँ मैं मुझे ऐसे ही रिझाती रहना तुमसे न दूर हो पाऊँ मैं ऐसे प्यार में बांधे रखना तुमको ही देखा करूं मैं जब चेहरे पर आए लाली तुम केश जब भी बिखेरो मुझ पे तो छा जाए घटा काली उस काली घटा में मैं चैन की नींद सो जाऊं देखूँ तुमको ही उसमें और गीत सुहाना गाऊँ दरवाजा बंद कर लूँ सपने का मेरे जानम बस तुम हो और मैं हूँ जकड़ लूँ तुम्हारा दामन जाने न दूँ मैं तुमको तुम्हें बांहों में बांधे रखूँ दरवाजा बंद है देखो और तुमको ही मैं चाहूं ................................ देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #दरवाजा #nojotohindi #nojotohindipoetry दरवाजा दरवाजा खुला है दिल का तुम मुस्कुरा के आना सनम प्यारी प्यारी बातें करना मेरा तोड़ न देना भ्रम
#दरवाजा #nojotohindi #nojotohindipoetry दरवाजा दरवाजा खुला है दिल का तुम मुस्कुरा के आना सनम प्यारी प्यारी बातें करना मेरा तोड़ न देना भ्रम
read more~VanyA V@idehi ~
जाते जाते उसका पलटकर देखना... जैसे कि गई रात किसीके इंतजार में, दरवाज़े को उ ढ़का भर देना...! ©V Vanya #दरवाजा
Vickram
इस ज़माने से हटकर भी एक दुनिया है जहां बुरी नजर से महफूज हैं प्यार हमारा वो पूरी दुनिया है इस दरवाजे के उस तरफ जहां प्यार के अलावा और कोई चीज नहीं मिलती कुछ नहीं है तो वो नफरत और घमंड है बस और दिखावे की भी कोई चीज नहीं मिलती ©Vickram एक खूबसूरत दुनिया,, #दुनिया #सपना #तसल्ली #सच्ची मुहब्बत #हकीकत #दरवाजा#खास #तेरे लिए #कुछ तो है #राज